गुजरात दौरे के दूसरे दिन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में केवडिया में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘आरम्भ 2020’ कार्यक्रम में सिविल सर्विस के प्रोबेशनर्स को संबोधित किया। युवा आईएएस अधिकारियों से पीएम मोदी ने कहा कि सिविल सर्विस के अफसरों को देश के पहले गृह मंत्री सरदार साहब की सलाह थी कि देश के नागरिकों की सेवा अब आपका सर्वोच्च कर्तव्य है। मेरा भी यही आग्रह है कि सिविल सर्वेंट जो भी निर्णय ले, वो राष्ट्रीय संदर्भ में हों, देश की एकता-अखंडता को मजबूत करने वाले हों। पीएम मोदी ने कहा, ‘आपका क्षेत्र भले ही छोटा हो, आप जिस विभाग को संभाले उसका दायरा भले ही कम हो, लेकिन फैसलों में हमेशा लोगों का हित होना चाहिए, एक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य होना चाहिए।’
आज देश जिस mode में काम कर रहा है, उसमें आप सभी bureaucrats की भूमिका Minimum Government, Maximum Governance की ही है।
आपको ये सुनिश्चित करना है कि नागरिकों के जीवन में आपका दखल कैसे कम हो, सामान्य मानवी का सशक्तिकरण कैसे हो: PM
— PMO India (@PMOIndia) October 31, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक सिविल सेवा अधिकारी के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप देश के सामान्य मानवी से निरंतर जुड़े रहें। जब आप लोगों से जुड़े रहेंगे, तो लोकतंत्र में काम करना और आसान हो जाएगा। फील्ड में लोगों से कट-ऑफ कभी मत कीजिए। सरकार शीर्ष से नहीं चलती है। नीतियां जिस जनता के लिए हैं, उनका समावेश बहुत जरूरी है। जनता केवल सरकार की नीतियों की, प्रोग्राम्स की रिसिवर नहीं है, जनता जनार्दन ही असली ड्राइविंग फोर्स है। इसलिए हमें सरकार से शासन की तरफ बढ़ने की जरूरत है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘स्टील फ्रेम का काम सिर्फ आधार देना, सिर्फ चली आ रही व्यवस्थाओं को संभालना ही नहीं होता। स्टील फ्रेम का काम देश को ये ऐहसास दिलाना भी होता है कि बड़े से बड़ा संकट हो या फिर बड़े से बड़ा बदलाव, आप एक ताकत बनकर देश को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे, फैसिलिटेट करेंगे।’ उन्होंने कहा कि देश में नए परिवर्तन के लिए, नए लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए, नए मार्ग और नए तौर-तरीके अपनाने के लिए बहुत बड़ी भूमिका ट्रेनिंग की होती है, स्किल सेट के डेवलपमेंट की होती है।
पहले के समय Training में आधुनिक अप्रोच कैसे आए, इस बारे में बहुत सोचा नहीं गया।
लेकिन अब देश में Human Resource की आधुनिक Training पर जोर दिया जा रहा है।
आपने खुद भी देखा है कि कैसे बीते 2-3 वर्षों में ही सिविल सर्वेन्ट्स की ट्रेनिंग का स्वरूप बहुत बदल गया है: PM
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पीएम मोदी ने कहा कि पहले के समय ट्रेनिंग में आधुनिक अप्रोच कैसे आए, इस बारे में बहुत सोचा नहीं गया, लेकिन अब देश में ह्यूमन रिसोर्स की आधुनिक ट्रेनिंग पर जोर दिया जा रहा है। बीते 2-3 वर्षों में ही सिविल सर्वेन्ट्स की ट्रेनिंग का स्वरूप बहुत बदल गया है। पीएम ने कहा कि ये ‘आरंभ’ सिर्फ आरंभ नहीं है, एक प्रतीक भी है और एक नई परंपरा भी। ऐसे ही सरकार ने कुछ दिन पहले एक और अभियान शुरू किया है- मिशन कर्मयोगी। मिशन कर्मयोगी, कैपेसिटी बिल्डिंग की दिशा में अपनी तरह का एक नया प्रयोग है।
पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने एक भारत – श्रेष्ठ भारत का सपना देखा था। उनका ये सपना आत्मनिर्भर भारत से जुड़ा हुआ था। कोरोना वैश्विक महामारी के बीच भी जो हमें सबसे बड़ा सबक मिला है वो आत्मनिर्भरता का ही है। नीतियां जिस जनता के लिए हैं, उनका समावेश बहुत जरूरी है। जनता केवल सरकार की नीतियों की, प्रोग्राम्स की रिसीवर नहीं है, जनता जनार्दन ही असली ड्राइविंग फोर्स है। इसलिए हमें गवर्नमेंट से गवर्नेंस की तरफ बढ़ने की जरूरत है।
स्टील फ्रेम का काम सिर्फ आधार देना, सिर्फ चली आ रही व्यवस्थाओं को संभालना ही नहीं होता।
स्टील फ्रेम का काम देश को ये ऐहसास दिलाना भी होता है कि बड़े से बड़ा संकट हो या फिर बड़े से बड़ा बदलाव,
आप एक ताकत बनकर देश को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे, facilitate करेंगे: PM
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श्री मोदी ने कहा कि जो भी काम करिए, जिस किसी के लिए भी करिए, अपना समझ कर करिए। जब आप अपने विभाग में सामान्य जनों को अपना परिवार समझ कर काम करेंगे, तो आपको कभी थकान नहीं होगी, आप हमेशा नई ऊर्जा से भरे रहेंगे। दिखास’ और ‘छपास’ ये दो रोगों से दूर रहिएगा। ये दोनों रोग जिसे लगे, वो अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर सकता।
More than the chair a civil servant occupies, it is the work he or she does that leaves a lasting impact. pic.twitter.com/2GFTQ3cJP9
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2020