Home समाचार स्थानीय से लेकर विदेशी नेताओं के साथ संवाद कर कोरोना के खिलाफ...

स्थानीय से लेकर विदेशी नेताओं के साथ संवाद कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी

SHARE
narendra modi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करोना स्थानीय से लेकर विदेशी नेताओं के साथ संवाद कर खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं। जनता कर्फ्यू के साथ लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही कोरोना संकट से निपटने के लिए उन्होंने तमाम उपाय किए हैं। प्रधानमंत्री रोज सुबह तड़के से लेकर देर रात तक कई बैठकें कर इस संकट और उससे निपटने की तैयारियों की समीक्षा भी करते हैं।

पूर्व राष्ट्रपति और विपक्षी नेताओं से की बात
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को कोरोना संकट पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा के साथ कई विपक्षी दलों के नेताओं से बात की। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री मोदी सभी राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस की सीएम ममता बनर्जी, बीजू जनता दल के नवीन पटनायक, डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन और टीआरएस प्रमुख चंद्रशेखर राव से फोन पर बात की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल से भी बात की। इस बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी और उनके सुझाव भी मांगे।

8 अप्रैल को ऑल पार्टी मीटिंग
प्रधानमंत्री मोदी ने 8 अप्रैल को ऑल पार्टी मीटिंग भी बुलाई है। इसमें भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोरोना वायरस पर चर्चा होनी है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के अनुसार प्रधानमंत्री आठ अप्रैल को सुबह 11 बजे सदन में उन विभिन्न पार्टियों के नेताओं से बातचीत करेंगे, जिनके लोकसभा और राज्यसभा में पांच या इससे अधिक सदस्य हैं। 

कोरोना वायरस से निपटने के उपायों पर मुख्यमंत्रियों से संवाद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के उपायों पर चर्चा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया। इस वीडियो संवाद में प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बीमारी को फैलने से रोकने के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि अगले कुछ हफ्तों में सभी का ध्यान कोरोना वायरस से जुड़ी जांचों, संक्रमितों का पता लगाने, उन्हें अलग-थलग रखने पर केंद्रित रहना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन के निर्णय का समर्थन करने के लिए राज्यों का धन्यवाद किया, जिसकी बदौलत भारत ने कोविड-19 के फैलाव को सीमित करने में कुछ हद तक सफलता हासिल की है। 

दवा उद्योग के प्रमुख कारोबारियों से बातचीत
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दवा उद्योग के प्रमुख कारोबारियों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने दवा उद्योग के दिग्‍गजों से अनुरोध किया कि वे कोविड-19 के लिए आरएनए डायग्नोस्टिक किट के निर्माण पर युद्ध स्तर पर काम करें। उन्होंने दवाओं के खुदरा विक्रेताओं और औषध निर्माताओं (फार्मासिस्ट) से निरंतर सतर्कता बरतने को कहा, ताकि दवाओं की कालाबाजारी एवं जमाखोरी से निश्चित तौर पर बचा जा सके और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनी रहे। उन्होंने सुझाव दिया कि जहां भी संभव हो, थोक में दवाओं की आपूर्ति को टाला जा सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने की सामाजिक संगठनों के साथ चर्चा
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कोरोना संकट पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समाज कल्याण के लिए काम करने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा देश ‘कोविड-19’ कोरोना वायरस की चुनौती का सामना करने में असीम हिम्‍मत, दृढ़ता और संयम का परिचय दे रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी को स्‍मरण करते हुए बताया कि बापू कहा करते थे कि गरीबों और विभिन्‍न सुविधाओं से वंचित लोगों की सेवा करना ही राष्ट्र की सेवा करने का सबसे अच्छा तरीका है। इसके साथ ही उन्होंने मानवता की सेवा के प्रति इन संगठनों के समर्पण और प्रतिबद्धता की सराहना की।

