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हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफ शब्दों में कहा है कि पहलगाम हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। आज 24 अप्रैल को बिहार के मधुबनी जिले में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ‘मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं जिन्होंने ये हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। सजा मिल करके रहेगी। अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ’22 अप्रैल को, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा है, उससे पूरा देश व्यथित है, कोटि-कोटि देशवासी दुखी है। सभी पीड़ित परिवारों के इस दुख में पूरा देश उनके साथ है। सरकार भी यह सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास कर रही है कि वर्तमान में उपचाराधीन परिवार के सदस्य जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘इस आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने अपना भाई खोया, किसी ने अपना जीवन साथी खोया है। उनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड़ा बोलता था, कोई मराठी था, कोई ओड़िया था, कोई गुजराती था, कोई यहां बिहार का लाल था। आज उन सभी की मृत्यु पर करगिल से कन्याकुमारी तक हमारा दुख एक जैसा है। हमारा आक्रोश एक जैसा है। ये हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है। देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है।’

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने अंग्रेजी में दुनिया को संदेश देते हुए कहा कि ‘आज बिहार की धरती से, मैं पूरी दुनिया को बताना चाहता हूं कि भारत हर आतंकवादी और उसके समर्थकों को पहचानकर उन्हें ढूंढेगा और सजा देगा। हम धरती के हर कोने में उनका पीछा करेंगे। आतंकवादी भारत की आत्मा को कमजोर नहीं कर सकते। ये आतंकी बच नहीं पाएंगे। पूरा देश अब ये संकल्प कर चुका है। मानवता में विश्वास रखने वाले हमारे साथ हैं। मैं कई देशों के लोगों और उनके नेताओं का आभार व्यक्त करता हूं, जो हमारे साथ खड़े हैं।

अपना संबोधन शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। संबोधन से पहले उन्होंने कहा कि ‘अपनी बात प्रारंभ करने से पहले मैं आप सबसे एक प्रार्थना करना चाहता हूं। आप जहां हैं वहां अपने स्थान पर बैठे रह करके ही, खड़े होने की जरूरत नहीं है। बैठकर ही, 22 तारीख को जिन परिवारजनों हमने खोया है, उनको श्रद्धांजलि देने के लिए, कुछ पल हम अपने स्थान पर बैठ करके ही मौन रह करके अपने-अपने आराध्य देव का स्मरण करते हुए उन सबको श्रद्धांजलि देंगे। उसके बाद आज मैं अपनी बात प्रारंभ करूंगा।’

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