प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (5 दिसंबर 2022) को गुजरात के अहमदाबाद में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में अपना वोट डाला। उन्होंने अहमदाबाद के रानिप स्थित निशान पब्लिक स्कूल में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इससे पहले वह गांधीनगर राजभवन से वोट डालने के लिए निकले। पीएम मोदी ने वोट डालने से पहले स्कूल जाते समय रास्ते में लोगों का अभिवादन भी किया। पीएम मोदी के आगमन को लेकर बड़ी तादाद में लोग अपने प्रिय नेता की एक झलक पाने के लिए सड़क के दोनों ओर खड़े थे। यह देखकर पीएम मोदी ने अपने काफिले को बीच रास्ते में ही रोक दिया और पैदल मतदान स्थल के लिए निकल पड़े और सभी लोगों का अभिवादन किया। पीएम मोदी ने VVIP Culture के खिलाफ बड़ा संदेश देते हुए पोलिंग बूथ पर कतार में आम लोगों के साथ खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया और फिर वोट डाला। मतदान के बाद भी वह कार में बैठने के बजाय पैदल ही निकल पड़े और लोगों का अभिवादन किया। मतदान के बाद पीएम मोदी अपने भाई के घर तक पैदल पहुंचे और उनसे मुलाकात की। वहीं बड़ी तादाद में खड़े मीडियाकर्मियों को भी उन्होंने निराश नहीं किया। मीडिया से उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का पर्व गुजरात, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के लोगों द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया गया है। मैं देश की जनता का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए मैं चुनाव आयोग को भी बधाई देना चाहता हूं।
वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतिज़ार करता कोने में खड़ा वो व्यक्ति!
वो दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेता है!
राष्ट्रनायक @narendramodi जी pic.twitter.com/BaaZVuywQK
— Arvind Mohan Singh (@ArvindSinghUp) December 5, 2022
पीएम मोदी ने शांतिपूर्ण चुनाव के लिए चुनाव आयोग को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतदान के बाद कहा कि लोकतंत्र का पर्व गुजरात, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के लोगों द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया गया है। मैं देश की जनता का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए मैं चुनाव आयोग को भी बधाई देना चाहता हूं। इससे पहले आज उन्होंने राज्य के लोगों से बड़ी संख्या में मतदान करने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “गुजरात चुनाव के दूसरे चरण में मतदान करने वाले सभी लोगों, विशेष रूप से युवा मतदाताओं और महिला मतदाताओं से बड़ी संख्या में मतदान करने का आग्रह करता हूं। मैं सुबह करीब 9 बजे अहमदाबाद में अपना वोट डालूंगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सादगी और विनम्रता से भरी कुछ घटनाएं-
Watch this video ?
You'll see PM Modi personally ensuring that his carcade stops so that the ambulance is given priority to pass. ? https://t.co/IRhH29aJaC pic.twitter.com/ZRo8pVBLUU— Ashish Singh (@AshishSinghNews) November 9, 2022
एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए पीएम मोदी ने रोका काफिला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूं ही लोगों के दिलों पर राज नहीं करते हैं। बुधवार, 9 नवंबर को हिमाचल प्रदेश में चुनावी रैली से पहले उन्होंने मानवता की एक और मिसाल पेश की। चांबी रैली से पहले लोग उस समय हैरान रह गए जब उन्होंने देखा कि प्रधानमंत्री मोदी का काफिला अचानक रुक गया है। दरअसल में एसपीजी सुरक्षा घेरे में होने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने अपना काफिला रोक एक एंबुलेंस को रास्ता दिया। प्रधानमंत्री मोदी को जब पता चला कि उनके काफिले के कारण एक एंबुलेंस रुका हुआ है तो उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से अपने काफिले को रोक एंबुलेंस को आगे जाने का रास्ता दिया। इससे पहले भी वह कई बार अपने काफिले को रोक कर एंबुलेंस को रास्ता दे चुके हैं।
जिनके साथ रघुनाथ जी तो किस बात की चिंता…
विकास की हो बात और मोदी जी हों साथ तो किस बात की चिंता….
