प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी हाजिरजवाबी और सेंस ऑफ ह्यूमर से लोगों का दिल जीत लते हैं। आज यानि 01 जुलाई, 2021 को ऐसा ही देखने को मिला, जब अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई को एक व्यक्ति ने अपने गांव हरिपुरा आने का न्योता दिया। इस पर फरीद ने सवाल किया कि क्या ये सूरत का हरिपुरा गांव है ? दोनों के बीच बात चल ही रही थी कि फिर प्रधानमंत्री मोदी भी इसमें शामिल हो गए। उन्होंने अफगानी राजदूत को सलाह देते हुए लिखा कि आप किसान के गांव भी जाइए और आप सूरत के हरिपुरा गांव भी जाइए।
प्रधानमंत्री मोदी ने फरीद मामुन्दजई को गुजरात के सूरत स्थित हरिपुरा जाने का न्योता देते हुए लिखा, “आप बालकौर सिंह ढिल्लोन के हरिपुरा भी जाइए और गुजरात के हरिपुरा भी जाइए, वो भी अपने आप में इतिहास समेटे हुए है। मेरे भारत के एक डॉक्टर के साथ का अपना अनुभव आपने जो शेयर किया है, वो भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों की खुशबू की एक महक है।”
आप @BalkaurDhillon के हरिपुरा भी जाइए और गुजरात के हरिपुरा भी जाइए, वो भी अपने आप में इतिहास समेटे हुए है। मेरे भारत के एक डॉक्टर के साथ का अपना अनुभव आपने जो शेयर किया है, वो भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों की खुशबू की एक महक है। https://t.co/gnoWKI5iOh
— Narendra Modi (@narendramodi) July 1, 2021
दरअसल बुधवार को फरीद मामुन्दजई का एक ट्वीट काफी सुर्खियों में रहा जिसमें उन्होंने एक डॉक्टर के बारे में बताया जिसने उनसे कंसल्टेशन फीस नहीं ली, क्योंकि वह अफगानी राजदूत थे। इस पर डॉक्टर ने उनसे कहा कि मैं एक भाई से फीस नहीं ले सकता हूं। फरीद के इस ट्वीट के बाद लोगों ने उन्हें अपने-अपने शहर/गांव आने की सलाह दी, इनमें से एक यूजर बलकौर ढिल्लों ने उन्हें अपने गांव हरिपुरा आने का न्यौता दिया। इस पर फरीद ने पूछा कि क्या गुजरात में सूरत का हरिपुरा गांव?
कुछ दिन पहले मैं इलाज के लिए एक डॉक्टर के पास गया था।
यह जानने पर कि मैं भारत में अफ़ग़ान राजदूत हूँ, डॉक्टर ने मेरे इलाज के लिए कोई भी भुगतान स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
जब मैंने कारण पूछा तो मुझे बताया गया कि मैं अफगानिस्तान के लिए बहुत कम कर सकता हूं और यानी 1/2— Farid Mamundzay फरीद मामुन्दजई فرید ماموندزی (@FMamundzay) June 30, 2021
फरीद मामुन्दजई के इस ट्वीट पर बालकौर सिंह ढिल्लोन ने ट्वीट कर लिखा कि सर कभी हमारे हरिपुरा गांव भी आइए। फिर फरीद मामुन्दज ने पूछा कि ये सूरत का हरिपुरा गांव है, तो ढिल्लोन ने बताया कि नहीं ये राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में हैं, जो पंजाब की सीमा से सटा हुआ है। तब अफगानी राजदूत ने कहा कि राजस्थान के साथ अफगानिस्तान का लंबा इतिहास रहा है और स्थिति सामान्य होते ही मैं हरिपुरा जरूर आऊंगा।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा फरीद मामुन्दजई को गुजरात के सूरत स्थित हरिपुरा जाने की सलाह देने के बाद सूरत के हरिपुरा को लेकर लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई है और उनके मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर गुजरात के हरिपुरा में ऐसा क्या है ?
दरअसल सूरत के हरिपुरा का नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के साथ विशेष संबंध रहा है। 1938 के ऐतिहासिक हरिपुरा अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सुभाष चंद्र बोस को चुना गया था। यह कांग्रेस का 51वां अधिवेशन था। इसलिए अधिवेशन में शामिल होने आए कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चन्द्र बोस का स्वागत 51 बैलों से खींचे हुए रथ में किया गया था।
नेताजी की जयंती के मौके पर हरिपुरा में इस साल एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम से एक दिन पहले अपने संदेश में कहा, ‘मैं हरिपुरा के लोगों के स्नेह को कभी नहीं भूल सकता, जो मुझे उसी सड़क पर एक विस्तृत जुलूस के माध्यम से ले गए, जिस सड़क पर नेताजी बोस 1938 में गए थे। उनके जुलूस में एक सजा हुआ रथ शामिल था जिसे 51 बैलों ने खींचा था। मैंने उस जगह का भी दौरा किया जहां नेताजी हरिपुरा में रुके थे।’
I can never forget the affection of the people of Haripura, who took me through an elaborate procession on the same road as Netaji Bose was taken, in 1938. His procession included a decorated chariot drawn by 51 bullocks. I also visited the place where Netaji stayed in Haripura. pic.twitter.com/8OaLGZv6L5
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2021
ताप्ती नदी के किनारे बसा सूरत शहर कई बार बाढ़ की विभीषिका झेल चुका है। साल 1968 में भी ऐसी ही एक बाढ़ आई थी, जिसमें पूरा शहर डूब गया था मगर हरिपुरा सुरक्षित रहा। दरअसल यह गांव भौगोलिक रूप से थोड़ी ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए बाढ़ का पानी इसे छू भी न सका।