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आज देश के पास नीतियां भी हैं, नीयत भी है, निर्णयशक्ति और निश्चयशक्ति भी है : पीएम मोदी

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आज दुनिया के सामने एक ऐसा भारत है जो बिना किसी डर या दबाव के अपने हितों के लिए अडिग रहता है। जब पूरी दुनिया दो विरोधी ध्रुवों में बंटी हो, तब भारत को एक ऐसे देश के रूप में देखा जा रहा है जो दृढ़ता के साथ मानवता की बात कर सकता है। आज देश के पास नीतियां भी हैं, नियत भी है, निर्णयशक्ति भी है, और निश्चयशक्ति भी। ये बात किसी और ने नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के 42वें स्थापना दिवस पर कही है। भाजपा के स्थापना दिवस पर देश के करोड़ों कार्यकर्ताओं को वर्चुअल माध्यम से पीएम मोदी ने संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज नवरात्रि की पंचमी तिथि है इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है। स्कंदमाता, कमल के आसन पर विराजमान हैं और उनके दोनों हाथों में कमल का फूल है। मेरी प्रार्थना है कि मां स्कंदमाता का आशीर्वाद देशवासियों पर और भाजपा के प्रत्येक कर्मठ कार्यकर्ता पर हमेशा बना रहे।” इसके साथ ही उन्होंने श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी, अटल बिहारी वाजपेयी जी, राजमाता सिंधिया जी, कुशाभाऊ ठाकरे जी और सुंदर सिंह भंडारी जी जैसी जिन महान विभूतियों ने जनसंघ से लेकर भाजपा तक के निर्माण में खुद को खपा दिया, उन सबको नमन किया।

भाजपा का संकल्प है बहुत विराट

पीएम मोदी ने विश्व में देश की बढ़ती अहमियत के बारे में बताते हुए कहा कि आज दुनिया के सामने एक ऐसा भारत है जो बिना किसी डर या दबाव के अपने हितों के लिए अडिग रहता है। जब पूरी दुनिया दो विरोधी ध्रुवों में बंटी हो, तब भारत को एक ऐसे देश के रूप में देखा जा रहा है जो दृढ़ता के साथ मानवता की बात कर सकता है। आज हम जो लक्ष्य तय कर रहे हैं, उन्हें पूरा भी कर रहे हैं। बीते वर्षों में देश ने ये देखा कि किस तरह अपने नागरिकों का जीवन आसान बनाना भाजपा की डबल इंजन सरकारों की प्राथमिकता रही है। आज़ादी के इस अमृत काल में हमने सैचुरेशन यानि जनकल्याण की हर योजना को शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचाने का जो संकल्प लिया है, ये संकल्प अपने-आप में बहुत विराट है। हमारा ये सेवा भाव अभियान, सोशल जस्टिस, सामाजिक न्याय का बहुत बड़ा माध्यम है।

अंत्योदय में है भाजपा की वैचारिक निष्ठा

भाजपा सरकार द्वारा गरीबों और वंचितों के लिए किए जा रहे जनकल्याण के काम के बारे में पीएम मोदी ने कहा “आज देश में ऐसी सरकार है जिसकी वैचारिक निष्ठा अंत्योदय में है। गरीबों, दलितों, पिछड़ों, महिलाओं के हितों के लिए, उनके उत्थान के लिए काम करना, ये हमारी पार्टी के मूल संस्कार हैं। इसलिए आज दलितों, पिछड़ों, किसानों, नौजवानों के साथ ही जिस तरह महिलाएं भाजपा के पक्ष में मजबूती से खड़ी हुई हैं, वो अपने-आप में एक नए युग की ताकत का प्रतिबिंब है। पिछले कई चुनावों में हमने लगातार देखा है, भाजपा का विजय तिलक करने के लिए सबसे आगे हमारी माताएं-बहनें आती हैं। ये केवल एक चुनावी घटना भर नहीं है। ये एक ऐसा सामाजिक और राष्ट्रीय जागरण है जिसका इतिहास में विश्लेषण किया जाएगा।” 

इस बार का स्थापना दिवस बहुत महत्वपूर्ण

पार्टी के 42वें स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस बार का स्थापना दिवस तीन वजहों से बहुत महत्वपूर्ण है। पहला यह कि हम देश की आजादी के 75वें वर्ष पर अमृत महोत्सव मना रहे हैं। ये प्रेरणा का बहुत बड़ा अवसर है। दूसरा यह कि, तेजी से बदलती हुई वैश्विक परिस्थितियों में भारत के लिए लगातार नई संभावनाएं बन रही हैं। तीसरा कारण भी उतना ही अहम है। कुछ सप्ताह पहले जहां चार राज्यों में भाजपा की डबल इंजन की सरकारें वापस लौटी हैं। वहीं तीन दशकों के बाद राज्यसभा में किसी पार्टी के सदस्यों की संख्या 100 तक पहुंची है। यानि वैश्विक दृष्टिकोण से देखें या राष्ट्रीय दृष्टिकोण से, भाजपा का दायित्व लगातार बढ़ रहा है। इसलिए भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता देश के सपनों और संकल्पों का प्रतिनिधि है। इस अमृतकाल में भारत की सोच आत्मनिर्भरता की है, लोकल को ग्लोबल बनाने की है, सामाजिक न्याय की है, समरसता की है। एक विचार बीज के रूप में इन्हीं संकल्पों को लेकर हमारी पार्टी की स्थापना हुई थी। इसलिए ये अमृतकाल भाजपा के हर एक कार्यकर्ता के लिए ‘कर्तव्यकाल’ है।

साथ चलती है राजनीति और राष्ट्रनीति

अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि उनके लिए राजनीति और राष्ट्रनीति साथ-साथ चलती हैं। लेकिन ये भी सच्चाई है कि अभी भी देश में दो तरह की राजनीति चल रही है। एक राजनीति है परिवारभक्ति की, और दूसरी है राष्ट्रभक्ति की। लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करने वाली ये पार्टियां, संविधान और संवैधानिक व्यवस्थाओं को भी कुछ नहीं समझतीं। ऐसी पार्टियों के अन्याय, अत्याचार और हिंसा के खिलाफ आज भी हमारे कार्यकर्ता लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ लड़ रहे हैं। उन्होंने अपने सभी कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाया कि भाजपा, ऐसे राज्यों में लोकतांत्रिक मूल्यों की फिर से स्थापना के लिए निरंतर संघर्ष करती रहेगी। 

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