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#11YearsOfYuvaShakti: PM Modi युवाओं में इसलिए लोकप्रिय, उनका विजन और अभूतपूर्व योजनाएं युवा शक्ति को बना रहीं और सशक्त

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पिछले 11 साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दूरदर्शी विजन ना सिर्फ देश के आर्थिक, सामरिक और ढांचागत विकास को मजबूती दे रहा है, बल्कि युवाशक्ति को भी निरंतर सशक्त करने में लगा है। मोदी सरकार ने युवाओं को सशक्त बनाने के लिए पूरी लगन से काम किया है। बेहतर शिक्षा और कौशल से लेकर नौकरियों और व्यावसायिक सहायता तक, कई कदम उठाए गए हैं। स्पेस से लेकर स्टार्टअप्स तक भारतीय युवाओं का डंका सारी दुनिया में बज रहा है। सरकार ने अधिक कॉलेज बनाए हैं, कौशल योजनाओं के तहत करोड़ों लोगों को प्रशिक्षित किया है और स्टार्टअप को बढ़ने में मदद की है। रोजगार मेला, खेलो इंडिया और अग्निपथ जैसे कार्यक्रम युवाओं को नए अवसर देते हैं। सरकार इसे देश के विकास में तीव्रता लाने और दीर्घकालिक रणनीतिक वृद्धि हासिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखती है। इसका उद्देश्य युवाओं को आगे बढ़ने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और भविष्य में विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में मदद करना है।

बीते 11 सालों में यूं तो प्रधानमंत्री मोदी युवाओं को सशक्त, रोजगारपरक और सफल उद्यमी बनाने के लिए कई योजनाएं लाए हैं। यहां हम उनके कार्यकाल की युवाशक्ति से जुड़ी 11 बड़ी पहल पर एक नजर डालते हैं…

1.पीएम मोदी ने बढ़ाए आईआईटी, आईआईएम और एम्स 
पिछले 11 साल में एआईएसएचई पोर्टल के अनुसार उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) की संख्या में 13.8 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो 2014-15 में 51,534 से बढ़कर मई 2025 तक 70,683 हो गई है। इसी प्रकार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) भी बढ़े हैं। 2014 में, 16 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान थे। बाद के वर्षों में 7 नए आईआईटी के जुड़ने के साथ, मई 2025 तक कुल संख्या 23 हो गई है। तिरुपति, पलक्कड़, भिलाई, जम्मू, धारवाड़ आईआईटी के लिए चरण-बी विस्तार को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही 2025-2029 तक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 11,828.79 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। इतना ही नहीं 2014 में, 13 भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) थे। मई 2025 तक, यह संख्या बढ़कर 21 हो गई है। चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा भी मिला है। 2014 से, एम्स संस्थानों की संख्या 7 से बढ़कर 23 हो गई है, जो प्रभावी रूप से तीन गुना हो गई है। इसके अतिरिक्त, मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 2,045 हो गई है, जो 2024 तक 1.9 लाख से अधिक मेडिकल सीटें प्रदान कर रहे हैं।

2.पंद्रह रोजगार मेलों में करीब 10 लाख नवनियुक्त युवाओं को नौकरी मिली
प्रधानमंत्री मोदी युवाओं के लिए रोजगार सृजन के लिए भी निरंतर प्रयासरत हैं। रोजगार सृजन को उच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री प्रतिबद्ध हैं। युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए रोजगार मेले की शुरुआत अक्टूबर 2022 में हुई थी। अब तक 15 मेलों में 9.73 लाख से ज्यादा युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है। पीएम मोदी ने कहा कि करीब तीन साल में ही हमारी सरकार में करीब 10 लाख पक्की नौकरियां दी जा चुकी हैं। पहले की सरकारों ने ऐसा नहीं किया। आज युवाओं के लिए नए अवसरों का निर्माण हो रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में और इस साल अप्रैल में पीएम मोदी ने रोजगार मेले में युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इन दोनों ही मेलों में 51-51 हजार नवनियुक्त युवाओं को नई नौकरी मिली। इनमें देश भर से चयनित नए कर्मचारी राजस्व विभाग, कार्मिक एवं लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, डाक विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, रेल मंत्रालय और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय सहित केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों का हिस्सा बने।

