भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता देश ही नहीं दुनिया में लगातार बढ़ रही है। वैश्विक रेटिंग में भी वह 75 फीसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ दुनिया के नेताओं से आगे निकल गए हैं और शीर्ष पर हैं। पीएम मोदी लंबे समय से दुनिया के लोकप्रिय नेताओं में नंबर वन पर बने हुए हैं और अब दुनिया के सर्वमान्य नेता बन चुके हैं। उनकी इन्हीं लोकप्रियता एवं वैश्विक स्तर पर सभी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने की पहल की वजह से अब उन्हें विश्व शांति दूत के रूप में देखा जाने लगा है। दुनिया के कई नेता एवं राष्ट्र प्रमुख अब पीएम मोदी को विश्व शांति दूत के रूप में देख रहे हैं और वे चाहते हैं कि दुनिया में जहां कहीं भी युद्ध हो रहा है या देशों के बीच विवाद है वहां पीएम मोदी विश्व शांति के लिए पहल करें। यही वजह है कि मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रियास मैनुएल लोपेज ओब्राडोर ने विश्व शांति के लिए एक अंतरराष्ट्रीय कमीशन बनाने की बात की है और सुझाव दिया है कि इसमें भारत के पीएम मोदी को शामिल किया जाए। यह अनायास नहीं है कि मेक्सिको के राष्ट्रपति को पीएम मोदी की याद आ गई हो बल्कि इसमें पीएम मोदी के आठ साल की कड़ी मेहतन छुपी हुई है जिसके तहत उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को न केवल मजबूत किया बल्कि वैश्विक स्तर पर सभी देशों के साथ अच्छे संबंध विकसित किए। कोरोना काल में भारत ने जिस तरह से बिना भेदभाव के दुनिया के अधिकतर देशों को कोविड वैक्सीन मुहैया करवाया उससे भारतीय दर्शन ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की भावना वैश्विक स्तर पर पहुंची और पीएम मोदी की छवि एक ग्लोबल लीडर के तौर पर बनी। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों से तमाम ग्लोबल रेटिंग में पीएम मोदी वैश्विक स्तर पर सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं।
भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विश्व शांति के पक्ष में रहा
भारत दुनिया का एक बड़ा लोकतांत्रिक देश है। कोरिया वॉर से लेकर गुट निरपेक्ष आंदोलन तक, भारत हमेशा ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विश्व शांति के पक्ष में रहा है। भारत ने हमेशा ही इस बात पर बल दिया है कि किसी भी देश को दूसरे देश की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। यूक्रेन युद्ध में अमेरिका की अगुवाई वाले नैटो और रूस के बीच तनाव किस कदर बढ़ा यह सबने देखा। उसके बाद तमाम देशों पर दबाव आया कि वे किसी न किसी पक्ष की ओर खड़े हों, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपनी तटस्थ नीति बनाए रखी। भारत ने युद्ध का विरोध किया, लेकिन संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्तावों पर वोटिंग से बाहर रहा।
अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में भारत का बढ़ता दायरा
भारत क्वॉड और ब्रिक्स जैसे रणनीतिक और आर्थिक मंचों का अहम सदस्य है। भारत ने एक और अहम ग्रुप I2U2 के जरिए भी अपनी भूमिका का दायरा बढ़ाया है। इस ग्रुप में भारत, इजरायल, अमेरिका और यूएई शामिल हैं। इस साल जुलाई में इसकी पहली शिखर बैठक हुई थी। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की बढ़ती अहमियत का अंदाजा इस बात से भी लगता है कि पिछले दिनों जब अमेरिका की पहल पर इजरायल और अरब देशों ने हाथ मिलाया तो उस कूटनीतिक पहल में भारत भी शामिल था।
मेक्सिको के राष्ट्रपति ओब्राडोर का प्रस्तावः पीएम मोदी बनें विश्व शांति दूत
मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रियास मैनुएल लोपेज ओब्राडोर ने विश्व शांति के लिए एक अंतरराष्ट्रीय कमीशन बनाने की बात की है और सुझाव दिया है कि इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शामिल किया जाए। ओब्राडोर चाहते हैं कि पांच साल तक दुनिया में शांति कायम करने के लिए एक कमीशन बनाया जाए। वह इसमें मोदी, ईसाइयों के धर्म गुरु पोप फ्रांसिस और यूनाइटेड नेशंस के महासचिव एंतोनियो गुटेरेस को रखना चाहते हैं। ओब्राडोर ने कहा था कि वह यूनाइटेड नेशंस के सामने अपना यह प्रस्ताव रखेंगे। मेक्सिको के राष्ट्रपति ने जिस तरह सिर्फ तीन लोगों के पैनल का सुझाव दिया और फिर उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शामिल किया, उससे पता चलता है कि उनकी नजर में पीएम मोदी और भारत की कितनी अहमियत है। मेक्सिको के राष्ट्रपति ने अगर वैश्विक नेता के रूप में प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिया है तो इसकी अपनी खास वजहें हैं। प्रधानमंत्री के रूप में वैश्विक मंचों पर मोदी की अपील का असर तो है ही साथ ही भारत की अपनी खासियतों का भी इसमें बड़ा रोल है। मेक्सिको के राष्ट्रपति के प्रस्ताव के अनुसार वे तीनों मिलेंगे और जल्द ही हर जगह युद्ध को रोकने का प्रस्ताव पेश करेंगे, कम से कम पांच साल के लिए एक संधि करने के लिए किसी समझौते पर पहुंचेंगे। ताकि दुनिया भर की सरकारें अपने लोगों, विशेष रूप से पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए खुद को समर्पित कर सकें। इससे सभी देशों को यह अहसास होगा कि हमारे पास बिना तनाव, बिना हिंसा और शांति के पांच साल हैं।
इजरायल-फिलिस्तीन विवाद और पीएम मोदी की भूमिका
मेक्सिको के राष्ट्रपति ने विश्व शांति के लिए एक अंतरराष्ट्रीय कमीशन बनाने की बात कही थी और अपने बयान में उन्होंने यूक्रेन और ताइवान के अलावा इजरायल-फिलिस्तीन विवाद का भी जिक्र किया था। इजरायल-फिलिस्तीन विवाद में भारत की अपनी खास नीति रही है। भारत ने फिलिस्तीन के बंटवारे के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का विरोध किया था। जिन 13 देशों ने उस प्रस्ताव का विरोध किया, उनमें भारत इकलौता गैर-अरब देश था। 1948 के उसी प्रस्ताव के जरिए इजरायल का वजूद सामने आया था। लेकिन जवाहर लाल नेहरू के जमाने में ही भारत ने इजरायल को मान्यता भी दी थी। उसके बाद से भारत का रुख कमोबोश फिलिस्तीन के पक्ष में रहता आया। हाल के वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में इजरायल से संबंध कहीं ज्यादा मजबूत हुए हैं। फिर भी संतुलन की नीति अब भी बनी हुई है। मेक्सिको के राष्ट्रपति ओब्राडोर ने मोदी, पोप और गुटेरेस की सदस्यता वाले कमीशन के जरिए अगर इजरायल-फिलिस्तीन विवाद सुलझने की उम्मीद जताई है तो इसके पीछे अरब देशों के साथ ही इजरायल से भी भारत के उतने ही मजबूत संबंधों की तस्वीर होगी। ओब्राडोर ने यह उम्मीद की है कि प्रधानमंत्री मोदी इस इलाके में शांति कायम करने में मददगार साबित होंगे।
पीएम मोदी दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताः आस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट
आस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेता हैं और उनके नेतृत्व में भारत सुपर पावर बनने की ओर अग्रसर है। टोनी एबॉट ने कहा कि मेरी यह प्रबल मान्यता है कि आने वाले दशकों में कहीं फ्री वर्ल्ड होगा तो वह भारत की अगुवाई में बनेगा और फ्री वर्ल्ड का कोई नेता होगा तो वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश यानी भारत का नेता होगा। उन्होंने कहा कि गोल्डमैन सैक्स के ग्लोबल हेड ने घोषणा की है कि आर्थिक तरक्की के मद्देनजर भविष्य में भारतीय दशक ही नहीं भारतीय सदी होगी। उन्होंने कहा कि इस तरह देखें तो 19वीं सदी ब्रिटिश की और 20वीं सदी अमेरिका की थी तो 21वीं सदी भारत के नाम होगी। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था चीन को पछाड़कर आगे निकल जाएगी क्योंकि उसकी सबसे बड़ी थाती उसका लोकतंत्र है। इसके साथ ही उसके पास स्वतंत्र मीडिया और स्वतंत्र न्यायपालिका है जो गैरलोकतांत्रिक कदमों को रोकने में सक्षम है, जो कि चीन के पास नहीं है। टोनी एबॉट ने कुछ समय पहले कहा था कि अगर कोई ऐसा देश है, जो अपनी सैन्य ताकत और उसके आकार और आर्थिक क्षमता को दिखा कर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य होने का दावा कर सकता है तो वह निश्चित रूप से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत है।
चाणक्य नीति से मेल खाता है मोदी के कामकाज का तरीका