कोरोना के खिलाफ जंग में निजी क्षेत्र और एनजीओ को भी जोड़ा
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निजी और गैर सरकारी संगठनों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सामाजिक समूहों को भी जोड़ा है। एनजीओ और प्राइवेट सेक्टर के बीच समन्वय बनाने में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के नेतृत्व में एक टीम काम कर रही है। पीएमओ में संयुक्त सचिव गोपाल बागले, अमिताभ कांत के साथ मिलकर एनजीओ और प्रमुख कंपनियों से धन जुटाने में मदद कर रहे है। इस टीम की बदौलत प्रमुख गैरसरकारी संगठनों की मदद से निजी क्षेत्र ने राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर पूरे देश में गरीबों को भोजन और आश्रय की सुविधा प्रदान करने की दिशा में काम शुरू किया है।

जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया का लिया सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने इस महामारी से बचने और लोगों को जागरूक करने के लिए मीडिया की भूमिका को महत्व दिया। इसके लिए टीवी चैनलों और अखबारों के संपादकों सहित मीडिया घरानों के मालिकों के साथ बातचीत की। उन्होंने रेडियो जॉकी के साथ वीडियो कांफ्रेंस भी की, ताकि लोगों में महामारी के खिलाफ संदेश भी जाए। जागरूकता फैलाने के लिए पीएमओ की सोशल मीडिया टीम हिरेन जोशी के नेतृत्व में 24 घंटे काम कर रही है। पीएम मोदी खुद तीन सप्ताह के लॉकडाउन के दौरान घर पर रहने वाले लोगों के लिए उपयोगी संदेश अपलोड करने का सुझाव देते हैं। पीएम मोदी के ट्विटर पर हाल में जब विभिन्न योग आसनों के वीडियो अपलोड हुए तो उसकी काफी सराहना हुई। प्रधानमंत्री मोदी की टीम से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दो सप्ताह देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बेहद अहम होंगे।

पीएम मोदी खुद करते हैं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए अभी तक किसी दवा का विकास नहीं हो पाया है। ऐसे में इस वायरस से बचने का एक कारगर उपाय है सोशल डिस्टेंसिंग। प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ देशवासियों से सोशल डिस्टेंसिंग को पालन करने की अपील की है, बल्कि उन्होंने खुद इसकी मिसाल पेश की। कैबिनेट की बैठक हो या अधिकारियों के साथ बैठक प्रधानमंत्री मोदी पूरी सख्ती के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं। 

इससे साथ प्रधानमंत्री मोदी खेल जगत, बिजनेस जगत, मनोरंजन जगत के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए बातचीत की। उनसे लोगों को जागरूक करने की अपील की, साथ ही पीएम केयर्स फंड के लिए अपील की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी अगल-अलग देशों के शीर्ष नेताओं से भी फोन पर बाचतीच कर रहे हैं।

कोरोना से लड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की पहल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्क देशों के साथ मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने की पहल की।

सार्क देशों से साझी रणनीति बनाने का आह्वान
प्रधानमंत्री मोदी ने सार्क देशों के साथ मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने की पहल की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सार्क देशों के नेताओं से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आपस में एकजुट होकर हम दुनिया के सामने एक उत्‍कृष्‍ट उदाहरण पेश कर सकते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षेस कोरोना आपात कोष बनाने की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी के इस पहल को सार्क देशों का व्यापक समर्थन मिल रहा है।

जी20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन
कोविड-19 कोरोना वायरस संकट से निपटने की वैश्विक रणनीति पर चर्चा के लिए 26 मार्च को वर्चुअल जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस वीडियो संवाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वैश्विक समृद्धि, सहयोग के लिए हमारे दृष्टिकोण के केंद्र बिंदु में आर्थिक लक्ष्यों के स्थान पर मानवता को रखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके साथ ही दुनिया भर में कहीं अधिक अनुकूल, प्रतिक्रियात्मक और सस्ती मानव स्वास्थ्य सुविधा प्रणाली का विकास करने की वकालत की।

