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Year Ender 2025: पीएम मोदी के नेतृत्व में महिला शक्ति और युवा ऊर्जा की ऐतिहासिक उड़ान, बनी विकसित भारत की धड़कन

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भारत का वर्ष 2025 केवल कैलेंडर कालचक्र की धारा का एक और साल नहीं, बल्कि वह समय बनकर उभरा जब “विकसित भारत” का विचार नीतियों से निकलकर सामाजिक व्यवहार और राष्ट्रीय आत्मविश्वास में ढलता दिखाई दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीते एक दशक से जिस युवा-केंद्रित और महिला-केन्द्रित विकास मॉडल की नींव रखी गई थी, 2025 में उसके ठोस परिणाम जमीन पर स्पष्ट दिखे। यह वर्ष इस मायने में विशेष रहा कि सरकार की योजनाएं और घोषणाएं रोजगार, स्टार्टअप, खेल, विज्ञान, रक्षा, संस्कृति और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में प्रत्यक्ष सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनीं। मोदी सरकार की राजनीति का मूल स्वर यही रहा है कि देश का भविष्य जिन चार स्तंभों पर टिका है, उनमें दो अहम स्तंभ हैं—नारी शक्ति और युवा शक्ति। 2025 में महिला सशक्तिकरण को कल्याण से आगे बढ़ाकर नेतृत्व और भागीदारी के स्तर तक ले जाया गया, वहीं युवाओं को नौकरी खोजने वाला नहीं, बल्कि अवसर गढ़ने वाला वर्ग बनाने की दिशा में नीतिगत ढांचा मजबूत किया गया।

योजनाएं “लाभार्थी मॉडल” से “निर्णायक भूमिका मॉडल” में बदली
इस साल के दौरान केंद्र सरकार ने महिलाओं से जुड़ी योजनाओं को “लाभार्थी मॉडल” से आगे बढ़ाकर “निर्णायक भूमिका मॉडल” में बदला। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी करोड़ों महिलाएं अब केवल माइक्रो-क्रेडिट तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि कृषि प्रसंस्करण, टेक्सटाइल, डिजिटल सेवाओं और ग्रामीण उद्यमिता की रीढ़ बनती दिखीं। ड्रोन दीदी अभियान, लखपति दीदी अभियान के विस्तार ने इस वर्ष स्पष्ट संकेत दिया कि ग्रामीण भारत में आर्थिक आत्मनिर्भरता अब महिला नेतृत्व के बिना संभव नहीं। कई राज्यों में महिलाएं पंचायतों से लेकर जिला प्रशासन और स्टार्टअप नेटवर्क तक निर्णय प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाती नजर आईं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दोहराया गया “नारी शक्ति राष्ट्र शक्ति” का विचार इस वर्ष केवल नारा नहीं, बल्कि व्यवहारिक नीति के रूप में परिलक्षित हुआ। युवाओं के मोर्चे पर 2025 में रोजगार की पारंपरिक परिभाषा बदलती दिखी। स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों का संयुक्त प्रभाव यह रहा कि युवा अब केवल सरकारी नौकरी पर निर्भर रहने के बजाय उद्यमिता, खेलों, फ्रीलांसिंग, डीप-टेक, एआई, ड्रोन, गेमिंग और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में अवसर तलाशते दिखे। सरकार द्वारा स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग सपोर्ट, टैक्स में राहत और अनुपालन सरल करने की पहल ने युवाओं को जोखिम उठाने का आत्मविश्वास दिया।

