प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से आज देश के साथ ही जम्मू-कश्मीर भी विकास की नई इबारत लिख रहा है। एक जमाने में कश्मीर में बम धमाके, हड़ताल व पत्थरबाजी होती थी, लेकिन आज पीएम मोदी के नेतृत्व में आये बदलाव से यहां के युवाओं के हाथ में पुस्तकें और लैपटॉप के साथ स्टार्टअप के लिए नई सोच है। जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को इस कदर पंख लगे हैं कि वर्ष 2022 में करीब 2 करोड़ पर्यटक आए जिससे रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ने के साथ ही वहां के लोगों में समृद्धि आ रही है। जम्मू-कश्मीर में महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाईं है। जिसका फायदा भी अब दिख रहा है। यहां लड़कियां सालों पुरानी परंपरा को तोड़कर पुरुष वर्चस्व वाले क्षेत्रों में काम कर रही हैं। मोदी सरकार ने विकास के इसी क्रम को जारी रखते हुए जम्मू-कश्मीर में पहले महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का रास्ता प्रशस्त किया है। कश्मीर में UAE की कंपनी एमार कुल 500 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है, जिसमें मेगा-मॉल के लिए 250 करोड़ और जम्मू और श्रीनगर में आईटी टावर स्थापित करने के साथ ही अन्य प्रोजेक्ट शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर में UAE के निवेश से पाकिस्तानी सदमे में हैं।
कश्मीर को एशिया का स्विट्जरलैंड बना देंगे
खुशहाली की ओर लौटते कश्मीर को देखकर एक तरफ पाकिस्तानी सदमे में हैं वहीं पाकिस्तानी विशेषज्ञ पाकिस्तानी हुकूमत को नसीहतें दे रहे हैं। अभी हाल में पाकिस्तानी विशेषज्ञ सैयद शब्बर जैदी ने पाकिस्तानी हुकूमत पर हमला बोलते हुए लिखा, ‘अगर कश्मीरियों ने भारत के साथ रहने का फैसला कर लिया है तो उन्हें रहने दें।’ उन्होंने भारत सरकार की तारीफ करते हुए कहा, पहले आर्टिकल-370 हटाया गया, फिर विशेष दर्जा ख़त्म किया गया, गैर कश्मीरियों को यहां जमीन खरीदने की अनुमति मिली और यूएई कश्मीर में निवेश करने जा रहा है। 1947 के बाद से यह पहली बार होगा जब कश्मीर में विदेशी निवेश हो रहा है। उन्होंने लिखा, ‘ये चीजें कश्मीर मुद्दे को हल कर रही हैं। भारत और विश्व कश्मीर में भारी निवेश करेंगे और उसे एशिया का स्विट्जरलैंड बना देंगे।’
भारत कर रहा कश्मीर में भारी निवेश, पाकिस्तान आर्थिक पैमानों पर पिछड़ा
जैदी ने लिखा कि भारत कश्मीर में भारी निवेश कर रहा है। लोगों के सर्वांगीण विकास पर जोर दे रहा है। अब कश्मीर के लोग ही फैसला करेंगे कि उन्हें क्या करना है? अगर उन्हें आर्थिक विकास सही लगेगा तो वे भारत के रहना पसंद करेंगे, बात ख़त्म। वहीं, जैदी ने बताया कि 2002 से 2023 तक पाकिस्तान में सैन्य शासन के अलावा विभिन्न पार्टियों ने राज किया है, लेकिन वे आज तक पाकिस्तान के लिए कुछ नहीं कर पाए, वहीं इस समय काल के दौरान भारत ने हमें सभी आर्थिक पैमानों पर पीछे छोड़ दिया है। हमारे देश में कुछ आंतरिक समस्याएं है, आम आदमी की समस्या से ऊपर राजनीतिक और आंतरिक सुरक्षा। इन्हें दुरुस्त करने पर सरकार को जोर देना चाहिए।
पाकिस्तान ने अपने संसाधन देश के कल्याण के बजाय भारत में अशांति के लिए प्रयोग किया
शब्बर जैदी ने कहा, ‘पाकिस्तान में जो भी हुआ वह अपरिहार्य था। लेकिन अतीत अतीत होता है। दुःख की बात यह है कि अतीत से हमने कोई सबक सीखा या नहीं? सोच बदलनी होगी। सरकारें राजनीति और आर्थिक संस्थाएं हैं। विचारधारा को अपने लोगों के कल्याण के लिए बनानी होंगी। पाकिस्तान अपने संसाधन देश के कल्याण के बजाय ‘भारत’ में अशांति के लिए प्रयोग किया है और देश कि वर्तमान परिस्थिति के लिए राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक कुप्रबंधन जिम्मेदार है।
पाकिस्तान वैश्विक मंच पर अलापता रहा ‘कश्मीर राग’
पाकिस्तान वैश्विक मंच पर जब भी मौका मिलता है तो वह इसका इस्तेमाल ‘कश्मीर’ मुद्दे का राग अलापने के लिए करने लगता है। आर्थिक संकट और आतंकवाद से जूझ रहे पाकिस्तान की हर जगह किरकिरी हो रही है कोई भी देश इसे कर्ज देने कतरा रहा है, महंगाई आसमान छू रही है, आम जनता त्रस्त है लेकिन पाकिस्तानी हुकूमत इतने संकट के बावजूद ‘कश्मीर’ पर रोना रोता रहता है। अभी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र बैठक में भी उसने ये मुद्दा उठाने की कोशिश की थी। लेकिन न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय समुदाय बल्कि खुद पाकिस्तानी भी अक्सर अपनी हुकूमत को आईना दिखा देते हैं।
UAE ने पाकिस्तान को औकात दिखाई, कहा- कश्मीर भूल जाएं