ग्लोबल लीडर के तौर पर दुनिया के बड़े मंचों पर प्रधानमंत्री मोदी की धाक बढ़ती जा रही है। दुनिया में आतंक के बढ़ते प्रभाव और अफगानिस्तान में तालिबान के उदय के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अब दुनिया के अन्य हिस्सों में भी युद्ध की आहट सुनाई दे रही है। इन सब के बीच दुनिया की निगाहें देश के प्रधानमंत्री मोदी पर आ टिकी हैं। इतिहासकार मानते हैं कि मोदी के कामकाज का तरीका चाणक्य की नीति से मेल खाता है। इसी नीति के सहारे सैकड़ों साल पहले चंद्रगुप्त मौर्य ने शक्तिशाली मौर्य साम्राज्य की नींव रखी थी। नरेंद्र मोदी ने जब जापान का दौरा किया तो काशी को क्योटो के तर्ज पर विकसित करने का समझौता किया था। इसी के साथ ही वाराणसी मोदी की विदेश नीति का केंद्र बनकर उभरा। दरअसल, बौद्धधर्म को मानने वालों के लिए वाराणसी का काफी महत्व है। यहां सारनाथ में महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। बौद्ध धर्म को मानने वाले देश अब तक अलग-थलग थे। मोदी सभी बौद्ध देशों को अपने साथ एक मंच पर लाकर भारत को नई महाशक्ति के रूप में विकसित करना चाह रहे हैं। इससे चीन को घेरने के साथ-साथ एक कड़ा संदेश दिया जा सकता है। उनकी यह विदेश नीति चाणक्य की नीतियों का ही एक नमूना है।
कोरोना से निपटने में न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी माना पीएम मोदी का लोहा
कोरोना वायरस से निपटने में मोदी सरकार के कदमों की सराहना अमेरिकी मीडिया ने भी की है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने तारीफ करते हुए कहा कि संकट के समय पूरा भारत प्रधानमंत्री मोदी के पीछे खड़ा है। अखबार ने यह भी लिखा है कि हाल के सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता पहले से ज्यादा बढ़ी है। यह लोकप्रियता बढ़कर 80 से 90 प्रतिशत के बीच हो गई। उनकी तुलना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से होती है, लेकिन कोरोना संकट से प्रधानमंत्री मोदी इन दोनों नेताओं की तुलना में ज्यादा प्रभावी ढंग से निपटे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि कोरोना वायरस के फैलने से प्रधानमंत्री मोदी कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रहे थे, लेकिन देश की जनता ने इस दौर में उनकी बातों को माना।
कोरोना से लड़ाई में विश्व नेता बना भारत! संयुक्त राष्ट्र ने की प्रशंसा
वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ाई के दौरान दुनिया के देशों की समय पर मदद करने और अपने देश को संभालने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का आज पूरा विश्व कायल है। मोदी के समर्थ नेतृत्व के कारण ही आज भारत इस संकट की घड़ी में वैश्विक नेता के रूप में उभरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संकट के दौर में न केवल सबसे समर्थ देश अमेरिका समेत बल्कि के कई अन्य देशों की मदद की है। यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने तो दुनिया के दूसरे देशों को भी भारत से सीख लेने की बात कही है। गुटेरेस का यह बयान ऐसे समय आया था जब भारत ने अमेरिका समेत कई देशों को कोरोनावायरस संक्रमण से निजात दिलाने वाली दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति की थी।
कोरोना संकट में मदद के लिए कई देशों ने पीएम मोदी का किया धन्यवाद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत कोरोना संकट काल में कई देशों के लिए संकटमोचक बन कर सामने आया। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले सार्क और फिर जी-20 देशों के जरिए दिखाया कि कोरोना के कहर से कैसे मिलकर निपटा जा सकता है। पीएम मोदी ने दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और नेताओं से संवाद किया और जरूरतमंद देशों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया। अमेरिका, इजरायल और ब्राजील के अलावा भारत ने स्पेन, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव समेत कई देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा समेत दूसरी सहायता देने का फैसला किया। इससे वैश्विक धारणा बनाने में मदद मिली कि भारत याचक नहीं, अब दाता बन चुका है। भारत उन्हें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, पेरासिटामोल और अन्य जरूरी वस्तुएं उपलब्ध करा रहा था। कोरोना काल में मदद पाने वाले देशों की सूची लंबी है और मदद के लिए उन्होंने भारत का शुक्रिया अदा किया।
