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विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिरा: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- 2028 में अच्छी तैयारी के साथ आना

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मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिर गया है। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर 8 और 9 अगस्त को बहस हुई। 8 अगस्त को बहस की शुरुआत कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने की और आज 10 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब के साथ अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि 2018 में मैंने नेता सदन के नाते उनको काम दिया था कि 2023 में वो अविश्वास प्रस्ताव लाएं। अब 2028 में लाने का काम उनको दे रहा हूं, लेकिन कम से कम थोड़ी तैयारी करके आएं। ताकि जनता को लगे कि कम से कम विपक्ष के वो लायक है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक तरह से विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए शुभ होता है। आज मैं देख रहा हूं कि आपने तय कर लिया है कि जनता के आशीर्वाद से एनडीए और बीजेपी 2024 के चुनाव में पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़कर शानदार जीत के साथ वापस आएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष को भारत के सामर्थ्य पर विश्वास नहीं है। इनको भारत के लोगों पर विश्वास नहीं है। लेकिन इस सदन को बताना चाहता हूं कि इस देश का भी, भारत के लोगों का कांग्रेस के प्रति अविश्वास का भाव बहुत गहरा है। कांग्रेस अपने घमंड में इतनी चूर हो गई है कि उसे ज़मीन नहीं दिखाई दे रही है। मैं विपक्ष के साथियों से कहना चाहता हूं कि आप जिसके पीछे चल रहे हैं, उसको तो इस देश की जुबान और संस्कार की समझ ही नहीं बची है। पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग लाल मिर्च और हरी मिर्च का फर्क ही नहीं समझ पाए हैं।

बहस के दौरान उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस की परेशानी समझ सकता हूं। वर्षों से वे बार-बार एक असफल उत्पाद लॉन्च करते रहे हैं। हर बार लॉन्चिंग फेल हो जाती है। नतीजा यह है कि मतदाताओं के प्रति उनकी नफरत चरम पर पहुंच गयी है। लॉन्चिंग विफल हो जाती है और वे मतदाताओं के प्रति घृणा रखते हैं। लेकिन पीआर वाले मोहब्बत की दुकान का प्रचार करते हैं। इसीलिए देश की जनता कह रही है, ये है लूट की दुकान, झूठ का बाजार।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कल यहां दिल से बात करने की बात भी कही गई थी। उनके दिमाग के हाल को तो एक लंबे समय से जानता हूं। अब उनके दिल का भी पता चल गया।

प्रधानमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि जिन्हें सिर्फ नाम का सहारा है, उन्हीं के लिए कहा गया है-
दूर युद्ध से भागते, नाम रखा रणधीर,
भागचंद की आज तक सोई है तकदीर।

राहुल गांधी के बयान पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सदन में मां भारती के बारे में जो कहा गया है, उसने हर भारतीय की भावना को ठेस पहुंचाई है। ये लोग भारत माता की मृत्यु की कामना कर रहे हैं। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने I.N.D.I.A गठबंधन पर हमला करते हुए कहा कि इनकी मुसीबत ऐसी है कि खुद को जिंदा रखने के लिए इनको NDA का ही सहारा लेना पड़ा है। लेकिन आदत के मुताबिक घमंड का ‘I’ छूटता नहीं इसलिए NDA में घमंड के दो ‘I’ पिरो दिए। पहला ‘I’ 26 दलों का धमंड और दूसरा ‘I’ एक परिवार का घमंड। खुद बचने के लिए NDA भी चुराया और इंडिया के भी टुकड़े किए।

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब सब कुछ उग्रवादी संगठनों की इच्छा के अनुरूप होता था तब मणिपुर में किसकी सरकार थी? मणिपुर में किसकी सरकार थी जब सरकारी कार्यालयों में महात्मा गांधी की तस्वीर को अनुमति नहीं दी गई थी, मणिपुर में किसकी सरकार थी जब स्कूलों में राष्ट्रगान की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया गया था?… उनका दर्द सेलेक्टिव है। वे राजनीति से परे सोच ही नहीं पाते।

उन्होंने कहा कि 5 मार्च 1966 को कांग्रेस ने अपनी वायु सेना से मिजोरम में असहाय नागरिकों पर हमला करवाया। कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि क्या यह किसी अन्य देश की वायु सेना थी। क्या मिजोरम के लोग मेरे देश के नागरिक नहीं थे? क्या उनकी सुरक्षा भारत सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी?

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने नार्थ-ईस्ट के विकास को पहली प्राथमिकता दी है। पिछले 9 वर्षों में लाखों-करोड़ रुपये पूर्वोत्तर के विकास पर हमने लगाए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारें हर संभव कोशिश कर रही हैं। मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आने वाले समय में मणिपुर में शांति बहाल होगी। मैं मणिपुर की महिलाओं और बेटियों सहित मणिपुर के लोगों से कहना चाहता हूं कि देश आपके साथ है।

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