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असम और पश्चिम बंगाल को प्रधानमंत्री मोदी ने दी सौगात, कई विकास परियोजनाओं का किया शिलान्यास और उद्घाटन

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सोमवार को असम और पश्चिम बंगाल में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। असम में पीएम मोदी ने धेमाजी से दूरमधुबन, डिब्रूगढ़ में इंडियन ऑयल की बोंगाईगाँव रिफाइनरीकी इंडमैक्‍स इकाई, ऑयल इंडिया लिमिटेड के सेकेंडरी टैंक फार्म और हेबेडा गांव, मकुम, तिनसुखिया में एक गैस कम्‍प्रेसर स्‍टेशन राष्‍ट्र को समर्पित किया। उन्होंने धेमाजी इंजीनियरिंग कॉलेज का भी उद्घाटन किया और असम में सुआलकूची इंजीनियरिंग कॉलेज की आधारशिला रखी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्‍तर क्षेत्र भारत का नया विकास इंजन होगा और वह असम के लोगों के लिए अधिक काम करने के लिए प्रेरित हुए हैं। उन्होंने याद किया कि कैसे आठ दशक पहले ब्रह्मपुत्र नदी के उत्‍तरी तट ने असमी सिनेमा को जन्म दिया था। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र ने असम की संस्कृति का गौरव बढ़ाने वाली अनेक हस्तियों को जन्‍म दिया है। उन्होंने कहा कि केन्‍द्र और राज्य सरकारें असम के संतुलित विकास के लिए मिलकर काम कर रही हैं और इसका प्रमुख आधार राज्य का बुनियादी ढांचा है। विपक्ष की आलोचना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्‍तरी तट में बड़ी संभावनाओं के बावजूद, पहले की सरकारों ने इस क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार किया और इस क्षेत्र के लिए सम्‍पर्क, अस्पतालों, शिक्षा संस्थानों, उद्योगों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता नहीं दी। उन्होंने कहा कि सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्‍वास’ के मंत्र पर काम कर रही है और इस भेदभाव को दूर किया है। उन्होंने असम में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की सूची गिनाई, जिनका उद्घाटन सरकार द्वारा किया गया था।

श्री मोदी ने कहा कि आज इस क्षेत्र में ऊर्जा और शिक्षा से जुड़ी 3000 करोड़ रुपये से अधिक की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं ऊर्जा और शिक्षा के क्षेत्र में इस क्षेत्र की पहचान को मजबूत करेंगी और असम के प्रतीक के रूप में कार्य करेंगी। प्रधानमंत्री ने भारत की शक्ति और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए निरंतर आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्षों में, भारत में शोधन क्षमता बहुत बढ़ गई है, खासकर बोंगाईगांव रिफाइनरी में।

श्री मोदी ने कहा कि प्रधान मंत्री उर्जा गंगा योजना के तहत, पूर्वी भारत को दुनिया के सबसे बड़े पाइपलाइन नेटवर्क में से एक से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों की जबरदस्‍त प्रतिभा का पूल आत्‍मनिर्भर भारतको प्रोत्साहन देने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। पिछले वर्षों में, हम देश में एक वातावरण बनाने के लिए काम कर रहे थे, जहाँ देश के युवा स्टार्ट अप के साथ समस्याओं को हल कर सकते हैं। आज पूरी दुनिया भारत के इंजीनियरों को मान्‍यता दे रही है। असम के युवाओं में अद्भुत क्षमता है। राज्य सरकार इस क्षमता को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। असम सरकार के प्रयासों के कारण, आज राज्य में 20 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। आज, धेमाजी इंजीनियरिंग कॉलेज के उद्घाटन और सुआलकूची इंजीनियरिंग कॉलेजकी आधारशिला से यह स्थिति और मजबूत हुई है। उन्होंने घोषणा की कि तीन और इंजीनियरिंग कॉलेजों पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि असम सरकार नई शिक्षा नीति को जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश कर रही है। इससे असम के लोगों, विशेषकर चाय बागान के श्रमिकों, अनुसूचित जनजातियों के बच्चों को शिक्षा के माध्यम के रूप में स्थानीय भाषा का लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि असम चाय, हथकरघा और पर्यटन के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। आत्‍मनिर्भरता असम के लोगों की ताकत और क्षमताओं को बढ़ाएगी। चाय उत्पादन से आत्मनिर्भर असम का विजन मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में, जब यहां के युवा खुद स्कूल और कॉलेज में इन कौशलों को सीखेंगे, तो इससे बहुत फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में, आदिवासी क्षेत्रों में सैकड़ों नए एकलव्य मॉडल स्कूल खोलने का प्रावधान किया गया है, जिसका असम को भी लाभ होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिन 4 प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन और लोकार्पण हुआ है, उससे यहां का रेल नेटवर्क और सशक्त होगा। इस तीसरी लाइन के शुरु होने से खड़गपुर-आदित्यपुर खंड में रेल की आवाजाही बहुत ही सुधरेगी और हावड़ा-मुंबई रूट पर ट्रेनों में होने वाली देरी कम होगी। आजिमगंज से खागड़ाघाट रोड के बीच दोहरी लाइन की सुविधा मिलने से मुर्शिदाबाद जिले के व्यस्त रेल नेटवर्क को राहत मिलेगी। इस रूट से कोलकाता-न्यू जलपाईगुड़ी-गुवाहाटी के लिए वैकल्पिक मार्ग भी मिलेगा और नॉर्थ ईस्ट तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी। डानकुनी-बारूइपाड़ा के बीच चौथी लाइन का प्रोजेक्ट तो वैसे भी बहुत अहम है। इसके तैयार होने से हुगली के व्यस्त नेटवर्क पर बोझ कम होगा। इसी तरह, रसुलपुर और मगरा का सेक्शन, कोलकाता का एक प्रकार से गेटवे है, लेकिन बहुत ज्यादा भीड़भाड़ वाला है। नई लाइन शुरु होने से, इस समस्या में भी काफी हद तक राहत मिलेगी।

श्री मोदी ने कहा कि तमाम प्रोजेक्ट्स पश्चिम बंगाल को उन इलाकों से भी जोड़ रहे हैं, जहां कोल इंडस्ट्री है, स्टील उद्योग हैं, जहां फर्टिलाइज़र तैयार होता है, अनाज पैदा होता है। यानि इन नई रेल लाइनों से जीवन तो आसान होगा ही, उद्यम के लिए भी नए विकल्प मिलेंगे और यही तो बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का लक्ष्य होता है। यही तो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास है। यही तो आत्मनिर्भर भारत का भी अंतिम लक्ष्य है। इसी लक्ष्य के लिए हम सभी काम करते रहें, इसी कामना के साथ मैं पीयूष जी को, उनकी पूरी टीम को साधुवाद देता हूं, बधाई देता हूं और पश्चिम बंगाल के रेल क्षेत्र में, रेल इन्‍फ्राटेक्‍चर क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से जो कमियां रह गई हैं, उन कमियों को पूरा करने के लिए हमने बीड़ा उठाया है, उसको हम अवश्‍य पूरा करेंगे और बंगाल के सपनों को भी पूरा करेंगे।

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