जब पूरे देश में जातीय जनगणना की गूंज सुनाई दे रही है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और उससे जुड़े तमाम दल जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस के अघोषित अध्यक्ष राहुल गांधी ओबीसी की हिस्सेदारी को लेकर आवाज उठा रहे हैं। ऐसे समय में भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट ने विपक्ष को आईना दिखाने का काम किया है। इस रिपोर्ट में ‘पीएम स्वनिधि’ योजना की जमकर तारीफ की गई है। इस योजना के 75 प्रतिशत लाभार्थी आरक्षित वर्ग से हैं। इसमें भी सबसे अधिक हिस्सेदारी ओबीसी वर्ग की है। इस रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि मोदी सरकार किस तरह ओबीसी, अनुसूचित जाति और जनजाति के कल्याण और उत्थान के लिए काम कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि इस देश में गरीब सबसे बड़ी जाति है। हमें गरीबों के लिए काम करना है। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार गरीबों के लिए काम कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एसबीआई की इस रिपोर्ट को साझा करते हुए कहा कि भारतीय स्टेट बैंक के सौम्या कांति घोष का यह गहन शोध स्वनिधि योजना के परिवर्तनकारी प्रभाव की एक बहुत स्पष्ट तस्वीर पेश करता है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट इस योजना की समावेशी प्रकृति को दर्शाती है और इस पर प्रकाश डालती है कि इसने वित्तीय सशक्तीकरण को किस तरह बढ़ावा दिया है।
This in-depth research by @kantisoumya of @TheOfficialSBI provides a very clear picture of the transformative impact of PM SVANidhi. It notes the inclusive nature of this scheme and highlights how it has led to financial empowerment. https://t.co/zJ2PLWVkcK
— Narendra Modi (@narendramodi) October 24, 2023
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ‘पीएम स्वनिधि’ योजना के तहत बांट गए कुल लोन में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी आरक्षित वर्ग की है। इसमें ओबीसी 44 प्रतिशत, अनुसूचित जाति और जनजाति की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस योजना के 43 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वनिधि योजना के तहत अब तक तीन किस्तों में करीब 70 लाख लोन बांटे गए हैं, जिनका कुल मूल्य 9,100 करोड़ रुपये से अधिक है। इसमें 53 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वाले शामिल है। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि स्वनिधि योजना ने सामुदायिक बाधाओं को तोड़ते हुए शहरों के उन छोटे और गरीब कारोबारियों को अपने से जोड़ा है, जो अब तक हाशिये पर पड़े हुए थे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित है। पिछले साढ़े नौ साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के गरीबों के उत्थान के लिए कई कार्यक्रम चलाये, नई योजनाएं बनाईं और यह भी ध्यान रखा कि गरीबों को उसका लाभ मिले और उनकी आकांक्षाएं पूरी हो सके। इसी का परिणाम है कि मोदी सरकार की पीएम स्वनिधि योजना, आयुष्मान भारत योजना, उज्जवला योजना जैसी कई योजनाएं पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों, जनजातियों, गरीबों और वंचितों के लिए वरदान साबित हुई हैं। इन योजनाओं से गरीबों के सामाजिक, आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम बनाने में मदद मिली है।