सृष्टि निर्माता रघुनाथ जी का राष्ट्र निर्माता @narendramodi जी को आशीर्वाद मिला। pic.twitter.com/ukMcKxhMq4
— BJP Himachal Pradesh (@BJP4Himachal) October 5, 2022
कुल्लू दशहरा उत्सव में प्रोटोकॉल तोड़कर रघुनाथ जी के रथ तक पहुंचे
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू दशहरा उत्सव में शामिल होने 5 अक्टूबर 2022 को पहुंचे पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर रघुनाथ जी के रथ तक पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया। मोदी कुल्लू दशहरा उत्सव में शामिल होने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। देवलुओं ने रघुनाथ जी के रथ से निकालकर सम्मान व आशीर्वाद के रूप में प्रधानमंत्री को पवित्र दुपट्टा दिया। प्रधानमंत्री को कुल्लवी टोपी में रघुनाथ जी सेवा में पहुंचने पर एक दुपट्टा बांधा गया। प्रधानमंत्री इस दौरान एक पहाड़ी व्यक्ति व देवलू के रूप में नजर आए। प्रोटोकॉल तोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ हजारों लोगों की भीड़ के बीच गए और सभी देवी-देवताओं से आशीर्वाद लिया। प्रधानमंत्री ने रघुनाथ जी के रथ की डोर को भी खींचा। रघुनाथजी की रथयात्रा के साथ ही इंटरनेशनल कुल्लू दशहरा उत्सव 7 दिनों तक चलती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें कई साल बाद कुल्लू दशहरे में शामिल होने का मौका मिला है। इससे पहले जब वह भाजपा में हिमाचल के प्रभारी हुआ करते थे, तब कुल्लू दशहरे में शामिल हुए थे।
एक ही दिल है कितनी बार जीतोगे मोदी जी ??
पीएम Narendra Modi ने साष्टांग दंडवत होकर राजस्थान की जनता से माफ़ी मांगी क्यूंकि 10 बजे के बाद उन्हें सम्बोधित नहीं कर पाए (कोर्ट के आदेशानुसार)उन्होंने जनता से रूबरू होकर क्षमायाचक के रूप में माफ़ी मांगी? l pic.twitter.com/jj1zrJ52Tj
— Dr. Pankaj Shukla (@iPankajShukla) September 30, 2022
राजस्थान की जनता के सामने दंडवत हो गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर 2022 को आबूरोड में राजस्थान की जनता को दंडवत होकर नमन किया। पीएम मोदी शुक्रवार देर रात आबूरोड आए। प्रदेश की जनता का प्यार देखकर पीएम मोदी ने कहा कि मैं इस प्यार को सूद समेत वापस लौटाऊंगारात के 10 बजने की वजह से पीएम मोदी ने लाउडस्पीकर पर लोगों को संबोधित नहीं किया। जनसभा में शामिल जनता को उन्होंने घुटनों के बल बैठकर तीन बार नमन किया। पीएम मोदी के इस अभिवादन से जनता भावविभोर हो उठी। पीएम मोदी के जनसभा में पहुंचने पर पंडाल मोदी मोदी के नारों से गूंज उठा।
सादगी की मिसाल !
संसद परिसर में खुद हाथ में छाता लिए हुए पीएम श्री नरेंद्र मोदी जी की यह तस्वीर 'सादा जीवन उच्च विचार' के सिद्धांत को चरितार्थ करती है।@narendramodi @BJP4India pic.twitter.com/rYvsxHzrIM
— Nitin Nabin (@NitinNabin) July 19, 2021
हाथ में छाता लिए जब संसद पहुंचे पीएम मोदी, तस्वीर देख बोले लोग- आप हो सादगी की मिसाल
पिछले साल 19 जुलाई 2021 को मॉनसून सत्र के लिए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे उस वक्त बारिश हो रही थी। संसद परिसर में खुद हाथ में छाता लिए हुए पीएम मोदी मीडिया के सामने आए। इस तस्वीर पर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धांत को चरितार्थ करते देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। सोशल मीडिया पर वरुण रस्तोगी नाम के एक यूजर ने लिखा कि दिल जीत लिया मोदी जी। एक अन्य यूजर पूनम वर्मा ने लिखा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने छाता अपने हाथों से पकड़ कर रखा है और मीडिया से रूबरू हो रहे हैं। इसीलिए तो हम कहते हैं कि हर कोई नरेंद्र मोदी नहीं बन सकता। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री का बारिश के दौरान स्वयं छाता पकड़कर खड़े होना सरल व्यक्तित्व को प्रदर्शित करता है।
