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पीएम मोदी के विजन से राजस्थान में आया करोड़ों का निवेश, अगले साल फिर होगा राइजिंग राजस्थान इंवेस्टमेंट समिट

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यूं ही विजनरी लीडर नहीं कहा जाता, जिनके नेतृत्व की देश की इकोनॉमी नित-नई ऊंचाइयां छू रही है। दरअसल, गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए ही नरेन्द्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात इन्वेस्टमेंट समिट के जरिए पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था। पहली ऐसी समिट कराने से वैश्विक निवेशकों को गुजरात लाने में सफलता तो मिली ही, बाद के वर्षों में भी ऐसे कई समिट कराने से राज्य को इकोनॉमिक ग्रोथ ने नए रिकॉर्ड बनाए। पीएम मोदी के विजन पर चलते हुए राजस्थान में पिछले साल से राइजिंग राजस्थान इंवेस्टमेंट समिट शुरू किया। इसी की पहली वर्षगांठ पर बुधवार (10 दिसंबर) को राजधानी में प्रवासी राजस्थान दिवस के भव्य आयोजन हुआ। इसमें सीएम और राज्यपाल के अलावा केंद्र के कई मंत्री शामिल हुए। खुद पीएम नरेन्द्र मोदी ने राज्य सरकार को संदेश के माध्यम से प्रवासी राजस्थानी दिवस के आयोजन के लिए बधाई दी। इस दौरान 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों की ग्राउंड ब्रेकिंग की गई, जिससे राइजिंग राजस्थान समिट के बाद से धरातल पर उतरी परियोजनाओं की कुल राशि बढ़कर 8 लाख करोड़ से भी ज्यादा हो गई है।

राइजिंग राजस्थान’ के तहत हुए एमओयू की प्रगति और ग्राउंडब्रेकिंग

जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (JECC) में हुए इस वृहद आयोजन के उद्घाटन सत्र में वेदांता ग्रुप ने राजस्थान में इंडस्ट्रियल पार्क बनाने की भी घोषणा की। इसी सत्र में कॉफी टेबल बुक ‘कमिटमेंट इन एक्शन’ का भी विमोचन किया गया, जिसमें ‘राइजिंग राजस्थान’ के तहत हुए एमओयू की प्रगति और ग्राउंडब्रेकिंग की विस्तृत जानकारी शामिल है। कार्यक्रम में प्रवासी राजस्थानियों और राज्य के बीच भावनात्मक जुड़ाव तथा साझा सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाली एक विशेष फिल्म भी प्रदर्शित की गई। यह आयोजन राज्य की कला, संस्कृति, आर्थिक निवेश और प्रवासी समाज के महत्व को दर्शाने का अद्भुत मंच बना। इसमें देश-विदेश और भारत के अलग-अलग राज्यों से प्रवासी राजस्थानी, जिनमें खासतौर पर दिग्गज उद्योगपति शामिल हुए। राजस्थान प्रवासियों के लिए सिर्फ कला और संस्कृति का केंद्र ही नहीं है, बल्कि यह स्टार्टअप, पर्यटन, संस्कृति, रियल एस्टेट, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं का भी हब है, इसी कारण हर साल हजारों प्रवासी राजस्थानी इसमें शामिल हुए।

प्रवासी राजस्थानी सामाजिक-आर्थिक ढांचे को मजबूती के लिए जुटे

इस अवसर पर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने प्रवासी राजस्थानियों का आह्वान किया कि वे मातृभूमि का कर्ज चुकाने यहां अधिक से अधिक निवेश करें। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों ने राजस्थान के सामाजिकआर्थिक ढांचे को मजबूत करने में सदा मदद की है। प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन राजस्थान के प्रवासियों के आर्थिक योगदान को राष्ट्रीय विकास से जोड़ने का बहुत बड़ा माध्यम हैं। उन्होंने राजस्थान को भक्ति और शक्ति के साथ लक्ष्मीपुत्रों की धरती बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी पहल से एक साथ इतने प्रवासी राजस्थानियों का यह भव्य सम्मेलन भविष्य के लिए बहुत बड़ी निवेश संभावनाएं लिए है। राज्यपाल बागडे ने कहा कि प्रवासी राजस्थानी प्रदेश में आएं, यहां उन्हें मानव शक्ति और ज़मीन आदि सभी सुविधाएं समयबद्ध प्रदान की जाएंगी। उन्होंने राजस्थान की अपनत्व भरी ‘पधारो म्हारे देश’ की संस्कृति की चर्चा करते हुए कहा कि मातृभूमि के विकास के लिए प्रवासी को यहां हर क्षेत्र में सहयोग करने, उद्यमिता से युवाओं को रोजगार देने के प्रयासों में भागीदारी बढ़ाएं।

