पूरा विश्व कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है। इस लड़ाई में भारत भी पीछे नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना को परास्त करने के लिए हर तरह के उपाय किए जा रहे हैं। लेकिन कम समय में जिस तरह कोरोना का तकनीकी समाधान खोजने का प्रयास किया गया है, वह देश के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की कुशलता, दक्षता और परिश्रम को प्रदर्शित करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2 अप्रैल, 2020 को आरोग्य सेतु एप लॉन्च किया। इस एप से जहां भारत के लोगों में सुरक्षा का भाव जागा, वहीं पूरा विश्व भारत की इस तकनीकी क्षमता को देखकर अचंभित है। एक महीने के भीतर 8.4 करोड़ लोगों ने इस एप को डाउनलोड कर गूगल, फेसबुक, व्हाट्सएप जैसी बड़ी इंटरनेट कंपनियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया। डिजिटल प्रौद्योगिकी पर आधारित आरोग्य सेतु एप कोरोना संक्रमण के जोखिम का आकलन और बचाव करने में मदद करता है।
आइए एक नजर डालते हैं भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने किस तरह तकनीक के माध्यम से कोरोना का समाधान खोजने का प्रयास किया है।
- भारत के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की जांच के लिए एलाइजा किट बनाया, जिसे कोविड कवच एलाइजा का नाम दिया गया है।
- एससीटीआईएमएसटी ने कोरोना संकट का सामना करने के लिए ऑटोमेटेड वेंटिलेटर का विकास किया।
- सीएसआईआर-एनएएल ने 35 दिनों के भीतर बाईपैप वेंटिलेटर का विकास किया।
- दिल्ली स्थित डीआरडीओ के एक केंद्र ने एक सैनेटाइजर मशीन बनाया, जिसे बिना छुए उसके झाग से हाथ सैनेटाइज होगा।
- डीआरडीओ ने अल्ट्रावायलेट बॉक्स बनाया है, जिसमें मोबाइल, पर्स और रुपये को सैनेटाइज किया जा सकता है।
- डीआरडीओ द्वारा विकसित सैनेटाइजिंग उपकरण से 3000 वर्ग मीटर क्षेत्र को संक्रमण मुक्त किया जा सकता है।
- श्री चित्रा तिरुनाल प्रौद्योगिकी संस्थान ने कोरोना परीक्षण के लिए स्वैब और वायरल ट्रांसपोर्ट माध्यम का विकास किया।
- डीआरडीओ ने भारी संक्रमण वाले क्षेत्रों के कीटाणुशोधन के लिए एक अल्ट्रा वॉयलेट (यूवी) डिसइंफेक्शन टॉवर विकसित किया।
- अस्पतालों को प्रभावी ढंग से कीटाणुमुक्त करने के लिए यूवी कीटाणुशोधन ट्रॉली का विकास किया गया।
- कोरोना संक्रमण को रोकने में सीएसआईओ के वैज्ञानिकों ने इलेक्ट्रोस्टेटिक डिसइंफेक्शन मशीन विकसित किया।
- एसआईआर के वैज्ञानिकों ने कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए एक पेपर-स्ट्रिप आधारित परीक्षण किट विकसित किया।
- भारतीय वैज्ञानिकों ने कोरोना संक्रमण की त्वरित जांच करने वाली ई-कोव-सेंस नामक इलेक्ट्रोकेमिकल सेंसिंग डिवाइस तैयार की।
- रेलवे के सोलापुर डिविजन ने स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों की सुविधा के लिए मेडिकल असिस्टेन्ट रोबोट का निर्माण किया।