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प्रधानमंत्री मोदी ने की किंग अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात, कहा- आतंकवाद के खिलाफ भारत-जॉर्डन का रुख एक जैसा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जॉर्डन की राजधानी अम्मान में किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल-हुसैन से मुलाकात की। अल हुसैनिया पैलेस में हुई इस उच्च-स्तरीय बैठक में दोनों देशों के बीच व्यापार, आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय शांति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। आतंकवाद पर जॉर्डन और किंग अब्दुल्ला द्वितीय के रुख की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अम्मान और नई दिल्ली आतंकवाद के खिलाफ एक जैसा, साफ रुख रखते हैं।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि अम्मान में राजा अब्दुल्ला द्वितीय के साथ सार्थक चर्चा हुई। भारत–जॉर्डन संबंधों को सशक्त बनाने के प्रति उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता उल्लेखनीय है। इस वर्ष हम अपने द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह महत्वपूर्ण पड़ाव हमें नए उत्साह के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा।

इससे पहले किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें औपचारिक राजकीय सम्मान दिया गया। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच रिस्ट्रिक्टेड और प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठकें हुईं। इन बैठकों में दोनों नेताओं ने अपनी पिछली मुलाकातों को याद किया और भारत–जॉर्डन के ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों पर चर्चा की।

बैठक के दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे 140 करोड़ भारतीयों की ओर से किंग अब्दुल्ला और जॉर्डन के लोगों का दिल से आभार व्यक्त करते हैं। पीएम मोदी ने किंग अब्दुल्ला की मित्रता और भारत के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस साल भारत और जॉर्डन अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, जो दोनों देशों के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है।

प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि इस मुलाकात से द्विपक्षीय संबंधों को नई गति और गहराई मिलेगी। उन्होंने कहा कि ट्रेड, फर्टिलाइजर्स, डिजिटल टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर और पीपुल-टू-पीपुल टाइज जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाया जाएगा।

वैश्विक मुद्दों पर भी दोनों नेताओं के बीच खुलकर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने गाजा संकट पर किंग अब्दुल्ला की सक्रिय और सकारात्मक भूमिका की तारीफ की और कहा कि भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता की उम्मीद करता है। आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देशों का रुख एक जैसा और स्पष्ट रहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि किंग अब्दुल्ला के नेतृत्व में जॉर्डन ने आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ पूरी दुनिया को एक मजबूत और रणनीतिक संदेश दिया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी याद किया कि 2015 में दोनों नेताओं की पहली मुलाकात संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी, जहां हिंसक उग्रवाद से निपटने पर चर्चा हुई थी। वहीं 2018 में किंग अब्दुल्ला की भारत यात्रा के दौरान इस्लामिक हेरिटेज पर आयोजित कॉन्फ्रेंस का भी उन्होंने जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मॉडरेशन और शांति को बढ़ावा देने के लिए किंग अब्दुल्ला के प्रयास न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी बेहद अहम हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और जॉर्डन भविष्य में भी आपसी सहयोग के सभी पहलुओं को और मजबूत करते रहेंगे। उन्होंने एक बार फिर जॉर्डन सरकार और वहां के लोगों के आतिथ्य सत्कार के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर दोनों देशों ने संस्कृति, नवीकरणीय ऊर्जा, जल प्रबंधन, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और पेट्रा–एलोरा के बीच ट्विनिंग व्यवस्था से जुड़े समझौता ज्ञापनों (एमओयू) को अंतिम रूप दिया। इन समझौतों से भारत–जॉर्डन द्विपक्षीय संबंधों और मित्रता को नई गति मिलने की उम्मीद है। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा कि ये नतीजे भारत-जॉर्डन पार्टनरशिप का एक अहम विस्तार दिखाते हैं। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हमारा सहयोग स्वच्छ विकास, ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु के प्रति जिम्मेदारी के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को दिखाता है। जल संसाधन प्रबंधन और विकास में सहयोग से हमें संरक्षण, दक्षता और टेक्नोलॉजी में बेहतरीन तरीकों को साझा करने में मदद मिलेगी, जिससे लंबे समय तक पानी की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। पेट्रा और एलोरा के बीच ट्विनिंग एग्रीमेंट विरासत संरक्षण, पर्यटन और एकेडमिक आदान-प्रदान के नए रास्ते खोलता है।

पीएम मोदी ने आगे लिखा कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का नवीनीकरण (2025–2029) दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी जुड़ाव को और गहरा करेगा। हमारे डिजिटल इनोवेशन को साझा करने से जॉर्डन के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को सपोर्ट मिलेगा और समावेशी शासन को बढ़ावा मिलेगा।

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