कंगाल पाकिस्तान को उसके करीबी मुस्लिम दोस्त देशों सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने बड़ा झटका देते हुए उसे उसकी औकात दिखा दी है। दोनों देशों ने पाकिस्तान सरकार को आईना दिखाते हुए साफ कह दिया है कि वह कश्मीर को भूल जाए और भारत के साथ दोस्ती करके विवाद को खत्म करे। यही नहीं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर पाकिस्तान जो हो हल्ला कर रहा है, उस पर भी सऊदी अरब और UAE ने शहबाज सरकार को चुप्पी साधने के लिए कहा है। UAE तो पाकिस्तान की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए कश्मीर में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है।
UAE और सऊदी अरब ने पाकिस्तान से कहा- हमारे लिए भारत से रिश्ता महत्वपूर्ण
पाकिस्तानी पत्रकार कामरान ने बताया कि पाकिस्तान ने जब कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध किया तो UAE और सऊदी दोनों ने साफ कह दिया कि हम अब कश्मीर पर सार्वजनिक रूप से आपका साथ नहीं दे सकते हैं। UAE और सऊदी अरब ने कहा कि हम भारत के साथ रिश्ते को अहमियत देते हैं। उन्होंने यह भी प्रस्ताव दिया कि हम भारत के साथ आपके विवाद को खत्म करा सकते हैं। इसी वजह से शहबाज शरीफ ने अपने UAE दौरे पर भारत के साथ रिश्ते सुधारने के लिए गुहार लगाई थी और UAE से मदद के लिए मिन्नतें की थीं। सऊदी और UAE ने उन्हें कश्मीर को भूलकर अपने घर को सुधारने के लिए कहा। UAE ने पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर की मदद दी है। सऊदी भी अरबों डॉलर कर्ज दे रहा है। इस वजह से पाकिस्तान को उनकी बात चुपचाप माननी पड़ रही है।
सऊदी अरब ने कहा- OIC कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का साथ नहीं देगा
पाकिस्तान अब तक कश्मीर को लेकर इस्लामिक देशों के संगठन OIC में अक्सर हो हल्ला मचाता रहा है। सऊदी अरब OIC का सबसे प्रभावी देश है और उसे लीड करता है। OIC सऊदी अरब के इशारे पर चलता है। अब सऊदी अरब ने साफ कह दिया है कि OIC कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का साथ नहीं देगा। पाकिस्तान अब तक दुनिया के हर मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है। हालांकि अब सऊदी अरब और यूएई के दो टूक संदेश से पाकिस्तान के सामने अब यह स्थिति है कि वह या तो अर्थव्यवस्था को बचाए या फिर कश्मीर का राग अलापता रहे।
UAE की एमार कंपनी श्रीनगर में करेगी 500 करोड़ का निवेश
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दुबई की एमार कंपनी श्रीनगर में 10 लाख वर्ग फुट में फैले एक मेगा-मॉल में निवेश करने वाली पहली विदेशी कंपनी बन गई है। समूह कुल 500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जिसमें मेगा-मॉल के लिए 250 करोड़ और जम्मू और श्रीनगर में आईटी टावर स्थापित करने में मदद करने के साथ अन्य प्रोजेक्ट शामिल होंगे। मॉल के 2026 तक चालू होने की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए पीएम मोदी के विजन को आगे बढ़ा रहेः उपराज्यपाल
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 19 मार्च 2023 को श्रीनगर के सेमपोरा इलाके में दुबई के एमार ग्रुप द्वारा बनाए जाने वाले श्रीनगर के मेगा मॉल की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा और बुनियादी ढांचे, रोजगार सृजन और जीवन में आसानी को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह असीम संभावनाओं का नया सवेरा है। उन्होंने कहा, हम जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को आगे बढ़ा रहे हैं।
श्रीनगर में बन रहा मेगा-मॉल कश्मीर में पहला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
उपराज्यपाल ने कहा कि यह मेगा-मॉल जम्मू-कश्मीर में पहला महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) निवेश है। एम्मार समूह ने मेगा-मॉल स्थापित करने के लिए ₹250 करोड़ का निवेश करने की योजना बनाई है, जो 500 से अधिक दुकानों के साथ इस क्षेत्र के सबसे बड़े मॉलों में से एक है। उन्होंने कहा कि एमार और दिल्ली स्थित रियल एस्टेट फर्म मैग्ना वेव्स बिल्डटेक का एक संयुक्त उद्यम है।
पीएम मोदी के विजन से कश्मीर बदल रहा है। स्टार्टअप क्रांति से युवा उद्यमी बन रहे हैं। इस पर एक नजर –
जम्मू-कश्मीर में 400 से अधिक स्टार्टअप
