अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए स्वीडन ने अधिक खुली रणनीति का विकल्प चुना। स्वीडन ने महामारी के दौरान अधिकांश स्कूल, रेस्तरां और व्यवसाय खुले रखे। उसके नरम रुख की वजह से स्वीडन में प्रति मिलियन निवासियों में औसतन 6.08 मौतें हुईं, जो दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा है। 4 जून, 2020 तक स्वीडन में कोरोना से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 40,803 है, जिनमें मौतों की संख्या 4,542 है। अगर पूरे विश्व में मौतों का प्रतिशत देखा जाए तो विश्व में यह औसत 6.13 प्रतिशत है और भारत में इस समय 2.08 प्रतिशत है, जो पूरे विश्व में सबसे कम है। अगर प्रति लाख आबादी के हिसाब से कोरोना से मौतों का आंकड़ा देखा जाए तो पूरे विश्व में यह 4.9 प्रतिशत है, लेकिन भारत में मात्र 0.4 प्रतिशत प्रति लाख है। इसके बावजूद अपने कारनामों के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाले प्रशांत भूषण जैसे लोग ट्विटर पर स्वीडन का हवाला देकर लॉकडाउन को नाकाम घोषित करने की मुहिम चला रहे हैं।
पूरी दुनिया में कौन सा ऐसा देश है जिसकी इकोनॉमी आज के इस दौर में अच्छी चल रही है और वहाँ बेरोजगारी का संकट नहीं?
अगर लॉक डाउन ना होता तो ये जो आज दो लाख कोरोना पॉजिटिव हैं ये दो महीने पहले ही हो गये होते। तब ना हमारे पास PPE kits थी ना वेंटिलेटर ना टेस्टिंग किट्स, सोचो क्या होता?— DINESH CHAWLA (@iDinesh_Chawla) June 3, 2020
1, 2 & 3 were telling us to follow 4. pic.twitter.com/rV701kaSvM
— Strategic Spaminder Bharti (@attomeybharti) June 3, 2020
वहीं कई ट्विटर यूजर्स ने लॉकडाउन के समर्थन में ट्वीट करते हुए बताया कि किस तरह लॉकडाउन की वजह से लोगों की जान बचाने में मदद मिली है।
Sweden has one of the highest number of deaths per million in Europe also another Left leaning country
— RamuKaka (@ramukakasays) June 3, 2020
These charlatans when comparing tests number will compare tests per million, when comparing deaths they will compare actual number of deaths.
— Sagar (@sssaaagar) June 3, 2020
Lockdown to prevent with corona disease.. w. r. t. world we are in far much better condition, So stop spreading fake propaganda? but you can’t understand it.. Cause you already know ?
— Amit Mangal (@AmitMangal04) June 3, 2020