3.स्टार्टअप इंडिया बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। स्टार्टअप इंडिया के तहत 1.6 लाख से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं, जिससे 17.6 लाख से अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं। स्टार्टअप इंडिया मोदी सरकार की जनवरी 2016 को शुरू की गई एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य देश में युवाओं के नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। यह ना सिर्फ आर्थिक विकास को गति दे रहा है, बल्कि इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। 16 जनवरी को सरकार द्वारा ‘नेशनल स्टार्टअप डे’ के रूप में घोषित किया गया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक स्टार्टअप के तहत आईटी सर्विस इंडस्ट्री 2.04 लाख नौकरियों के साथ सबसे आगे है। इसके बाद हेल्थकेयर एंड लाइफसाइंस सेक्टर में 1.47 लाख नौकरियां पैदा की हैं। वहीं, पेशेवर और कमर्शियल सर्विसेज सेक्टर से जुड़े स्टार्टअप्स ने लगभग 94,000 रोजगार के अवसर सृजित किए हैं। इतना ही नहीं स्पेस से जुड़े कई स्टार्टअप्स भी नाम कमा रहे हैं। इसके अलावा कुछ स्टार्टअप का नेतृत्व को देश की बेटियां कर रही हैं।

 

4.पीएम मोदी के ‘खेलो इंडिया’ सपने से निकली कई युवा प्रतिभाएं
पीएम मोदी युवाओं में इसलिए भी ज्यादा लोकप्रिय हैं, क्योंकि वे जितना शिक्षा को महत्त्व देते हैं, युवा उद्यमिता को प्रोत्साहन देते हैं, उतना ही खेलों को भी बढ़ावा देते हैं। पीएम मोदी के इसी विजन के चलते कई अनाम युवा खेल प्रतिभाओं ने वैश्विक स्तर पर नाम कमाया है। पीएम मोदी बड़ी खेल प्रतियोगिताओं के लिए विदेश जाने वाली टीमों से खुद मिलकर उन्हें प्रोत्साहित करते हैं और वापसी पर उनका स्वागत भी करते हैं। यही वजह है कि युवा ही नहीं, अभिभावकों का रुझान भी खेलों के प्रति बढ़ा है। पीएम मोदी की खेलो इंडिया की पहल से भारतीय युवाओं को अपनी खेल प्रतिभा दिखाने के लिए एक नया मंच मिला है। नई दिल्ली में आयोजित 2018 में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के साथ इस पहल की शुरुआत हुई। इस पहल को बड़ी सफलता तब मिली, जब भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) उस साल के अंत में इस पहल से जुड़ गया। खेलो इंडिया स्कूल गेम्स का नाम बदलकर 2019 से खेलो इंडिया यूथ गेम्स कर दिया गया। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का पहला संस्करण 2020 में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT), ओडिशा में आयोजित किया गया था। इसके अलावा खेलो इंडिया विंटर गेम्स (KIWG) के तीन संस्करण कश्मीर के लेह, लद्दाख और गुलमर्ग में आयोजित किए गए हैं। देश में आयोजित होने वाले खेल समारोह का प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स-1, एचडी, स्टार स्पोर्ट्स फर्स्ट और हॉटस्टार जैसे नामी गिरामी स्पोर्टस चैनेल कर रहे हैं, जो देश में खेलों के प्रति सकारात्मक माहौल को और बढ़ा रहे हैं।