आज जम्मू-कश्मीर की कश्मीर घाटी के युवाओं द्वारा स्टार्ट-अप की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है। जम्मू और कश्मीर सरकार का कहना है कि पिछले दो वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश में 400 से अधिक स्टार्ट-अप पंजीकृत किए गए हैं। ई-कॉमर्स, बागवानी, कृषि, खाद्य उद्योग और शिल्प कुछ ऐसे प्रमुख क्षेत्र हैं जिनमें ये स्टार्ट-अप शुरू किए गए हैं। कश्मीर क्षेत्र में सबसे सफल स्टार्ट-अप में से एक फास्टबीटल है। डोर-टू-डोर डिलीवरी स्टार्ट-अप घाटी के स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों की मदद करने और उन्हें दुनिया से जोड़ने में सहायता देकर हजारों लोगों को प्रेरित कर रहा है।
स्टार्ट-अप फास्टबीटल सैकड़ों लोगों को दे रहा रोजगार
कश्मीर क्षेत्र में सबसे सफल स्टार्ट-अप में से एक फास्टबीटल है, जो घाटी के स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों की मदद करने और उन्हें वैश्विक दर्शकों से जोड़ने के मकसद से डोर-टू-डोर डिलीवरी स्टार्ट-अप है। फास्टबीटल की स्थापना 2019 में आबिद रशीद और सामी उल्लाह द्वारा की गई थी और तब से यह तेजी से बढ़ी है। कंपनी के पास लगभग 110 कर्मचारी काम कर रहे हैं जो कई अन्य लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं।
जम्मू कश्मीर की डिलीवरी प्रॉब्लम सॉल्व कर रही फास्टबीटल
कश्मीर थोड़ा मुश्किल जगह है, एक जगह से दूसरी जगह आने जाने में ज्यादा समय लगता है। बर्फबारी से एवं अन्य वजहों से कश्मीर में कारोबार करना काफी मुश्किल है। फास्टबीटल नाम का यह स्टार्टअप लोगों को जल्द से जल्द सामान की डिलीवरी कराने में मदद कर रहा है। समीउल्लाह और आबिद नाम के दो युवाओं ने श्रीनगर में फास्ट बीटल की स्थापना की। फास्टबीटल एक लॉजिस्टिक्स कंपनी है जो जम्मू कश्मीर की डिलीवरी प्रॉब्लम सॉल्व कर रही है। फास्टबीटल की मदद से कश्मीर, उरी बॉर्डर, एलओसी या पुंछ कहीं भी सामान की तुरंत डिलिवरी संभव है।
फास्टबीटल 55 देशों में कश्मीरी प्रोडक्ट डिलीवर कर रही
ऐप के जरिए फास्टबीटल पूरे जम्मू कश्मीर ही नहीं, देश-दुनिया में भी सामान की डिलीवरी करती है। कंपनी ने 1200 बिजनेस के साथ कामकाज किया है। फास्ट बीटल ने 10 लाख से ज्यादा ऑर्डर डिलीवर कर दिए हैं जबकि 55 देशों में कश्मीरी प्रोडक्ट डिलीवर का रही हैं। जम्मू-कश्मीर के कोने-कोने में फास्टबीटल फ्लिपकार्ट-जियोमार्ट जैसे ब्रांड के आर्डर डिलीवर किए गए हैं।
क्राफ्ट वर्ल्ड कश्मीर को अपने उत्पाद बाहर भेजने में हुई सुविधा
कश्मीर के उत्पादों का ऑनलाइन स्टोर क्राफ्ट वर्ल्ड कश्मीर के संचालक 33 वर्षीय बीनिश बाहिर ख़ान कहती हैं कि उनके कारोबार को फास्टबीटल से बहुत मदद मिली है। वो हमारे उत्पादों को पिक अप करते हैं और ग्राहक तक पहुंचा देते हैं, इससे हमें कारोबार बढ़ाने में मदद मिली है।
कश्मीर ऑरिजिन के कारोबार को बढ़ाना चाहते हैं इरशाद
फास्टबीटल की कामयाबी ने क्षेत्र के अन्य उद्यमियों को भी प्रोत्साहित किया है। आरिफ़ इरशाद डार इनमें से एक हैं। 30 वर्षीय इरशाद कश्मीर ऑरिजिन नाम से एक ऑनलाइन ऑर्गेनिक स्टोर चलाते हैं जिसपर कश्मीर के किसानों और स्थानीय कलाकारों के उत्पाद बेचे जाते हैं। इरशाद डार कहते हैं कि वो भी अपने कारोबार को फास्टबीटल की तरह बढ़ाना चाहते हैं ताकि अधिक लोगों को रोज़गार दे सकें। उभरते हुए कारोबारी इरशाद डार कहते हैं कि शार्क टैंक इंडिया में फास्टबीटल को देखकर उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। इससे पता चलता है कि कश्मीर का स्टार्ट अप भी बड़ा कर सकता है।
घर का बना खाना पहुंचाने का काम करती है स्टार्टअप टिफिन आव
2019 में कार्यालयों, कॉलेजों और अस्पतालों में घर का बना खाना पहुंचाने के मकसद से टिफिन आव नाम का एक और स्टार्टअप शुरू किया गया, जिसका अर्थ है ‘भोजन यहां है’। टिफिन आव द्वारा कोविड मरीजों, तीमारदारों और डॉक्टरों को घर का बना खाना मुफ्त भेजा गया। स्टार्ट-अप ने बाद में फंड भी जुटाया और अपने काम के लिए दुनिया भर के लोगों से भारी समर्थन प्राप्त किया। संस्थापक रईस अहमद का कहना है कि स्टार्ट-अप जम्मू-कश्मीर की प्रमुख बेरोजगारी समस्या से बड़े पैमाने पर निपटते हैं। टिफिन आव में उनके साथ एक दर्जन कर्मचारी काम करते हैं।
कश्मीर एंजेल स्टार्ट-अप को दे रहा कारोबारी माहौल
प्रदेश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कश्मीर एंजेल नेटवर्क स्थापित किया गया है जिसके नेटवर्क में एक दर्जन से अधिक निवेशक हैं। ये निवेशक क्षेत्र में स्टार्ट-अप का वित्तपोषण कर रहे हैं। पहले ये स्टार्ट-अप दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में निवेशकों तक पहुंच रहे थे लेकिन अब उनके पास स्थानीय स्तर पर विकल्प उपलब्ध हैं। कश्मीर एंजेल नेटवर्क इस क्षेत्र में अपनी तरह की पहली कंपनी है, इसे जुलाई 2021 में एक मंच को बढ़ावा देने के विचार के साथ शुरू किया गया। जहां विशेषज्ञ निवेशकों से मिलेंगे और निवेशक स्टार्ट-अप्स से मिलेंगे। मूल विचार एक कारोबारी माहौल और स्टार्ट-अप के लिए सक्षम माहौल देना है।
