प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को गुटनिरपेक्ष देशों (NAM) के वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि हम कोविड-19 संकट से जूझ रहे हैं, ऐसे में भी कुछ लोग आतंकवाद, फेक न्यूज और फर्जी वीडियो फैलाने में लगे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘अब जबकि विश्व कोविड-19 के खिलाफ जंग लड़ रहा है, ऐसे में कुछ लोग अन्य घातक वायरसों को फैलाने में व्यस्त हैं। जैसे आतंकवाद। जैसे फेक न्यूज और डॉक्टर्ड वीडियो, समाजों और देशों को बांटने के लिए। लेकिन आज, मैं केवल सकारात्मवक बातों पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं। हम एक आंदोलन के रूप में एकजुट होकर इस स्वास्थ्य संकट का मुकाबला करने में विश्व की मदद कर सकते हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं इस वर्चुअल कॉन्फ्रेंस का आयोजन करने के लिए अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव का आभार प्रकट करता हूं। सबसे पहले मैं उन सभी के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं, जिन्होंने दुनिया भर में फैली कोविड-19 महामारी के कारण अपने प्रियजनों को खो दिया है। आज, मानवता दशकों के सबसे गंभीर संकट का सामना कर रही है। ऐसे में गुटनिरपेक्ष आंदोलन वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकता है। गुटनिरपेक्ष आंदोलन अक्सर दुनिया की नैतिक आवाज रहा है। इस भूमिका को बरकरार रखने के लिए, गुटनिरपेक्ष आंदोलन को आवश्यक रूप से समावेशी बने रहना होगा।’
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा, ‘अपनी आवश्यकताओं के बावजूद, हमने गुटनिरपेक्ष आंदोलन के 59 सदस्य देशों सहित अपने 123 साझेदार देशों को चिकित्सा आपूर्ति भेजना सुनिश्चित किया है। हम उपचार और वैक्सीन विकसित करने के वैश्विक प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। भारत में जड़ी-बूटियों पर आधारित दुनिया की प्राचीनतम परम्परागत औषधि प्रणाली विद्यमान है। हम लोगों की स्वाभाविक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने में उनकी सहायता करने के लिए सरल आयुर्वेदिक घरेलू उपचार मुक्त भाव से उनके साथ साझा करते हैं।’
NAM के वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘जिस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समस्त मानव जाति के शारीरिक और मानसिक कल्याण को बेहतर बनाता है। जिस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, हमारे ग्रह को जलवायु परिवर्तन की व्याधि से स्वस्थ होने में मदद करता है। जिस प्रकार आपदा रोधी अवसंरचना के लिए वैश्विक गठबंधन जलवायु और आपदा जोखिमों से हमारी रक्षा करता है। अनेक देश सैन्य अभ्यास आयोजित करते हैं। लेकिन भारत ने हमारे क्षेत्र और उससे परे आपदा प्रबंधन अभ्यास का आयोजन करने की दिशा में पहल की है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे आंदोलन की स्थापना की भावना के अनुसार, आइए हम सभी एकजुट हों, अलग-थलग न हों। यदि हम सभी एकजुट होंगे, केवल तभी हममें से प्रत्येक देश इस महामारी से सुरक्षित रह सकता है। आइए हम सभी एक समावेशी और सहयोगपूर्ण वैश्विक प्रतिक्रिया के लिए साझेदारों की तरह कार्य करें।’
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