मुख्यमंत्री ने 2 वर्ष के कार्यकाल में सबको जोड़ने का किया कार्य

केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने राजस्थान को परंपरा, आधुनिकता, विकास और विरासत के अद्भुत संतुलन वाला राज्य बताते हुए कहा कि प्रदेश के पास डेमोग्राफिक डिविडेंड, डिपेण्डेबिलिटी, डिसाइसिवनेस, डिवोशन, डिमाण्ड और डाइवर्सिटी की अद्भुत क्षमता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की सबसे बड़ी ताकत इसकी डेमोग्राफिक डिविडेंड यानी विशाल युवा शक्ति है, जिनके दम पर राज्य तेजी से प्रगति की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने प्रदेश के नेतृत्व की निर्णय क्षमता, विश्वसनीयता और वादों को निभाने की परंपरा को राज्य की विशेष पहचान बताते हुए कहा कि राजस्थान पर भरोसा इसलिए किया जाता है क्योंकि यहां हर वादा निभाया जाता है, यही डिपेंडेबिलिटी राज्य को अनूठा बनाती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने 2 वर्ष के कार्यकाल में सबको जोड़ने का काम किया है। उद्योग और निवेश के लिए राइजिंग राजस्थान की पहल और प्रवासी राजस्थानी दिवस महत्वपूर्ण पड़ाव है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने कहा कि राजस्थान में 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा कम समय में धरातल पर उतर चुका है।

अगले वर्ष फिर होगा राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट- मुख्यमंत्री

सीएम भजनलाल शर्मा के मुताबिक यह आयोजन केवल एक समारोह नहीं, बल्कि राजस्थान की संस्कृति, परंपरा और वैश्विक पहचान का मिलन है। दुनिया में कहीं भी रहने वाले प्रवासी राजस्थानी आज भी अपनी मिट्टी से जुड़े हैं और उन्होंने देश-दुनिया में राजस्थान का गौरव बढ़ाया है। प्रवासी राजस्थानियों के योगदान और उनके सम्मान के उत्सव के रूप में हमने हर वर्ष 10 दिसंबर को प्रवासी राजस्थानी दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस वादे को पूरा करते हुए आज पहली बार प्रवासी राजस्थानी दिवस का भव्य आयोजन किया गया है। प्रदेश और प्रवासी समुदाय के जुड़ाव को मजबूत करने के उद्देश्य से राजस्थान फाउंडेशन के 14 नए चैप्टर स्थापित करने की घोषणा की। इनमें से 9 विदेशों और 5 देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने अगले वर्ष फिर से राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के आयोजन की घोषणा भी की। उन्होंने प्रवासी समुदाय से आग्रह किया कि वे राजस्थान आएं और खुशहाल एवं आधुनिक राजस्थान के निर्माण में सहभागी बनें। प्रवासी राजस्थानी दिवस कार्यक्रम में राजस्थान सरकार ने बिजनेसमैन को सम्मानित भी किया। इनमें अनिल अग्रवाल (वेदांता ग्रुप), कुमार मंगलम बिड़ला (आदित्य बिड़ला ग्रुप), विनीत मित्तल (मित्तल ग्रुप), अजय पीरामल (पीरामल ग्रुप), माधव सिंघानिया (जेके सिंघानिया ग्रुप), पूनमचंद राठी, उघमी नरसी कुलरिया (कुलरिया ग्रुप), सीएम मूंदड़ा, मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट और प्रदीप घीसुलाल राठौड़ मुख्य रहे।