कश्मीर एंजेल भी स्टार्ट-अप को मुहैया करा रहा फंड
कश्मीर एंजेल ने 8 स्टार्ट-अप को फंड दिया है और 12 पाइपलाइन में हैं। कश्मीर एंजल नेटवर्क के चेयरमैन शब्बीर हांडू ने कहा कि हम मेंटरशिप और इन्क्यूबेशन सुविधाएं और वैल्यूएशन भी देते हैं। कश्मीर हम तब तक उनके साथ रहते हैं जब तक कि वे लाभ नहीं कमाते। आज ये स्टार्ट-अप न केवल स्थानीय शिल्प और उत्पादों को बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं बल्कि क्षेत्र के हजारों बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के इस साल के बजट में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के लिए कई पहल किए गए हैं। इस पर एक नजर-
बजट में मिशन यूथ के लिए 200 करोड़ आवंटित
जम्मू कश्मीर के साल 2023-24 के बजट में युवाओं को रोजगार के अवसर देने को स्वरोजगार की योजनाओं, कौशल विकास पर ध्यान दिया है। मिशन यूथ के तहत 200 करोड़ का प्रविधान किया है। सरकारी नौकरियां उपलब्ध करवाने के लिए फास्ट ट्रैक सिस्टम अपनाया गया है। सरकार ने 33426 पदों को भर्ती एजेंसियों को भेजा जिसमें जम्मू कश्मीर बैंक के 2436 पदों सहित 25450 पद भरे गए हैं। शेष पदों को इस साल भरे जाने की कोशिश की जा रही है। मिशन यूथ, ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, महिला उद्यमिता कार्यक्रम, मुमकिन, तेजस्वनी योजनाओं को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
2 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया
साल 2022-23 में 202749 युवाओं को विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के तहत कवर किया। मार्च तक 237000 युवाओं को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। तीन साल में जम्मू कश्मीर में पांच सौ स्टार्टअप सामने आए हैं। स्वरोजगार शुरू करने के लिए युवाओं को बैंकों और मिशन यूथ के तहत युवाओं को वित्तीय सहायता दी जाएगी। स्वरोजगार योजनाओं, स्टार्टअप, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम एवं महिला रोजगार कार्यक्रम के तहत 8100 युवाओं को रोजगार देने के लिए 3200 इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
60 हजार सेल्फ हेल्प ग्रुप का कौशल विकास किया जाएगा
जम्मू व श्रीनगर में दो विशाल सहित जम्मू कश्मीर में 40 रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे। जम्मू, श्रीनगर, अनंतनाग, शोपियां, बांडीपोरा और कुपवाड़ा में छह माडल जीविका केंद्र स्थापित किए जाएंगे। विदेश में रोजगार के इच्छुक युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम होंगे। 60 हजार सेल्फ हेल्प ग्रुप का कौशल विकास किया जाएगा। कौशल केंद्रों का निर्माण होगा। कौशल विकास योजना तैयार की जाएगी। यूनिसेफ के माध्यम से वंचित युवाओं के लिए स्कूलों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, पालीटेक्निक कालेजों में युवाओं का समावेशी कौशल मानचित्र किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष से 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद का रास्ता साफ
जम्मू कश्मीर सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) से 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद का रास्ता साफ कर दिया है। यह केंद्रशासित प्रदेश में कृषि तथा संबंद्ध क्षेत्रों के विकास के लिए प्रोजेक्ट (जेकेसीआईपी) के क्रियान्वयन के लिए होगा। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आर्थिक मामलों के विभाग को वित्तपोषण के लिए भेजने को हरी झंडी दे दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने बताया कि यह प्रोजेक्ट ग्रामीणों की आय बढ़ाने में मदद करेगा। इस प्रोजेक्ट के चार मुख्य घटक हैं जिसमें निर्यात पर फोकस वैल्यू चेन सपोर्ट, इन्क्यूबेशन व स्टार्टअप सपोर्ट, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट शामिल हैं।
कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा मिलेगा
यह प्रोजेक्ट सात साल में 2023-2030 तक प्रदेश के सभी जिलों में लागू होगा। प्रोजेक्ट के कई सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। जीआई टैगिंग को बढ़ावा मिलेगा। बताया कि इससे जनजातीय समुदायों को लाभ होने के साथ ही पहाड़ी इलाकों में भी फायदा होगा। बताया कि कृषि उत्पादन विभाग डा. मंगला राय के नेतृत्व वाली एपेक्स कमेटी के साथ मिलकर तैयार निर्यात संवर्धन योजना पर एक से तीन मार्च तक स्कास्ट जम्मू में विचार करेगी। इसके बाद यह आईएफएडी प्रोजेक्ट का हिस्सा होगी।
