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Year Ender 2022: महिला सशक्तिकरण के सशक्त समर्थक PM Modi के फैसलों ने जीता दिल, पीएम की प्रेरणा से इन महिलाओं ने देश-दुनिया में किया भारत का नाम रोशन

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पीएम नरेन्द्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण के सबसे सशक्त समर्थक और पैरोकार प्रधानमंत्री के रूप में पहचान बनाई है। देश में माताओं-बहनों और बेटियों के उत्थान के लिए पीएम मोदी इस कदर समर्पित हैं, उनकी ज्यादातर योजनाओं के मूल में इन्हीं का उत्थान समाहित होता है। वे हमेशा बेटियों को आगे बढ़ने, देश का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। यही वजह है कि खेलों से लेकर सेना तक, स्टार्टअप्स से लेकर उद्यमिता तक में महिलाओं ने देश का नाम रोशन किया है। प्रधानमंत्री मोदी खुद भी महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के प्रति हमेशा सजग रहे हैं। इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स और डेफलंपिक खेलों में भारतीय महिला खिलाड़ियों ने भी शानदार प्रदर्शन कर भारत का नाम दुनियाभर में रोशन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी युवाओं और खिलाड़ियों की खूब हौंसला-अफ्जाई करते हैं। देश का नाम रोशन करने वाले युवा इस सम्मान से अभिभूत होते हैं।पीएम मोदी की लगातार हौसला अफ्जाई, महिला खिलाड़ियों के भी काम आई
इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स और डेफलंपिक खेलों की। राष्ट्रमंडल खेलों के खिलाड़ियों से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि जब आप सभी वहां मुकाबला कर रहे थे, यहां करोड़ों भारतीय रतजगा कर रहे थे। देर रात तक आपके हर एक्शन, हर मूव पर देशवासियों की नजर थी। बहुत से लोग अलार्म लगाकर सोते थे कि आपके प्रदर्शन का अपडेट लेंगे। 61 मेडल के साथ पदक तालिका में चौथा स्थान के प्रदर्शन से देश में खेलों के प्रति युवाओं का रुझान बहुत बढ़ने वाला है। डेफलंपिक खेलों में इतिहास रचने वाले भारतीय खिलाड़ियों से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं उन चैंपियन खिलाड़ियों से की गई बातचीत को कभी नहीं भूलूंगा, जिन्होंने डेफलंपिक्स में भारत के लिए गौरव के क्षण दिए और देश का गौरव बढ़ाने का काम किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये हमारे चैंपियन खिलाड़ियों के ही कारण संभव हुआ है कि इस बार का डेफलंपिक्स भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ रहा है। भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 17 मेडल जीते हैं, जो अब तक सबसे ज्यादा हैं।

पहली बार गोल्ड मेडल जीतकर भारतीय महिला लॉन बॉल्स टीम ने रचा इतिहास
इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय महिला लॉन बॉल्स टीम ने नया इतिहास रच दिया। भारतीय महिला टीम ने इस खेल में भारत को पहला कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडल जिताया। सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को करारी मात देने के बाद भारतीय महिला टीम ने दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम करके देश का नाम रोशन किया। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला लॉन बॉल्स फाइनल इवेंट में भारतीय महिला टीम ने दक्षिण अफ्रीकी महिला लॉन बॉल्स टीम के खिलाफ 17-10 से विशाल जीत दर्ज करते हुए ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता। चार महिला खिलाड़ियों की इस टीम को लवली चौबे लीड कर रही थीं। वहीं पिंकी, नयनमोनी सेकिया और रूपा रानी तिर्की टीम का हिस्सा रहीं। रूपा रानी तिर्की और लवली चौबे का झारखंड से गहरा नाता है।

वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने रोशन किया देश का नाम, 88 किलो वजन भी उठाया
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम में गोल्ड मेडल जीतकर पूरे देश का नाम रोशन किया। चानू ने स्नैच में राउंड में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने प्रतिद्वंदियों का काफी पीछे छोड़ दिया था। चानू ने स्नैच के पहले प्रयास 84 किलो वजन को सफलता पूर्वक उठाने के बाद दूसरे प्रयास में 88 किलो वजन उठा लिया। कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला वेटलिफ्टिंग में यह रिकॉर्ड भी है 88 किलो का वजन किसी वेटलिफ्टर ने नहीं उठाया है।हरियाणा की छोरी नीतू के मुक्कों में दम, स्वर्ण पदक जीतकर भरी हुंकार
कॉमनवेल्थ में ही मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक जीतने वाली गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज फॉर वुमन सेक्टर-26 (चंडीगढ़) की पूर्व छात्रा नीतू हरियाणा के भिवानी की रहने वाली हैं। पदक आते ही उनके घर भी मिठाई बंटनी शुरू हो गई। नीतू के स्वर्ण पदक जीतने पर चंडीगढ़ अमेच्योर मुक्केबाजी एसोसिएशन ने उन्हें बधाई दी। शहर की मुक्केबाजों में भी नीतू की जीत से खुशी की लहर दौड़ पड़ी। गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज फॉर वुमन सेक्टर-26 के स्पोर्ट्स टीचर अमोलक सिंह भुल्लर ने बताया कि नीतू ने स्नातक की पढ़ाई के लिए वर्ष 2017 से 2020 तक कॉलेज की छात्रा रही। इसी दौरान उसने इंटर कॉलेज और ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी के अलावा इंटरनेशनल मेडल भी जीते थे।जेवलिन थ्रो में पहली बार अनु रानी ने पदक जीतने का कमाल किया
कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में जेवलिन थ्रो (भाला फेंक स्पर्धा) में अनु रानी ने ब्रॉन्‍ज मेडल अपने नाम कर इतिहास रच दिया। इस खेल में मेडल जीतने वाली अनु रानी भारत की पहली महिला एथलीट हैं। पहले कभी भाला फ्रेंक स्‍पर्धा में भारतीय महिला ने मेडल नहीं जीता है। पुरुष स्‍पर्धा में नीरज चोपड़ा इस गेम में शानदार प्रदर्शन करते आ रहे हैं। अनु रानी ने अपने तीसरे प्रयास में 60 मीटर दूर भाला फेंका, जिसके चलते उन्‍होंने पदक पर कब्‍जा किया। विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया की केलसे ली बार्बर ने 64.43 मीटर के थ्रो से स्वर्ण पदक जीता, जबकि उनकी हमवतन मैकेंजी लिटिल 64.27 मीटर के थ्रो से दूसरे स्थान पर रहीं।U-20 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में पहलवान अंतिम पंघाल ने इतिहास रचा
अंडर-20 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में हरियाणा की 17 वर्षीय पहलवान अंतिम पंघाल ने इतिहास रच दिया। वह इस चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय लड़की बन गई हैं। उसने 53 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल मुकाबले में कजाकिस्तान की अतलीन शगायेवा को 8-0 से शिकस्त दी। इस टूर्नामेंट के 34 साल के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब कोई भारतीय लड़की पोडियम के टॉप पर पहुंची है। अंतिम ने इस टूर्नामेंट में अपनी सभी कुश्ती मुकाबले जीते। अपने गोल्ड तक के सफर में उन्होंने यूरोपियन चैंपियन ओलिविया एंड्रिच को भी एकतरफा (11-0) मात दी। बुल्गारिया के सोफिया में हुई इस चैंपियनशिप में अंतिम ने अपने सेमीफाइनल और क्वार्टर फाइनल मुकाबले भी एकतरफा अंदाज में ही जीते। सेमीफाइनल में उन्होंने यूक्रेन की नतालिया को 11-2 से शिकस्त दी, वहीं इससे पहले हुए क्वार्टर फाइनल मैच में उन्होंने जापान की अयाका किमुरा को पराजित किया। अंतिम ने गोल्ड मेडल मैच जीतने के बाद कहा कि अब मेरा लक्ष्य है कि मैं ओलंपिक में भी भारत के लिए मेडल जीतूं।

प्रिया मलिक ने वर्ल्ड कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में नाम किया स्वर्ण पदक
हंगरी में हुई विश्व कैडेट चैंपियनशिप में भारत की महिला खिलाड़ी प्रिया मलिक ने महिलाओं के 75 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। प्रिया ने वर्ल्ड कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में बेलारूस की पहलवान को 5-0 से पराजित करके स्वर्ण पदक जीता। प्रिया 2019 में पुणे में खेलो इंडिया में स्वर्ण पदक, 2019 में दिल्ली में 17वीं स्कूल गेम्स में स्वर्ण पदक और 2020 में पटना में नेशनल कैडेट चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। प्रिया मलिक ने साल 2020 में हुए राष्ट्रीय स्कूल खेलों में स्वर्ण जीता था। प्रिया की उपलब्धि पर हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने उन्हें बधाई देते हुए ट्वीट किया कि महिला कुश्ती खिलाड़ी प्रिया मलिक, हरियाणा की बेटी को हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित विश्व कैडेट रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई। प्रिया मलिक की सफलता ने देश को गर्व करने का मौका दिया।