भारत युवाओं के दम पर दुनिया के सबसे सक्रिय इकोसिस्टम बना
भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम इस साल युवाओं के दम पर दुनिया के सबसे सक्रिय इकोसिस्टम में बना रहा। खास बात यह रही कि बड़ी संख्या में महिला-नेतृत्व वाले और टियर-2 व टियर-3 शहरों से निकले स्टार्टअप्स चर्चा में आए। यह बदलाव उस सोच का परिणाम था जिसमें सरकार ने नवाचार को केवल महानगरों तक सीमित नहीं रहने दिया। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे आधार, यूपीआई और डिजिलॉकर ने युवाओं के लिए बिजनेस शुरू करना पहले से कहीं आसान बना दिया। खेल जगत में 2025 भारतीय युवाओं और महिलाओं के लिए आत्मविश्वास से भरा साल रहा। सरकार की खेलो इंडिया नीति, टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम और जमीनी स्तर पर स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश का असर स्पष्ट दिखा। महिला खिलाड़ियों ने क्रिकेट, बैडमिंटन, शूटिंग, कुश्ती और एथलेटिक्स में लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का परचम लहराया। खेल अब केवल पदक का विषय नहीं रहा, बल्कि सामाजिक बदलाव और महिला नेतृत्व का माध्यम बनता गया।

यह वर्ष बताता है कि पीएम मोदी की नीयत और नीतियों से भारत का भविष्य उन चेहरों से आकार ले रहा है जो अपने-अपने क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियां दर्ज करा रहे हैं।

हरमनप्रीत कौर: इतिहास में पहली बार महिला विश्वकप विजेता कप्तान
साल 2025 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान के रूप में हरमनप्रीत कौर की भूमिका निर्णायक रही। टीम के भीतर अनुशासन, आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धात्मक सोच को बनाए रखना उनके नेतृत्व की पहचान बना। इस साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में महिला विश्व कप जीतकर भारतीय टीम की स्थिरता और सम्मानजनक प्रदर्शन ने यह दिखाया कि महिला नेतृत्व अब परिपक्व दौर में आ चुका है। यह बदलाव खेल के उस इको सिस्टम का नतीजा है, जिसे पिछले वर्षों में मोदी सरकार और क्रिकेट बोर्ड ने मिलकर तैयार किया। 2025 में हरमनप्रीत कौर केवल खिलाड़ी नहीं रहीं, बल्कि महिला खेलों की सबसे विश्वसनीय आवाज बनकर उभरीं।

स्मृति मंधाना: भारतीय महिला क्रिकेट की सबसे सशक्त पहचान
इसी साल सितंबर में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दिल्ली में हुए एक वनडे मैच में 50 गेंदों पर सबसे तेज़ शतक बनाकर विराट कोहली के 52 गेंदों पर शतक का 12 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। भारतीय महिला क्रिकेट में 2025 में स्मृति मंधाना प्रभावशाली चेहरा बनी रहीं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका निरंतर प्रदर्शन, वैश्विक लीगों में भागीदारी और भारत की महिला टीम की ब्रांड वैल्यू को ऊंचाई तक ले जाना इस वर्ष भी चर्चा में रहा। स्मृति मंधाना ने महिला विश्वकप में 434 रन बनाये। इस टूर्नामेंट में यह एक वर्ल्ड कप सीजन में भारत की सबसे अधिक व्यक्तिगत रन रहे। उन्होंने मिताली राज (409 रन, 2017) को पीछे छोड़ दिया। इस दौरान उन्होंने एक शतकीय पारी (109) और दो अर्धशतक भी खेले, जिससे उनकी निरंतरता स्पष्ट हुई। महिला क्रिकेट को जिस तरह व्यावसायिक पहचान और दर्शक मिल रहे हैं, वह प्रधानमंत्री मोदी के विजन और सरकार सरकार की खेल नीति और महिला सशक्तिकरण दृष्टि का प्रत्यक्ष परिणाम है।

