मोदी है तो मुमकिन है…कोरोना काल में विदेशों में फंसे लाखों भारतीयों के लिए यह ब्रह्म वाक्य साबित हुआ। पीएम मोदी ने दिखाया कि उन्हें हर भारतीय की चिंता है, भले ही वह दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहता हो। भारतीयों की पुकार पर वे हर संभव सहायता को हमेशा तत्पर रहते हैं। कोरोना काल में सफलतापूर्वक चलाए गए ‘वंदे भारत मिशन’ के बाद अब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की आशंकाओं के चलते विदेश में फंसे हजारों भारतीय छात्रों के लिए भी मोदी सरकार ने पहल की है। यूक्रेन से भारतीयों को एयरलिफ्ट कराया जाएगा। भारत ने यूएन में जोर देकर कहा है कि इन भारतीय नागरिकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।
यूक्रेन पर हमले की गहराती आशंका के बीच भारत ने यूक्रेन व आसपास के क्षेत्रों में रह रहे भारतीय की सुरक्षित स्वदेश वापसी का निर्णय लिया है। यूक्रेन व उसके आसपास के क्षेत्रों में ही 20 हजार से ज्यादा भारतीय नागरिक रहते हैं। इनमें ज्यादातर छात्र हैं। सरकार ने तय किया है कि भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी के लिए अभियान शुरू किया जाए। भारत ने इस विशेष अभियान के लिए 200 से ज्यादा सीटों वाले ड्रीमलाइनर बी-787 विमान को तैनात किया है। यह फ्लाइट यूक्रेन के खार्किव से 256 भारतीय छात्रों को लेकर देश लौटेगी। जानकारी के मुताबिक, फ्लाइट आज रात 10.15 बजे देश लौट आएगी।
भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी की, भारतीय नागरिक तुरंत यूक्रेन छोड़ें
इस बीच, यूक्रेन में जारी उच्च स्तरीय तनाव को देखते हुए भारत ने अतिरिक्त उड़ानों को संचालित करने का फैसला किया है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास के मुताबिक, कीव से दिल्ली के लिए अतिरिक्त उड़ानें 25 फरवरी, 27 फरवरी (दो उड़ानें) और 6 मार्च, 2022 को संचालित होंगी। यूक्रेन संकट के बीच भारत ने एक बार फिर अपील की है कि भारतीय नागरिक व छात्र तुरंत यूक्रेन छोड़ दें। यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित भारतीय दूतावास की ओर से एक बार फिर से एडवाइजरी जारी की गई है।
भारतीय दूतावास की एडवाइजरी में कहा गया है कि भारतीय छात्र तत्काल ही यूक्रेन छोड़ने की तैयारी करें। उन्हें कहा गया है कि, भारतीय छात्र विश्वविद्यालयों द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं की आधिकारिक पुष्टि के बजाय वापस वतन लौट आएं। दूतावास ने बताया कि, उसके पास बड़ी संख्या में फोन आ रहे हैं, इसमें छात्र मेडिकल विश्वविद्यालयों द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं की पुष्टि के बारे में पूछ रहे हैं। दूतावास ने कहा है कि, छात्र व नागरिक अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अस्थाई रूप से वापस लौट आएं। शिक्षा प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए भारतीय दूतावास संबंधित अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है।
इस बीच रूस द्वारा यूक्रेन के दो शहरों डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र घोषित किए जाने और सेना भेजने के आदेश के साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुला ली है। इसमें संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि, 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं। भारतीयों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा खंडित होगी। भारत ने दोनों पक्षों को संयम बरतने पर जोर दिया है।
In view of the continued high level of tensions in Ukraine, additional flights are being organised. Four flights from Kyiv to Delhi to operate on Feb 25, Feb 27 and March 6, 2022: Embassy of India in Ukraine pic.twitter.com/xP9Tp3gTle
— ANI (@ANI) February 22, 2022
कोरोना काल में ‘वंदे भारत मिशन’ में कई देशों से लाखों भारतीयों की हुई वापसी
यह पहला मौका नहीं है, जबकि मोदी सरकार ने विदेशों में बसे भारतीयों की चिंता की हो। इससे पहले भी वैश्विक महामारी के समय भी लाखों लोगों को कई देशों से एयरलिफ्ट कराया था। वर्ष 2000 में सितंबर तक छह चरणों में चले वंदे भारत मिशन के तहत 13.85 लाख भारतीयों को विदेशों से स्वदेश लाया गया है। लोकसभा विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने बताया था कहा कि इस मिशन तहत अधिकारी दूसरे देशों में रहने वाले भारतीयों के साथ नियमित सम्पर्क में हैं। उन्होंने बताया कि 11 सितंबर तक 13,85,670 भारतीयों को ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत विदेशों से स्वदेश लाया गया।