PM @NarendraModi जी की सरलता का उदाहरण आज पुनः देखने को मिला, उन्होंने रूस में अपने लिए की गई विशेष व्यवस्था को हटवा कर अन्य लोगों के साथ सामान्य कुर्सी पर बैठने की इच्छा जाहिर की। pic.twitter.com/6Rn7eHid6N
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 5, 2019
पीएम मोदी की सादगी की दुनिया दीवानी, रूस में सोफे की जगह कुर्सी पर बैठना पसंद किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सादगी की दुनिया कायल हो गई। वर्ष 2019 में रूस की यात्रा के दौरान व्लादिवोस्तोक में एक फोटो सेशन के लिए विशेष रूप से रखे गए एक सोफे पर बैठने से पीएम मोदी ने मना कर दिया। उन्होंने इसके बजाय दूसरों के साथ एक कुर्सी पर बैठने का विकल्प चुना। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किए है, जिसमें दिख रहा है कि पीएम मोदी का फोटो सत्र में अधिकारी स्वागत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री को सोफे की बजाय कुर्सी का चयन करते हुए देखा गया। इसके बाद अधिकारियों ने आरामदायक सोफे की जगह एक साधारण कुर्सी रख दी और मोदी ने उस पर बैठकर तस्वीर खिंचवाई। पीयूष गोयल ने वीडियो के साथ ट्वीट किया- पीएम नरेंद्र मोदी की सादगी को आज देखा गया। उन्हें अपने लिए किए गए विशेष इंतजाम को हटवाकर रूस में अन्य लोगों के साथ कुर्सी में बैठने के विकल्प को चुना।
इसी साल मार्च में वाराणसी के अस्सी स्थित पप्पू की अड़ी एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चाय पीने से चर्चा में आ गई है। रोजाना दो शिफ्ट में 10 घंटे खुलने वाली पप्पू की दुकान को 15 घंटे तक लगातार खोलना पड़ा। भाजपा के सांसद, मंत्री और कार्यकर्ताओं में तो पप्पू के दुकान पर चाय पीने और फोटो खिंचवाने की तो होड़ सी मची रही। अस्सी स्थित पप्पू के चाय की दुकान शनिवार की सुबह मनोज और मनीष ने खोली तो उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि पीएम के चाय की चुस्की के बाद उनकी दुकान की शोहरत और ज्यादा बढ़ गई है। दुकान खुलने के साथ ही पूरी दुकान ग्राहकों से भर गई, अंदर की बेंच कुर्सी जहां खाली होती फिर से भर जाती। दुकान के बाहर खड़े होकर चाय पीने वालों की भी अच्छी खासी तादाद थी। हर किसी के जबान पर पीएम के चाय की चर्चा और दुकान में फोटो खिंचवाने की होड़ रही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पान खाने के बाद गोपाल चौरसिया की दुकान पर मीठे पान की मांग सबसे अधिक रही। प्रधानमंत्री द्वारा पान खाने के बाद इस दुकान पर पान खाने वालों की भीड़ बढ़ गई। कई दिनों तक ये नजारा रहा कि दुकान खुलने के पहले ही लोग दुकान पर पान खाने का इंतजार कर रहे थे। गोपाल ने बताया कि अब लोग मोदी पान की डिमांड ज्यादा करते हैं। खुशी हुई कि पीएम ने पान खाकर रातों रात उनके दुकान को देश भर में मशहूर कर दिया। पीएम के पान खाने के बाद उनके दुकान का भाव चढ़ गया है। गोपाल चौरसिया के छोटे पुत्र पवन ने बताया कि अन्य दिनों में दोपहर में दुकान बंद होती थी लेकिन, पीएम मोदी के पान खाने के बाद भीड़ इतनी बढ़ी कि हम दुकान बंद ही नहीं कर पाए। गोपाल चौरसिया ने बताया कि प्रधानमंत्री ने उनसे आम आदमी की तरह पान मांगा। उनको देखकर आशीर्वाद लेने के लिए झुकना चाहा तो पीएम ने मना कर दिया। पीएम ने कहा कि मेरा आशीर्वाद आप हैं, आप बैठिए। उन्होंने पीएम को हीरा-मोती, लौंग, गरी, गुलकंद, इलायची, कत्था लगाकर पान खिलाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2020 में दिल्ली में आयोजित ‘हुनर हाट’ में अचानक पहुंच गए थे, वहां लिट्टी-चोखा खाया था जिसका भुगतान उन्होंने खुद किया था, इसके बाद से ही वो लिट्टी वाला खासी सुर्खियों में आ गया है और बताया जा रहा है कि उसकी सेल में खासा इजाफा हो गया है और हुनर हाट में आने वाले अधिकतर लोग उससे लिट्टी-चोखा की डिमांड कर रहे हैं क्योंकि देश के पीएम ने यहां इसका लुत्फ उठाया था। हुनर हाट के इस लिट्टी विक्रेता का नाम रंजन राज है और वो बिहार का रहने वाला है, पीएम ने उसके स्टाल पर