सऊदी अरब की अध्यक्षता में हुए इस सम्मेलन में कोरोना वायरस महामारी को रोकने और लोगों की सुरक्षा के लिए G20 नेताओं ने सभी आवश्यक उपाय करने पर सहमति व्यक्त की। बैठक के दौरान, जी20 के नेताओं ने महामारी को रोकने और लोगों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करने पर सहमति जताई। उन्होंने चिकित्सा आपूर्तियों की पहुंच, डायग्नोस्टिक उपकरण, इलाज, दवाएं और टीके समेत महामारी के खिलाफ लड़ाई में डब्लूएचओ को और मजबूत करने का समर्थन किया।

राष्ट्रपति ट्रंप ने की बात
कोरोना वायरस महामारी से पैदा हुई स्थिति से निपटने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ विस्तृत बातचीत की। दोनों नेताओं ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत-अमेरिका साझेदारी की पूरी ताकत का उपयोग करने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत के बारे में ट्वीट कर कहा- राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ टेलीफोन पर विस्तृत चर्चा हुई। हमारी चर्चा काफी अच्छी रही और हमने कोविड-19 से निपटने में भारत-अमेरिका साझेदारी की पूरी ताकत का उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की।

ब्राजील के राष्ट्रपति से हुई पीएम मोदी की बातचीत
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज पेरेज कास्टेजोन से भी कोरोना वायरस से निपटने के मुद्दे पर अलग-अलग बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया- भारत और ब्राजील कैसे संयुक्त रूप से कोरोना वायरस की महामारी के खिलाफ काम कर सकते हैं इसे लेकर ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो से फोन पर बहुत ही उपयोगी बातचीत हुई। बोलसोनारो ने भी पुर्तगाली भाषा में ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई बातचीत की जानकारी दी। 

स्पेन को हमेशा मदद देने के लिए तैयार-पीएम मोदी 
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस महामारी से पैदा हालात पर स्पेन के अपने समकक्ष पेड्रो सांचेज पेरेज कास्टेजोन से भी बातचीत की और दोनों नेता वैश्विक महामारी से निपटने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर सहमत हुए। टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने स्पेन में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना प्रकट की और स्पेन के प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया कि भारत अपनी क्षमता के मुताबिक मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहेगा।

पीएम मोदी ने पुतिन से भी की थी फोन पर बातचीत
प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी फोन वार्ता की थी। दोनों नेताओं ने इस दौरान पूरी दुनिया में खौफ का पर्याय बनी कोरोना वायरस महामारी को लेकर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के जल्द ठीक होने की कामना की और शुभकामनाएं दीं।

पीएम मोदी ने प्रिंस ऑफ वेल्‍स से की कोरोना संकट पर चर्चा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रिंस ऑफ वेल्‍स प्रिंस चार्ल्‍स के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने कोविड-19 कोरोना वायरस महामारी के बारे में विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ दिनों में ब्रिटेन में लोगों की जान जाने पर संवेदना व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने इस बात पर संतोष व्‍यक्‍त किया कि हाल की अस्‍वस्‍थता के बाद प्रिंस चार्ल्‍स स्‍वस्‍थ हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके सदैव स्‍वस्‍थ रहने की कामना की। प्रिंस चार्ल्स ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के अनेक सदस्यों सहित ब्रिटेन में प्रवासी भारतीय सदस्यों की सराहना की, जो महामारी का मुकाबला करने में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के धार्मिक और सामाजिक संगठनों द्वारा किए जा रहे निस्वार्थ कार्य का भी जिक्र किया।

पीओम मोदी ने जर्मनी की चांसलर से की बात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जर्मनी की चांसलर डॉ एंजेला मर्केल से टेलीफोन पर बात की है। दोनों नेताओं ने कोविड-19 कोरोना वायरस महामारी, अपने-अपने देशों की स्थिति और स्वास्थ्य संकट से लड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने महामारी के दौरान आवश्यक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की अपर्याप्त उपलब्धता के बारे में विचार साझा किए, और इस संबंध में सहयोग के अवसरों का पता लगाने पर सहमति व्‍यक्‍त की।