ऑल-वुमन नेवी क्रू ने समुद्री निगरानी मिशन पूरा कर इतिहास रचा
पीएम मोदी के प्रोत्साहन का ही कमाल है कि महिलाएं बदलाव लाने के लिए अपनी शक्ति में सब कुछ कर रही हैं। इन जीतों ने परिभाषित किया कि महिलाएं वे अब नहीं रुकेंगी और देश का नाम रोशन करने के पथ पर लगातार आगे बढ़ती रहेंगी। यही वजह है कि इस वर्ष नौसेना के एक पूर्ण-महिला दल ने अरब सागर निगरानी मिशन को पूरा करके इतिहास रचा। 3 अगस्त 2022 को, नेवल एयर एन्क्लेव, पोरबंदर में स्थित भारतीय नौसेना के आईएनएएस 314 के पांच अधिकारियों ने डोर्नियर 228 विमान पर सवार होकर उत्तरी अरब सागर में पहला सर्व-महिला स्वतंत्र समुद्री टोही और निगरानी मिशन पूरा किया। विमान की कप्तानी मिशन कमांडर, लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा ने की थी, जिनकी टीम में पायलट, लेफ्टिनेंट शिवांगी और लेफ्टिनेंट अपूर्वा गीते, और सामरिक और सेंसर अधिकारी, लेफ्टिनेंट पूजा पांडा और एसएलटी पूजा शेखावत थे।भारतीय नौसेना में अग्निवीर योजना में पहली बार महिला नाविकों को जगह मिली
इस साल पहली बार मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी अग्निवीर योजना के तहत भारतीय नौसेना में महिला नाविकों को जगह मिली है। चीफ एडमिरल आर हरि कुमार के मुताबिक लगभग 3 हजार अग्निवीरों को नौसेना में शामिल किया गया है, इनमें से 341 महिला नाविक यानी ‘वुमन-सेलर’ हैं। नौसेना में महिला अग्निवीरों को इसी नाम से जाना जाएगा। सेना में इन्हें ‘महिला जवान’ और एयरफोर्स में ‘एयर-वुमन’ के नाम से नियुक्ति होगी। नौसेना प्रमुख ने कहा है कि आने वाले सालों में इंडियन नेवी की बाकी ब्रांच में भी महिलाओं को शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। बता दें कि भारतीय सेना के तीनों अंगों में से सबसे ज्यादा नौसेना में ही महिलाओं को जगह मिली है। तीनों सेनाओं ने भरोसा दिलाया है कि इनमें अग्निवीरों के जरिए महिलाओं को भी मौका दिया जाएगा।अब बच्चे का Surname मां कर सकती है तय, महिला को सुरक्षित गर्भपात का भी अधिकार
पीएम मोदी मुस्लिम महिलाओं के हित में तीन तलाक को खत्म करके नया कानून लाए थे। इस साल सुप्रीम कोर्ट ने भी महिलाओं के हित में ऐतिहासिक फैसले लिए। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सितंबर में घोषणा की कि प्रत्येक महिला को गर्भावस्था के 20 से 24 सप्ताह के बीच कानूनी और सुरक्षित गर्भपात का अधिकार है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि महिला विवाहित है या नहीं, उसे यह अधिकार है कि वह गर्भावस्था को अवधि तक ले जाए या नहीं। वहीं सर्वोच्च अदालत ने कहा कि चूंकि महिला के शरीर के अंदर एक भ्रूण विकसित होता है, इसलिए उसे निर्णय लेने की पूरी स्वायत्तता है। इससे पहले जुलाई सुप्रीम कोर्ट ने माताओं को अपने बच्चों का उपनाम तय करने का अधिकार दिया। फैसले में कहा गया, “बच्चे की एकमात्र प्राकृतिक अभिभावक होने के नाते मां को बच्चे का Surname तय करने का अधिकार है।”महिला और पुरुष खिलाड़ियों को समान मैच फीस, क्रिकेट में लैंगिक समानता के नए युग में प्रवेश

पीएम मोदी की भावनाओं के अनुरूप भारतीय क्रिकेट में लैंगिक असमानता से निपटने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला किया गया। अब महिला क्रिकेट खिलाड़ियों को भी पुरुषों के बराबर मैच फीस मिलेगी। बीसीसीआई की अपेक्स काउंसिल ने यह बड़ा फैसला किया। गृह मंत्री अमित शाह के पुत्र और बोर्ड के सचिव जय शाह ने इस बारे में घोषणा की। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है भेदभाव मिटाने की दिशा में बीसीसीआई ने पहला कदम उठाया है। हम बोर्ड से अनुबंधित महिला क्रिकेटर के लिए समान वेतन की पॉलिसी लागू कर रहे हैं। अब महिला और पुरुष दोनों क्रिकेट खिलाड़ियों को एक जैसी मैच फीस मिलेगी। इसके जरिए हम क्रिकेट में लैंगिक समानता के एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं।महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते हुए सातवीं बार एशिया कप के खिताब जीता
इस साल भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते हुए सातवीं बार एशिया कप के खिताब पर कब्जा किया। एशिया कप के फाइनल में भारतीय टीम ने श्रीलंका को 8 विकेट से हराया। भारत के ओर से स्मृति मंधाना ने शानदार 51 रनों की पारी खेली। फाइनल मुकाबले में भारतीय गेंदबाजों के सामने श्रीलंकाई टीम पूरी तरह से फेल नजर आई और पूरी टीम 20 ओवर्स में 9 विकेट खोकर सिर्फ 65 रन ही बना सकी। भारत के ओर से रेनुका सिंह ने सबसे अधिक 3 विकेट लिए। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने सातवीं बार एशिया कप का खिताब अपने नाम कर लिया। फाइनल मुकाबले में भारत की गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया।

 

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