उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोध प्रदर्शन के नाम पर उपद्रव करने वालों के खिलाफ योगी सरकार एक्शन मोड में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लखनऊ में हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के 57 आरोपियों के नाम और पते के साथ शहर के प्रमुख चौराहों पर होर्डिंग- पोस्टर लगाए गए हैं।
हजरतगंज, अटल चौक के साथ अन्य इलाकों में लगाए गए इस पोस्टर में उपद्रवियों से सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर पेनाल्टी जमा करने के लिए कहा गया है। आरोपियों को पैसे जमा कराने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। इन लोगों को कहा गया है कि एक महीने के अंदर भुगतान ना होने पर आरोपियों की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
लखनऊ में 19 और 20 दिसंबर को सीएए विरोध की आड़ में दंगाइयों ने जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की थी। न्यूज18 के अनुसार लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश के अनुसार जांच में 57 लोग दोषी पाए गए। सभी दोषियों के खिलाफ संपत्ति कुर्क करने कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान एक करोड़ 55 लाख रुपए के नुकसान की वसूली होनी है। उन्होंने कहा सभी लोगों की पहचान कर ली गई है किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।
लखनऊ जिलाधिकारी के अनुसार शहर के ठाकुरगंज और कैसरबाग इलाके में हुई हिंसा के मामले में आरोपी दंगाइयों के खिलाफ वसूली का आदेश पहले ही शहर की एक अदालत से जारी किया जा चुका है।
जी न्यूज के अनुसार बताया जा रहा है कि पोस्टर में कई बड़े लोगों के नाम भी शामिल हैं। पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी, सामाजिक कार्यकर्ता दीपक मिश्रा, कांग्रेस की सदफ जाफर के साथ मौलाना सैफ अब्बास का नाम भी हिंसा करने वालों की लिस्ट में शामिल है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएए विरोधी हिंसा के बाद कहा था कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा था कि जिन लोगों ने संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है उनकी संपत्ति की सीज किया जाएगा और उनसे हुए नुकसान की भरपाई कराई जाएगी।