लिट्टी क्या खाई उसकी तो मानों चांदी ही हो गई है, बताया जा रहा है कि उसके बाद से हुनर हाट में आने वाला करीब करीब हर शख्स वहां की लिट्टी-चोखा खाना चाह रहा है। इससे उत्साहित रंजन ने कहा था कि एक विक्रेता होने के नाते उसका उद्देश्य यही है कि कैसे उसका माल ज्यादा बिके वो दिक्कत अब खत्म हो गई है क्योंकि उसकी लिट्टी की डिमांड जो खासी बढ़ गई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपना जीवन बड़ी सादगी से जीते हैं। आम तौर पर प्रधानमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति का सारा खर्च केंद्र सरकार ही वहन करती है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इस मामले में अलग सोच रखते हैं। उनका मानना है कि सक्षम व्यक्ति न केवल अपना खर्च खुद वहन करें, बल्कि जरूरतमंदों की मदद के लिए भी आगे आएं। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी अपने भोजन और कपड़ा के लिए भारत सरकार के पैसे का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वो अपने भोजन का खर्च खुद उठाते हैं। दरअसल हाल ही में एक आरटीआई में प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर होने वाले भोजन के खर्च को लेकर सवाल पूछा गया था। इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय के केंद्रीय सूचना अधिकारी ने विस्तार से जवाब दिया है। आरटीआई के जवाब में अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी अपने खाने का खर्च खुद उठाते हैं। उनके खाने पर सरकार का कोई खर्च नहीं होता है। यहां तक कि देश या विदेश में यात्रा के दौरान भी विमान में घर का बना खाना पैक कराकर ले जाते हैं और खाते हैं। इसमें अधिकतर खिचड़ी होती है।
एक आरटीआई प्रधानमंत्री मोदी के कपड़ों पर होने वाले खर्च को लेकर भी लगाई गई थी, तब पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री अपने कपड़ों के खर्च का भुगतान स्वयं करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के निजी कपड़ों पर होनेवाला खर्च प्रधानमंत्री अपनी सैलरी से ही उठाते हैं। इसके लिए सरकारी कार्यालय की तरफ से कोई रकम खर्च नहीं की जाती है। सूचना के अधिकार के तहत इस जवाब के बाद आरटीआई कार्यकर्ता सब्बरवाल ने कहा था, ‘बहुत से लोगों को अब तक ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी के कपड़ों पर सरकारी खजाने से बड़ी रकम खर्च की गई है। आरटीआई से मिली जानकारी से लोगों का यह भ्रम दूर होगा।’
पीएम मोदी ने पिछले आठ साल में ‘सबका साथ सबका विकास’ के ध्येय वाक्य पर चलते हुए गरीब और वंचित वर्ग से लेकर हर वर्ग की खुशहाली के लिए काम किया है। यही वजह है देशवासी उनसे अथाह प्यार करते हैं। इसलिए लोग किसी ना किसी रूप में अपनी भावनाओं को प्रदर्शित करते रहते हैं। आइए डालते हैं लोगों के इसी प्यार पर एक नजर-
These village women from Hamirpur penned and composed this song on their own….. PM @narendramodi is invincible thanks to this impromptu love, respect, support and adulation of commoners for him in even remotest corners of this great nation! pic.twitter.com/kzETdWnSqh
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) October 30, 2022
हमीरपुर के गांव की महिलाओं ने गाना लिखा और कंपोज भी किया
देश के आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब लोगों का सपना होता है कि अपनी जमीन और अपना घर हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनको वित्तीय सहायता देकर उनके सपने को पूरा कर रहे हैं। मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की, जो गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर आर्थिक रूप से कमजोर लोग जमीन और घर का मालिक बन रहे हैं। इन योजनाओं के लाभार्थियों में ज्यादातर महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना या स्वामित्व योजना से ग्रामीण इलाकों में महिलाओं का