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प्रधानमंत्री मोदी ने रखा COP33 होस्ट करने का प्रस्ताव, कहा- विश्व कल्याण के लिए सबके हितों की सुरक्षा आवश्यक

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार, 1 दिसंबर, 2023 को संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन भारत में आयोजित करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि आज मैं इस मंच से COP 33 को 2028 में भारत में होस्ट करने का प्रस्ताव रखता हूं। दुबई में COP 28 में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्व कल्याण के लिए सबके हितों की सुरक्षा आवश्यक है, सबकी भागीदारी आवश्यक है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत जलवायु न्‍याय, जलवायु वित्त और ग्रीन क्रेडिट जैसे महत्‍वपूर्ण मुद्दों का निरंतर समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि भारत ने विकास मॉडल तथा अर्थव्‍यवस्‍था और पारिस्थितिकी तंत्र के बीच संतुलन विश्व के सामने रखा है। भारत दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी का घर है लेकिन वैश्विक कार्बन उत्‍सर्जन में उसकी हिस्‍सेदारी चार प्रतिशत से नीचे बनी हुई है। उन्‍होंने बताया कि भारत अपने नेशनल डिटरमाइंड कंट्रीबुशन-एडीसी लक्ष्‍य प्राप्‍त करने की दिशा में बढ़ रहा है। वह उत्‍सर्जन घटाने का लक्ष्‍य 11 वर्ष पहले और गैर खनिज ईंधन का लक्ष्‍य नौ वर्ष पहले प्राप्‍त कर लेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महत्‍वाकांक्षी लक्ष्‍यों में वर्ष 2030 तक 30 प्रतिशत उत्‍सर्जन घटाने और वर्ष 2070 तक गैर खनिज ईंधन की हिस्‍सेदारी बढाकर 50 प्रतिशत करने और नेट जीरो उत्‍सर्जन शामिल है। उन्होंने ग्रीन क्रेडिट पहल का प्रस्‍ताव किया। इसमें व्‍यवसायिक पहल से अलग आम जनता को कार्बन क्रेडिट देने का प्रस्‍ताव किया गया है।

उन्होंने कहा कि भारत ने वैकल्पिक इंधन के लिए हाइड्रोजन के क्षेत्र को बढ़ावा दिया औऱ ग्लोबल बॉयोफ्यूल एलाइंस भी लॉन्च किया। और हम मिलकर इस नतीजे पर पहुंचे कि क्लाइमेट फाइनेंस प्रतिबद्धता को बिलियन्स से बढ़ा कर कई ट्रिलियन तक ले जाने की आवश्यकता है। भारत 13 देशों में इससे जुड़े प्रोजेक्ट्स तेजी से आगे बढ़ा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली शताब्दी की गलतियों को सुधारने के लिए हमारे पास बहुत ज्यादा समय नहीं है। मानव जाति के एक छोटे हिस्से ने प्रकृति का अंधाधुंध दोहन किया। लेकिन इसकी कीमत पूरी मानवता को चुकानी पड़ रही है, विशेषकर ग्लोबल साउथ के निवासियों को। सिर्फ मेरा भला हो, ये सोच, दुनिया को एक अंधेरे की तरफ ले जाएगी। पूरी दुनिया आज हमें देख रही है, इस धरती का भविष्य हमें देख रहा है। हमें सफल होना ही होगा।

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