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प्रधानमंत्री ने विपक्ष की बैठक को बताया कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन, कहा- भारत की बदहाली के जिम्मेदार लोग अपनी दुकान खोलकर बैठ गए हैं

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेंगलुरु में हो रहे विपक्षी दलों की बैठक को कट्टर भ्रष्टाचारियों का सम्मेलन करार दिया है। मंगलवार, 18 जुलाई को पोर्ट ब्लेयर स्थित वीर सावरकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में हमारा भारत, कहीं से कहीं पहुंच सकता था। हम भारतीयों के सामर्थ्य में कभी कोई कमी नहीं रही है। लेकिन सामान्य भारतीय के इस सामर्थ्य के साथ हमेशा भ्रष्टाचारी और परिवारवादी पार्टियों ने अन्याय किया। आज देश के लोग 2024 चुनाव में फिर एक बार हमारी सरकार वापस लाने का मन बना चुके हैं, निर्णय ले चुके हैं। ऐसे में भारत की बदहाली के जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोलकर बैठ गए हैं।

कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मौके पर मुझे अवधी भाषा में लिखी एक कविता की पंक्ति याद आ रही है कि गाइत कुछ है, हाल कुछ है, लेबल कुछ है, माल कुछ है। 24 के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों पर ये फिट बैठता है। यानि गाना कोई और गाया जा रहा है, जबकि सच्चाई कुछ और है। लेबल किसी और का लगाया गया है, जबकि प्रॉडक्ट कुछ और ही है। इनकी दुकान की यही सच्चाई है। इनकी दुकान पर दो चीजों की गारंटी मिलती है। एक तो ये अपनी दुकान पर जातिवाद का जहर बेचते हैं। और दूसरा, ये लोग असीमित भ्रष्टाचार करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन सबने कई चहेरे लगा रखे हैं। उन्होंने कहा कि एक जमाने में एक गाना बहुत मशहूर था, मुझे तो पूरा याद नहीं है, लेकिन मुझे याद आ रहा है- एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग। आप देखिए, ये लोग कितने चेहरे लगाकर बैठे हैं। जब ये लोग कैमरे के सामने एक फ्रेम में आ जाते हैं, तो पहला विचार देश के सामने क्‍या आता है- पहला विचार देश के लोगों के मन में यही आता है, पूरा फ्रेम देख करके देशवासी यही बोलता है- लाखों करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार। इसलिए देश की जनता कह रही है कि ये तो ‘कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन’ हो रहा है। ये लोग गा कुछ और रहे हैं, हाल कुछ और है। इन्होंने लेबल कुछ और लगाया हुआ है, माल कुछ और है। इनका प्रॉडक्ट है- 20 लाख करोड़ रुपए के घोटाले की गारंटी।

उन्होंने कहा कि इस बैठक की एक और खास बात है। अगर कोई करोड़ों के घोटाले में जमानत पर हैं, तो उसे बहुत सम्मान की नजर से देखा जाता है। अगर पूरा का पूरा परिवार ही जमानत पर है, तो उसकी और ज्यादा खातिरदारी होती है। अगर किसी दल का कोई वर्तमान मंत्री भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाता है, तो उसे एक्स्ट्रा नंबर देकर, ‘स्पेशल इन्वाइटी’ बनाकर बुलाया जाता है। अगर कोई किसी समाज का अपमान करता है, अदालत से सजा पाता है, तो उसकी बड़ी आवभगत होती है। अगर कोई अदालत से करोड़ों के घोटाले में दोषी पाया गया है, तो इस बैठक में शामिल होने की उसकी क्वालिफिकेशन और बढ़ जाती है। बल्कि ये लोग तो उससे मार्गदर्शन मांगते हैं। भ्रष्टाचार को लेकर इनमें बड़ी आत्मीयता है, बड़ा प्रेम है। इसलिए 20 लाख करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार की गारंटी देने वाले ये लोग बड़े प्रेम से, बड़ी आत्‍मीयता से आपस में मिल रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भ्रष्टाचार की इस दुकान में जुटे ये सभी परिवारवाद के कट्टर समर्थक हैं। ना खाता ना बही, जो परिवार कहे, वही सही। लोकतंत्र के लिए कहा जाता है- Of the People, By the People, For the People. लेकिन इन परिवारवादियों का मंत्र है- Of the family, By the family, For the family.

विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘ Family First, Nation Nothing इन लोगों का मोटो है, इनकी यही प्रेरणा है। ये लोग देश के लोकतंत्र को, देश के संविधान को अपना बंधक बनाना चाहते हैं। इनके लिए मैं यही कहना चाहूंगा…नफरत है, घोटाले हैं। तुष्टिकरण है, मन काले हैं। परिवारवाद की आग के, दशकों से देश हवाले है। इनके लिए देश के गरीब के बच्चों का विकास नहीं बल्कि अपने बच्चों का, अपने भाई-भतीजों का विकास मायने रखता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इनकी एक ही विचारधारा है, एक ही एजेंडा है- अपना परिवार बचाओ, परिवार के लिए भ्रष्टाचार बढ़ाओ! इनका कॉमन मिनिमम प्रोग्राम है- देश का विकास रोकना, अपने कुशासन पर पर्दा डालना और अपने भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई को रोकना। उन्होंने कहा कि ये जो जमात इकट्ठी हुई है ना, उनके कुनबे में बड़े से बड़े घोटालों पर, अपराधों पर इनकी जुबान बंद हो जाती है। जब किसी एक राज्य में इनके कुशासन की पोल खुलती है, तो दूसरे राज्यों के ये लोग फौरन उसके बचाव में तर्क देने लगते हैं। कहीं बाढ़ घोटाला होता है, किसी का अपहरण होता है, तो कुनबे के सारे लोग सबसे पहले चुप हो जाते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपने देखा है कि कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव हुए हैं। वहां सरेआम हिंसा हुई, लगातार खून-खराबा हो रहा है। इस पर भी इन सबकी बोलती बंद है। कांग्रेस के, लेफ्ट के अपने कार्यकर्ता वहां खुद को बचाने की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस और लेफ्ट के नेताओं ने अपने स्वार्थ में, अपने कार्यकर्ताओं को भी मरने के लिए छोड़ दिया है। राजस्थान में बेटियों से अत्याचार हो या परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हों, इन्हें कुछ दिखाई नहीं देता। परिवर्तन की बातें करके जनता से विश्वासघात करने वाले जब करोड़ों का शराब घोटाला करते हैं, तो ये कुनबा फिर उन्हें कवर देने लग जाता है। इनका कट्टर भ्रष्टाचार उन्हें तब दिखाई देना बंद हो जाता है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जब देश की कोई एजेंसी इन पर कार्रवाई करती है, तो इनका टेप रिकॉर्डर शुरू हो जाता है- कुछ हुआ ही नहीं…सब साजिश है, हमें फंसाया जा रहा है। आप तमिलनाडु में देखिए, भ्रष्टाचार के, घोटाले के अनेक मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन इनके कुनबे के सारे दलों ने पहले ही सबको क्लीन चिट दे दी है।

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