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने की भारत की तारीफ
अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘कोविड-19’ के खिलाफ लड़ाई में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति करने के फैसले के लिए अपना आभार व्यक्त किया। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से बैन हटाने पर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को महान बताया और कहा कि वो भारत का शुक्रिया अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि वो भारतीय पीएम मोदी की तारीफ करते हैं। निर्यात पर ढील देने के बाद अमेरिका को अब यह दवा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि मैं सराहना करूंगा कि भारत हमारे द्वारा ऑर्डर की गईं टैबलेट्स की खेप को जारी करेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति के ट्वीट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी इससे पहले कभी भी इतनी अधिक मजबूत नहीं रही है। भारत मानवता की मदद के लिए अपनी ओर से हरसंभव अथक कोशिश करेगा।
अफगानिस्तान ने अदा किया शुक्रिया
अफगानिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मदद के लिए प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया। राष्ट्रपति गनी ने कहा, ‘प्रिय मित्र नरेन्द्र मोदी, हमें 5 लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन टेबलेट, एक लाख पैरासीटामोल टैबलेट और 75,000 मीट्रिक गेंहू भेजने के लिए धन्यवाद। गेंहू की पहली खेप जल्द ही अफगान के लोगों के लिए पहुंच जाएगी।’ अफगानिस्तान के राष्ट्रपति को जवाब देते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा, “भारत और अफगानिस्तान के बीच एक विशेष प्रकार की दोस्ती है, जो ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक संबंधों पर आधारित है। लंबे समय से, हमने आतंकवाद के संकट के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ाई लड़ी है। हम इसी तरह एकजुटता और साझा संकल्प के साथ कोविड-19 का मुकाबला करेंगे।”
मॉरीशस के पीएम ने जताया प्रधानमंत्री मोदी का आभार
कोरोना संकट के बीच भारत से मिली मदद के लिए मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया। प्रधानमंत्री जगन्नाथ ने अपने ट्वीट संदेश में कहा कि मैं एयर इंडिया की एक विशेष उड़ान से कल बुधवार, 15 अप्रैल को मॉरिशस पहुंची भारत सरकार की चिकित्सा मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बहुत आभारी हूं। यह भारत और मॉरिशस के बीच के घनिष्ठ संबंध को दर्शाता है।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा- प्रभु हनुमान की तरह पहुंचाई संजीवनी बूटी
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर एम बोल्सोनारो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना भगवान हनुमान से करते हुए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को संजीवनी बूटी बताया। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से दी गई इस हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से लोगों के प्राण बचेंगे और इस संकट की घड़ी में भारत और ब्राजील मिलकर कामयाब होंगे। प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने लिखा है कि जिस तरह हनुमान जी ने हिमालय से पवित्र दवा (संजीवनी बूटी) लाकर भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण की जान बचाई थी, उसी तरह भारत और ब्राजील एक साथ मिलकर इस वैश्विक संकट का सामना कर लोगों के प्राण को बचा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने अपने जवाब में कहा “भारत और ब्राजील के बीच साझेदारी मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय में पहले से कहीं अधिक मजबूत है। भारत इस महामारी के खिलाफ मानवता की लड़ाई में योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
प्रधानमंत्री मोदी महान देशभक्त हैं: नेतन्याहू