300 नए कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप को बढ़ावा दिया जाएगा
इस परियोजना में 300 नए कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने, 60 सब्जी, 117 सुगंधित-लाल चावल, गुच्ची, कश्मीरी मिर्च, केसर और औषधीय पौधों के उत्पादन समूहों की स्थापना के अलावा कृषि के व्यावसायीकरण और स्थिरता का समर्थन शामिल हैं। 20 सब्जी बीज, 20 आलू बीज और 40 तेल और दलहन बीज क्लस्टर भी हैं। इस परियोजना का लक्ष्य 3 एक्सपोर्ट हब और 2 बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना के अलावा विशिष्ट कृषि उत्पादों के लिए 24 सैटेलाइट केंद्रों, फल और अखरोट की फसलों के लिए 4 मिनी-उत्कृष्टता केंद्रों के साथ 6 मिनी-सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाना है। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य सीमांत और जनजातीय समुदायों के लिए 60,000 एकीकृत कृषि मॉडल और 200 बागवानी नर्सरी की स्थापना करना है।
जम्मू-कश्मीर में शिक्षा डिजिटल पथ पर सवार होगी
जम्मू-कश्मीर में शिक्षा डिजिटल पथ पर सवार होगी। केंद्र सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 के जारी जम्मू-कश्मीर में बजट में शिक्षा क्षेत्र में महत्व दिया है। सरकार ने 1521.87 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है, जो पिछले वर्ष 93.61 करोड़ रुपये अधिक है। बजट में डिजिटल शिक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए चार बड़े प्रोजेक्ट डिजिटल शिक्षा से जुड़े है। इसमें 40 रोबोटिक प्रयोगशालाएं हर जिले में दो, 188 वर्चुअल रियलिटी लैब हर जोन में एक, 500 स्कूलों को आईसीटी लैब, 1000 स्मार्ट क्लासरूम और हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी शामिल हैं।
दो हजार किंडरगार्टन स्थापित करने का प्रस्ताव
गुणवत्तापूर्ण प्री-प्राइमरी शिक्षा देने के लिए वित्तीय वर्ष में दो हजार किंडरगार्टन स्थापित करने का प्रस्ताव है। आदिवासी और कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए दस आवासीय विद्यालय स्थापित किए जाएंगे। उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में पांच सौ अतिरिक्त कक्षाएं बनाई जाएगी, जिससे 20 हजार छात्रों को लाभ मिलेगा।
100 उच्च विद्यालयों में खेल सुविधाएं होंगी
100 उच्च विद्यालयों में खिलाड़ियों के लिए चेंज रूम के साथ खेल सुविधाएं उपलब्ध करवाने का भी दावा है। सकल नामांकन बढ़ाने के लिए आओ स्कूल चले अभियान के तहत सघन नामांकन अभियान चलाया जाएगा। विद्यार्थियों को स्वस्थ रखने के लिए योग प्रशिक्षण दिया जाएगा।
32 कॉलेजों को एनएएसी मान्यता
उच्च शिक्षा में आठ कॉलेज भवन और चार छात्रावास भवनों के निर्माण कार्य को पूरा किया जाएगा। 32 कॉलेजों की एनएएसी मान्यता के लिए सभी जरूरी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। विभाग में समर्थ पूरी तरह शुरू किया जाएगा।
जम्मू और श्रीनगर में दो बड़े रोजगार मेले
युवाओं को रोजगार देने के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया है। जम्मू और श्रीनगर में दो बड़े रोजगार मेला के साथ 40 रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे। वित्त वर्ष में जम्मू, श्रीनगर, अनंतनाग, शोपियां, बांदीपोरा और कुपवाड़ा में छह मॉडल करिअर केंद्र स्थापित किए जाएंगे। स्वरोजगार, स्पीड कैपिटल फंड, यूथ स्टार्टअप ऋण अल्पसंख्यक विकास, वित्त निगम एवं महिला रोजगार कार्यक्रम के अंतर्गत 81000 रोजागार का लक्ष्य तय करने के लिए 3200 इकाईयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
आंगनबाड़ी केंद्रों में बायोमीट्रिक प्रणाली से लगेगी हाजिरी
प्रदेश में अब आंगनबाड़ी केंद्रों में बायोमीट्रिक हाजिरी प्रणाली स्थापित होगी। इससे कामकाज में पारदर्शिता आएगी। इस बार सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र के लिए साल 2023-24 में पूंजीगत व्यय के तहत 98.92 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। एक लाख 24 हजार छात्रों को छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएगी। शिशु देखभाल संस्थानों को आधुनिक पैटर्न पर विकसित किया जाएगा। 19 बाल आश्रमों और 12 नारी निकेतनों में 1700 लोगों रखा जाएगा।
पीएम मोदी के विजन से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को पंख लग गए हैं। वहीं दुनिया की दूसरी सबसे लंबी केबल कार ने इतिहास रचते हुए 100 करोड़ की कमाई की है। इस पर एक नजर-
