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आतंकवाद के प्रमोटर-प्रोटेक्टर PAK और आतंकी इंडस्ट्री के प्रवक्ता के बिलावल भुट्टो को विदेश मंत्री जयशंकर की खरी-खरी, कश्मीर में आर्टिकल 370 इतिहास बना, अब POK पर होगी बात

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मशहूर कहावत है कि पोंगली में 12 साल रखने के बाद भी पूंछ टेढ़ी की टेढ़ी ही रहती है। गोवा में हुई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने 12 साल बाद पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री भारत आया है, लेकिन लेकिन जैसी कि पाकिस्तान की पुरानी आदत है, इसके अनुसार न पाकिस्तान आतंकवाद के दमन पर राजी हुआ और न ही उसके कश्मीर का पुराना राग अलापना छेड़ा। यानी इतने सालों के बाद पूंछ टेढ़ी की टेढ़ी ही है। भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने कश्मीर राग पर बिलावल भुट्टो पर तंज कसते हुए उन्हें नींद से जागने की सलाह दे डाली। जयशंकर ने सख्त शब्दों में पाक विदेश मंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि वे यहां आतंक की इंडस्ट्री का प्रवक्ता बनकर आए हैं। पाकिस्तान को आतंक की फैक्ट्रियों को बंद करना ही होगा। भारत ही नहीं, बिलावल भुट्टो जरदारी के पास तो अपने देश को बताने के लिए कुछ नहीं है कि वो भारत क्यों गए? जबकि एससीओ की दूसरी बैठकों में पाकिस्तान के मंत्रियों ने वर्चुअल शिरकत की। पाकिस्तान की मीडिया भी पूछ रही है कि जब विदेश मंत्री एस जशंकर ने दो-तरफा बातचीत से इनकार कर दिया है, तो वो गोवा क्या भेलपुरी खाने आएंगे?बिलावल भारत से बे-आबरू होकर निकले, खुद के देश में भी हो रही आलोचना
भारत में तो बिलावल भुट्टो कुछ कर नहीं पाए और बड़े बे-आबरू होकर अपने कूचे को निकल लिए। पाकिस्तान में भी भुट्टो की इस भारत यात्रा की आलोचना हो रही है। पाक के लोगों का कहना है कि जब एससीओ बैठक में पाकिस्तानी मंत्री शेरी रहमान वर्चुअली शामिल हुईं, या फिर एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान वर्चुअली शामिल हुआ तो फिर बिलावल भुट्टो ज़रदारी को गोवा घूमने जाने की इतनी बेताबी क्यों थी? और वो चाहते तो गोवा की बैठक में वे भी वर्चुअल शामिल हो सकते थे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की भारत यात्रा के बारे में भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने बेहद सटीक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भुट्टो के आने का बहुत कुछ मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘वह (भुट्टो) एक सदस्य देश के विदेश मंत्री के रूप में यहां आए. इसे इससे ज्यादा कुछ न देखें, क्योंकि इसका इससे ज्यादा कोई मतलब है भी नहीं।’अब जी-20 और श्रीनगर पर नहीं, पाक से सिर्फ पीओके पर होगी बात
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एससीओ बैठक के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की मौजूदगी में ही पाकिस्तान पर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता लगातार घट रही है। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते सामान्य नहीं हैं। सीमा पर हालात सुधरने तक ये रिश्ते सामान्य हो भी नहीं सकते। जयशंकर ने पाक विदेश मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद के पीड़ित और पोषण करने वाले साथ नहीं बैठ सकते हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग था, है और रहेगा। देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी जी-20 की बैठकें हो रही हैं, इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के साथ जी-20 और श्रीनगर मुद्दा है ही नहीं पाकिस्तान के साथ बातचीन के लिए अब सिर्फ और सिर्फ पीओके ही मुद्दा है।जयशंकर ने पाक-चीन के तथाकथित कॉरिडोर पर भी निशाना साधा
भारत ने पाकिस्तान-चीन के बीच तथाकथित कॉरिडोर के बारे में SCO की बैठक में एक नहीं दो बार ये स्पष्ट किया कि कनेक्टिविटी विकास के लिए जरूरी हो सकती है, लेकिन कनेक्टिविटी किसी की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन नहीं कर सकती। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “SCO सदस्य देश के विदेश मंत्री के तौर पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ बाकी सदस्य देशों के विदेश मंत्री की तरह ही व्यवहार किया गया। लेकिन आतंकवाद के प्रोमोटर, प्रोटेक्टर और आतंक के इंडस्ट्री के प्रवक्ता के तौर पर उनका काउंटर किया गया। भारत किसी भी सूरत में आतंकियों का साथ देने वालों का समर्थन नहीं कर सकता। भारत हमेशा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले देशों के साथ है।”राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेनकाब
एससीओ की बैठक के दौरान अपने संबोधन में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया और परोक्ष रूप से पाकिस्तान को निशाने पर लिया। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद का कहर जारी है। हमारा ये मानना है कि किसी भी तरह से आतंकवाद को सही नहीं ठहराया जा सकता और इसे रोका जाना चाहिए। इसमें सीमा पार से आतंकवाद और अन्य सभी तरह का आतंकवाद शामिल है। एससीओ की बैठक का मूल उद्देश्य आतंकवाद से मुकाबला है। बिलावल के आतंकवाद को हथियार बनाने के सवाल पर डॉ. जयशंकर ने कहा, ‘हम कूटनीतिक फायदे के लिए नहीं कर रहे. हम राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेनकाब कर रहे हैं।जयशंकर का तंज- वेक अप एंड स्मेल द कॉफी…आर्टिकल 370 अब इतिहास
पाक विदेश मंत्री बिलावल ने एक साक्षात्कार में आर्टिकल 370 का भी जिक्र किया और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात न होने के पीछे इसे वजह बताया। वहीं, भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने बिलावल पर तंज कसते हुए उन्हें नींद से जागने की सलाह दे डाली। बिलावल भुट्टो ने अनुच्छेद 370 रद्द करने की मांग उठाई तो भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को फटकार लगाते हुए नींद से जागने की सलाह दे डाली। एससीओ की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने अंग्रेजी मुहावरे ‘वेक अप एंड स्मेल द कॉफी’ (नींद से जागो और कॉफी की खुशबू लो) का जिक्र करते हुए कहा कि ऑर्टिकल 370 अब इतिहास है। जो लोग इसकी बात कर रहे हैं, उन्हें नींद से जाग जाना चाहिए। जितनी जल्दी इस सच्चाई को मान लें, उतना अच्छा होगा।कश्मीर में जी-20 बैठक से बिलावल को लगी मिर्ची, जयशंकर बोले हमारा अभिन्न हिस्सा
इसके पहले बिलावल भुट्टो ने कश्मीर में जी20 के आयोजन पर भी आपत्ति जताई थी। कश्मीर में जी-20 बैठक से तिलमिलाए बिलावल ने बैठक के बाद पाकिस्तानी मीडिया से कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं। समय आने पर इसका जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा, विवादित क्षेत्र में बैठक का आयोजन गलत है। इस पर एस जयशंकर ने कहा था कि उनका जी20 से कोई लेना-देना नहीं है। कश्मीर से भी कोई लेना-देना नहीं है। कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा। देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी जी-20 की बैठकें हो रही हैं, इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। बातचीत का सिर्फ एक ही मुद्दा है, वह है पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर। सवाल सिर्फ यह है कि पाकिस्तान अवैध कब्जे को कब खाली करेगा। उन्हें इस बारे में बात करनी चाहिए कि वे जम्मू कश्मीर से अवैध कब्जे को कब खाली कर रहे हैं।

 

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