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लोक सभा में प्रधानमंत्री मोदी- कांग्रेस की नीति फूट डालो राज करो, बन गई है टुकड़े-टुकड़े गैंग की लीडर

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सोमवार, 7 फरवरी को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का सत्ता में आने की इच्छा खत्म हो चुकी है। लेकिन जब कुछ मिलने वाला नहीं है तो कम से कम बिगाड़ तो दो। इस फिलॉसफी पर कांग्रेस आज चल रही है। विभाजनकारी मानसिकता उनके डीएनए में घुस गई। अंग्रेज चले गए, लेकिन बांटो और राज करो की नीति को कांग्रेस ने अपना चरित्र बना लिया है। इसलिए ही आज कांग्रेस टुकड़े टुकड़े गैंग की लीडर बन गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि देश की जनता आपको पहचान गई है, कुछ लोग पहले पहचान गए, कुछ लोग अब पहचान रहे हैं और कुछ लोग आने वाले समय में पहचानने वाले हैं। पिछली बार 1988 में त्रिपुरा में वहां की जनता ने आपको वोट दिया था, करीब 34 साल पहले। नागालैंड के लोगों ने आखिरी बार 1998 में कांग्रेस के लिए वोट किया था, करीब 24 साल हो गए। ओडिशा ने 1995 में आपके लिए वोट किया था, सिर्फ 27 साल हुए आपको वहां एंट्री नहीं मिली। गोवा में 1994 में पूर्ण बहुमत के साथ आप जीते थे, 28 साल से गोवा ने आपको स्वीकार नहीं किया। यूपी, गुजरात, बिहार ने आखिरी बार 1985 में कांग्रेस के लिए वोट किया था, करीब 37 साल पहले। पिछली बार पश्चिम बंगाल के लोगों ने करीब 50 साल पहले 1972 में आपको पसंद किया था

लोकसभा में उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी पराजय के बाद भी कांग्रेस का अहंकार नहीं टूटा है। उन्होंने एक शायरी भी सुनाई-
वो जब दिन को रात कहें
तो तुरंत मान जाओ
नहीं मानोगे तो वो दिन में नकाब ओढ़ लेंगे
जरूरत हुई तो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ लेंगे
वो मगरूर है.. खुद की समझ पर बेइंतहा
उन्हें आइना मत दिखाओ
वो आइने को भी तोड़ देंगे

लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर उन्होंने कहा कि ये कैसे लोग हैं जो भारत के उद्योगपतियों को कोरोना का वेरिएंट बता रहे हैं। जो लोग इतिहास से सबक नहीं लेते हैं, वो इतिहास में खो जाते हैं। 60 से 80 के दशक में क्या नैरेटिव होता था? कांग्रेस के साथ रहकर सुख भोगने वाले लोग पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी की सरकार को क्या कहते थे? कहते थे कि ये तो टाटा बिड़ला की सरकार है। अब आप भी उसी भाषा को बोल रहे हैं।

महंगाई के मामले पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहाकि कांग्रेस के आखिरी पांच सालों में देश को डबल डिजिट महंगाई की मार झेलनी पड़ी। सरकार ने खुद माना था कि महंगाई उनके कंट्रोल से बाहर है। 2011 में तत्कालीन वित्त मंत्री ने बेशर्मी से कह दिया कि महंगाई को कम करने के लिए किसी अलादीन के जादू की उम्मीद न करें। उन्‍होंने कहा कि पी चिदंबरम इन दिनों अखबारों में अर्थव्यवस्था पर लेख लिख रहे हैं। चिदंबरम जी ने 2012 में कहा था कि लोगों को 15 की पानी की बोतल और 20 रूपये की आइस्क्रीम खरीदने में तकलीफ नहीं होती, लेकिन गेहूं-चावल पर एक रुपये बढ़ जाए तो चिंता होती है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बावजूद महंगाई इस बार 5.2 प्रतिशथ रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने गरीबी हटाओ नारे के कारण कई चुनाव जीते लेकिन ऐसा करने में असफल रहे। महंगाई पर उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले से अपने भाषण में मंहगाई पर हाथ खड़े कर दिए थे। नेहरू ने कहा था कभी-कभी कोरिया में लड़ाई भी हमें प्रभावित करती हैं और इससे वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं और यह हमारे कंट्रोल से भी बाहर हो जाती हैं। वो आगे कहते हैं कि अगर अमेरिका में भी कुछ हो जाता है तो उसका असर वस्तुओं की कीमतों पर पड़ जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को मेक इन इंडिया से दिक्कत है, क्योंकि उनके लिए इसका मतलब है कि भ्रष्टाचार नहीं होगा, वे पैसा नहीं जुटा पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन्होंने 50 वर्षों तक देश की सरकारें चलाई, मेक इन इंडिया को लेकर उनका क्या रवैया था। इसके लिए सिर्फ डिफेंस सेक्टर को हम देखें तो सारी बातें समझ आती हैं कि वो क्या करते थे, कैसे करते थे, क्यों करते थे और किसके लिए करते थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना काल में तो कांग्रेस पार्टी ने सारी हदें पार कर दी। पहली लहर के दौरान, जब लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे थे, दिशानिर्देश सुझाव दे रहे थे कि लोग जहां हैं वहीं रहें, तब कांग्रेस मुंबई स्टेशन पर खड़ी थी और निर्दोष लोगों को डरा रही थी। मुंबई में नेताओं ने फ्री टिकट देकर मजदूरों से कहा कि अपने-अपने घर जाओ। वहीं, दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में अनाउंसमेंट किए गए कि कोरोना विकराल रूप ले रहा है, अपने-अपने घर जाओ।

 

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