कोरोना वायरस महामारी को खत्म करने के लिए सबसे अहम दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की खेप इजरायल को भिजवाई। दवा मिलने के बाद इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया। इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें साथ मिलकर इस महामारी से लड़ना होगा। भारत अपने मित्रों के लिए जो संभव है, वह करने को तैयार है। इजरायल के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू जब भारत दौरे पर आए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच और कार्यशैली के कायल हो गए। नेतन्याहू ने कहा कि पीएम मोदी पूरी तरह से भारत के विकास के लिए समर्पित हैं। उन्होंने पीएम मोदी को महान देशभक्त बताया और कहा कि पीएम मोदी वही करते हैं, जो भारत के लिए अच्छा होता है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी को क्रांतिकारी नेता बताया और कहा कि उनका विजन बहुत स्पष्ट है। प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि पीएम मोदी के इजरायल दौरे से हमारी दोस्ती शुरू हुई थी, हमारी दोस्ती दोनों देशों में शांति लाएगी, मेरी यह यात्रा शांति, समृद्धि और विकास के लिए है, शांति और खुशहाली के लिए यह साझेदारी अहम है।
कजाकिस्तान के राष्ट्रपति तोकायेव ने कहा धन्यवाद
भारत की ओर से चिकित्सीय आपूर्ति मिलने पर कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्त तोकायेव ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि भारत सरकार खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद। मित्रता और एकजुटता का यह उच्च स्तर तब भी दिखाया गया जब भारत ने दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
सेसेल्स ने दवाओं के लिए जताया आभार
सेसेल्स के लिए स्पेशल इंडियन एयरफोर्स के विमान से दवा भेजी गई है। इन दवाइयों में पैरासीटामॉल, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का नाम सबसे ऊपर रहा। सेसेल्स ने मदद के लिए भारत का आभार जताया है। राष्ट्रपति डैनी फॉरे ने संकट की इस घड़ी में सेशेल्स को दिए गए समर्थन के लिए प्रधानमंत्री मोदी, उनकी सरकार और भारत के लोगों का दिल से आभार व्यक्त किया।
मालदीव के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को फोन कर कहा धन्यवाद
कोरोना संकट पर मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की मदद के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर खुशी जताई कि मालदीव में पहले तैनात किए गए भारतीय चिकित्सा दल और फिर बाद में भारत द्वारा उपहार में दी गई आवश्यक दवाओं ने द्वीप में संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित करने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
ब्रिटेन के पूर्व पीएम कैमरन ने की तारीफ: कहा- भारत भाग्यशाली है, क्योंकि उसके पास मोदी हैं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्य करने की शैली ही ऐसी है कि हर कोई उनकी तारीफ करता है। हाल ही में ब्रिटेन के पूर्व पीएम डेविड कैमरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि भारत भाग्यशाली है कि उसके पास स्पष्ट दृष्टि वाला नेतृत्व है। इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की वार्षिक आम बैठक में एक सवाल के जवाब में कैमरन ने कहा कि भारत भाग्यशाली है कि उसके पास स्पष्ट दृष्टि वाला नेतृत्व है। जब मैं प्रधानमंत्री मोदी से मिला तो मैंने देखा कि उनके पास दीर्घकालिक समस्याओं को लेकर गहरी सोच है। प्रधानमंत्री कैमरन ने यह भी कहा कि भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इसे अपने आकार की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था कहा जाता है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने की तारीफ
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ इन ने भी प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की। राष्ट्रपति मून ने नई दिल्ली से रवाना होने के बाद ट्वीट करके कहा कि, ‘भारत से रवाना हो रहा हूं, मैंने भारत में उसके दयालु और उदार लोगों के बीच चार दिन गुजारे। भारतीय लोगों की आंखों में ईश्वर वास करते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने अपने पूरे जीवन में सद्भावना के महत्व को जाना है, जिस तरह भारत के पूरे इतिहास में है।’