सशक्तिकरण हो रहा है। इन योजनाओं के तहत महिलाएं होम लोन लेने में पहली बार बड़ी तादाद में आगे आई हैं। आंकड़ों के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है कि 16 प्रतिशत महिलाओं ने होम लोन लिया है। यहीं नहीं देश के कुछ जिलों में तो होम लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या 80 प्रतिशत को पार कर गई है। इसी तरह पीएम मोदी ने उज्जवला योजना, नल जल योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, फ्री सिलाई मशीन योजना, मातृत्व वंदना योजना, महिला शक्ति केंद्र योजना आदि योजनाएं शुरू की जिससे महिलाएं लाभान्वित हुई। पीएम मोदी के कार्यों से प्रभावित उत्तर प्रदेश के हमीरपुर की कुछ महिलाओं ने उन पर गीत लिखा और कंपोज किया है। यह पीएम मोदी के प्रति उनके अगाध प्रेम को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विनम्रता से सभी को कायल बना लेते हैं। चाहे देवी-देवताओं के सामने दंडवत देना हो या किसी जनसभा में जनता का अभिभावदन इसमें उनकी सानी नहीं है। पीएम मोदी की यह विनम्रता उन्हें एक अलग मुकाम पर लेकर जाती है। इसी तरह जनता की सहूलियत की बात हो, जनता की नब्ज पकड़ने की बात हो, जनता के साथ कनेक्ट करने की बात हो शायद ही पीएम मोदी से बेहतर कोई जानता हो। पीएम मोदी की यह खासियत है कि जिस भी प्रदेश में वह जाते हैं वहां की भाषा और संस्कृति से एकदम ऐसे तालमेल बैठाते हैं मानों ये उनका गृहराज्य हो। और इसी की बदौलत उन्होंने गुजरात के सीएम से भारत के पीएम तक का सफर तय किया। 2014 के बाद 2019 और अब 2024 सामने है। पीएम मोदी को चुनौती देने वाला कोई नजर नहीं आता। पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है। पीएम मोदी जनता के दिलों पर राज करते हैं। जनता से जुड़ाव, उससे संवाद, देश की नब्ज पर मजबूत पकड़, आमजन की मुश्किलों की जमीनी जानकारी उन्हें बखूबी है क्योंकि उनका बचपन भी संघर्षों में पला है। आज उनकी लोकप्रियता ने देश ही नहीं दुनिया में सभी नेताओं को पछाड़ दिया है।
देश के कलाकार अपनी असाधारण प्रतिभा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति अपने प्यार को प्रदर्शित करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं, जिसे देखकर भारत के लोग ही नहीं, बल्कि दुनिया भी आश्चर्यचकित हो जाती है। इंदौर के कलाकारों ने भी कमाल कर दिखाया है। उन्होंने छह हजार वर्गफुट में 6 लाख वॉटर बोतल के ढक्कनों से प्रधानमंत्री मोदी की अद्भुत तस्वीर तैयार कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। कलाकारों ने अपने इस पोर्ट्रेट के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश की है। वॉटर बोटलों के ढक्कनों से बनाया गया प्रधानमंत्री मोदी का पोर्ट्रेट बेहद आकर्षक है। इसे बनाने में आर्ट स्टूडियो के 150 कलाकारों ने अपना योगदान दिया और 3 दिनों तक 24 घंटे काम किया। टीम ‘परिवर्तन’ द्वारा बनाए गए इस पोर्ट्रेट का वर्ल्ड बुक ऑफ लंदन की टीम ने निरीक्षण किया। टीम ने इसे वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन का प्रमाण पत्र भी सौंपा। टीम ‘परिवर्तन’ पूर्व में भी इस तरह की आकृति बनाकर एक रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी है। टीम चाहती है कि उनके द्वारा बनाई गया पोर्ट्रेट किसी भी तरह से प्रधानमंत्री मोदी के पास पहुंचे। आर्ट स्टूडियो इंदौर की टीम ‘परिवर्तन’ ने बताया कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इसके तहत लोगों को जागरूक करना चाहते थे। इसलिए एक खास संदेश देने के उद्देश्य से इस पोर्ट्रेट का निर्माण किया गया। कलाकार यह बताना चाहते थे कि कैसे हर तरह के कचरे को एक विश्वस्तरीय कला में बदल कर इतिहास रचा जा सकता है। क्योंकि, खुद प्रधानमंत्री मोदी भी वेस्ट को बेस्ट बनाने का संदेश दे चुके हैं। गौरतलब है कि आर्ट स्टूडियो के कलाकार अकसर वेस्ट मटेरियल से पोट्रेट बनाकर सामाजिक संदेश देते रहते हैं।
