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प्रधानमंत्री मोदी का जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान दौरा: देश की कूटनीति को मिलेगा नया आयाम

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने तीन देशों- जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की यात्रा पर रवाना होने वाले हैं। यह दौरा इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि इससे भारत के पश्चिम एशिया और अफ्रीका में मौजूद साझेदारों के साथ रिश्तों को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। तीन देशों का यह दौरा भारत की कूटनीति को मजबूत करने के साथ-साथ देश की वैश्विक भूमिका को और सशक्त बनाएगा। माना जा रहा है कि पीएम मोदी की यह यात्रा न सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों में नई जान डालेगी, बल्कि क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सहयोग को भी एक नई दिशा प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा की शुरुआत 15–16 दिसंबर को जॉर्डन से करेंगे। यह दौरा जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन के निमंत्रण पर हो रहा है। खास बात यह है कि भारत और जॉर्डन अपने राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे कर रहे हैं, ऐसे में यह यात्रा दोनों देशों के लिए बेहद प्रतीकात्मक मानी जा रही है। यहां पीएम मोदी और शाह अब्दुल्ला द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा करेंगे और मध्य-पूर्व की बदलती परिस्थितियों पर विचार-विमर्श करेंगे। दोनों देश साझा विकास, आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा देने के नए अवसर तलाशेंगे।

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी 16–17 दिसंबर को इथियोपिया पहुंचेंगे। यह उनकी पहली इथियोपिया यात्रा होगी। इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबीय अहमद अली के साथ पीएम मोदी भारत–इथियोपिया संबंधों के सभी आयामों पर चर्चा करेंगे। भारत और इथियोपिया अफ्रीकी महाद्वीप में विकास, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में पहले से ही मजबूत साझेदारी साझा करते हैं। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच ग्लोबल साउथ सहयोग को एक नई मजबूती मिलने की उम्मीद है। दोनों नेताओं की मुलाकात से साझा प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री मोदी 17–18 दिसंबर को ओमान का दौरा करेंगे। यह उनकी ओमान की दूसरी यात्रा है और यह ऐसे समय हो रही है जब भारत और ओमान अपने राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे कर रहे हैं। ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक के निमंत्रण पर हो रही यह यात्रा उन गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों की पुष्टि करती है जो सदियों से दोनों देशों को जोड़ते आए हैं। भारत और ओमान व्यापार, ऊर्जा, रक्षा, समुद्री सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और निवेश जैसे क्षेत्रों में व्यापक सामरिक साझेदारी साझा करते हैं। दिसंबर 2023 में सुल्तान का भारत दौरा इस रिश्ते को पहले ही नई दिशा दे चुका है, और पीएम मोदी की यह यात्रा साझेदारी को और आगे ले जाने का बड़ा अवसर मानी जा रही है।

तीन देशों के इस दौरे से साफ है कि भारत का मकसद सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना नहीं है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर अपने सहयोग नेटवर्क को और विस्तार देना भी है। दिसंबर का यह बहु-देशीय दौरा भारतीय विदेश नीति को नई गति देता हुआ दिखाई दे रहा है, जो आने वाले समय में भारत की वैश्विक भूमिका को और ज्यादा प्रभावशाली बना सकता है।

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