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प्रधानमंत्री मोदी के सामने नहीं है कोई चुनौती, 2024 के बाद भी रह सकते हैं पीएम: ब्‍लूमबर्ग

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2019 में तो एनडीए की सरकार बनेगी ही… 2024 के बाद भी श्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री के पद को सुशोभित कर सकते हैं। यह कहना है ब्लूमबर्ग का। दुनिया भर के शक्तिशाली देशों के नेताओं की वर्तमान स्थिति और अन्‍य कारकों के विश्‍लेषण के आधार पर ‘ब्‍लूमबर्ग’ का कहना है कि नोटबंदी और जीएसटी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उनके प्रभाव पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। ‘ब्‍लूमबर्ग’ के अनुसार पीएम मोदी वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में तो सरकर बनाएंगे ही, 2024 में भी उन्‍हें टक्‍कर देने वाला कोई नहीं होगा।

‘ब्‍लूमबर्ग’ ने पीएम मोदी के साथ अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप, चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादीमिर पुतिन, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान, ईरान के सर्वोच्‍च नेता आयतोल्‍ला अली खामनेई, फ्रांस के इमैनुएल मैक्रों और इजरायल के बेंजा‍मिन नेतनयाहु जैसे नेताओं को भी इस सूची में शामिल किया है।

‘ब्‍लूमबर्ग’ के अनुसार, भारतीय राजनीति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दबदबा कायम रहेगा और वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनाव में उनके जीतने की पूरी संभावना है। ब्‍लूमबर्ग ने यह भी कहा है कि पीएम मोदी 2024 या उसके बाद तक सत्‍ता में बने रहेंगे। हालांकि ब्‍लूमबर्ग ने यह भी कहा कि राज्‍यसभा में पर्याप्‍त संख्‍याबल नहीं होने के कारण बड़े सुधारों में अड़चन आ सकती है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में सत्‍ता में आने के बाद से कई चुनाव जीत कर अपनी लोकप्रियता साबित की है। वह भारत के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं। ब्‍लूमबर्ग ने कहा है कि आर्थिक रूप से कई कड़े फैसले लेने के बावजूद पीएम मोदी लोकप्रिय बने हुए हैं।

जनसत्ता में छपी खबर के अनुसार ब्‍लूमबर्ग के इस विशेष विश्लेषण में यह भी कहा गया है कि विपक्षी कांग्रेस पार्टी बहुत कमजोर है और पार्टी में करिश्‍माई नेता का भी अभाव है। इसके साथ ही क्षेत्रीय नेता बीजेपी के चुनाव प्रबंधन का सामना करने में सक्षम नहीं हैं।

ब्‍लूमबर्ग के विश्लेषण में सिंगापुर स्थित कंसलटेंसी फर्म ‘क्रॉल’ की प्रबंध निदेशक रेशमी खुराना ने कहा है कि, ‘राज्‍य चुनावों में उनकी सफलता और जबरदस्‍त लोकप्रियता को देखते हुए निश्चित तौर पर ऐसा लगता है कि पीएम मोदी 2019 में सत्‍ता में वापसी करेंगे। 2024 भी उनके एजेंडे पर है। मजबूत विपक्ष की गैरमौजूदगी इस संभावना को प्रबल करती है।’

इसके साथ ही ‘पियू रिसर्च’ के अनुसार नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता दर 88 प्रतिशत है, जबकि राहुल गांधी का 58 प्रतिशत।

2019 में फिर देश का नेतृत्व करेंगे प्रधानमंत्री मोदी! जानिये 10 कारण…
बीते चार वर्षों में भारत ने जिस गति से प्रगति की है और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता में लगातार वृद्धि हुई है, इससे तो स्पष्ट है कि विपक्ष के लिए आने वाले चुनाव में भी कोई स्कोप नहीं है। तथ्यों के आईने में देखें तो ये बात और स्पष्ट हो जाती है कि एक बार फिर देश का नेतृत्व प्रधानमंत्री मोदी ही संभालेंगे।

नंबर-1
लोकप्रियता में सबसे ऊपर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के समक्ष देश में कोई दूसरा नेता नहीं है। हाल में भी कई समाचार चैनलों और अखबारों ने सर्वे प्रकाशित किए हैं जिनमें ये बात स्पष्ट हो जाती है कि 10 में से 9 व्यक्ति पीएम मोदी के बारे में अच्छी राय रखते हैं। देश के 83 प्रतिशत लोगों की पसंद भी पीएम मोदी ही हैं। सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात ये कि पीएम मोदी ऐसे नेता बनकर उभरे हैं जिनकी संम्पूर्ण भारत में लोकप्रियता है।

नंबर- 2
राजनीति की धुरी हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने खुद को देश में राजनीति की धुरी के रूप में स्थापित कर लिया है और उसे किसी दल से कोई बड़ी चुनौती मिलती नहीं दिख रही है। विधानसभाओं के हालिया चुनावों के बाद बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों के साथ देश के भौगोलिक क्षेत्र के 75 प्रतिशत हिस्से पर सत्ता स्थापित कर ली है और देश की 68 प्रतिशत से अधिक आबादी पर भाजपा और उनके सहयोगी दलों का शासन है।

नंबर- 3
परफॉरमेंस में सबसे बेहतर
बीते चार वर्षों में सरकार के प्रदर्शन को भी पैमाना माना जाए तो मोदी सरकार ने बेहतर कार्य किए हैं। एक ओर जहां देशहित में बड़े और कड़े फैसले लेने में नहीं हिचकी, वहीं भारत की अर्थव्यवस्था को नई गति दी। बीते साढ़े तीन वर्षों में 7.1 की औसत गति से इकोनॉमी मजबूत हो रही है। पूंजी निवेश बढ़ा है और मेक इन इंडिया को भी लगातार ताकत मिल रही है।

