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पीएम मोदी की सादगी की मिसाल, संसद में नारेबाजी कर रहे विपक्षी सांसद को थमाया अपना पानी का गिलास

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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देने के लिए मंगलवार (2 जुलाई) को जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोलना शुरू किया विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा स्पीकर के बार-बार मना करने के बावजूद उनका हंगामा जारी रहा। यह हंगामा थोड़ी देर के लिए नहीं था बल्कि प्रधानमंत्री के संबोधन शुरू होने से लेकर उनके खत्म होने तक जारी रहा। इस हंगामे के बीच एक ऐसा वाकया हुआ जो पीएम मोदी की सादगी की मिसाल पेश करता है। जो सांसद पीएम मोदी को तानाशाह कहते नहीं थक रहे थे, जिन्होंने लोकसभा में पीएम के संबोधन को बाधित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, उन्हीं में से एक सांसद को प्नधानमंत्री ने अपना पानी का गिलास थमा दिया। दरअसल प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान जब उनके लिए पानी का गिलास आया तो उन्होंने वेल में नारेबाजी कर रहे सांसद की ओर बढ़ा दिया। केरल के एर्नाकुलम सीट से कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने ग‍िलास लेकर पानी पी लिया।  

विपक्षी सांसद को थमाया अपना पानी का गिलास
2 जुलाई 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18वीं लोकसभा के पहले विशेष सत्र में 2 जुलाई 2024 को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। प्रधानमंत्री का संबोधन शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के नेता राहुल गांधी के इशारे पर कई सांसद वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। इससे प्रधानमंत्री के पूरे संबोधन के दौरान शोरगुल और हंगामा होता रहा। लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी पीएम मोदी ने सादगी की मिसाल पेश की। दरअसल शोरगुल के बीच जब प्रधानमंत्री अपना संबोधन दे रहे थे उसी दौरान उनके लिए पानी का गिलास लाया गया। उन्होंने अपना भाषण रोककर उन सांसदों को पानी का गिलास ऑफर किया जो लोकसभा के वेल में आकर उन्हीं के खिलाफ नारे लगा रहे थे और भाषण को बाधित करने कोशिश कर रहे थे। पीएम मोदी ने पहले गिलास नारेबाजी कर रहे कांग्रेस के सांसद मण‍िक्‍कम टैगोर की ओर बढ़ाया लेकिन उन्होंने पानी नहीं लिया। इसके बाद पीएम मोदी ने दूसरे सांसद ह‍िबी ईडन को गिलास थमा दिया। उन्‍होंने ग‍िलास लेकर पानी पी लिया। ह‍िबी ईडन केरल की एर्नाकुलम सीट से कांग्रेस सांसद हैं।

पीएम मोदी की सादगी की मिसाल कई अवसरों पर देखने को मिली है। इस पर एक नजर-

सादगी से मां का अंतिम संस्कार, पुत्रधर्म के बाद निभाया राजधर्म
30 दिसंबर 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा का 30 दिसंबर 2022 को निधन हो गया। 100 साल की उम्र में हीरा बा ने अहमदाबाद के अस्पताल में तड़के 3.30 बजे अंतिम सांस ली। निधन की सूचना मिलने पर पीएम मोदी तत्काल अहमदाबाद होते हुए गांधीनगर पहुंचे। अपने छोटे भाई पंकज मोदी के यहां मां की पार्थिव देह को प्रमाण किया, अंतिम यात्रा में हिस्सा लिया, अर्थी को कंधा दिया और फिर मुखाग्नि कर अंतिम संस्कार किया। लोग सोच रहे थे कि प्रधानमंत्री मोदी जी की माताजी का देहावसान हुआ है तो आज तो उनका पार्थिव शरीर कहीं अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा, जैसा अन्य राजनेताओं के परिजन की मृत्यु में होता है। राजसी तरीके से अंतिम संस्कार होगा। पूरा अंतिम संस्कार का कार्यक्रम राजकीय होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। बल्कि बेटे का धर्म निभाने के बाद पीएम मोदी ने राजधर्म निभाते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बंगाल में वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी भी दिखाई। पीएम मोदी की इस सादगी की हर तरफ चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग तारीफों के पुल बांध रहे हैं। पीएम मोदी की माताजी का अंतिम संस्कार बेहद सादगीपूर्ण तरीके से हुआ। न कोई तामझाम, न नेताओं का जमावड़ा।

