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पीएम मोदी का परिवारवाद पर फिर प्रहार, बीजेपी सांसदों को खरी-खरी, पार्टी में नहीं चलेगी वंशवाद की राजनीति

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परिवारवाद को लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं। इसलिए एकबार फिर उन्‍होंने परिवारवाद पर प्रचंड प्रहार किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार (15 मार्च, 2022) को बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक को संबोधित करते हुए परिवारवाद पर अपना सख्त तेवर दिखाते हुए कड़ा संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बीजेपी में परिवारवाद स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने यूपी समेत 5 राज्यों के चुनाव में पार्टी नेताओं के परिवार के लोगों को टिकट न मिलने की भी टिप्पणी की। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि पार्टी में वंशवाद को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। हम वंशवाद की राजनीति के खिलाफ हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वंशवादी राजनीति पर अंकुश लगाने के लिए बीजेपी अपने संगठन के भीतर ही एक कोशिश शुरू कर दी है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में अगर किसी के टिकट कटे हैं तो यह मेरी जिम्मेदारी है। 

परिवारवाद को बढ़ावा देने खिलाफ पीएम मोदी

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कई बीजेपी नेताओं ने अपने परिवार के सदस्यों के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने कई लोगों की मांग को खारिज कर दिया था। यहां तक कि सांसद रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे मयंक के लिए लखनऊ से टिकट मांग रही थीं, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया। उनके अलावा कई और नेता भी अपने परिजनों को टिकट देने के लिए लॉबिंग कर रहे थे, लेकिन उन्हें भी निराशा ही हाथ लगी। गोवा में भी बीजेपी ने पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर को टिकट नहीं दिया था। वह पणजी सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन बीजेपी ने इससे इनकार किया था। इस पर पर्रिकर इसी सीट से निर्दलीय ही उतर गए थे। हालांकि उन्हें चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा।

परिवारवादी राजनीति के सूर्यास्त की भविष्यवाणी

चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि जिस एक बात पर मैंने सबसे ज्यादा चिंता जताई थी, वो थी – घोर परिवारवाद। मैंने राज्यों के लोगों को बताया कि कैसे परिवारवाद उनके राज्य को पीछे ले जा रहा है। और मुझे खुशी है कि मतदाताओं ने इस बात को समझते हुए भी अपना वोट दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि ये मेरे शब्द लिखकर रखिए। भारत में परिवारवादी राजनीति का सूर्यास्त एक ना एक दिन जरूर होगा, आज के चुनाव परिणामों ने तय कर दिया है।

परिवारवाद से प्रतिभा और देश को नुकसान

प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि जब राजनीति में परिवारवाद होता है तो सबसे बड़ा नुकसान प्रतिभा और देश को होता है। परिवार द्वारा संचालित पार्टियां लोकतंत्र की सबसे बड़ी दुश्मन हैं, क्योंकि यह बुनियादी मानदंडों को नकारती है। उनका लक्ष्य परिवार को बचाना है चाहे पार्टी बचे या न बचे, देश बचे या न बचे। वंशवादी राजनीति युवाओं को राजनीति में प्रवेश करने से रोकती है। वंशवाद की राजनीति के कारण विकल्प सीमित हो जाता है। परिवारवादी पार्टियां युवाओं को कुछ समय के लिए इस्तेमाल करती है और फिर बेसहारा छोड़ देती है। इसकी वजह से आज युवा राजनीति में प्रवेश करने से डर रहे हैं। वहीं बीजेपी लोकतांत्रिक तरीके से काम कर रही है और युवाओं को पर्याप्त अवसर दे रही है। इसलिए युवा बीजेपी से जुड़ रहे हैं।

 

 

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