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लुंबिनी यात्रा: नेपाल के साथ हमारे संबंध अद्वितीय, इसे देंगे और मजबूती- प्रधानमंत्री मोदी

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बुद्ध पूर्णिमा पर नेपाल यात्रा के पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत और नेपाल के संबंध अद्वितीय हैं। यात्रा से पहले अपने बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच सभ्यतागत और लोगों के आपसी संपर्क, हमारे घनिष्ठ संबंधों को स्थायित्व प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी यात्रा का उद्देश्य समय के साथ मजबूत हुए इन संबंधों का उत्सव मनाना तथा इन्हें और प्रगाढ़ करना है, जिन्हें सदियों से प्रोत्साहन मिला है और जिन्हें हमारे आपसी मेल-जोल के लंबे इतिहास में दर्ज किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी 16 मई, 2022 को वैशाख बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लुंबिनी की अपनी सरकारी यात्रा के दौरान लुंबिनी मठ क्षेत्र के भीतर एक अद्वितीय बौद्ध संस्कृति एवं विरासत केंद्र के निर्माण के लिए “शिलान्यास” समारोह में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री मंत्री लुंबिनी में पवित्र मायादेवी मंदिर जाकर पूजा अर्चना करेंगे। प्रधानमंत्री नेपाल सरकार के तत्वावधान में लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट द्वारा आयोजित बुद्ध जयंती कार्यक्रम में भी भाषण देंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा, मैं नेपाल के माननीय प्रधानमंत्रीश्री शेर बहादुर देउबा के निमंत्रण पर 16 मई 2022 को लुंबिनी, नेपाल की यात्रा पर जाऊंगा। मैं बुद्ध जयंती के शुभ अवसर पर मायादेवी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए उत्सुक हूं। मैं लाखों भारतीयों की तरह भगवान बुद्ध की पवित्र जन्म-स्थली परश्रद्धा अर्पित करने का अवसर पाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।’

उन्होंने कहा कि पिछले महीने प्रधानमंत्री देउबा की भारत यात्रा के दौरान हुई हमारी उपयोगी चर्चा के बाद मैं उनसे फिर से मिलने के लिए उत्सुक हूं। हम जलविद्युत, विकास और कनेक्टिविटी सहित कई क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने के लिए अपनी साझा समझ का निर्माण करना जारी रखेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पवित्र मायादेवी मंदिर की यात्रा के अलावा, मैं लुंबिनी मठ क्षेत्र में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बौद्ध कल्चर एंड हेरिटेज के “शिलान्यास” समारोह में भी भाग लूंगा। मैं नेपाल सरकार द्वारा बुद्ध जयंती के अवसर पर आयोजित समारोहों में भी भाग लूंगा।

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की वित्तीय सहायता से लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट के तत्वावधान में इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्फ़ेडरेशन (आईबीसी) द्वारा अद्वितीय ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बुद्धिस्ट कल्चर एंड हेरिटेज’ का निर्माण किया जाएगा। इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्फ़ेडरेशन, संस्कृति मंत्रालय के तहत एक अनुदान प्राप्त संस्था है। बौद्ध केंद्र नेपाल में पहला ‘नेट जीरो इमिशन’ भवन होगा।

नेपाल के लुंबिनी में दिन में शुरू में प्रधानमंत्री मोदी के बौद्ध संस्कृति एवं विरासत केंद्र के शिलान्यास समारोह को पर्दे पर दिखाना इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होगा। विभिन्न बौद्ध स्थलों से मंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम दोपहर बाद 2:00 बजे शुरू होगा, जिसे पर्दे पर दिखाया जाएगा।

इस आयोजन के मुख्य अतिथि भारत सरकार के कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू होंगे, जबकि भारत सरकार के संस्कृति, पर्यटन एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी विशिष्ट अतिथि और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष अतिथि के रूप में होंगे।

पवित्र वैशाख बुद्ध पूर्णिमा दिवस पर लुंबिनी बौद्ध केंद्र का शिलान्यास के अवसर पर प्रधानमंत्री की नेपाल यात्रा का समय महत्वपूर्ण है। इस दिन को तीन मंगल कारणों से महत्वपूर्ण माना जाता है, जो भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान और महापरिनिर्वाण का प्रतीक है। इसी दिन बुद्ध का जन्म नेपाल में लुम्बिनी में हुआ था, उन्होंने बिहार के बोधगया में ज्ञान प्राप्त किया, सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया और उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में निर्वाण प्राप्त किया।

लुंबिनी वह पवित्र स्थान है जहां बौद्ध परंपरा के अनुसार, रानी महामायादेवी ने लगभग 623 ईसा पूर्व में सिद्धार्थ गौतम को जन्म दिया था। भगवान बुद्ध का जन्म लुंबिनी वन में हुआ था, जो जल्द ही तीर्थस्थान बन गया। तीर्थयात्रियों में भारतीय सम्राट अशोक शामिल थे, जिन्होंने वहां अपना एक स्मारक स्तंभ बनवाया था। यह स्थल अब एक बौद्ध तीर्थ केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां भगवान बुद्ध के जन्म से जुड़े पुरातात्विक अवशेष एक मुख्य विशेषता है।

म्यांमार का स्वर्ण मंदिर, तारा फाउंडेशन मंदिर, श्रीलंका मठ, कोरियाई मंदिर (दाए सुंग शाक्य), कंबोडियन मठ और वियतनामी फाट क्वोकटू मंदिर क्षेत्र के कुछ अन्य विहार और मठ हैं। लुंबिनी नेपाल के सबसे पवित्र और सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है जिसके परिणामस्वरूप इसे यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत क्षेत्रों की सूची में शामिल किया गया था।

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