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लोकसभा चुनाव से पहले PM Modi ने जयपुर में विधायकों और मंत्रियों को दिया अंत्योदय और गुड गवर्नेंस का मंत्र, योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने का पढ़ाया पाठ

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जयपुर में डीजी-आईजी कांफ्रेंस में भाग लेने से पहले पीएम मोदी ने भाजपा विधायकों, मंत्रियों और संगठन के पदाधिकारियों की बैठक ली। प्रधानमंत्री ने उनको गुड गवर्नेंस व लोकसभा चुनाव में जीत के लिए अंत्योदय का मूलमंत्र दिया। उन्होंने कहा कि विधायकों को तबादलों के झंझट में न पड़कर योजनाओं को जनता-जनार्दन तक पहुंचाने का सेतु बनना चाहिए। ताकि समाज की अंतिम पंक्ति तक लाभ पहुंचाकर सफलता हासिल की जा सके और लोगों को दिल जीता जा सके। पीएम ने 22 जनवरी को राम जन्मभूमि अयोध्या में होने वाले राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर भागीदारी पर चर्चा करने के साथ ही इसे राज्यभर में उत्सव की तरह मनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी लोग इसे दीपावली की तरह मनाएं और अपने घरों को राम ज्योत जलाकर जगमग जरूर करें।केंद्र की योजनाओं व संगठन के कार्यक्रमों को गति देने का संदेश दिया
पार्टी कार्यालय में पहली बार बैठक ले रहे पीएम मोदी यहां दो घंटे तक रहे। उन्होंने कई पार्टी नेताओं के साथ वन-टू-वन बात भी की। उधर, पीएम ने पार्टी कार्यालय में प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को अंत्योदय के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा भी भेंट की। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पीएम ने संबोधन में लोकसभा चुनाव से पहले कई अहम टास्क दिए। इसमें केंद्र की योजनाओं व संगठन के कार्यक्रमों को गति देने का संदेश दिया। पीएम नरेंद्र मोदी ने संबोधन में कार्यकर्ताओं को तरजीह देने की भी बात कही। उन्होंने सीएम भजनलाल समेत कुछ उदाहरण देकर कहा कि पार्टी की सभी कार्यकर्ताओं पर नजर है। ऐसे में पार्टी को पता है कि कब किसे क्या देना है? देने का सही समय क्या है? ये सब पार्टी को पता है। उनकी ये बात स्पष्ट संदेश था कि पार्टी में कार्यकर्ताओं को तरजीह मिल रही है और भविष्य में भी निष्ठावान और मेहनती कार्यकर्ताओं को मिलती रहेगी।

तबादलों में भागीदारी से बचें, डिजायर से भैंरोसिंह भी परेशान थे
पीएम मोदी ने सत्ता परिवर्तन के बाद अफसरों के तबादलों को लेकर संदेश दिया कि अधिकारी कभी किसी पार्टी के नहीं होते हैं। तबादलों में नेताओं की भागीदारी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कौन अधिकारी कहां लगा है, कहां नहीं? इस पर ध्यान न दें। उन्होंने तबादलों को लेकर होने वाली राजनीति से बचने की सलाह भी दी। हमारा काम पॉलिसी बनाना है और अधिकारियों का काम उसे लागू करने का है। पीएम ने दिवंगत भैरोंसिंह शेखावत का नाम लेकर कहा कि मैं जब पार्टी का महासचिव था, तब वे डिजायर का पूरा थैला लेकर आए और कहा कि यह मेरे बस की बात नहीं है। पीएम ने यह नसीहत भी दी कि अधिकारियों से अच्छा व्यवहार करें। अभी एक-दो शिकायतें आई हैं। आगे ऐसा न हो।

पांच साल सत्ता में रहते हुए समय का सदुपयोग कर बेहतर काम करें
पीएम मोदी ने कहा कि हर विधायक-मंत्री को हर महीने अपने क्षेत्र के गांवों में जाकर रुकना है, ताकि जमीनी कनेक्टिविटी बनी रहे। इससे विधायक से लेकर सरकार तक लोगों की असल समस्याओं के बारे में वे अपडेट रह सकेंगे। पीएम ने कहा कि हर माह एक गांव में जाओ और वहां रुको। आप अपना टिफिन लेकर जाओ। कार्यकर्ताओं से मिलो। उनके साथ भोजन करो। गांव वालों की तकलीफ भी समझो। पांच साल में 60 माह होते हैं। हर माह एक गांव में रहोगे तो पांच साल में 60 गांवों में रुकने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि अंत्योदय पर फोकस करके योजना बनाएं और खुद की वर्किंग बेहतर रखें। इसके साथ ही उन्होंने श्री अन्न को लेकर मोटे अनाज को प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया।इंदिरा रसोई का नाम बदलकर श्री अन्नपूर्णा योजना रसोई किया
इससे पहले पीएम के सामने भाजपा के प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इंदिरा रसोई योजना का नाम बदलने री घोषणा की। उन्होंने कहा कि पुरानी योजना में कई खामियां थीं। योजना का नाम श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना रखा गया है। नई योजना में सभी खामियों को दूर करके शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक योजना का लाभ पहुंचाया जाएगा। डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस शुरू होने से पहले ही शुक्रवार को आतंकी पन्नू द्वारा धमकी भरा वीडियो जाने के होने के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई। पन्नू ने अपने वीडियो में कहा कि हमारी जयपुर पर भी नजर है। इसे देखते हुए कांफ्रेंस और पीएम के रुकने के स्थल और रूट पर सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं।