उत्तर प्रदेश के जालौन की रहने वाली एक बाल कलाकार प्रज्ञा लोगों की हूबहू तस्वीर बना देती है। प्रधानमंत्री मोदी के काम से खुश होकर प्रज्ञा ने उनकी एक ख़ास तस्वीर तैयार की, जिसे देखकर हर कोई दंग रह गया। कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी जालौन आकर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्धघाटन किया था। उनके इस दौरे से लोगों में जश्न जैसा माहौल था। बड़ी संख्या में लोग प्रधानमंत्री मोदी का भाषण सुनने पहुंचे थे। इसी खुशी का इजहार करने के लिए जालौन के उरई की रहने वाली छात्रा प्रज्ञा महेश्वरी ने क्यूब्स से प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर बना डाली। तस्वीर को बनाने के लिए प्रज्ञा किसी रंग, पानी, कपड़े और कागज का इस्तेमाल नहीं करती बल्कि बच्चों के खेलने वाले क्यूब से जस का तस व्यक्ति की आकृति उकेर देती है।
मुजफ्फरपुर के चायवाला का पीएम मोदी से बेशुमार प्रेम
भारत की जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बेशुमार प्रेम करती है। इसकी एक झलक मंगलवार (12 जुलाई, 2022) को देखने को मिली, जब प्रधानमंत्री मोदी बिहार विधानसभा के शताब्दी समापन समारोह में हिस्सा लेने पटना पहुंचे। इस दौरान उनसे मिलने और चाय पिलाने के लिए उनका एक प्रशंसक चायवाला मुजफ्फरपुर से पटना पहुंचा, तो सभी की निगाहें उस पर टिक गईं। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी के सुरक्षा कारणों से उसका सपना पूरा नहीं हो पाया। भले ही चायवाला प्रधानमंत्री मोदी से न मिल पाया हो लेकिन उसकी चर्चा हर जगह हो रही है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी के इस फैन का नाम अशोक कुमार साहनी है। जो कि बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाला हैं। अशोक ने अपने पूरे शरीर को प्रधानमंत्री मोदी के रंग में रंग दिया था। अपने पेट पर प्रधानमंत्री मोदी की पेंटिंग भी बनाई थी। उसके ऊपर नमो-नमो लिखवाया था। सिर पर आगे की तरफ भारत का नक्शा बना था। सिर के पीछे जय हिंद और सिर के दाहिने साइड में स्वच्छ भारत लिखवाया था। हाथ में चाय की केतली और पीठ पर डस्टबिन टांग रखा था।
दिल्ली की रहने वाली नौवीं क्लास की छात्रा याशिका दास ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र और मेक इन इंडिया अभियान से प्रभावित होकर उनका टाइपोग्राफ़िक प्रोर्ट्रेट तैयार किया, जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया। याशिका दास ने “Be vocal for your amazing local” शीर्षक से प्रधानमंत्री मोदी का पोर्ट्रेट तैयार किया। इसमें ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का प्रतिनिधित्व करने वाले 500 भारतीय ब्रांडों के नाम का इस्तेमाल किया गया था। A3 आकार की शीट पर बने इस पोर्ट्रेट में सेल, हिन्दुस्तान नेशनल गैंस एंड इंडस्ट्रीज, पतंजलि आयुर्वेद जैसे भारतीय ब्रांडों के नाम का उल्लेख किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी के प्रति प्रेम और विश्वास ही है कि उनसे मिलने के लिए मध्य प्रदेश के पिपरिया जैतपुर गांव का छोटेलाल अहिरवार सात सौ किलोमीटर पैदल चलकर कर देवरी से दिल्ली पहुंच गया। प्रधानमंत्री ने भी छोटेलाल से मुलाकात कर उन्हें अभिभूत कर दिया। पेशे से मजदूर छोटेलाल ने 22 सितंबर, 2021 को देवरी से अपनी यात्रा शुरू की थी। वे 11 अक्टूबर 2021 को 20 दिनों में देवरी से दिल्ली पहुंचे। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल को जैसे ही बीजेपी कार्यकर्ता छोटेलाल के दिल्ली आने की जानकारी मिली उन्होंने तुरंत उनके पीएम से मिलने की व्यवस्था की। 63 वर्षीय छोटेलाल अहिरवार बीजेपी के कमल वाला गमछा माथे से बांधकर और पार्टी का गमछा गले में पहनकर प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पहुंचे। प्रधानमंत्री ने उनसे गर्मजोशी से मुलाकात की और उन्हें देखते ही गले से लगा लिया।