काफिले को छोड़ पैदल वोट डालने पहुंचे, कतार में अपनी बारी का किया इंतजार
5 दिसंबर 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 दिसंबर 2022 को गुजरात के अहमदाबाद में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में अपना वोट डाला। उन्होंने अहमदाबाद के रानिप स्थित निशान पब्लिक स्कूल में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पीएम मोदी गांधीनगर राजभवन से वोट डालने के लिए निकले। उनके आगमन को लेकर बड़ी तादाद में लोग अपने प्रिय नेता की एक झलक पाने के लिए सड़क के दोनों ओर खड़े थे। यह देखकर पीएम मोदी ने अपने काफिले को बीच रास्ते में ही रोक दिया और पैदल मतदान स्थल के लिए निकल पड़े और सभी लोगों का अभिवादन किया। पीएम मोदी ने VVIP Culture के खिलाफ बड़ा संदेश देते हुए पोलिंग बूथ पर कतार में आम लोगों के साथ खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया और फिर वोट डाला। मतदान के बाद भी वह कार में बैठने के बजाय पैदल ही निकल पड़े और लोगों का अभिवादन किया। मतदान के बाद पीएम मोदी अपने भाई के घर तक पैदल पहुंचे और उनसे मुलाकात की।

स्वामी शिवानंद ने दंडवत प्रणाम किया तो सम्मान में पीएम मोदी भी हुए नतमस्तक
21 मार्च 2022
वाराणसी के 126 साल के स्वामी शिवानंद 21 मार्च 2022 को पद्मश्री अवॉर्ड लेने पहुंचे। लेकिन, माहौल उस वक्त भावुक हो गया जब शिवानंद अवॉर्ड लेने से पहले पीएम मोदी को नमस्कार करने घुटनों के बल बैठ गए। शिवानंद के ये भाव देखकर पीएम मोदी भी अपनी कुर्सी से उठकर शिवानंद के सम्मान में झुक गए। स्वामी शिवानंद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने भी घुटनों पर बैठ गए। लेकिन राष्ट्रपति कोविंद ने उन्हें झुककर उठाया। स्वामी शिवानंद को भारतीय जीवन पद्धति और योग के के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान दिया गया है। राष्ट्रपति भवन में 126 साल के स्वामी ने अपनी फिटनेस से सबको चौंका दिया। 1925 में उनके गुरु ने उन्हें विश्व भ्रमण का निर्देश दिया। 29 साल के शिवा लंदन गए और लगातार 34 साल तक भ्रमण ही करते रहे। अमेरिका, यूरोप, आस्ट्रेलिया, रूस आदि देशों की यात्रा से लौटकर जब वह स्वदेश आए तो भारत तब तक अपना 9वां गणतंत्र दिवस मना रहा था। बाबा आज भी ब्रह्मचर्य के नियम का पालन करते हैं। उबला भोजन और सब्जी ही खाते हैं।

राजस्थान की जनता के सामने दंडवत हो गए प्रधानमंत्री मोदी
30 सितंबर 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर 2022 को आबूरोड में राजस्थान की जनता को दंडवत होकर नमन किया। दरअसल यहां पीएम को एक जनसभा को संबोधित करना था लेकिन गुजरात से वहां पहुंचने में देर हो गई और रात के 10 बज गए। रात के 10 बजने की वजह से पीएम मोदी ने लाउडस्पीकर पर लोगों को संबोधित नहीं किया। जनसभा में शामिल जनता को उन्होंने घुटनों के बल बैठकर तीन बार नमन किया। पीएम मोदी के इस अभिवादन से जनता भावविभोर हो उठी। पीएम मोदी के जनसभा में पहुंचने पर पंडाल मोदी मोदी के नारों से गूंज उठा। प्रदेश की जनता का प्यार देखकर पीएम मोदी ने कहा कि मैं इस प्यार को सूद समेत वापस लौटाऊंगा।

एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए PM मोदी ने रोका काफिला
30 सितंबर 2022
गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर 2022 को एक एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए अपना काफिला रोक दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अहमदाबाद की सभा खत्म करके वापस लौटते वक्त अहमदाबाद से गांधीनगर के रास्ते में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना काफिला एक एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए रोक दिया। एंबुलेंस के गुजर जाने के बाद ही काफिला आगे बढ़ा।

हिमाचल में एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए रोका काफिला
9 नवंबर 2022
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूं ही लोगों के दिलों पर राज नहीं करते हैं। 9 नवंबर 2022 को हिमाचल प्रदेश में चुनावी रैली से पहले उन्होंने मानवता की एक और मिसाल पेश की। चांबी रैली से पहले लोग उस समय हैरान रह गए जब उन्होंने देखा कि प्रधानमंत्री मोदी का काफिला अचानक रुक गया है। दरअसल एसपीजी सुरक्षा घेरे में होने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने अपना काफिला रोक एक एंबुलेंस को रास्ता दिया। प्रधानमंत्री मोदी को जब पता चला कि उनके काफिले के कारण एक एंबुलेंस रुका हुआ है तो उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से अपने काफिले को रोक एंबुलेंस को आगे जाने का रास्ता दिया। इससे पहले भी वह कई बार अपने काफिले को रोक कर एंबुलेंस को रास्ता दे चुके हैं।

