देश में संरचनात्मक सुधारों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कदमों का असर आने वाले पांच वर्षों में खूब दिखेगा। उनकी मुद्रा योजना से लेकर स्किल इंडिया जैसी योजनाएं युवाओं के लिए रोजगार के असीमित अवसर लेकर आने वाली साबित होने जा रही हैं। देश के मनोरंजन और मीडिया उद्योग में इस सिलसिले में एक बड़ा और मजबूत अनुमान सामने आया है ।
मीडिया और मनोरंजन उद्योग में 7-8 लाख रोजगार
Confederation of Indian Industries (CII) और ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टिंग कंपनी Boston Consulting Group (BCG) की रिपोर्ट से यह अनुमान सामने आया है कि आने वाले पांच वर्षों में भारत की मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में सात से आठ लाख नौकरियां निकलने जा रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में मीडिया और मनोरंजन की सामग्रियों को लेकर रुझान काफी बढ़ा है जिसके चलते इस सेक्टर में रोजगार के अवसर काफी बढ़ने वाले हैं। CII के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने कहा: “डिजिटल प्लेटफॉर्म का काफी विस्तार हो रहा है और इस सेक्टर में इतने अवसर बनने जा रहे हैं जितने पहले कभी नहीं बने। विशेष रूप से रचनाकार, कथाकार और टेक्नोलॉजी मुहैया कराने वालों के लिए बहुत सारे मौके उभरेंगे।”
सेक्टर में मांग के अनुरूप आपूर्ति की चुनौती
भारत में आपने ऐसी तस्वीर कब और कितनी देखी है कि रोजगार के किसी क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की जितनी मांग हो उतनी आपूर्ति करना मुश्किल हो रहा हो। CII-BCG रिपोर्ट में कहा गया है कि मीडिया और मनोरंजन उद्योग में प्रतिभा और कौशल की मांग आपूर्ति से ज्यादा रहेगी। इसलिए 2020 तक मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को नये सिरे से एक ऐसी व्यावसायिक रणनीति बनानी होगी जिससे प्रशिक्षित पेशेवरों की कमी ना पड़े। रिपोर्ट बताती है कि नई टेक्नोलॉजी को अपनाने से 2022 तक डिजिटल मीडिया में भारी संख्या में वैकेंसी होगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था की भी बढ़ेगी ताकत
वर्तमान में मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान 1.35 लाख करोड़ रुपये का है। अनुमानों के मुताबिक अगले 5 साल में यह योगदान बढ़कर 4.5 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा। इतना ही नहीं भारत की जीडीपी में इसका योगदान 2.8 फीसदी हो जाएगा। यह क्षेत्र अभी करीब 10 लाख लोगों को रोजगार दे रहा है। यानी वह समय ज्यादा दूर नहीं जब यह आंकड़ा 20 लाख की संख्या को छूने लगेगा। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से देखें तो अगले पांच सालों में इस इंडस्ट्री से करीब 40 लाख लोग लाभान्वित हो रहे होंगे।
स्किल्ड युवाओं के लिए होगी बंपर वैकेंसी
प्रधानमंत्री मोदी की स्किल डेवलपमेंट योजना का फोकस ही इस पर रहा है कि युवा अपनी दिलचस्पी और आवश्यकता के अनुरूप किसी कौशल में पारंगत बनें। अब अलग-अलग सेक्टर के लिए ट्रेन्ड लोगों की जरूरत में तेजी आने वाली है। CII-BCG की रिपोर्ट बताती है कि मीडिया और मनोरंजन उद्योग को अगले पांच वर्षों के दौरान हर वर्ष 1.4 लाख से 1.6 लाख के बीच प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत पड़ेगी। चंद्रजीत बनर्जी कहते हैं: ‘’चूंकि रोजगार के बड़े मौके निकलेंगे इसलिए मीडिया और मनोरंजन उद्योग के लिए इस क्षेत्र में आने वाले युवाओं को प्रशिक्षित करने की एक बड़ी चुनौती रहेगी।‘’
मुद्रा योजना से 5.5 करोड़ रोजगार सृजन
अलग-अलग स्तरों पर रोजगार के अवसर हमेशा बनते रहें, इसके लिए मौजूदा सरकार ने कई ठोस कदम उठाये हैं। मुद्रा योजना एक ऐसा ही कदम है जिसने छोटे उद्यमियों को आसानी से ऋण मुहैया कराने की सरकार की प्रतिबद्धता को जाहिर किया है। इसके जरिये रोजगार सृजन भी हो रहा है और स्व-रोजगार को खूब बढ़ावा भी मिल रहा है। लघु-मध्यम व्यावसायिक इकाइयों एवं उद्यमियों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने केवल दो वर्षों में 5.5 करोड़ लोगों के लिए किसी ना किसी तरह के रोजगार का सृजन किया है। योजना के तहत उद्यमियों को कम से कम ब्याज पर 50 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के ऋण मुहैया होते हैं। गौर करने वाली बात है कि इस योजना का लाभ उठाने वालों में करीब 70 फीसदी महिलाएं हैं।
दरअसल यह न्यू इंडिया की उभरती तस्वीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई एक पर एक पहल से बड़ी तादाद में देश के युवाओं के सामने दशकों से छाये बेरोजगारी के बादल छंटने लगे हैं।