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पीएम मोदी ने विकास का जो गुजरात मॉडल दिया, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उसकी खूब की तारीफ, बोले- यह इतना आइडियल कि इसे देश में कहीं भी किया जा सकता है लागू

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते राज्य को सर्वांगीण और समावेशी विकास की जिस राह पर चलाया, उस विकास का वह गुजरात मॉडल आज देश के लिए मिसाल बन गया है। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी गुजरात के मुख्यमंत्रियों से राज्य के उसी मॉडल को आगे बढ़ाया। अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी गुजरात में विकास के उस मॉडल की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। राष्ट्रपति ने गुजरात के विकास मॉडल की तारीफ करते हुए कहा कि यह इतना आइडियल है कि इसे देश के किसी भी राज्य में लागू किया जा सकता है। इस मॉडल के लागू होने के बाद उस राज्य का चौतरफा विकास सुनिश्चित है।

पीएम मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकारों ने विकास की गंगा बहाई
राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव हैं। हाल ही में चार राज्यों में मिले प्रचंड बहुमत से बीजेपी के हौसले बुलंद हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चारों राज्यों में डबल इंजन की सरकारों ने विकास की गंगा बहाई। गुजरात में भी बीजेपी की विकासपरक योजनाओं को लागू कर जनता की मुश्किलें आसान बनाने में जुटी हुई है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल ने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की हुई है। पीएम मोदी के नेतृत्व में वे राज्य में विकास की इंजीनियरिंग में लगे हुए हैं। इसी अप्रोच के चलते गुजरात में हर वर्ग की समस्याएं और मांग जल्द से जल्द पूरी हो रही हैं।

गुजरात की धरती ने बापू, पटेल और मोदी जैसे जननायक दिए
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गुजरातियों की देशभक्ति विश्व प्रसिद्ध है। गुजरात की धरती ने देश को कई जननायक दिए हैं। मोरारजी देसाई के बाद प्रधानमंत्री मोदी गुजरात से आने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर काम करने का अवसर मिला है। पीएम मोदी काल में देश ने विकास ही नहीं, हप दिशा में नई ऊंचाइयों को छुआ है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल पिछले कुछ सालों से चर्चा में है। गुजरात में सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेचू ऑफ यूनिटी कि स्थापना की, लेकिन देश के लोगों के दिलों में सरदार का कद उससे भी ऊंचा है।

आजादी की कल्पना करने वालों में सबसे आगे गुजराती
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुजरात विधानसभा में भाग लिया और सदन के सदस्यों को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि यह संबोधन गुजरात विधानसभा में ऐसे समय में हुआ जब हमारा देश स्वतंत्रता का अमृत पर्व मना रहा है। स्वतंत्रता और उसके अमृत उत्सव के संदर्भ में गुजरात सर्वथा उपयुक्त स्थान है। स्वतंत्र भारत की कल्पना करने वालों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी समेत गुजरात के लोग सबसे आगे थे। इससे पहले सदन के अध्यक्ष डॉ. निमाबेन आचार्य ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया।

महामहिम की गुजरात यात्रा में गुजरात मॉडल की भूरि-भूरि प्रशंसा
गुजरात की यात्रा पर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुजरात के विकास मॉडल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इसे देश के किसी भी हिस्से में लागू किया जा सकता है। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि राज्य के लोगों ने सूबे के विकास में अहम योगदान दिया है। इसके अलावा इसी राज्य से निकले सरदार पटेल और महात्मा गांधी ने पूरे देश को विकास के लिए प्रेरित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले दो दशक में जिस तरह से गुजरात मॉडल पर काम हुआ है, उससे ऐसा लगता है कि इसे देश के किसी भी हिस्से और किसी भी राज्य में लागू किया जा सकता है। राज्य की विधानसभा में यह किसी भी राष्ट्रपति का पहला संबोधन था।

साबरमती रिवर फ्रंट नदियों के किनारे बसे शहरों के लिए अनुकरणीय
उन्होंने सदन में कहा, ‘साबरमती रिवर फ्रंट शहरी विकास का एक शानदार मॉडल है। साबरमती नदी और उसके किनारे बसे लोगों के बीच का जो रिश्ता है, उसने ही पर्यावरण के अनुकूल विकास को बढ़ाने का काम किया है। देश के अन्य शहरों के लिए भी यह विकास मॉडल अनुकरणीय है, जो नदियों के किनारे बसे हैं।’ उन्होंने कहा कि सदन में बैठे लोग अपने क्षेत्र और लोगों के प्रतिनिधि होते ही हैं, लेकिन इससे भी अहम बात यह है कि लोगों ने उन्हें भाग्य का निर्माता समझते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की आकाक्षाएं और उम्मीदें जनप्रतिनिधियों से जुड़ी होती हैं। जनता की इन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने की जरूरत है।महात्मा गांधी का अहिंसा का मंत्र आज भी दुनिया को राह दिखाता है
उन्होंने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि बापू ने न सिर्फ आजादी के आंदोलन में योगदान दिया बल्कि नया रास्ता, नई सोच और दुनिया को एक नया दर्शन भी दे दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया में आज जहां भी हिंसा का माहौल दिखता है, वहां महात्मा गांधी का अहिंसा का मंत्र याद आता है। कोविंद ने कहा कि युग प्रवर्तक गांधीजी ने दुनिया को नया दर्शन दिया। महात्मा गांधी का सत्य अहिंसा का सिद्धांत आज भी प्रसांगिक है। दांडी मार्च ने स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी वही बारडोली सत्याग्रह ने देश को एक नया नायक दिया। जिसके संसदीय इतिहास में गुजरात के कई लोगों ने अनूठा योगदान दिया

एंटरप्राइजेज व इनोवेशन के लिए जाने जाते हैं गुजराती
राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात में देश की एकता की झलक भी मिलती है सोमनाथ विध्वंस हो अथवा गुजरात में आया विनाशकारी भूकंप हर बार गुजरात उठ खड़ा हुआ। गुजराती दुनिया में एंटरप्राइजेज व इनोवेशन के लिए जाने जाते हैं। देश में हुई श्वेत क्रांति गुजरात के सहकारिता की परंपरा का परिणाम है। राष्ट्रपति ने नरसिम्हा मेहता के भजन वैष्णव वजन को यह कहकर याद किया। इसके साथ ही पलिताना, गिर, वडनगर समेत कई मंदिरों ने एकता की मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में गुजरात का योगदान है। गुजरात ने विक्रम साराभाई और होमी भाभा जैसे वैज्ञानिक दिए हैं।

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