देश की जनता से नकारे जाने के बाद कांग्रेस पूरी तरह से हताश है। वह किसी भी तरह से जनता में अपनी पैठ बनाने के लिए हाथ-पैर मार रही है, लेकिन उसे अभी तक कामयाबी नहीं मिली है। इसकी नाकामी की मुख्य वजह है, प्रोपेगैंडा। दरअसल कांग्रेस नेता मनगढ़ंत आरोपों से केंद्र में मोदी सरकार और राज्यों की बीजेपी सरकारों को बदनाम कर जनता का विश्वास हासिल करना चाहते हैं। लेकिन आज जनता काफी जागरूक हो चुकी है। इसलिए कांग्रेसियों की दाल नहीं गल रही है और उनकी झूठ-फरेब पर आधारित राजनीति का पर्दाफाश हो रहा है। आगरा के डीएम प्रभु एन सिंह ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा को झूठी खबर ट्वीट करने को लेकर नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है।
प्रियंका वाड्रा को गलत ट्वीट पर मिला नोटिस
आगरा के जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने नोटिस जारी कर कहा है कि प्रियंका वाड्रा के गलत ट्वीट करने से लोगों में भ्रम फैला है और कोरोना योद्धाओं के मनोबल को ठेस पहुंची है। जिलाधिकारी ने 24 घंटे के भीतर प्रियंका गांधी से असत्य खबर के खंडन की मांग भी की है।
क्या कहा था प्रियंका ने?
दरअसल, प्रियंका गांधी ने एक खबर को ट्वीट करते हुए योगी सरकार पर हमला किया था। उन्होंने एक दिन पहले किए गए ट्वीट में थोड़ा सुधार करते हुए ट्वीट में लिखा आगरा में कोरोना से मृत्युदर दिल्ली व मुंबई से भी अधिक है। यहाँ कोरोना से मरीजों की मृत्यदर 6.8% है। यहाँ कोरोना से जान गंवाने वाले 79 मरीजों में से कुल 35% यानि 28 लोगों की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 48 घण्टे के अंदर हुई है।
आगरा में कोरोना से मृत्युदर दिल्ली व मुंबई से भी अधिक है। यहाँ कोरोना से मरीजों की मृत्यदर 6.8% है। यहाँ कोरोना से जान गंवाने वाले 79 मरीजों में से कुल 35% यानि 28 लोगों की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 48 घण्टे के अंदर हुई है।
‘आगरा मॉडल’ का झूठ फैलाकर इन विषम परिस्थितियों..1/2 pic.twitter.com/HUMx9LNU1q
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 23, 2020
प्रियंका वाड्रा ने एक दिन पहले यानि 22 जून को ट्वीट में लिखा था, ‘आगरा में 48 घंटे में भर्ती हुए 28 कोरोना मरीजों की मृत्यु हो गई। यूपी सरकार के लिए कितनी शर्म की बात है कि इसी मॉडल का झूठा प्रचार करके सच दबाने की कोशिश की गई। सरकार की नो टेस्ट-नो कोरोना पॉलिसी पर सवाल उठे थे, लेकिन सरकार ने उसका कोई जवाब नहीं दिया। अगर यूपी सरकार सच दबाकर कोरोना मामले में इसी तरह लगातार लापरवाही करती रही तो बहुत घातक होने वाला है।’
आगरा में 48 घंटे में भर्ती हुए 28 कोरोना मरीजों की मृत्यु हो गई।
यूपी सरकार के लिए कितनी शर्म की बात है कि इसी मॉडल का झूठा प्रचार करके सच दबाने की कोशिश की गई।
सरकार की नो टेस्ट=नो कोरोना पॉलिसी पर सवाल उठे थे लेकिन सरकार ने उसका कोई जवाब नहीं दिया..1/2https://t.co/7fik34LrHh
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 22, 2020
कोरोना मरीजों की मृत्यु की खबर गलत-डीएम
इसके बाद आगरा डीएम प्रभु एन सिंह ने ट्वीट कर जवाब दिया कि जिस मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया गया है वह गलत है। उन्होंने लिखा इस मीडिया रिपोर्ट में अब तक हुए कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मृत्यु के सम्बन्ध में डेथ ऑडिट का हवाला दिया गया है। पिछले 109 दिनों में आगरा में अबतक कुल 1136 केस एवं 79 मृत्यु हुयी है। “पिछले 48 घंटों में भर्ती हुए 28 कोरोना मरीजों की मृत्यु” की खबर पूरी तरह गलत है।
संलग्न नवभारत टाइम्स द्वारा अबतक हुए कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मृत्यु के सम्बन्ध में डेथ ऑडिट का हवाला दिया है। पिछले 109 दिनों में #Agra में अबतक कुल 1136 केस एवं 79 मृत्यु हुयी है। “पिछले 48 घंटों में भर्ती हुए 28 कोरोना मरीजों की मृत्यु” की खबर असत्य है।@UPGovt@PrabhuNs_ https://t.co/9XtEIervvy
— District Magistrate Agra (@OfficeOfDMAgra) June 22, 2020
कांग्रेस नेताओं के इस तरह बेनकाब होने का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी तुच्छ राजनीतिक स्वार्थ के लिए कई ऐसे आधारहीन और भ्रम फैलाने वाले ट्वीट किए गए।
आइए आपको दखाते हैं कि किस तरह भाई-बहन ट्वीट और रिट्वीट का खेल खेलकर देश को गुमराह करने की कोशिश की, जिससे राहुल गांधी की पूरे देश में किरकिरी हुई। जिसके बारे में गांधी परिवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार को भी नसीहत देनी पड़ी।
सीमा पर तैनात जवानों ने अपने घर वालों को बताया कि उनके पास हथियार नहीं थे।
केंद्र सरकार ने देश को अंधेरे में क्यों रखा? आखिर इनकी मंशा क्या है? https://t.co/uu28K78I45
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 19, 2020
कांग्रेस पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी प्रोपेगैंडा के लिए मैदान में उतार दिया। दस साल तक प्रधानमंत्री रहते हुए मौन रहने वाले मनमोहन सिंह बिना सोचे-समझे प्रधानमंत्री मोदी को नसीहत देने के लिए पत्र लिख डाला।
This is a moment where we must stand together as a nation and be united in our response to this brazen threat: Press Statement by Former PM Dr. Manmohan Singh pic.twitter.com/qP3hN3Od9D
— Congress (@INCIndia) June 22, 2020
यूथ कांग्रेस भी अफवाह फैलाने में पीछे नहीं है। उसने गलवान घाटी में इंदिरा गांधी द्वारा जवानों को संबोधित करते हुए एक फर्जी तस्वीर पोस्ट की। यूथ कांग्रेस के इस ट्वीट पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी हैं।
कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘राहुल गांधी की इस आरोप से चकित हूं कि मोदी सरकार ने 65,000 करोड़ रुपये माफ कर दिए हैं। एक भी पैसा माफ नहीं किया गया है। कर्ज को बट्टे खाते में डालने (Writing off) का मतलब कर्ज माफ करना (waiving off) नहीं होता है। राहुल गांधी को चिदंबरम से कर्ज माफी और कर्ज को बट्टे खाते में डालने में अंतर समझने के लिए ट्यूशन लेना चाहिए।’
I was taken aback by Rahul Gandhi’s comment that Modi govt has waived off Rs 65,000 Cr.Not a single penny has been waived off. Writing off isn’t waiving off.Rahul Gandhi must take tuition from Chidambaram to understand difference b/w writing off&waiving off: Union Min P Javadekar pic.twitter.com/s8UOVFOV4T
— ANI (@ANI) April 29, 2020