Home नरेंद्र मोदी विशेष प्रधानमंत्री मोदी ने बुजुर्ग कर्मचारी के पैर छूकर लिए आशीर्वाद, देखिए तस्वीरें

प्रधानमंत्री मोदी ने बुजुर्ग कर्मचारी के पैर छूकर लिए आशीर्वाद, देखिए तस्वीरें

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतीय संस्कृति और शिष्टाचार को पूरा सम्मान देते हैं। देश के सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली पद पर पहुंचने के बावजूद उनमें पद का कोई अहंकार नहीं है। वह आज भी अपने से बड़ों का उसी तरह सम्मान करते हैं, जैसे पहले किया करते थे। ऊंचे पद पर पहुंचने के बाद भी पीएम मोदी में कोई बदलाव नहीं आया है। वह अपने करीबी लोगों और जनता के साथ हमेशा एक सेवक के रूप में पेश आते हैं। रविवार को कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के स्थापना के 150वें वर्ष पर आयोजिम कार्यक्रम में मंच पर पहुंचने पर रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन का चेक सौंपते हुए एक बुजुर्ग के पैर छूते नजर आए।

देखिए वीडियो-

हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंच से पैर छूकर सम्मानित किया है। आइए देखते हैं, पीएम ने किन-किन को सम्मानित किया –
हाल ही में 3 जनवरी को कर्नाटक के तुमकुर में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने महिला सम्मान का एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया जो सभी के लिए आदर्श है। कार्यक्रम के दौरान मंच पर देश के तमाम राज्यों के उन किसानों को सम्मानित किया जा रहा था जिन्होंने अपने क्षेत्र में उत्तम काम किया है। कार्यक्रम के दौरान अवॉर्ड पाने वाली एक महिला कंचन वर्मा पीएम मोदी के पैर छूने के लिए आगे बढ़ीं तभी पीएम ने उन्हें ऐसा करने से रोका और उन्हे सम्मान देते हुए वो खुद ही उनके आगे झुक गए।

केशुभाई पटेल के पैर छूए
गुजरात के अडालज में पिछले साल मार्च 2019 में शिक्षण भवन और विद्यार्थी भवन शिलान्यास कार्यक्रम में मंच पर कुछ ऐसा हुआ कि सभी की नजरें टिक गईं। मंच पर गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल भी मौजूद थे जिन्हें पीएम मोदी अपना राजनैतिक गुरु मानते हैं। जैसे ही पीएम मोदी सभी से हाथ मिलाते हुए उनके पास आए तो उन्होंने झट से झुककर केशुभाई पटेल के पैर छू लिए।

पीएम उम्मीदवार बनने के बाद आडवाणी का पैर छू कर लिया आशीर्वाद
बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद नरेंद्र मोदी सितंबर 2013 में पहली बार लालकृष्ण आडवाणी के साथ भोपाल में एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान आडवाणी ने मंच पर नरेन्द्र मोदी को गुलदस्ता भेंट किया, जिसके बाद मोदी ने आडवाणी के पांव छूकर आशीर्वाद लिया।

भीड़ में खड़े भाई का पैर छूए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात चुनाव के दूसरे चरण 14 दिसंबर, 2017 को साबरमती विधानसभा क्षेत्र के राणिप आए। गाड़ी से उतरने के बाद पीएम मोदी यहां के पोलिंग बूथ संख्‍या 115 में वोट डालने के लिए बढ़ रहे थे। तभी उन्होंने वहां भीड़ में खड़े अपने बड़े भाई सोम मोदी के पैर छुए। उसके बाद वह वोट डालने के लिए काफी देर तक लाइन में खड़े रहे। वहां पर उन्होंने कुछ मतदाताओं से बातचीत की और कई लोगों के अभिवादन को स्‍वीकार किया। 

प्रधानमंत्री ने बड़े भाई सोम मोदी के पैर छुकर पुरानी और नई दोनों पीढ़ियों को एक सीख दे गए कि व्यक्ति चाहे कितने ही अच्छे और बड़े पद पर हो, जो बड़े-बुजुर्ग हैं, जब भी अवसर मिले, उनसे आशीर्वाद लेते रहना चाहिए।पीएम को जब भी मौका मिलता है, वह मां, बड़े भाई ही नहीं देश के प्रतिष्ठित बड़े लोगों का आशीर्वाद लेने से नहीं चूकते हैं। पीएम हर साल मां हीरा बेन से आशीर्वाद लेना नहीं भूलते।

पीएम अपने जन्मदिन पर लेते हैं मां का आशीर्वाद 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर बार अपने जन्मदिन पर गांधीनगर आते हैं और मां हीराबेन से आशीर्वाद लेते हैं। 17 सितंबर 2015 को जब मां से आशीर्वाद लेने पहुंचे, तब उनकी मां ने उन्हें पांच हजार एक रुपये नकद और गीता की प्रति भेंट की थी। पीएम मोदी ने इस राशि को कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों के लिए दान कर दिया था। 