कोरोना संकट पर पीएम मोदी ने की कुवैत के पीएम अल-सबाह से बात
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कुवैत के प्रधानमंत्री शेख सबाह अल-खालिद अल-हमद अल-सबाह के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें कुवैत के अमीर, शाही परिवार और कुवैत की जनता के अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भारत के विस्तारित पड़ोस के बहुमूल्‍य सदस्य कुवैत के साथ अपने संबंधों के महत्व पर जोर किया। दोनों नेताओं ने वर्तमान कोविड-19 कोरोना वायरस महामारी के घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पहलुओं के बारे में चर्चा की। वे इस बात पर सहमत हुए कि उनके अधिकारी स्वास्थ्य संकट के दौरान नियमित रूप से संपर्क बनाए रखेंगे, ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सके और सहयोग और पारस्परिक सहायता के अवसरों का पता लगाया जा सके।

आइए जानते हैं भारत की इस सफलता के पीछे किन कारकों ने अहम भूमिका निभाई है…

प्रधानमंत्री मोदी की सजगता, तत्परता और अथक प्रयास
24 दिसंबर को देश को संबंधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने माना कि यूरोप के विकसित देशों की तुलना में भारत में स्वास्थ्य सुविधाएं और संसाधनों की कमी है। इसके बावजूद उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ना है और उसे परास्त करना है। इस समय कदम-कदम पर संयम बरतने की जरूरत है। ये धैर्य और अनुशासन से ही संभव हो सकता है। केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के साथ समाज के अन्य संगठन, सिविल सोसायटी के लोग, गरीबों को मुसीबत कम हो, इसके लिए निरंतर जुटे हुए हैं। गरीबों की मदद के लिए अनेकों लोग साथ आ रहे हैं। इस नई महामारी से मुकाबला करने के लिए देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को तैयार करने का काम केंद्र सरकार लगातार कर रही है।

मोदी सरकार ने लिए जनता कर्फ्यू, लॉकडाउन जैसे बड़े फैसले
विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत के बड़े चिकित्सा और अनुसंधान संस्थानों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह और सुझाव पर कार्य करते हुए मोदी सरकार ने निरंतर फैसले लिए हैं। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग, जनता कर्फ्यू, लॉकडाउन के बाद 5 अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए लाइट बंद कर मोमबत्ती-दीया जलाने के फैसले शामिल हैं।

अमेरिका से पहले भारत ने शुरू की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग
भारत ने अमेरिका से पहले ही विदेश से लौटने वाले यात्रियों की जांच शुरू कर दी थी। भारत में 22 जनवरी के करीब ही कोरोना वायरस को लेकर एयरपोर्ट पर जांच शुरू हो गई थी, लेकिन अमेरिका ने 25 जनवरी के बाद ये कदम उठाया। 

रेस्क्यू ऑपरेशन के मामले में भी भारत टॉप पर
भारत ने रेक्यू ऑपरेशन के मामले में सबसे अधिक उड़ानें भरी हैं। चीन, ईरान, इटली आदि देशों से हजारों भारतीयों को निकाल कर देश वापस लाया गया है। कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित देश चीन से 645 भारतीयों को वतन वापस लाया गया। ईरान से 500 से ज्यादा इटली से 218 भारतीयों को लाया गया। इनके अलावा जापान, रोम और अन्य देशों में फंसे भारतीयों को भी वहां से निकाला गया।

भारतीयों ही नहीं, विदेशियों को बचाने में भी अव्वल
जहां अमेरिका जैसा सुपर पावर सिर्फ अपने ही नागरिकों को वापस लाने तक सीमित रहा, वहीं भारत ने अपने नागरिकों के साथ-साथ 10 से भी अधिक दूसरे देशों के नागरिकों को भी कोरोना प्रभावित देशों से निकाला। इनमें मालदीव, म्यामांर, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मैडागास्कर, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका जैसे देश शामिल हैं। यहां तक कि भारत ने पाकिस्तान को भी मदद की पेशकश की। यह अलग बात है कि पाकिस्तान ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और वुहान में फंसे पाकिस्तानी छात्र अपनी सरकार को कोसते रहे।