नंबर- 4
समयबद्ध परिणाम देने में बेजोड़
प्रधानमंत्री मोदी ने एक ओर जहां पुरानी लटकी पड़ी परियोजनाओं का काम पूरा किया है वहीं वर्तमान सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यों को भी ससमय किया है। मधेपुरा, छपरा रेल कारखाना को शुरू किया जाना हो या फिर गोरखपुर, बरौनी जैसी पांच जगहों पर खाद कारखाना की शुरुआत हो। पूर्वोत्तर में 73 रणनीतिक सड़कों का निर्माण हो या फिर साठ सालों से अटके पड़े नर्मदा डैम की शुरुआत हो… ऐसे अनेकानेक कार्य हैं जो मोदी सरकार ने समयबद्ध तरीके से किए हैं।

नंबर- 5
पीएम मोदी का दृृढ़ निश्चय
प्रधानमंत्री मोदी लोगों को इसलिए भी सबसे अधिक पसंद हैं क्योंकि वे चुनाव परिणामों की चिंता किए बिना देशहित में निर्णय लेते हैं। नोटबंदी का निर्णय हो या फिर पूरे देश में जीएसटी लागू करने का फैसला, सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिर डोकलाम में चीन के सामने अड़ जाने का साहस… प्रधानमंत्री मोदी को अन्य किसी भी नेता से अलग करता है। देश ने लंबे अर्से के बाद ऐसा प्रधानमंत्री देखा है जो अपना या अपनी पार्टी के हित से ऊपर देशहित को रखता है। 

नंबर- 6
पीएम मोदी पर पब्लिक का भरोसा
प्रधानमंत्री मोदी की ‘पहल’ पर यदि सवा करोड़ लोग गैस सब्सिडी लेना छोड़ दें तो यह लोगों का उनपर भरोसा ही दिखाता है। बीते साढ़े तीन वर्षों में भी यह भरोसा कायम है। प्रधानमंत्री का एक आह्वान आज भी पूरा वातावरण बदल देता है। पूर्वोत्तर में ‘चोलो पल्टाई’ नारे का कितना असर हुआ यह सबके सामने है। त्रिपुरा में 25 वर्षों से सत्ता पर काबिज वाम दलों का किला लोगों ने इसी आह्वान की बदौलत ढाह दिया।  

नंबर- 7
संगठन शक्ति में बीजेपी अव्वल
विपक्ष और भारतीय जनता पार्टी में बड़ा अंतर संगठन शक्ति का है। अब पूरे देश में पार्टी की प्रभावशाली मौजूदगी है और दस करोड़ से अधिक सदस्य हैं। पिछले वर्ष ही पार्टी ने तीन श्रेणियों में पूर्णकालिक स्वयंसेवकों को सामने आने को कहा। 15 दिन, 6 महीने और सालभर के लिए। पार्टी को 15 दिनों के लिए करीब चार लाख फुल टाइम वॉलंटियर मिले और छह महीने से सालभर के लिए करीब 4600 कार्यकर्ता सामने आए। करीब चार लाख विस्तारकों ने 9 लाख से ज्यादा बूथ कमेटियों में से 6 लाख 13 हजार 917 कमेटियों से संपर्क किया। इनके अतिरिक्त पन्ना प्रमुख बनाए गए हैं, जो वोटर लिस्ट के हर पेज के इंचार्ज होते हैं।

नंबर- 8
21 राज्यों में भाजपा सरकार
2014 में जब पीएम नरेन्द्र मोदी सत्ता में आए थे, तो एनडीए का शासन केवल सात राज्यों में था और बीजेपी के केवल चार मुख्यमंत्री थे। 2014 से हुए 21 राज्यों के चुनावों में एनडीए ने 15 में जीत दर्ज की और बीजेपी को 11 और मुख्यमंत्री मिले। बिहार और दिल्ली के चुनावों में हार हुई लेकिन दूसरे नंबर की पार्टी वही रही। प्रदेश के चुनावों में भी पीएम मोदी का प्रभाव स्पष्ट दिखता है।

नंबर- 9
गरीबों के नेता पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने जब से केंद्र की सत्ता संभाली है तब से ही खुद की सरकार को गरीब-गुरबों की सरकार कहा है। उनकी इस सोच का परिणाम है कि 12 रुपये सालाना में जीवन बीमा का लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री जन धन योजना के माध्यम से देश के 30 करोड़ से अधिक गरीबों का बैंक खाता खुलवाना भी बड़ा कार्य था। इसी तरह उज्ज्वला योजना और सौभाग्य बिजली योजना जैसी योजनाएं भी देश के गरीबों को ही ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। हर गरीब को 12 हजार रुपये देकर शौचालय बनाने का अभियान हो या फिर मातृत्व योजना के लिए 6000 रुपये का अनुदान, सभी योजनाएं गरीबों के लिए ही बनाई गई हैं। इसका परिणाम ये है कि पीएम मोदी गरीबों के दिल में बसते हैं।

नंबर- 10
भाजपा में सर्वमान्य हैं पीएम मोदी
इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी भाजपा के सर्वमान्य नेता हैं। आज पार्टी में उनके कद का कोई नहीं है। आज कई राज्यों के चुनाव परिणामों में पीएम मोदी का खासा असर दिखता है। हाल में ही पूर्वोत्तर राज्यों के चुनाव परिणाम ये साबित करते हैं कि देश उनपर भरोसा करता है और पार्टी में उनके कद का कोई नेता अब तक नहीं उभर सका है। जाहिर है पार्टी में भी दूसरा कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं है।  

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