अवनि लेखरा: दिव्यांग सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल
वर्ल्ड पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप 2025 में अवनि लेखरा ने भारत के लिए शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल तीन पदक जीते और एक बार फिर खुद को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पैरा निशानेबाजों में स्थापित किया। इस प्रतियोगिता में उन्होंने महिला 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपने नाम किया, जो वर्ष 2025 की उनकी सबसे बड़ी और चर्चित उपलब्धि मानी गई। इसके अलावा उन्होंने 50 मीटर राइफल थ्री पोज़िशन (R8) में रजत पदक और मिक्स्ड टीम 10 मीटर एयर राइफल SH1 में रजत पदक भी हासिल किया। इन उपलब्धियों के साथ अवनि लेखरा ने ना सिर्फ भारत का परचम अंतरराष्ट्रीय मंच पर ऊंचा किया, बल्कि यह भी साबित किया कि वह लगातार शीर्ष स्तर पर प्रदर्शन करने वाली विश्वस्तरीय खिलाड़ी हैं। 2025 में उनका यह प्रदर्शन युवा खिलाड़ियों और दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बना और “विकसित भारत” के खेल क्षेत्र में आत्मविश्वास और उत्कृष्टता की मजबूत मिसाल भी बना।

रितु करिधाल: विज्ञान में महिला नेतृत्व की स्थायी छाप
2025 में इसरो की वरिष्ठ वैज्ञानिक रितु करिधाल की सबसे बड़ी उपलब्धि यह मानी गई कि उन्होंने संगठन के भीतर मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ और भविष्य की ग्रह-अन्वेषण परियोजनाओं की तैयारी में मार्गदर्शक और रणनीतिक नेतृत्वकारी भूमिका निभाई। इस वर्ष वे मिशन-स्तरीय समीक्षा, सिस्टम इंटीग्रेशन, युवा वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन और दीर्घकालिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों की योजना से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णयों का हिस्सा रहीं। चंद्रयान-2 जैसी ऐतिहासिक परियोजनाओं का नेतृत्व कर चुकीं रितु करिधाल का अनुभव 2025 में इसरो के लिए संस्थागत शक्ति के रूप में सामने आया। उन्होंने तकनीकी अनुशासन, मिशन मैनेजमेंट और महिला नेतृत्व को नई प्रेरणा दी। उनका योगदान यह दर्शाता है कि मोदी सरकार का अंतरिक्ष कार्यक्रम केवल प्रक्षेपणों से नहीं, बल्कि मजबूत वैज्ञानिक नेतृत्व और निरंतर क्षमता निर्माण से आगे बढ़ रहा है। पीएम मोदी के विजन के चलते देश में STEM शिक्षा को बढ़ावा देने और अंतरिक्ष क्षेत्र को युवाओं के लिए खोलने की नीति का असर यह है कि आज विज्ञान में महिलाओं की भागीदारी एक संरचनात्मक परिवर्तन बन चुकी है।

विंग कमांडर शुभ्रांशु शुक्ला: अंतरिक्ष में ऐतिहासिक उड़ान
भारत के अंतरिक्ष इतिहास में 25 जून 2025 को स्वर्णिम अध्याय जुड़ा, जब भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर शुभ्रांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए। वे किसी कमर्शियल मिशन में पायलट की भूमिका निभाने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने 18 दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए और 15 जुलाई को सुरक्षित धरती पर लौटे। यह उपलब्धि भारत की मानव अंतरिक्ष क्षमताओं और वैश्विक तकनीकी साझेदारी में बढ़ती भूमिका को दर्शाती है। पीएम मोदी ने अंतरिक्ष में तकनीक के जरिए विंग कमांडर शुभ्रांशु शुक्ला से अद्भुत संवाद किया।