पीएम मोदी के विजन से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को लगे पंख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को पंख लग गए हैं। पर्यटन बढ़ने से लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। इससे वहां के लोगों में समृद्धि आ रही है। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से केंद्र सरकार लगातार बदलाव की कोशिश कर रही है। जम्मू कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश सफल साबित हो रही है। वर्ष 2022 में जनवरी से लेकर अक्टूबर तक अब तक का रिकॉर्ड 1.62 करोड़ पर्यटकों ने जम्मू कश्मीर की यात्रा की, जो आजादी के बाद से सबसे अधिक है। इसी के साथ पिछले एक साल में गोंडोला केबल कार परियोजना ने रिकॉर्ड 100 करोड़ रुपये कमाए हैं। यह केंद्र शासित प्रदेश के संपूर्ण विकास और बदलाव का गवाह है। तीन दशकों के बाद कश्मीर लाखों पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि यह कश्मीर पर्यटन के स्वर्ण युग की वापसी है।
गोंडोला केबल कार परियोजना ने रिकॉर्ड 100 करोड़ रुपये कमाए
जम्मू-कश्मीर में इस पर्यटन सीजन में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आये जिससे पयर्टन व्यवसाय से जुड़े लोगों की आय में बड़ी वृद्धि हुई है। जम्मू-कश्मीर पर्यटन के सबसे बड़े आकर्षण गुलमर्ग के गोंडोला राइड की बात करें तो इसकी सवारी के लिए पर्यटकों ने टिकट के लिए घंटों लाइन में बिताये। औसतन 4000 लोग प्रतिदिन इस केबल कार का उपयोग करते हैं। इस सीजन में गोंडोला केबल कार परियोजना ने रिकॉर्ड 100 करोड़ रुपये कमाए हैं। इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में दुनिया की दूसरी सबसे लंबी और दूसरी सबसे ऊंची केबल कार परियोजना गुलमर्ग गोंडोला के राजस्व संग्रह ने पिछले सभी रिकॉर्डों को तोड़ कर नई उपलब्धि हासिल की है।
पांच किलोमीटर की हवाई दूरी तय करने वाली गुलमर्ग की प्रसिद्ध केबल कार गोंडोला, इस रिसॉर्ट में आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है और प्रत्येक दिन सैकड़ों पर्यटक इसकी सवारी करते हैं जो 13,400 फीट की ऊंचाई पर अफफरवात की चोटी तक कोनिफर्स पेड़ों के ऊपर से चलती है।
जम्मू-कश्मीर में 75 नये पर्यटन स्थलों की पहचान
जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नत्थाटॉप, बशोली और मचैल सहित 75 नए पर्यटन स्थलों की पहचान की गई है। जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग की संयुक्त निदेशक सुनैना शर्मा ने कहा कि इनमें से 37 पर्यटन स्थल जम्मू क्षेत्र में और बाकी कश्मीर घाटी में हैं। उन्होंने बताया कि बशोली, बारादरी, डुडु, बसंतगढ़, दरहाल, मंडी, सुध महादेव, नत्थाटॉप जैसे कुछ ऐसे स्थान हैं जिन्हें प्रचार के लिए चुना गया है।
वर्ष 2022 में 1.62 करोड़ पर्यटक जम्मू कश्मीर पहुंचे
जम्मू कश्मीर आने वाले पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या केंद्र शासित प्रदेश में हुए समग्र विकास और बदलाव को दर्शाती है। पर्यटन जम्मू कश्मीर में रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत है और जनवरी, 2022 से अक्टूबर 2022 तक 1.62 करोड़ पर्यटकों ने जम्मू कश्मीर का दौरा किया है, जो स्वतंत्रता के 75 वर्षों में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि इस साल के पहले आठ महीनों में 3.65 लाख अमरनाथ यात्रियों सहित 20.5 लाख पर्यटकों ने कश्मीर की यात्रा की। पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था होने से सैलानियों के बढ़ने के चलते पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों में काफी उत्साह है।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने से भी बढ़े पर्यटक
इस बार आए पर्यटक केवल कश्मीर व जम्मू तक सीमित नहीं रहे। बल्कि राजौरी-पुंछ जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में भी पर्यटक काफी अधिक संख्या में पहुंचे। इसका एक मुख्य कारण यह भी था कि प्रशासन ने 75 नए पर्यटन स्थलों को भी बढ़ावा दिया, जहां पहले बहुत ही कम लोग या तो कोई जाता ही नहीं था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने से भी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। पिछले 70 साल से यह मांग थी कि जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू की जाएं तो इस बार मोदी सरकार ने लोगों की मांग पूरी करते हुए श्रीनगर से शारजाह के लिए सीधी उड़ान शुरू कराई।
कश्मीर तक ट्रेन कनेक्टिविटी बढ़ाने की कोशिश जारी
