प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 और 12 नवंबर 2025 को भूटान की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। यह दौरा भारत और भूटान के बीच रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से गहरे दोस्ताना और भरोसेमंद संबंध हैं और यह यात्रा उसी परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रतीक है।

इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से होगी। दोनों नेता मिलकर भारत और भूटान की साझेदारी में बने 1020 मेगावॉट के पुनात्सांगछू-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी, भूटान के चौथे राजा महामहिम जिग्मे सिंग्ये वांगचुक के 70वें जन्मदिन के समारोह में भी शामिल होंगे, जो दोनों देशों की ऐतिहासिक और भावनात्मक साझेदारी को और गहरा करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे के साथ भी बैठक करेंगे। इस बैठक में द्विपक्षीय रिश्तों को और बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा होगी। इसके साथ ही भारत से भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेषों की प्रदर्शनी भी इस यात्रा की एक खास बात होगी। प्रधानमंत्री थिम्फू में ताशीछोडजोंग में इन पवित्र अवशेषों के दर्शन करेंगे और वहां प्रार्थना भी करेंगे। इसके अलावा वे भूटान सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल में हिस्सा लेंगे।

भारत और भूटान की साझेदारी सिर्फ राजनीतिक या आर्थिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धागों से भी जुड़ी है। साझा बौद्ध विरासत, आपसी सम्मान और लोगों के बीच अपनापन दोनों देशों के रिश्ते की असली ताकत है। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा इस दोस्ती को नई ऊर्जा देने के साथ-साथ भविष्य के सहयोगी कदमों की रूपरेखा तय करने का भी अवसर बनेगी। साफ है प्रधानमंत्री मोदी की यह भूटान यात्रा दोस्ती, विकास और आस्था तीनों का सुंदर संगम है, जो आने वाले समय में भारत-भूटान संबंधों को और नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।