समय से कर ली आइसोलेशन कैंप की व्यवस्था
भारत ने शुरुआत से ही आइसोलेशन कैंप की व्यवस्था कर दी थी, ताकि विदेश से निकाले गए लोगों और अन्य कोरोना संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रखा जा सके। अब तक किसी भी प्रभावित शख्स ने सरकार पर उंगली नहीं उठाई है। इतना ही नहीं, किसी ऑथेंटिक ऑर्गनाइजेशन ने भी भारत सरकार की तैयारियों पर कोई नेगेटिव प्रतिक्रिया नहीं दी है।

भारत ने विकसित देश इटली से भी अच्छा काम किया 
इस समय इटली जैसा छोटा और विकसित देश कोरोना का नया वुहान बन गया है, लेकिन 130 करोड़ से अधिक की आबादी वाले देश भारत में कोरोना वायरस नियंत्रण में है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि भारत ने बिल्कुल सही समय पर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एयरपोर्ट पर जांच शुरू कर दी थी, जबकि इटली ने लापरवाही बरती।

दुनिया में बड़ी-बड़ी हस्तियों को कोरोना, भारत में सतर्कता से सब सुरक्षित
दुनिया की कई बड़ी हस्तियों में कोरोना का संक्रमण हो गया। जिनमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के अलावा स्वास्थ्य मंत्री मैट हैकॉक भी शामिल है। यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को भी जांच करवानी पड़ी जो नेगेटिव रही। वहीं, भारत में अतिरिक्त सतर्कता के कारण अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। सरकार ने कोरोना वायरस के खौफ को दबाने के बजाय लोगों को उससे निपटने के तरीके बताए। नेताओं ने बड़े समारोह या भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाना बंद कर दिया और लोगों से भी ऐसा ही करने की गुहार लगाई। खुद पीएम मोदी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। होली मिलन समारोह में नहीं गए। यही वजह है कि दुनिया में कई बड़ी हस्तियों को कोरोना हो रहा है, खुद ट्रंप ने जांच करवाई है, लेकिन भारत में अभी तक ऐसी स्थिति नहीं है।

सैंपल टेस्टिंग और लैब की मजबूत व्यवस्था
भारत में अब तक करीब 70 हजार सैंपल के टेस्ट हो चुके हैं और लगभग 35 हजार लोगों को कम्युनिटी सर्विलांस पर रखा गया है। आईसीएमआर के वैज्ञानिक गंगा खेड़कर ने कहा है कि अभी हमारे पास 1 लाख किट उपलब्ध हैं और 2 लाख अतिरिक्त किट का ऑर्डर दे दिया गया है। उनके मुताबिक अभी भारत रोजाना करीब 10 हजार टेस्ट करने की क्षमता रखता है। 123 प्रयोगशालाएं काम कर रही है। 49 निजी लैब्स को जांच की अनुमति दी गई है। 

 

कोरोना के खिलाफ जंग में पीएम मोदी की हर गतिविधि पर नजर है। डालते हैं एक नजर-

विशेषज्ञों की 11 कोर टीमों के साथ हर रोज 18 घंटे काम करते हैं पीएम मोदी
कोरोना संकट से देश को मुक्ति दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रात-दिन काम कर रहे हैं। उनकी सबसे पहली प्राथमिकता देशवासियों को कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचाना और जरूरतमंद लोगों को आवश्यक वस्तुएं एवं सेवाएं उपलब्ध कराना है। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी विशेषज्ञों की कोर टीमों के साथ हर रोज 17 से 18 घंटे तक काम कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा कर रहे हैं और जरूरी कदम उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की सजगता और तत्परता का परिणाम है कि विश्व के विकसित देशों की तुलना में भारत में कोरोना का कहर कम देखने को मिल रहा है।