फाल्गुनी नायर: महिला उद्यमिता और ब्यूटी-फैशन का भरोसेमंद चेहरा
मोदी सरकार की स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया और महिला उद्यमिता योजनाओं ने ऐसे उदाहरणों को संभव बनाया, जहाँ महिलाएं केवल भागीदार नहीं बल्कि निर्णयकर्ता बन रही हैं। डिजिटल विस्तार, ऑफलाइन स्टोर्स की संख्या में बढ़ोतरी, प्राइवेट लेबल की मजबूत बिक्री और टियर-2 व टियर-3 शहरों तक पहुंच के कारण 2025 फाल्गुनी नायर और नायका दोनों के लिए एक निर्णायक और उपलब्धियों से भरा साल साबित हुआ। इस साल फाल्गुनी नायर के नेतृत्व में नायका ने अपने कारोबारी प्रदर्शन के लिहाज से बड़ी उपलब्धि दर्ज की। वित्त वर्ष 2024–25 में नायका का कुल टर्नओवर लगभग करीब 8,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 24 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि है। 2025 के दौरान शेयर बाजार में नायका की मार्केट वैल्यू करीब 55,000 से 60,000 करोड़ रुपये के आसपास बनी रही, जो उसके ब्रांड पर निवेशकों के भरोसे को दर्शाती है। ब्रांड वैल्यू के लिहाज से नायका भारत की सबसे प्रभावशाली ब्यूटी-फैशन कंपनियों में गिनी जाने लगी है।

दिव्या देशमुख: दिव्य उपलब्धि ने बनाया शतरंज की क्वीन
भारतीय शतरंज की गोल्डन जेनेरेशन में वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश और प्रग्गानंधा जैसे दिग्गजों के बीच और वैशाली, कोनेरू हंपी और ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख ने दुनिया के शतरंज एक्सपर्ट्स को दंग किये रखा। 20 साल की नागपुर की दिव्या ने महिला चेस ओलिंपियाड में 2 गोल्ड और एक ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम किया। दिव्या ने इसी साल महिला चेस वर्ल्ड कप का ख़िताब अपने नाम कर लिया। उनके ख़िताबों की फ़ेहरिस्त ना सिर्फ़ बेहद लंबी है ओपन वर्ग में इस भारतीय सुपर कंप्यूटर शतरंज चैंपियन से दुनिया भर के पुरुष खिलाड़ी भी सावधान रहते हैं।

धमाकेदार बॉक्सर्स नुपुर, निखत और जैस्मिन बनी मेडल विनर
भारतीय महिला बॉक्सर्स ने सितंबर में लिवरपूल वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जैस्मिन लैम्बोरिया और मीनाक्षी हूडा के गोल्ड समेत रिकॉर्ड 4 मेडल जीते। फिर नवंबर के महीने में वर्ल्ड बॉक्सिंग कप फ़ाइनल्स में 9 में से 7 गोल्ड जीत लिये. मौजूदा बॉक्सिंग टीम में मशहूर हैवीवेट चैंपियन हवा सिंह की पोती नुपूर शेओरॉन, वर्ल्ड चैंपियन निख़त ज़रीन, जैस्मिन लैम्बोरिया, प्रवीण और मीनाक्षी ने आनेवाले सालों में एशियाड और लॉस एंजेल्स 2028 ओलिंपिक के लिए उम्मीद बढ़ा दी है।

नीरज चोपड़ा: भाला फेंक में निरंतर उत्कृष्टता का भरोसा
नीरज चोपड़ा भारतीय खेल जगत की भरोसेमंद पहचान बने रहे। नीरज की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि उन्होंने लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वस्तरीय निरंतरता बनाए रखते हुए भारत को भाला फेंक में वैश्विक ताकत के रूप में स्थापित रखा। इस वर्ष भी उन्होंने डायमंड लीग और अन्य प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लगातार शीर्ष स्थानों पर रहकर यह साबित किया कि वे सिर्फ एक ओलंपिक या विश्व चैंपियन नहीं, बल्कि लंबे समय तक टिके रहने वाले एलीट एथलीट हैं। 2025 में नीरज ने 88 मीटर के आसपास के थ्रो के साथ कई मुकाबलों में पोडियम फिनिश हासिल की और भारतीय एथलेटिक्स को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाया। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि उन्होंने चोटों और दबाव के बावजूद अपनी तकनीक, फिटनेस और मानसिक मजबूती को बनाए रखा तथा युवाओं के लिए प्रेरणा बने रहे।

 

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