पाकिस्तान गए तो नवाज शरीफ की मां के छुए पैर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 दिसंबर, 2012 को पाकिस्तान की सरप्राइज विजिट के दौरान लाहौर उतरे। लाहौर के अलामा इकबाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पाकिस्‍तान के पीएम नवाज शरीफ खुद स्‍वागत करने के लिए खड़े थे। एयरपोर्ट से हेलिकॉप्‍टर में बैठकर दोनों नेता रायविंड पहुंचे, जहां नवाज शरीफ की पोती के निकाह समारोह चल रहा था। घर पहुंचते ही शरीफ ने पीएम मोदी को अपनी मां से मिलवाया। जैसे ही शरीफ की मां हॉल में आईं, मोदी ने उनके पैर छुए। 

पैर छूकर किया स्वच्छाग्रहियों का सम्मान
चंपारण सत्याग्रह के सौ साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बतौर मुख्य अतिथि आए। इस मौके पर 10 अप्रैल, 2018 को स्वच्छता के लिए अभियान चलाने वाले कुछ लोगों को मान-सम्मान दिया जा रहा था। इस कार्यक्रम में एक अप्रत्याशित घटना घटी, जिसका साक्षी पूर्वी चंपारण का गांधी मैदान बना। हुआ यूं कि बिहार के नालंदा की स्वच्छाग्रही बेटी रिंकू देवी को जब पीएम सम्मानित कर रहे थे, तब रिंकू पीएम मोदी के पांव छूने के लिए झुकी। लेकिन पीएम मोदी ने रिंकू देवी के पांव छूकर स्वच्छता का वाहक बनने का इनाम देकर गौरवांवित किया। इस पल का जो भी साक्षी बना, पीएम मोदी के इस व्यवहार को देखकर उनके प्रति आदर और बढ़ गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ सफाईकर्मियों के पखारे पांव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज कुंभ में कुछ ऐसा कर दिखाया, जो पहले किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ मेले की स्वच्छता में बड़ी भूमिका निभाने वाले पांच सफाई कर्मचारियों के पैर धोए। पवित्र संगम में डुबकी लगाने के बाद उन्होंने कुंभ सफाईकर्मियों के पांव पखारे और कर्मयोगी की संज्ञा देकर सम्मानित भी किया। पीएम मोदी ने सफाई कर्मचारियों के पांव पखार सामाजिक सुधार की कड़ी को एक नई ऊंचाई दी।

पीएम मोदी ने आदिवासी महिला को पहनाई चप्पल
अप्रैल 2018 में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 127वीं जयंती के मौके पर छत्तीसगढ़ के बीजापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक आदिवासी महिला को मंच पर अपने हाथों से चप्पल पहनाई। जब पीएम मोदी रत्नी बाई को चप्पल पहना रहे थे तब सभा स्थल में तालियों की गूंज सुनाई दे रही थी। इस दौरान पीएम मोदी ने तेंदूपत्ता संग्राहक महिलाओं में चप्पलों का वितरण किया।

बकरी बेचकर शौचालय बनाने वाली वयोवृद्ध कुंवर बाई के छुए पैर 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले राजनंदगांव के कुरुभात गांव में श्यामा प्रसाद मुखर्जी अर्बन मिशन को लॉन्च करने 21 फरवरी, 2016 को आए थे। वहां उन्होंने 105 साल की वयोवृद्ध महिला कुंवर बाई को सम्मानित किया था। उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच पर ही कुंवर बाई के पांव भी छुए थे। कुंवर बाई छत्तीसगढ़ के कोटाभरी गांव की रहने वाली थी। बाई के पास 10 बकरियां थी। उनमें से उन्होंने 8 को बेच दिया था। बकरियां बेचकर जो पैसा आया उससे कुंवर बाई ने घर में ही दो टॉयलेट बनावाए। इसके अलावा वह गांव के लोगों को अपने घर बुलाकर टॉयलेट का महत्व भी समझाती थीं।  

कर्नल निजामुद्दीन के छुए पैर 
वाराणसी की रोहनिया की रैली में 8 मई 2014 को नरेन्द्र मोदी ने जिस शख्स के पैर छूकर आशीर्वाद लिया, वह कर्नल निजामुद्दीन थे। वह सुभाष चंद्र बोस के ड्राइवर और बाडीगार्ड रह चुके थे। 7 फरवरी 2017 को 117 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। कर्नल निजामुद्दीन की हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, जर्मन, जापानी, बांग्ला समेत ग्यारह भाषाओं पर पकड़ थी। कर्नल अचूक निशानेबाज थे। उन्होंने बताया कि 1945 में जंग के दौरान ब्रिटिश जहाज मार गिराया था। मुबारकपुर आजमगढ़ के ग्राम ढकवां के साकिन कर्नल निजामुद्दीन पांच जून 1969 में सिंगापुर से भारत लौटे थे। 

देखिए और तस्वीरें-

मां अमृतानंदमयी से आशीर्वाद प्राप्त करते पीएम नरेन्द्र मोदी।

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