प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर गुरुवार को कहा कि नई पीढ़ी का कौशल विकास राष्ट्रीय आवश्यकता और आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद है, क्योंकि यही पीढ़ी हमारे गणराज्य को 75 वर्ष से 100 वर्ष तक ले जायेगी। उन्होंने आह्वान किया कि पिछले छह वर्षों के दौरान जो भी अर्जित किया गया है, उससे लाभ उठाने के लिये स्किल इंडिया मिशन को गति देनी होगी।
नई पीढ़ी के युवाओं का स्किल डवलपमेंट, एक राष्ट्रीय जरूरत है, आत्मनिर्भर भारत का बहुत बड़ा आधार है।
बीते 6 वर्षों में जो आधार बना, जो नए संस्थान बने, उसकी पूरी ताकत जोड़कर हमें नए सिरे से स्किल इंडिया मिशन को गति देनी है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 15, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में कुशलता की बहुत अहमियत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कौशल विकास और ‘अप-स्किलिंग’ के महत्त्व को समाज की प्रगति से जोड़ना होगा। श्री मोदी ने कहा कि विजयदशमी, अक्षय तृतीया और विश्वकर्मा पूजन की तरह ही कुशलता को भी उत्सव की तरह मनाया जाना चाहिये। इन सभी त्योहारों में कुशलता और श्रम की पूजा की जाती है। इन परंपराओं के हवाले से प्रधानमंत्री ने कहा कि बढ़ई, कुम्हार, लोहार, सफाई कर्मी, माली और बुनकर जैसे पेशों को उचित सम्मान दिया जाना चाहिये। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया की गुलामी के लंबे दौर में हमारे समाज और शिक्षा प्रणाली में कुशलता की अहमियत कम कर दी गई थी।
हम विजयदशमी को शस्त्र पूजन करते हैं।
अक्षय तृतीया को किसान फसल की, कृषि यंत्रो की पूजा करते हैं।
भगवान विश्वकर्मा की पूजा तो हमारे देश में हर स्किल, हर शिल्प से जुड़े लोगों के लिए बहुत बड़ा पर्व रहा है: PM @narendramodi
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पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षा हमें बताती है कि क्या करना है, लेकिन कौशल हमें उस पर अमल करने का तरीका बताता है। यही स्किल इंडिया मिशन का दिग्दर्शक सिद्धांत है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 1.25 करोड़ से अधिक युवाओं को ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ के तहत प्रशिक्षित किया जा चुका है।
आज ये जरूरी है कि Learning आपकी earning के साथ ही रुके नहीं।
आज दुनिया में स्किल्स की इतनी डिमांड है कि जो skilled होगा वही Grow करेगा।
ये बात व्यक्तियों पर भी लागू होती है, और देश पर भी: PM @narendramodi
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दैनिक जीवन में कुशलता की आवश्यकता पर जोर देते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कमाने के साथ-साथ हमेशा सीखते रहना चाहिए; सीखना कभी नहीं छोड़ना चाहिए। केवल कुशल व्यक्ति ही आज की दुनिया में आगे बढ़ सकता है। यह लोगों और देशों, दोनों पर लागू होता है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया को हुनरमंद और कुशल श्रम-शक्ति प्रदान कर रहा है। हमें अपने युवाओं को कुशल बनाने के लिये इसे अपनी रणनीति का अहम हिस्सा बनाना चाहिये। उन्होंने ‘ग्लोबल स्किल गैप मैपिंग’ की पहल की सराहना की और कहा कि हितधारकों को लगातार ‘स्किल,’ ‘री-स्किल’ और ‘अपस्किल’ करते रहना चाहिये। इस प्रक्रिया में तेजी लानी होगी, क्योंकि तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी के मद्देनजर री-स्किलिंग की भारी मांग पैदा होने वाली है। प्रधानमंत्री ने याद किया कि कैसे महामारी के खिलाफ असरदार जंग में हमारे कुशल कामगारों ने मदद की थी।
दुनिया के लिए एक Smart और Skilled Man-power Solutions भारत दे सके, ये हमारे नौजवानों की Skilling Strategy के मूल में होना चाहिए।
इसको देखते हुए ग्लोबल स्किल गैप की मैपिंग जो की जा रही है,
वो प्रशंसनीय कदम है: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) July 15, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा साहेब अम्बेडकर के विजन का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा कमजोर वर्ग को कुशल बनाने पर जोर दिया था। श्री मोदी ने कहा कि देश स्किल इंडिया मिशन के जरिये बाबासाहेब के स्वप्न को आकार दे रहा है। उदाहरण के लिये ‘गोइंग ऑनलाइन एज़ लीडर्स- गोल’ जनजातीय आबादी की सहायता कर रहा है, जिसमें कला, संस्कृति, दस्तकारी, बुनकरी और डिजिटल साक्षरता जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इस पहल के जरिये जनजातीय आबादी को उद्यमशील बनाया जा रहा है। इसी तरह, वन धन योजना भी जनजातीय समाज को नये-नये अवसरों से जोड़ रही है। प्रधानमंत्री ने अंत में कहा, “आने वाले समय में, हमें ऐसे अभियानों को और बढ़ाना होगा और खुद को तथा देश को कौशल विकास के जरिये आत्मनिर्भर बनाना होगा।”
PM @narendramodi’s message on World Youth Skills Day. https://t.co/hGUe1sgB7F
— PMO India (@PMOIndia) July 15, 2021