संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रीय जनप्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सामाजिक न्याय का अर्थ है बराबरी का संदेश देना और सामाजिक न्याय दिलाना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा, ”सामाजिक न्याय का सामाजिक दायरा भी है और सामाजिक न्याय के तहत सबको बराबरी का हक मिले इसकी जिम्मेदारी भी है।” पीएम मोदी ने देश के 115 पिछड़े जिलों का जिक्र करते हुए कहा कि इन्हें विकास की रेस में आगे लाना होगा। उन्होंने संसाधनों के अभाव को पिछड़ेपन का कारण नहीं मानते हुए माइंडसेट में बदलाव करने और मिशन मोड में काम करने का आह्वान किया।
हमारा संविधान विशेष
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा संविधान दुनिया में विशेष है। संविधान निर्माताओं ने खास कर डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर ने हमारे संविधान को एक सामाजिक दस्तावेज के रूप में उसका वर्णन किया है। उन्होंने कहा, ”दुनिया में हमारे संविधान की विशेषता सिर्फ धाराओं के कारण नहीं, अधिकारों के कारण नहीं, कार्यों के बंटवारे के कारण नहीं है, बल्कि देश में सदियों से जो बुराईयां जो घर कर गई थी उससे मुक्ति दिलाने के लिए मंथन में से जो अमृत निकला वह हमारे संविधान के अंदर शब्द रूप में स्थान पाया है, और वो बात थी सामाजिक न्याय की।”
सामाजिक न्याय का बड़ा दायरा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सामाजिक न्याय का दायरा बड़ा है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से पूछा कि कोई मुझे बताएं कि एक घर या एक गांव में बिजली है, बगल वाले गांव या घर में बिजली नहीं है, क्या सामाजिक न्याय ये जिम्मेवारी नहीं बनाती है कि उसके घर में भी बिजली होनी चाहिए ? सामाजिक न्याय का सिद्धांत इस बराबरी के लिए हम सबको प्रेरित करता है।
कमजोर जिलों को आगे लाना जरूरी
प्रधानमंत्री ने देश के 115 जिलों के पिछड़ेपन का जिक्र करते हुए कहा कि हर राज्य में कई जिले ऐसे हैं जिनका डेवलपमेंट पैरामीटर मजबूत है, हम उनसे सीख कर कमजोर जिलों के लिए काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 115 जिलों में डीएम अधिक उम्र के हैं। इन जिलों में नये डीएम नियुक्त करने की योजना है। उन्होंने कहा कि एक जिला फला-फूला है बहुत आगे बढ़ा है, लेकिन दूसरा पीछे रह गया है। क्या सामाजिक न्याय की बात करने में हमारी ये बाध्यता नहीं है कि वो जिले भी कम से कम बराबरी में तो आएं।
जनप्रतिनिधि-अफसर मिलकर करें काम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकास के लिए जनप्रतिनिधि और अफसर साथ आएं। जन भागीदारी के बिना जब कम होती हैं तब योजनाएं अटक जाती हैं। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा अफसरों का सहयोग करने से विकास के काम में आसानी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को मिशन मोड में जोड़ने से बेहतर परिणाम मिलता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सरकार में बैठे लोगों का हौसला बढ़ाएं, जन भागीदारी बढ़ाएं और हम एनजीओ को शामिल करें और उनसे विमर्श कर समस्याएं दूर करें।
जनप्रतिनिधियों पर जनता रखती है नजर
पीएम मोदी ने कहा कि जनता नेताओं के काम पर नजर रखती है। बदलाव के लिए जनता से जन प्रतिनिधियों को जुड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मिशन मोड में काम करने से ही विकास संभव है। उन्होंने कहा, ”कोई एक जमाना था कि जब देश में हार्डकोर पॉलिटिक्स दिन रात पॉलिटिक्स, आंदोलन की राजनीति, बयान की राजनीति, संघर्ष की राजनीति, बहुत काम आती थी। लेकिन अब आप सत्ता में हैं या विपक्ष में, जनता के काम आते हैं कि इस बात को जनता देखती है।”
बैकवर्ड की नहीं फॉरवर्ड की स्पर्धा चाहिए
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में बैकवर्ड की स्पर्धा नहीं करनी है, फॉरवर्ड की स्पर्धा नहीं करनी है। उन्होंने कहा कि हमारे इन पिछड़े इलाकों को इन क्षेत्रों का विकास सामाजिक न्याय का काम है। अगर उस डिस्ट्रिक्ट का डेवलपमेंट हुआ तो अपने आप सामाजिक न्याय का हक बन ही जाएगा। अगर सब बच्चों को शिक्षा मिलती है तो सामाजिक न्याय का कदम हुआ। सब डिस्ट्रिक्ट में बिजली आ गई तो यह सामाजिक न्याय का काम हुआ।