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मूड ऑफ द नेशन सर्वे : 51 प्रतिशत लोगों ने माना अर्थव्यवस्था संभालने के मामले में मनमोहन सिंह से बेहतर साबित हुए प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार के लिए पिछले तीन साल अग्नि परीक्षा के साल रहे हैं। इस दौरान मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे पर कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को काफी जोर का झटका लगा। इसी बीच रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक मंदी ने आग में घी डालने का काम किया। मोदी सरकार के सामने देशवासियों के जीवन के साथ ही अर्थव्यवस्था को बचाने की कठिन चुनौती थी। इस चुनौती का मोदी सरकार ने बखूबी सामना किया और भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना दिया। अब मोदी सरकार को देश की जनता का भी पूरा समर्थन मिल रहा है। एक सर्वे में शामिल 51 प्रतिशत लोगों ने माना कि अर्थव्यवस्था को संभालने के मामले में प्रधानमंत्री मोदी मनमोहन सिंह से बेहतर साबित हुए हैं।

अर्थव्यवस्था को संभालने के मामले में मनमोहन से बेहतर पीएम मोदी

दरअसल इंडिया टुडे ने सी वोटर के साथ मिलकर मूड ऑफ द नेशन सर्वे किया। इस सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी और मनमोहन सरकार की तुलना से जुड़े सवाल भी लोगों से किए गए। इस सर्वे में सवाल किया गया, ‘आप की राय में भारतीय अर्थव्यवस्था को किसने अधिक सही तरीके से मैनेज किया?’ इस सवाल के जवाब में 51 प्रतिशत लोगों ने नरेन्द्र मोदी का नाम लिया। अर्थात 51 प्रतिशत जनता का मानना है कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को संभालने में ज्यादा सफल रही। वहीं, 36 प्रतिशत लोगों ने मनमोहन सिंह का नाम लिया। इसके अलावा 13 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इस बारे में कुछ स्पष्ट रूप से नहीं कह सकते। 

54 प्रतिशत जनता मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से खुश

भारत की जनता मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से खुश हैं। मूड ऑफ द नेशन सर्वे में सवाल पूछा गया कि अर्थव्यवस्था पर केंद्र सरकार को आप कैसे आंकते हैं ? इस सवाल के जवाब में 54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है। 11 प्रतिशत लोग आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के परफॉर्मेंस को औसत मानते हैं। 31 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अगले छह महीने में अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है, वहीं 28 प्रतिशत लोग मानते हैं कि ज्यादा बदलाव नहीं आने वाला है। वैश्विक मंदी से विकसित देशों को भी अर्थव्यवस्था को संभालना मुश्किल हो रहा है। ऐसी स्थिति में इस सर्वे में जनता ने जिस तरह भरोसा जताया है, वो प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। 

पाकिस्तान के मामले में सच साबित हुई पीएम मोदी की बात

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रेवड़ी कल्चर’ से दूर रहकर अर्थव्यवस्था की मजबूती पर जोर दिया। इसका परिणाम है कि इस मुश्किल दौर में ब्रिटेन को पीछे छोड़कर भारत विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। प्रधानमंत्री मोदी ने ना सिर्फ अपने देश को मजबूत किया, बल्कि आर्थिक संकट के समय पड़ोसी देश श्रीलंका को भी बचाने में मदद की। पाकिस्तान के मामले में प्रधानमंत्री मोदी की एक बात सच साबित हो रही है। लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि हमने बहुत सारा समय इंडिया-पाकिस्तान इंडिया-पाकिस्तान करने में खराब कर दिया। वो अपनी मौत मरेगा। उसको छोड़ो, हम आगे निकल चले। 

अपनी मौत मर रहा है पाकिस्तान, आर्थिक रूप से हुआ कंगाल

पड़ोसी देश श्रीलंका के बाद अब पाकिस्तान आर्थिक रूप से बदहाल हो चुका है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अर्थव्यवस्था को संभालने में नाकाम साबित हो रहे हैं। आसमान छूती कीमतों से जनता परेशान है। इस समय पाकिस्तान में पेट्रोल की क़ीमत 249 रुपये 80 पैसे प्रति लीटर और डीज़ल की क़ीमत 262 रुपये 80 पैसे प्रति लीटर हो गई है। खुले बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की कीमत 262.6 रुपये है। पाकिस्तान नकदी संकट से जूझ रहा है। वहीं पाकिस्तान में गेहूं की भयंकर कमी है। एक-एक बोरी आटा लोगों को नसीब नहीं हो रहा। महंगाई इतनी बढ़ गई है कि आम आदमी दूध, ब्रेड, बिस्कुट तक नहीं खरीद पा रहा है। 

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