नए कानून सजा के बजाय न्याय देने पर केंद्रित: अमित शाह
पीएम मोदी ने शनिवार को 58वीं डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस में शिरकत की। इससे पहले राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में उद्घाटन सत्र में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को साथ आना होगा। कांफ्रेंस में अन्य राज्यों के डीजीपी, केंद्रीय सुरक्षा बलों के प्रमुख और प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी शामिल हुए। राजस्थान पुलिस के 200 आईपीएस और आरपीएस अफसरों को भी बुलाया गया। गृहमंत्री ने सुरक्षा बलों के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और उनके बलिदान को याद किया। शाह ने कहा कि ब्रिटिश युग के कानूनों की जगह 3 नए आपराधिक कानून बना दिए गए हैं। नए कानून सजा के बजाय न्याय देने पर केंद्रित हैं। कार्यान्वयन के लिए एसएचओ से लेकर डीजीपी स्तर तक प्रशिक्षण और सभी स्तर पर बेहतर टेक्नोलॉजी की जरूरत बताई। सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए डेटाबेस जोड़ने और एआई संचालित विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया। शाह ने सर्वश्रेष्ठ तीन पुलिस थानों तेलंगाना के साइबराबाद, श्रीनगर के शेरगढ़ी और पश्चिम बंगाल के शेरामपुर पुलिस थाना और आईबी अफसरों को सम्मानित किया।आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों के लिए केंद्र-राज्यों के बीच तालमेल जरूरी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों के लिए केंद्र-राज्यों के बीच बेहतरीन तालमेल से काम करने के साथ एआई के उपयोग को बढ़ावा देने को कहा है। नए आपराधिक कानूनों के लिए थानेदारों से लेकर डीजीपी तक ट्रेनिंग देने पर जोर दिया है। शाह ने कहा कि देश अमृत काल में प्रवेश कर चुका है। अमृत काल में कई नई शुरुआत हुई हैं। नई शिक्षा नीति का निर्माण करने के साथ ब्रिटिश युग के कानूनों की जगह तीन नए आपराधिक कानून बनाए हैं। नए कानून सजा की बजाय न्याय देने पर केंद्रित हैं। इन कानूनों के अमल में लाने से हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली सबसे आधुनिक और वैज्ञानिक हो जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए डेटाबेस को जोड़ने और एआई आधारित एनालिसिस एप्रोच को अपनाने की जरूरत है। कई मामलों में एआई को अपनाकर सुरक्षा से जुड़े खतरों को कम किया जा सकता है।जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व और वामपंथी उग्रवादी हिंसा में कमी आई
अमित शाह ने कहा- 2014 के बाद से देश के सुरक्षा ढांचे के माहौल में समग्र सुधार हुआ है। तीन महत्वपूर्ण हॉटस्पॉट यानी जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व और वामपंथी उग्रवादी हिंसा में कमी आई है। शाह ने कहा-पिछले कुछ साल में यह सम्मेलन एक ‘थिंक टैंक’ के रूप में उभरा है, जो निर्णय लेने और नई सुरक्षा रणनीतियों को तैयार करने की सुविधा प्रदान करता है। देश भर में आतंकवाद विरोधी तंत्र के ढांचे को आकार और कौशल की एकरुपता लानी होगी। इससे आतंकवाद से निपटने में आसानी होगी। इस दौरान जयपुर को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कॉन्फ्रेंस में कई एजेंसियों के प्रमुख और सभी राज्यों के डीजी-आईजी मौजूद हैं। राजस्थान पुलिस की ओर से सभी मेहमानों के रहने की व्यवस्था सरकारी आवासों में की गई है। इस बात का ध्यान रखा गया है कि किसी भी मेहमान को प्राइवेट स्थान यानी की होटल में नहीं ठहराया जाए।

 

 

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