कारगिल में 21 साल बाद मेजर अमित से मिले
24 अक्टूबर 2022
कारगिल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल 24 अक्टूबर 2022 को सैनिकों संग दिवाली मनाई। इस दौरान उन्होंने वीर जवानों के साथ भारत माता की जय, वंदे मातरम के जयघोष लगाए। उन्होंने सीमा प्रहरियों को प्रेरणा से भरपूर कविता भी सुनाई और संबोधन से उनमें जोश भरा। वहीं, इस दौरान एक भावुक पल भी देखने को मिला, जब मेजर अमित ने प्रधानमंत्री मोदी को एक तस्वीर भेंट की। तस्वीर में अमित और एक अन्य छात्र पीएम मोदी से शील्ड लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। फोटो 2001 की है। उस समय नरेंद्र मोदी सैनिक स्कूल बालाचडी के दौरे पर पहुंचे थे। तब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और अमित बालाचडी स्कूल के छात्र थे। अब 21 साल बाद फिर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलने का अवसर मिला। लेकिन अब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और अमित अब भारतीय सेना में मेजर बन चुके हैं। 21 साल बाद जब दोनों की मुलाकात हुई तो भावुक पल सामने आया।

उन्नाव में मंच पर छुए जिलाध्यक्ष के पैर
20 फरवरी 2022
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में प्रधानमंत्री मोदी ने 20 फरवरी 2022 को जनसभा की। इस दौरान एक ऐसा वाकया हुआ जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने चंदनखेड़ा में हुई जनसभा में मंच पर मौजूद जिलाध्यक्ष के पैर छू लिए। दरअसल उन्नाव के चंदनखेड़ा में जनसभा के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और जिलाध्यक्ष अवधेश कटियार ने प्रधानमंत्री को राम दरबार का स्मृति चिह्न भेंट किया। इसी दौरान जिलाध्यक्ष ने प्रधानमंत्री के पैर छू लिए, इस पर प्रधानमंत्री ने उन्हें ऐसा करने से मना किया। उन्होंने कहा कि वह संगठन के प्रत्येक पदाधिकारी और कार्यकर्ता का आदर करते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री झुके और जिलाध्यक्ष के पैर छू लिए। जिलाध्यक्ष ने बताया कि प्रधानमंत्री ने पैर छूने से मना किया और फिर खुद झुककर अभिवादन किया।

प्रधानमंत्री मोदी के भोजन पर नहीं होता सरकारी खर्च
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपना जीवन बड़ी सादगी से जीते हैं। आम तौर पर प्रधानमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति का सारा खर्च केंद्र सरकार ही वहन करती है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इस मामले में अलग सोच रखते हैं। उनका मानना है कि सक्षम व्यक्ति न केवल अपना खर्च खुद वहन करें, बल्कि जरूरतमंदों की मदद के लिए भी आगे आएं। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी अपने भोजन और कपड़ा के लिए भारत सरकार के पैसे का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वो अपने भोजन का खर्च खुद उठाते हैं। दरअसल हाल ही में एक आरटीआई में प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर होने वाले भोजन के खर्च को लेकर सवाल पूछा गया था। इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय के केंद्रीय सूचना अधिकारी ने विस्तार से जवाब दिया है। आरटीआई के जवाब में अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी अपने खाने का खर्च खुद उठाते हैं। उनके खाने पर सरकार का कोई खर्च नहीं होता है। यहां तक कि देश या विदेश में यात्रा के दौरान भी विमान में घर का बना खाना पैक कराकर ले जाते हैं और खाते हैं। इसमें अधिकतर खिचड़ी होती है।

कपड़ों के खर्च का भुगतान स्वयं करते हैं पीएम मोदी
एक आरटीआई प्रधानमंत्री मोदी के कपड़ों पर होने वाले खर्च को लेकर भी लगाई गई थी, तब पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री अपने कपड़ों के खर्च का भुगतान स्वयं करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के निजी कपड़ों पर होनेवाला खर्च प्रधानमंत्री अपनी सैलरी से ही उठाते हैं। इसके लिए सरकारी कार्यालय की तरफ से कोई रकम खर्च नहीं की जाती है। सूचना के अधिकार के तहत इस जवाब के बाद आरटीआई कार्यकर्ता सब्बरवाल ने कहा था, ‘बहुत से लोगों को अब तक ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी के कपड़ों पर सरकारी खजाने से बड़ी रकम खर्च की गई है। आरटीआई से मिली जानकारी से लोगों का यह भ्रम दूर होगा।’


 

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