यह प्रधानमंत्री मोदी के प्रति प्यार ही है कि केरल की 10वीं कक्षा की एक छात्रा जयलक्ष्मी ने हाल ही में उन्हें जैविक अमरूद का एक पौधा भेजा। पथानामथिट्टा जिले में पंडलम की रहने वाली जयलक्ष्मी अपने घर के आंगन में जैविक खेती करती है। वह चाहती हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग जैविक खेती को अपनाएं। जयलक्ष्मी ने बीजेपी सांसद सुरेश गोपी से अमरूद का पौधा प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का आग्रह किया था। सुरेश गोपी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर जयलक्ष्मी का उपहार उन्हें भेंट किया। प्रधानमंत्री तक पौधा पहुंचने के बाद जयलक्ष्मी काफी खुश है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जयलक्ष्मी को राज्य सरकार की ओर से ‘कार्शक थिलकम’ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र लिखकर जयलक्ष्मी को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने पत्र में लिखा कि आंगन में जैविक खेत को बनाए रखने की आपकी पहल नेक और विचारशील है। युवा दिमाग में रचनात्मक विचार हमारे देश की ताकत हैं।
हाल ही में बेंगलुरू के 20 वर्षीय उभरते कलाकार स्टीवेन हैरिस ने एक चिट्ठी के साथ प्रधानमंत्री मोदी की दो खूबसूरत पेंटिंग बनाकर उन्हें भेजी थी। इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र लिखकर स्टीवेन का हौसला बढ़ाया। प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि रचनात्मक क्षेत्र में युवाओं की लगन और मेहनत को देखना अत्यंत सुखद है। स्टीवेन की तारीफ करते हुए उन्होंने लिखा कि आपकी पेंटिंग से आपमें चीजों को गहराई से अनुभव करने की प्रतिभा का पता चलता है। आपने जिस बारीकी से सूक्ष्म भावों को कैनवास पर उतारा है, उसे देखकर मन आनंदित हो जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में स्टीवेन के विचारों की भी प्रशंसा की। कोरोना काल में लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और कुशल मंगल को लेकर स्टीवेन के विचारों की उन्होंने सराहना की। प्रधानमंत्री ने लिखा कि टीकाकरण अभियान, अनुशासन और 130 करोड़ भारतीयों के सम्मिलित प्रयास इस महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि समाज में पॉजिटिविटी फैलाने के स्टीवेन के प्रयासों से दूसरे लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी। इससे पहले स्टीवेन ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में बताया था कि वह पिछले 15 सालों से पेंटिंग कर रहे हैं और विभिन्न स्तर पर 100 से अधिक पुरस्कार भी जीत चुके हैं। स्टीवेन ने प्रधानमंत्री मोदी को अपनी प्रेरणा बताया। साथ ही स्टीवेन ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत के टीकाकरण अभियान की भी तारीफ की थी।
दुबई में रहने वाले केरल के 14-वर्षीय सरन शशिकुमार और उनके परिवार को उस समय खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जब उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से प्रशंसा पत्र प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में ‘सुंदर चित्र’ भेजने के लिए ‘हार्दिक आभार’ जताया और कहा कि कला हमारे अंतरतम विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने और हमारी कल्पना को रचनात्मकता से जोड़ने का एक प्रभावी माध्यम है। आपके द्वारा उकेरी गई पेंटिंग कला के प्रति आपकी प्रतिबद्धता और समर्पण को दर्शाती है। साथ ही साथ राष्ट्र के प्रति आपके प्यार और स्नेह को भी प्रतिबिंबित करती है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में लिखा गया है कि मुझे यकीन है कि आप अपने कलात्मक कौशल को आने वाले वर्षों में उत्कृष्टता के उच्च स्तर तक ले जाएंगे। आप इसी तरह सुंदर चित्र बनाना जारी रखें और अकादमिक क्षेत्र में भी उत्कृष्टता प्राप्त करें। एक उज्ज्वल और सफल भविष्य के लिए शुभकामनाएं। सरन शशिकुमार ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारतीय प्रधानमंत्री मोदी को उपहार स्वरूप देने के लिए उनका छह-स्तरीय स्टैंसिल चित्र बनाया था। 