ट्रेन कनेक्टिविटी की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। कश्मीर तक राज्य के अन्य भागों तक ट्रेन कनेक्टिविटी की कोशिश जारी है। इंटरनेशनल फ्लाइट श्रीनगर से शारजाह के लिए शुरू हो चुकी है। जम्मू-कश्मीर से रात में भी विमान उड़ान भरने लगे हैं। बेहतर कनेक्टिविटी के कारण जम्मू-कश्मीर के सेब किसान अब अपनी पैदावार को आसानी से बाहर भेज रहे हैं। फल उत्पादक किसानों को विशेष मदद देने के लिए केंद्र सरकार की नजर ड्रोन के माध्यम से ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने को लेकर भी है।
जम्मू कश्मीर में 56 हजार करोड़ रुपये का निवेश
जम्मू कश्मीर में पिछले तीन सालों में 56 हजार करोड़ रुपये के निवेश के आंकड़े को छू गया है, जिसमें 38 हजार करोड़ के विनिवेश के लिए जमीन मुहैया कराई जा चुकी है। जम्मू कश्मीर में विनिवेश करने वाली कंपनियों में प्रमुख नाम अपोलो, मेदांता, वरुण वेवरेजेज, दिव्याणी वेवरेजेज समेत कई नामचीन फाइबर ऑपटिक्स की कंपनियां हैं जो तकरीबन ढ़ाई लाख लोगों को रोजगार के लिए नए अवसर तैयार कर रही हैं। जम्मू कश्मीर में निवेश को लेकर आजादी के बाद के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो साल 2019 तक जम्मू कश्मीर में तकरीबन 14 हजार 7 सौ करोड़ रुपए का विनिवेश हो पाया था, यानि आजादी के बाद से 2019 तक जम्मू कश्मीर में जितना निवेश हुआ उसका लगभग चार गुणा सिर्फ तीन साल में हुआ।
जम्मू कश्मीर में महिला सशक्तिकरण से सालों पुरानी परंपरा को तोड़ महिलाएं नया इतिहास लिख रही हैं। इस पर एक नजर-
पीएम मोदी के विजन से जम्मू कश्मीर में महिला सशक्तिकरण!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाईं है। जिसका फायदा भी अब दिख रहा है। यहां लड़कियों ने सालों पुरानी परंपरा को तोड़ वाज़ा (बावर्ची) बन रही है। आज जम्मू-कश्मीर में सरकार का ध्यान महिला सशक्तिकरण की तरफ है। महिलाओं को विभिन्न योजनाओं का लाभ देकर आत्मनिर्भर ही नहीं बनाया जा रहा है बल्कि कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर जुटाने में मदद की जा रही है। सरकार हर क्षेत्र में प्रगति करने के अवसर प्रदान कर रही है। महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक विकास के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही। सरकार यह जानती है कि महिला सशक्तिकरण और तकनीकी क्षेत्र में उनकी भागीदारी मजबूत समाज बनाने के लिए जरूरी है।
ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाएं बन रही सशक्त
जम्मू-कश्मीर में महिला सशक्तिकरण भारत सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन अब तक किए गए उपायों ने काफी नाम किया है और ये तरीके सार्थक भी साबित हुए हैं, क्योंकि बहुत-सी लड़कियां घर में खाली बैठने के बजाय खुद को सशक्त बना रही हैं। ऐसे ही जम्मू-कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन (JKRLM) के माध्यम से सरकारी योजना UMEED से जुड़ी लड़कियों ने समाज के सामने खुद को साबित किया है। कई बाधाओं को पार करते हुए, लड़कियां न केवल आलोचकों को मुंह तोड़ जवाब दिया, बल्कि उन्हों “पुरुष-प्रधान” नौकरियों को तरजीह देकर घाटी में रूढ़िवादिता को भी तोड़ा और हर जगह से सराहना प्राप्त की।
These young girls from #Kashmir are a shining example of how breaking gender stereotypes by becoming #Wazas (chefs who prepare '#Wazwan' Traditionally a male-dominated job) with the active support of the govt scheme #UMEED through JKRLM. It will lead to a brighter future for all pic.twitter.com/SHg0UVcR7f
— Nuzhat Andrabi (@AndrabiNuzhat) March 21, 2023
परंपरा तोड़कर लड़कियां बना रही वाजवान
‘वाज़वान’ कश्मीर का प्रसिद्ध व्यंजन है। इसे लोगों को विशेष रूप से विवाह, सगाई और अन्य विशेष अवसरों पर परोसा जाता है। वाज़वान तैयार करने वालों को ‘वाज़ा’ (बावर्ची) के नाम से जाना जाता है। परंपरागत यह काम सिर्फ पुरुष करते थे, लेकिन गांदरबल जिले की लगभग आधा दर्जन लड़कियां ने रूढ़िवादिता को तोड़कर इस पेशे में खुद को शामिल कर रही हैं और अपना नाम भी कमा रही हैं। इतना ही नहीं मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले की ये युवा लड़कियां विशेष अवसरों पर लोगों को ये प्रसिद्ध व्यंजन परोस भी रही हैं।
1 लाख से अधिक कमा रही महिलाएं
प्रसिद्ध डल झील के पास घाट नंबर- 8 बुलेवार्ड रोड के तट पर 11 दिवसीय मेले सरस (लेखों की बिक्री और ग्रामीण कारीगर समाज) का उद्घाटन करते हुए, मिशन निदेशक जम्मू और कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन (JKRLM), इंदु कंवल चिब ने कहा था कि ऐसे कई मंच हैं जहां महिलाओं को कृषि और गैर-कृषि कौशल दोनों में कुशल बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 40,000 महिलाएं पहले से ही करोड़पति हैं क्योंकि वे एक साल में एक लाख से अधिक कमा रही हैं और उनमें से 65 प्रतिशत उद्यमी हैं।
