प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 4 जनवरी, 2022 को मणिपुर और त्रिपुरा में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी इंफाल में 4800 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 22 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास के साथ अगरतला में वे महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डे पर नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे।
मणिपुर में, प्रधानमंत्री मोदी लगभग 1850 करोड़ रुपये लागत वाली 13 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और लगभग 2950 करोड़ रुपये लागत वाली 9 परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। ये परियोजनाएं सड़क निर्माण, पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य, शहरी विकास, आवास, सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, कला और संस्कृति जैसे विविध क्षेत्रों से संबंधित हैं।
कनेक्टिविटी में सुधार के लिए देशव्यापी परियोजनाओं के अनुरूप, प्रधानमंत्री मोदी 1700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाली पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण की आधारशिला रखेंगे। कुल 110 किलोमीटर से अधिक लंबाई वाले इन राजमार्गों का निर्माण, इस क्षेत्र में सड़क संपर्क में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इंफाल से सिलचर के लिए साल भर की निर्बाध कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए बराक नदी पर एनएच-37 पर 75 करोड़ रुपए से अधिक लागत से निर्मित स्टील ब्रिज का निर्माण होने से यातायात की भीड़ कम होगी, जो एक महत्वपूर्ण बुनियादी सुविधा होगी। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री इस स्टील ब्रिज का उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री करीब 1100 करोड़ रुपये की लागत से बने 2,387 मोबाइल टावर भी मणिपुर के लोगों को समर्पित करेंगे। यह राज्य की मोबाइल कनेक्टिविटी को और भी अधिक बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
राज्य में पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं के उद्घाटन से हर घर को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के प्रयास को बल मिलेगा। प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की जाने वाली परियोजनाओं में 280 करोड़ रुपए की लागत वाली ‘थौबल बहुउद्देश्यीय जल संचरण प्रणाली परियोजना’, तामेंगलोंग जिले की दस बस्तियों के निवासियों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 65 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित तामेंगलोंग मुख्यालय के लिए जल संरक्षण द्वारा जलापूर्ति योजना और क्षेत्र के निवासियों को नियमित जलापूर्ति प्रदान करने के लिए 51 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित ‘सेनापति जिला मुख्यालय जलापूर्ति योजना का विस्तार’ शामिल हैं।
प्रधानमंत्री इंफाल में पीपीपी आधार पर लगभग 160 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाले अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखेंगे।इसके अलावा, राज्य में कोविड से संबंधित बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री कियामगेई में ‘200 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल’ का उद्घाटन करेंगे, जिसे डीआरडीओ के सहयोग से लगभग 37 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी 170 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार, इंफाल स्मार्ट सिटी मिशन की तीन परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इनमें ‘एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी)’, ‘इंफाल नदी पर पश्चिमी नदी के किनारे का विकास (चरण-I)’ और ‘थंगल बाजार में माल रोड (चरण-I) का विकास’ शामिल हैं।
प्रधानमंत्री करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से राज्य में बनने वाले ‘सेंटर फॉर इन्वेंशन, इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (सीआईआईआईटी)’ की आधारशिला रखेंगे। यह परियोजना राज्य में सबसे बड़ी पीपीपी पहल है, जो राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करने के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र को बढ़ावा देगी।
प्रधानमंत्री हरियाणा के गुरुग्राम में मणिपुर इंस्टिट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स के निर्माण की आधारशिला भी रखेंगे। हरियाणा में मणिपुर के ऐसे सांस्कृतिक संस्थान का विचार पहली बार 1990 में किया गया था, लेकिन यह पिछले कई वर्षों तक अमल में नहीं आया। यह संस्थान 240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जाएगा, जो राज्य की समृद्ध कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देगा। राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को और मजबूत करते हुए प्रधानमंत्री इंफाल में नवीकृत और पुनर्निर्मित गोविंदजी मंदिर का उद्घाटन करेंगे। श्री मोदी मोइरंग में आईएनए परिसर का भी उद्घाटन करेंगे, जो भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित करेगा।
‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास’ के मंत्र के अनुरूप प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री 130 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 72 परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। ये परियोजनाएं अल्पसंख्यक समुदायों के समग्र विकास के लिए स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्रों में मूलभूत सहायता प्रदान करेंगी।
राज्य में हथकरघा उद्योग को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी 36 करोड़ रुपये की लागत वाली दो परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। पहली परियोजना इंफाल पूर्वी जिले के नोंगपोक काकचिंग में ‘मेगा हैंडलूम क्लस्टर’ है, जिससे इंफाल पूर्वी जिले में लगभग 17,000 बुनकर लाभान्वित होंगे और दूसरी परियोजना मोइरंग में ‘क्राफ्ट एंड हैंडलूम विलेज’, जो बुनकर परिवारों की मदद करेगा, मोइरंग की पर्यटन संभावना का लाभ प्राप्त करेगा तथा लोकतक झील से सटे और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा।
प्रधानमंत्री न्यू चेकऑन में लगभग 390 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सरकारी आवासीय क्वार्टरों के निर्माण की आधारशिला भी रखेंगे। यह आधुनिक सुविधाओं से युक्त इंटीग्रेटेड हाउसिंग कॉलोनी होगी। वे इम्फाल पूर्व के इबुधौमारजिंग में रोपवे परियोजना की आधारशिला भी रखेंगे।
प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की की जाने वाली अन्य परियोजनाओं में कौशल विकास सुविधा (ईएसडीआई) बढ़ाने के तहत नया औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई), कांगपोकपी और सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय का एक नया कार्यालय भवन शामिल है।
त्रिपुरा में प्रधानमंत्री मोदी महाराजा बीर बिक्रम (एमबीबी) हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे और मुख्यमंत्री त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना और विद्याज्योति स्कूल परियोजना मिशन 100 प्रमुख पहलों का शुभारंभ करेंगे। लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डे का नया एकीकृत टर्मिनल भवन, आधुनिक सुविधाओं से युक्त और नवीनतम आईटी नेटवर्क एकीकृत प्रणाली द्वारा समर्थित 30,000 वर्गमीटर में फैला एक अत्याधुनिक भवन है। नए टर्मिनल भवन का विकास देश भर के सभी हवाई अड्डों में आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के प्रधानमंत्री की पहल के अनुरूप एक प्रयास है।
विद्याज्योति स्कूल परियोजना मिशन 100 का उद्देश्य राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है और 100 मौजूदा उच्च/उच्च माध्यमिक विद्यालयों को अत्याधुनिक सुविधाओं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ विद्याज्योति विद्यालयों में परिवर्तित करना है। यह परियोजना नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक के लगभग 1.2 लाख छात्रों को कवर करेगी और अगले तीन वर्षों में लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना का उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर मुख्य विकास क्षेत्रों में सेवा वितरण के लिए बेंचमार्क मानकों तक पहुंचना है। इस योजना के लिए चुने गए प्रमुख क्षेत्रों में घरेलू नल कनेक्शन, घरेलू बिजली कनेक्शन, सभी मौसम के अनुकूल सड़कें, हर घर के लिए शौचालय, प्रत्येक बच्चे के लिए अनुशंसित टीकाकरण, स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की भागीदारी आदि शामिल हैं। यह योजना गांवों को विभिन्न क्षेत्रों में सेवा वितरण के लिए बेंचमार्क तक पहुंचने में मदद करके लाभान्वित करेगी और जमीनी स्तर पर सेवा वितरण में सुधार के लिए गांवों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करेगी।