5.डिजिटल इंडिया मिशन ने हर सेक्टर में युवाओं के लिए बढ़ाए अवसर
प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी सोच से ही जुलाई 2015 में डिजिटल इंडिया मिशन निकला था। मोदी सरकार ने ऑनलाइन बुनियादी ढांचे में सुधार और नागरिकों खासकर युवाओं के बीच इंटरनेट पहुंच बढ़ाने (उदाहरण के लिए, ग्रामीण क्षेत्रों को हाई-स्पीड इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ना) के लिए ‘डिजिटल इंडिया’ पहल शुरूआत की। इससे देश को डिजिटल रूप से और अधिक उन्नत बनाने में मदद मिली। डिजिटल रूप से सशक्त अर्थव्यवस्था बनाने पर बढ़ते फोकस से सभी क्षेत्रों को लाभ मिल रहा है। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी और व्यवसाय प्रक्रिया प्रबंधन, इलेक्ट्रॉनिक्स, विनिर्माण जैसे प्रमुख डिजिटल क्षेत्रों का सकल घरेलू उत्पाद 2025 तक दोगुना होकर 355-435 बिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2024 में, प्रौद्योगिकी उद्योग ने 60,000 नए कर्मचारियों की शुद्ध वृद्धि देखी, जिससे कर्मचारियों की कुल संख्या 5.43 मिलियन हो गई। यह मिशन देश को एक डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में मदद कर रहा है, जिससे नए रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। इस मिशन के तहत शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में तकनीक का उपयोग करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे लोगों को बहुत लाभ मिल रहा है।

6.पीएम इंटर्नशिप योजना को लेकर देशभर के युवाओं में जबरदस्त उत्साह
प्रधानमंत्री की सोच के अनुरूप युवाओं को नौकरियों में अधिक से अधिक अवसर देने के लिए इस साल बजट में पीएम इंटर्नशिप स्कीम की घोषणा की गई। केंद्र सरकार का आरक्षण नियम भी इस योजना में लागू होगा। यानी अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी को आरक्षण मिलेगा, लेकिन सिर्फ वही युवा योग्य होंगे जो आर्थिक रूप से कमजोर होंगे। 10वीं, 12वीं और आइटीआइ उत्तीर्ण छात्रों के आवेदन पर विचार किया जाएगा। पीएम की नीतियों से निकले रोजगार मेलों से देशभर में लाखों युवाओं को सरकारी नौकरियां मिल चुकी हैं। अब नई शुरू हुई पीएम इंटर्नशिप योजना को लेकर देशभर के युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, इंटर्नशिप करने के लिए 10 लाख से अधिक युवक-युवतियों ने आवेदन आ चुके हैं। जबकि 25 विभिन्न सेक्टर में फिलहाल करीब 1.25 लाख को ही एक साल का इंटर्नशिप कराने की योजना बनाई गई। योजना में भारी उत्साह के देखते हुए कंपनियों ने इंटर्न की रिक्तियां बढ़ा सकती हैं।

7. युवा को बेहतर शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय और कालेज बढ़े
पीएम मोदी ने युवाओं को शिक्षा के ज्यादा से ज्यादा अवसर देने के लिए शिक्षण संस्थानों और सीटों की संख्या बढ़ाई है। विश्वविद्यालयों की संख्या 2014-15 में 760 से बढ़कर मई 2025 तक 1,334 हो गई, जो विश्व स्तरीय संस्थानों के प्रति पीएम मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके साथ ही कालेजों की संख्या भी बढ़ी है। उच्च शिक्षा की बढ़ती मांग को पूरा करते हुए कॉलेजों की संख्या 2014-15 में 38,498 से बढ़कर मई 2025 तक 51,959 हो गई।

8. मुद्रा योजना देश के युवाओं को आर्थिक रूप से बना रही समृद्ध
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 10 साल में 33 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन दिया जा चुका है। मतलब 53 करोड़ से ज्यादा लोग अपना खुद का काम शुरू कर चुके हैं। महिलाओं की भागीदारी की बात करें तो 70 फीसदी से ज्यादा लाभार्थी महिलाएं ही रहीं हैं। मुद्रा योजना 8 अप्रैल 2015 को शुरू की गई थी। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) लाखों छोटे उद्यमियों को आसान ऋण प्रदान करती है। 23 जुलाई, 2024 को, इच्छुक उद्यमियों को और अधिक सहायता देने के लिए ऋण सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई। मुद्रा योजना से हर राज्य के युवा आर्थिक तरक्की कर ना सिर्फ खुद के पैरों पर खड़े हो रहे हैं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं।