फ्रांसीसी राष्ट्रपति भी हुए प्रधानमंत्री मोदी के मुरीद
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की। प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि, ‘वह प्रधानमंत्री मोदी के विजन, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से प्रभावित हैं।’ राष्ट्रपति ने कहा कि, ‘हम इस एजेंडे में भारत के साथ हैं, विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय सोलर एलायंस को लेकर।’ इंडिया टुडे पत्रिका के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, ‘मेरे विचार में आजादी और व्यक्तिगत दर्शन के साथ पीएम मोदी बहुत बुद्धिमान व्यक्ति हैं। वह भारत की संप्रभुता के साथ बहुत घनिष्ठ हैं, जैसा मैं अपने देश की संप्रभुता के साथ हूं।’
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने भी की प्रशंसा
इसके पहले फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने प्रशंसा करते हुए कहा था कि, ”मैं प्रधानमंत्री मोदी के दृढ़निश्चय और कूटनीतिक सूझबूझ का कायल हूं। पीएम नरेंद्र मोदी ने क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस में अहम भूमिका निभाई और दुनिया को नई राह दिखाई।”
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा भी मान चुके हैं पीएम मोदी का लोहा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ पीएम मोदी के मजबूत संबंध जगजाहिर हैं। 2015 में गणतंत्र दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था। भारत आने से पहले ओबामा ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की थी, उन्होंने चाय बेचने से लेकर प्रधानमंत्री तक के सफर का जिक्र करते हुए कहा था कि यह भारतीयों की इच्छाशक्ति को दर्शाता है। ओबामा ने कहा था कि पीएम मोदी का विजन एकदम साफ है और उनकी ऊर्जा प्रभावित करने वाली है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी विकास के रास्ते में रोड़े अटकाने वाले मुद्दों को फौरन हटाने को तैयार हो जाते हैं। पिछले साल दिसंबर में जब पूर्व अमेरिका राष्ट्रपति ओबामा ने भारत का दौरा किया था, तभी उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए, उन्हें कड़े फैसले लेने वाला नेता बताया था। बराक ओबामा ने कहा कि मोदी के पास देश के लिए विजन है।
जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे ने की पीएम मोदी की प्रशंसा
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत शिंजो आबे पीएम मोदी के अच्छे दोस्तों में शामिल थे। पीएम शिंजो आबे भी कई मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा कर चुके हैं। पिछले वर्ष सितंबर में शिंजो आबे ने जब भारत का दौरा किया था, तब अहमदाबाद में पीएम मोदी ने उनके साथ रोड शो किया था। इस मौके पर दोनों नेताओं ने अहमदाबाद-मुंबई के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्होंने पीएम मोदी की प्रगतिशील सोच की तारीफ करते हुए है कि अब दोनों देशों का सहयोग सिर्फ द्विपक्षीय नहीं रहा है, बल्कि यह सामरिक और वैश्विक साझेदारी में विकसित हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत और जापान स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानव अधिकार और कानून का नियम जैसे बुनियादी मूल्यों को साझा करते हैं। उस वक्त आबे ने अपने भाषण में जय इंडिया, जय जापान का नारा भी दिया।
भारत को तरक्की के रास्ते पर ले जा रहे हैं पीएम मोदी: ऑस्ट्रेलियाई पीएम
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना कर चुके हैं। टर्नबुल जब भारत के दौरे पर आए थे, तब उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत तरक्की और विकास के असाधारण रास्ते पर बढ़ रहा है। ऑस्ट्रेलियाई पीएम मैल्कम टर्नबुल ने कहा कि हमारा भारत के साथ मजबूत रिश्ता है और इसे और मजबूत करना है। हम इतिहास और मूल्यों के द्वारा एक-दूसरे से जुड़े हैं। उन्होंने कहा था कि दोनों देश तरक्की और विकास के रास्ते की यात्रा पर आगे चल रहे हैं। आज पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की उपलब्धियों की पूरी दुनिया में सराहना हो रही है, ऐसे में हम भारत के साथ रिश्तों को और गहरा करना चाहते हैं।
