प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि हमारा लक्ष्य ग्लोबल चुनौतियों का समाधान करते हुए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए इटली के अपुलिया पहुंचने पर उन्होंने कहा कि विश्व नेताओं के साथ सार्थक चर्चा में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं। हमारा लक्ष्य वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना और उज्जवल भविष्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
Landed in Italy to take part in the G7 Summit. Looking forward to engaging in productive discussions with world leaders. Together, we aim to address global challenges and foster international cooperation for a brighter future. pic.twitter.com/muXi30p4Bj
— Narendra Modi (@narendramodi) June 13, 2024
इस बार जी7 शिखर सम्मेलन का आयोजन इटली के अपुलिया में हो रहा है। भारत जी7 का सदस्य नहीं है। लेकिन इटली ने भारत को आउटरीच देश के तौर पर आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान शिखर सम्मेलन से इतर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कई विश्व नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। इसके साथ ही वो आउटरीच सत्र को भी संबोधित करेंगे।
PM @narendramodi arrives in Apulia, Italy for the G7 Summit.
🎥 Here’s is an overview of his day-long visit. pic.twitter.com/MLBVZP7K16
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 13, 2024
जी7 में दुनिया की सात बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस शामिल हैं। अपुलिया के बोर्गो एग्नाजिया रिसॉर्ट में आयोजित इस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉ, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो शामिल हो रहे हैं।
अपने तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है। जी7 शिखर सम्मेलन में भारत की यह 11वीं और प्रधानमंत्री मोदी की लगातार 5वीं भागीदारी है। प्रधानमंत्री के लिए यह वैश्विक मंचों में से एक जी7 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन और जी7 शिखर सम्मेलन के परिणामों के बीच व्यापक तालमेल लाने के साथ उन मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर होगा, जो ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण हैं।