90 सेमी गुणा 90 सेमी आकार वाले इस पोट्रेट में 2019 में केंद्रीय औद्योगिक पुलिस बल के फाउंडेशन के 50 साल पर आयोजित समारोह में गार्ड ऑफ ऑनर लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी को चित्रित किया गया है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने एक हैट पहना है जिसपर CISF का लोगो है। जनवरी 2021में केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की थी, इस दौरान सरन ने पोट्रेट को उन्हें सौंप दिया था, ताकि इसे प्रधानमंत्री मोदी को भेंट किया जा सके।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में किशनी के गांव चितायन की रहने वाली 85 साल की बिट्टन देवी ने अपनी 12 बीघा जमीन प्रधानमंत्री मोदी के नाम करने का फैसला किया। सरकारी काम और योजनाओं से प्रभावित महिला अपनी जिद पर अड़ी रही कि वह अपने सारे खेत प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर ही करेगी। अमर उजाला की खबर के अनुसार प्रधानमंत्री के नाम पर खेत करने की बात सुनकर वकील भी हैरान रह गए। बिट्टन देवी ने बताया कि उनके पति पूरन लाल की मौत हो चुकी है। सरकार की ओर से मिल रही वृद्धावस्था पेंशन से उनका गुजारा हो रहा है। ऐसे में वह अपने नाम दर्ज भूमि प्रधानमंत्री मोदी के नाम करना चाहती हैं।
कोरोना संकट काल में सूरत की एक सामाजिक संस्था मोदी मास्क लेकर सामने आई। इस मास्क पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगी थी। इस संस्था ने लाखों मास्क फ्री बांटे। आजतक की खबर के अनुसार सूरत के मोटामंदिर युवक मंडल ने 22 लाख मास्क फ्री में बांटे थे। इन्होंने सिर्फ गुजरात में ही नहीं बल्कि यूपी के वाराणसी और अमेठी में भी लाखों मास्क भेजे। मोटा मंदिर युवक मंडल के एक सदस्य संजय दलाल के अनुसार कोरोना काल में मास्क सबसे जरूरी चीज बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को मास्क पहनने के लिए कहा है। गरीब लोग मास्क नहीं खरीद सकते हैं इसलिए हम उन्हें मुफ्त में मास्क मुहैया करा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी से प्रभावित मध्य प्रदेश में हरदा जिले के कुकरावद गांव के एक युवा किसान ने अनोखे तरीके से आभार जताया। किसान सतीश जगदीश प्रसाद गुर्जर ने अनाज से प्रधानमंत्री मोदी का चित्र बनाया। सतीश ने घर की छत पर 800 स्क्वायर फीट में इस पोर्ट्रेट को बनाया। उन्होंने इसे बनाने में कई तरह के अनाजों का इस्तेमाल किया, जिसमें 60 किलो चना, 25 किलो गेहूं, 20 किलो चावल, 2 किलो मटर और 1 किलो काले तिल का उपयोग हुआ। किसान और शिक्षक सतीश को इसे बनाने में करीब 16 घंटे का समय लगा। सतीश का कहना था कि कोरोना संकट काल में प्रधानमंत्री मोदी ने कई योजनाओं के जरिए जिस तरह से किसानों और देश के अन्य लोगों को राहत देने का काम किया है, उससे प्रभावित होकर उन्होंने अपनी भावनाएं अनाज के माध्यम से इस तरह व्यक्त की हैं।
जबलपुर के सराफा में रहने वाले सोमिन जैन ने लॉकडाउन के दौरान पीएम मोदी की वॉल पेंटिंग बना डाली। फाइन आर्ट के स्टूडेंट सोमिन ने छत पर एक दीवार में प्रधानमंत्री मोदी की यह पेंटिंग बनाई। इसे बनाने में उन्हें 15 दिन का समय लगा। सोमिन जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लिए कई बड़े चुनौतीपूर्ण फैसले किए हैं। प्रधानमंत्री जिस तरह से कोरोना संकट में दिन-रात काम कर रहे हैं उसकी पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी आज दुनिया के लिए एक मिसाल की तरह है इसलिए मैंने उनकी यह पेंटिंग बनाई है।
देहरादून के अवंतिका विहार में रहने वाले उत्तर प्रदेश के सम्भल, चंदौसी निवासी मोहित मिश्रा ने भी अपने विवाह के कार्ड में सीएए और एनआरसी के समर्थन में संदेश लिखवाया। मोहित ने कार्ड पर छपवाया गया कि हम सीएए और एनआरसी का समर्थन करते हैं। काफी लोगों ने इसे सराहा। मोहित ने कहा कि सीएए देशहित में जरूरी है।