9.पीएम कौशल विकास करोड़ों युवाओं के रोजगार में बना मददगार
पीएम कौशल विकास योजना (PMKVY) के तहत 11 वर्षों में काफी संख्या में युवाओं को स्किल का प्रशिक्षण दिया गया है। 2015 में शुरू हुई इस इस योजना के माध्यम से 2.48 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को कौशल विकास प्रदान करना और उन्हें रोजगार के लिए तैयार करना है। PMKVY के माध्यम से युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिलता है, जिससे उन्हें बेहतर नौकरी और व्यवसाय के अवसर मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री कौशल व‍िकास योजना के तहत कई कोर्स में 8000 रुपये प्रत‍ि महीने के ह‍िसाब से Stipend म‍िलता है। प्रधानमंत्री कौशल व‍िकास योजना के अब तक 3 चरण हो चुके हैं और ये बहुत ही सफल रहे हैं। देशभर में करोड़ों युवाओं ने इस योजना के तहत ट्रेन‍िंग ली और इससे रोजगार पाने में उन्‍हें मदद मिली। केंद्र सरकार की सफल योजनाओं में से एक इस स्‍कीम का जल्‍द ही चौथा चरण लागू होने वाला है।

10. अग्निवीर योजना से सेना में जाने वाले युवाओं के लिए गोल्डन चांस
भारतीय सशस्त्र बलों में अग्निवीर योजना 2022 में शुरू की गई। इसके तहत चयनित युवा उम्मीदवारों को चार साल की अवधि के लिए नामांकित किया गया। इनमें से 25 प्रतिशत तक उम्मीदवारों को नियमित कैडर के रूप में सशस्त्र बलों में नामांकित होने के लिए चुना जाएगा। लगभग 1 लाख अग्निवीर सेना में एनरॉल्ड किए गए हैं। इसमें लगभग 200 महिलाएं भी शामिल हैं। वर्ष 2024-25 में लगभग 50,000 वेकेंसी जारी की गई हैं और भर्ती प्रक्रिया जारी है। केंद्र सरकार के कई बलों जैसे BSF, CISF, ITBP और एसएसबी में इनको प्राथमिकता मिलेगी. इन बलों ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि अग्निपथ योजना से निकले पूर्व अग्निवीरों को भर्ती में प्राथमिकता देंगे। उत्तर प्रदेश ही नहीं, कई अन्य राज्य भी पूर्व अग्निवीरों को अपने यहां सरकारी भर्ती में प्राथमिकता की घोषणा कर चुके हैं, इनमें राजस्थान, हरियाणा और असम शामिल हैं। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने इस योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सेना के लिए बड़ी सफलता साबित हुई है। सेना प्रमुख ने कहा, “मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह योजना बहुत सफल साबित हो रही है और इस योजना के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ लोग हमारे पास आ रहे हैं।

 

11.स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन से नवाचार-उद्यमिता के उच्च मानक स्थापित
स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन एक राष्ट्रव्यापी पहल है जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को हमारे दैनिक जीवन में आने वाली कुछ महत्वपूर्ण समस्याओं को सुलझाने के लिए एक मंच प्रदान करना है। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन की शुरुआत 2017 में केवल एक सॉफ्टवेयर अध्याय के साथ हुई थी। 2018 में हार्डवेयर अध्याय शुरू किया गया था। इस हैकाथॉन में उत्पाद नवाचार की संस्कृति और समस्या समाधान की मानसिकता विकसित करना है। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन नवाचार, सहयोग और अवसर का प्रतीक है। वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान करके और समस्या-समाधान की संस्कृति को बढ़ावा देकर, SIH भारत के युवाओं को राष्ट्र की प्रगति में सार्थक योगदान देने के लिए सशक्त बनाता है। प्रत्येक वर्ष के आयोजन के बाद इसका प्रभाव उद्योगों और सरकारी मंत्रालयों/विभागों में गूंजता रहता है। एसआईएच 2024 के पिछले सातवें संस्करण में 20 केंद्रीय मंत्रालयों, 5 राज्य सरकारों, 3 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और 3 निजी संगठनों की ओर से 202 प्रॉब्लम स्टेटमेंट प्रस्तुत की गई थी। एसआईएच छात्रों के बीच रचनात्मक समस्या-समाधान और व्यावहारिक समाधान विकास को बढ़ावा देने में एक ग्लोबल लीडर बन गया है जो लगातार नवाचार और उद्यमिता के लिए उच्च मानक स्थापित कर रहा है।

 

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