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पीएम मोदी ने ASI मुख्यालय ‘धरोहर भवन’ का किया उद्घाटन, कहा हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के नए मुख्यालय ‘धरोहर भवन’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण के लिए जन भागीदारी को अहम बताते हुए कहा कि हमें अपनी विरासत की जानकारी होनी चाहिए और उस पर गर्व होना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 150 वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह संगठन खुद में ऐतिहासिक संगठन हो गया है। आधुनिक तकनीक से पुरातात्विक के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है। इसी की मदद से आज माना जाने लगा है कि सरस्वती नदी की बात काल्पिक नहीं है, आज कई बातें सामने आ रही हैं। पुरातात्विक के क्षेत्र में काम करने वाला व्यक्ति बहुत बड़ा बदलाव करता है।

धरोहर के संरक्षण के लिए जन भागीदारी जरूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में जहां ऐतिहासिक धरोहर नहीं हैं वे लोग उसका महत्व अधिक समझते हैं। आजाद होने के बाद से आज तक देश को एक ऐसी सोच ने जकड़ रखा है, जिन्हें देश की पुरातन धरोहर से कोई लगाव नहीं रहा है। उन्होंने कहा, “पुरातात्विक धरोहर को बचाने के लिए जन सहयोग, जन भागीदारी बहुत जरूरी है। दूसरे देशों में सीनियर सिटीजन क्लब बना कर धरोहर को बचाने में मदद करते हैं। वहां रिटायर्ड लोग गाइड का काम करते हैं, वे अपनी धरोहरों के बारे में पर्यटकों को बताते हैं। हमारे देश में यह मानसिकता बनानी है।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण के लिए स्थानीय लोगों, स्कूली बच्चों तथा कॉरपोरेट जगत को भी भागीदार बनाया जा सकता है।

बच्चों को विरासत के बारे में पढ़ाने की सलाह
प्रधानमंत्री ने धरोहर और विरासत संजोने वाला 100 शहरों की पहचान कर वहां के स्कूली बच्चों को स्थानीय विरासत के बारे में पढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने कहा “हजारों साल की हमारी गाथा दुनिया के लिए अजूबा है जो हमारे पूर्वज छोड़ कर गये हैं। उसे दिखा भर दें तो हमारा पर्यटन ऊंची उड़ान भरने लगेगा।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कहा कि स्थानीय स्तर पर टूरिस्ट गाइड का कोर्स भी शुरू किया जा सकता है, जिससे गाइड को उसके शहर की धरोहर के बारे एक-एक जानकारी को सुनिश्चित किया जा सके। जब जानकारी होती है तो अपनेपन की ताकत बढ़ जाती है। हमें हमारे धरोहर कीक जानकारी बहुत जरूरी है।

पीएम मोदी की सलाह के बाद हटेगी फोटो की पाबंदी
प्रधानमंत्री ने धरोहर स्थलों पर फोटो खींचने की मनाही को अप्रासंगिक बताते हुए कहा कि अब यह नियम बदलना चाहिए। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री की इस सलाह पर अमल करते हुए सांस्कृतिक मंत्रालय ने कहा है कि देशभर में प्राचीन और ऐतिहासिक इमारतों की फोटो लेने पर लगी पाबंदी अब हटा दी जाएगी। लोग जल्द ही जी-भर के ऐतिहासिक इमारतों की फोटो खींच सकेंगे। मंत्रालय के मुताबिक जल्‍द ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिया जाएगा।

45 करोड़ में बनकर तैयार हुआ धरोहर भवन
आपको बता दें कि एएसआइ ने वर्ष 2012 में इस मुख्यालय का निर्माण कार्य शुरू कराया था। 45.50 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस इमारत का निर्माण केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने किया है। 2014 के पहले इस इमारत का निर्माण कार्य पहले बहुत धीमी गति से चला। केंद्र में एनडीए की सरकार आने के बाद निर्माण कार्य में तेजी आई। इसमें साज-सज्जा के रूप में महत्वपूर्ण धरोहरों की प्रतिकृतियों (रेप्लिका) का उपयोग किया गया है।

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