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने आतंकवाद से लड़ने में मोदी की तारीफ की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब जर्मनी की यात्रा की थी। इस मौके पर जर्मनी की चांसलर एंजला मर्केल ने प्रधानमंत्री मोदी से आतंकवाद और जलवायु के मुद्दे पर चर्चा की, और इन अहम मुद्दों पर पीएम मोदी के विचारों से काफी प्रभावित हुईं। उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने आतंकवाद समेत कई चुनौतियां हैं, इनका सामना करने के लिए मानवतावादी शक्तियों को एकजुट होना होगा।
चीनी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की तारीफ में पढ़े कसीदे
चीन हमारा पड़ोसी है, और कुछ मुद्दों पर दोनों के बीच विवाद भी है, लेकिन चीन और उसके नेता प्रधानमंत्री मोदी की ताकत से अच्छी तरह वाकिफ हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी कई मौके पर पीएम मोदी की प्रशंसा कर चुके हैं और देश ही नहीं बल्कि वैश्विक मसलों पर उनके विचारों से सहमति जता चुके हैं। पीएम मोदी ने 2014 में जब देश की बागडोर संभाली थी, उसी वर्ष सितंबर में चीनी राष्ट्रपति का भारत दौरा हुआ था। उस दौरे में पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति के स्वागत में अहमदाबाद में साबरमती के तट पर स्वागत के विशेष इंतजाम किए थे। पिछले वर्ष जुलाई में जर्मनी के हैमबर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर ब्रिक्स देशों की बैठक में चीनी राष्ट्रपति ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत संकल्प को सराहनीय बताया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख और ब्रिक्स देशों के बीच सामंजस्य स्थापित करने में प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका की सराहना भी की।
फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री भी हुए मुरीद
फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री डॉ. रामी हमदल्लाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक नेता हैं, वे पश्चिम एशिया के नेताओं के बीच अपने अच्छे रसूख के बल पर इजरायल के साथ हमारा विवाद खत्म करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
नीदरलैंड के प्रधानमंत्री ने की प्रशंसा
नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट ने प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ग्लोबल इकोनॉमिक पॉवर बन चुका है, हम भारत के साथ कई क्षेत्रों में सहयोग के लिए उत्सुक हैं।
भूटान के प्रधानमंत्री ने की पीएम मोदी की प्रशंसा
भूटान के प्रधानमंत्री श्री श्रिंग टॉग्बे ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बहुत ही स्नेहशील व्यक्ति हैं और उनको काफी ज्ञान है और वे भूटान के हितैषी हैं। वे हमारे नरेशों को बहुत आदर की नज़र से देखते हैं। वे भारत-भूटान संबंधों के विवरणों को अच्छी तरह जानते हैं और इसीलिए उद्देश्य एवं आशा की भावना जागती है।
निक्की हेली ने की पीएम मोदी की तारीफ
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक और प्रशासनिक सुधार कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा था कि ट्रंप प्रशासन भी इसी तरह के सुधारवादी कदम अमेरिका में उठा रहा है। इस तरह के कदमों से दोनों लोकतांत्रिक देशों को समान मूल्यों के आधार पर मिलकर काम करने में सुविधा होगी। निक्की हेली ने कहा कि अमेरिका और भारत के संबंधों के विकास के लिए खुले आकाश जैसी संभावनाएं हैं, जिसकी कोई सीमा नहीं होती।
याहू की मोस्ट सर्च पॉलिटिशियन की लिस्ट में पहले नंबर पर पीएम मोदी
साल 2020 खत्म होने से पहले सर्च इंजन याहू (Yahoo) ने भारत में सबसे ज्यादा सर्च किए गए 10 नेताओं की लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नंबर एक पर रहे। 2014 से देश के प्रधानमंत्री पद पर काबिज प्रधानमंत्री मोदी हर साल की तरह 2020 में भी इस लिस्ट में पहले नंबर पर बने रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2020 में जब लॉकडाउन का ऐलान किया था, तब लोगों ने उनको सबसे ज्यादा सर्च किया था। इसके बाद पूरे लॉकडाउन के दौरान पीएम मोदी याहू सर्च में छाए रहे।