विकसित भारत-2047 के संकल्प में राजस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका

मुख्यमंत्री भजनलाल ने कहा कि पीएम मोदी के विकसित भारत-2047 के संकल्प में राजस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमने गत वर्ष राइजिंग राजस्थान समिट के दौरान 35 लाख करोड़ रुपये के समझौते किए थे। आज एक लाख करोड़ रूपये के एमओयू की ग्राउंड ब्रेकिंग के साथ 8 लाख करोड़ रुपये के एमओयू धरातल पर उतर चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश 24 से अधिक नई नीतियों के साथ निवेश के लिए देश के सबसे पसंदीदा राज्य के रूप में उभरा है। प्रदेश में 23 हजार करोड़ रुपये के नए ट्रांसमिशन नेटवर्क, सौर ऊर्जा में 22,860 मेगावाट क्षमता तथा माही-बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना जैसे बड़े कदम प्रदेश को तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया, मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल, केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री भागीरथ चौधरी, वेदांता ग्रुप के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल और टाटा पावर के सीईओ और एमडी श्री प्रवीर सिन्हा सहित कई नामी उद्योगपति, देश-विदेश से आए प्रवासी राजस्थानी एवं गणमान्यजन उपस्थित रहे।

प्रवासी राजस्थानी दिवस में क्या बोले स्पीकर

पीयूष गोयल (केंद्रीय कॉमर्स मिनिस्टर): राजस्थान में निवेश लेकर आइए। पूरी दुनिया में एक करोड़ से ज्यादा प्रवासी राजस्थानी रहते हैं। अगर हर प्रवासी राजस्थानी राजस्थान में अपना योगदान देगा तो दुनिया की कोई ताकत राजस्थान को भारत में नंबर एक बनने से रोक नहीं पाएगी।

राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ (उद्योग मंत्री, राजस्थान): हमारी सरकार ने जो इज ऑफ बिजनेस की दिशा में काम किया। 37 इंडस्ट्रियल एरिया, 2000 इंडस्ट्रियल प्लॉट बनाए। कई तरीके की पॉलिसी बनाई, जिससे आपको बिजनेस करने में आसानी हो।

अनिल अग्रवाल (वेदांता ग्रुप): यहां बनने वाले इंडस्ट्रियल पार्क में जिंक, सिल्वर,सल्फ्यूरिक एसिड, फास्फोरिक एसिड और उसके साथ में एल्युमिनियम और कॉपर बेस की इंडस्ट्री लगा सकते हैं। इस पार्क में 2 करोड़ से लेकर 100 करोड़ की इंडस्ट्रीज लगाई जा सकती है।

गुलाबचंद कटारिया (राज्यपाल): हम जितनी पैरवी राजस्थान की प्रवासियों के बीच नहीं कर सके। उससे ज्यादा अकेले पैरवी तो अनिल अग्रवाल ने कर दी। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानी देश-विदेश में राजस्थान का नाम रोशन किया है। मैं तो फिलहाल टेंपरेरी प्रवासी हूं।

पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य
पिछले साल राइजिंग राजस्थान समिट में पीएम मोदी ने कहा था कि इस प्रदेश में निवेश और विकास की असीमित संभावनाएं हैं। खनिज, पेट्रोलियम, ओटोमोबाइल, टेक्सटाइल, पर्यटन, शिक्षा एवं चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में राजस्थान में निवेश कर अच्छा लाभ अर्जित किया जा सकता है। राज्य सरकार पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। यह समिट इस क्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य में पहली बार एक साथ 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने का काम हाथ में लिया गया है। अक्षय ऊर्जा उत्पादन को पांच सालों में 30 गीगावाट से 125 गीगावाट तक ले जाने के लिए पूरी तेजी से कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल ने कहा कि समिट में 12 अलग-अलग सेक्टर केंद्रित सेशन एवं 8 कंट्री सेशन के साथ प्रवासी राजस्थानी एवं एमएसएमई पर भी विशेष सेशन आयोजित किए गए। जिनमें केंद्र एवं राज्य के मंत्रियों के साथ संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ एवं निवेशक एक साथ बैठकर राज्य में और निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की।  

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