देर रात तक जागकर करते हैं मॉनिटरिंग
प्रधानमंत्री कार्यालय के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक प्रधानमत्री मोदी की हालात पर पैनी नजर है। वह वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार अपडेट लेते रहते हैं। वह खुद सुबह तीन बजे तक या उससे भी अधिक समय तक जागकर मॉनिटरिंग करते हैं। बैठकों का सिलसिला देर रात तक चलता है। इन बैठकों में प्रधानमंत्री उच्चस्तरीय समूहों की ओर से महामारी को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा करते हैं। सात लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने कैंप कार्यालय से लगातार विडियो कांफ्रेंसिंग करने और प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों से परामर्श करने के अलावा प्रधानमंत्री मोदी विशेषज्ञों की 11 कोर टीमों के साथ काम कर रहे हैं।

देश ही नहीं दुनिया में कोरोना से जुड़े आंकड़ों पर नजर
प्रधानमंत्री मोदी देश के साथ विश्व के दूसरे देशों में कोरोना से हो रही मौत और संक्रमण की जानकारी लेते रहते हैं। कोरोना को रोकने के लिए दूसरे देशों में उठाए जा रहे कदमों पर भी प्रधानमंत्री मोदी की नजर होती है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी को पीएमओ के भरोसेमंद अधिकारियों की टीमें मदद कर रही हैं। टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी मिशन मोड में काम कर रहे। वह देश ही नहीं दुनिया में कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़ों पर पूरी नजर रखते हैं। मसलन, कितने लोग पॉजिटिव मिले, कितने लोगों की जांच हुई और कितने लोग इलाज से स्वस्थ हुए, ऐसे ताजातरीन अपडेट लेते रहते हैं।

विशेषज्ञों की टीम के साथ लगातार काम
प्रधानमंत्री मोदी विशेषज्ञों की टीम से लगातार संपर्क में रहते हैं। इस टीम में डॉक्टर, जैव-वैज्ञानिक, महामारी विशेषज्ञ और अर्थशास्त्री शामिल हैं सभी विशेषज्ञ अलग-अलग समूहों में काम कर रहे हैं। पीएमओ के सूत्रों ने बताया कि मौजूदा समय में प्रधानमंत्री मोदी इमर्जेंसी मेडिकल मैनेजमेंट प्लान पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। इस टीम का नेतृत्व नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी पॉल कर रहे हैं। इस टीम में प्रधानमंत्री मोदी के सहयोगी और पीएमओ में निदेशक लेवल के अधिकारी राजेंद्र कुमार भी हैं। प्रधानमंत्री मोदी रोग नियंत्रण, टेस्टिंग और हास्पिटल्स तथा क्वारंटाइन के इंतजामों पर भी खासा ध्यान दे रहे हैं।

विशेषज्ञों के संपर्क में रहते हैं पीएम मोदी के प्रधान सचिव 
प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा विशेषज्ञों के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं। इस काम में पीके मिश्रा का सहयोग दो अफसर करते हैं। एक अफसर हैं तरुण बजाज, जो कि 1988 बैच के हरियाणा काडर के आईएएस हैं और पिछले पांच साल से प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम कर रहे हैं। दूसरे अफसर हैं एके शर्मा, जो कि गुजरात के दिनों से ही मोदी के भरोसेमंद रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कोरोना की रोकथाम से जुड़ीं ज्यादातर बैठकों में चर्चा और जरूरी नोट का आदान-प्रदान प्रधान सचिव पीके मिश्रा और विशेषज्ञों के बीच होता है मगर महत्वपूर्ण निर्णयों के तत्काल लिए जाने की आवश्यकता पड़ने पर प्रधानमंत्री मोदी को इस बातचीत में शामिल होने में कुछ ही समय लगते हैं।

 

Leave a Reply