JKRLM has changed our lives, we are now independent; Akhnoor Housewife in Saras Aajeevika https://t.co/rcBy3A7gdV@MDJKSRLM @indukanwal @mandeep082 @mopr_goi @day_nrlm @mingasherpa @girirajsinghbjp @jkrddpr
Reports @beigh_irshad pic.twitter.com/WWLH3Ghy3w
— Valley Online (@VOvalleyonline) March 20, 2023
सरस मेले में दिखी महिला सशक्तिकरण की झलकियां
श्रीनगर के बुलेवार्ड क्षेत्र में 11 दिनों के लिए आयोजित किए गए अपने तरह के पहले सेल ऑफ़ आर्टिकल्स एंड रूरल आर्टिसन सोसाइटी (SARAS) कार्यक्रम में इन लड़कियों को काफी सराहना मिली। गांदरबल की लड़कियों के अलावा यहां कई ठेले लगे थे। और हर ठेले में महिला सशक्तिकरण की एक अलग कहानी दिखाई दी। यही नहीं, श्रीनगर के बाहरी इलाके की युवा लड़कियों ने भी ऐसे ही पुरुषों वाले नौकरी को प्राथमिकता देते हुए प्रसिद्ध बारबेक्यू और अन्य फास्ट-फूड आइटम बेच रही थी।
ग्रामीण आजीविका मिशन के ‘उम्मीद’ कार्यक्रम से यह सब हुआ संभव
सरस मेले में हिस्सा लेने वाली एक महिला इशरत इरशाद ने मीडिया को बताया, “यह लोगों के लिए कुछ नया था क्योंकि अभी तक केवल पुरुष ही वाज़वान तैयार करते थे। हमारी यात्रा की शुरुआत में, लोगों द्वारा हमारी आलोचना की गई और हमने कई बाधाओं का भी सामना किया गया। समय बीतने के साथ, परिवार साथ-साथ सब कुछ बदल गया। समाज के साथ-साथ हमारी सराहना शुरू हो गई है।” उसने कहा, “यह सब NRML के UMEED के सहयोग से हुआ है कि उन सब ने अपने लक्ष्य को पाने के काबिल हुए हैं। हम उन लड़कियों के लिए एक उदाहरण भी बने हैं, जो अपने सपनों को साकार करने की महत्वकांक्षा रखती हैं। समय बीतने के साथ, हमें सगाई जैसे कार्यों में आमंत्रित किया जा रहा है, विवाह और अन्य कार्यक्रम जहां हम मेहमानों के लिए भोजन तैयार करते हैं।”
उपयोगी साबित हुई राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की ट्रेनिंग
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) ने लड़कियों को ट्रेनिंग दी, जो कि उनके लिए उपयोगी साबित हो रहा है। लड़कियों ने अन्य महिलाओं से अपील की कि वे भविष्य के बारे में न सोचें, बल्कि अपने सपनों को हासिल करने के लिए जल्द से जल्द अपनी यात्रा शुरू करें। उन्होंने कहा, “असंभव कुछ भी नहीं है। हम (महिलाएं) कुछ भी कर सकती हैं, लेकिन इच्छाशक्ति होनी चाहिए। कोई भी, जो आसमान छूना चाहता है, उसे अपने घर से बाहर आना होगा और लक्ष्य हासिल करने के लिए नए सिरे से शुरुआत करनी होगी।”
Women empowerment in #JammuAndKashmir was not less than a challenge for the #Indian government, but the measures taken so far have brought laurels and also proved fruitful as many of the young girls instead of sitting idle at home, have managed to set up their own units. pic.twitter.com/cvpBieExZY
— Mahar Naaz (@naaz_mahar) March 20, 2023
महिला सशक्तिकरण के लिए हौसला, तेजस्वनी, उम्मीद, परवाज, मुमकिन जैसी योजनाएं
आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन की स्कालरशिप (एआईसीटीई छात्रवृत्ति) योजना हो या फिर हौंसला, तेजस्विनी, उम्मीद, एलजी सुपर-75, परवाज, मुमकिन जैसी पहलों से महिलाओं को सशक्त किया जा रहा है। प्रदेश में महिला उद्यमिता तंत्र विकसित करने के लिए सरकार कई पहल कर रही है। महिलाओं के कौशल प्रशिक्षण और पुन: कौशल को महत्व दिया जा रहा ताकि भविष्य में वह सशक्त हो सकें। इसके परिणाम भी मिल रहे हैं। प्रदेश की महिलाएं इन योजनाओं का लाभ ले सकती हैं। सरकार का ध्यान इस बात पर है कि कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक विकास में अवसर प्रदान किए जाएं।
महिला सशक्तिकरण से जम्मू कश्मीर के विकास में बदलाव
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ शिक्षा तक उनकी पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की तरफ से एक लिंग समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत किया जा रहा है। लड़कियां ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास से सुसज्जित होकर शासन के सभी स्तरों पर शामिल हों, इसके लिए सरकार कई पहल कर रही है। समाज में महिला सशक्तिकरण से जम्मू कश्मीर के विकास में बदलाव आ रहा है। जम्मू-कश्मीर सरकार हर संभव कोशिश कर रही है कि बेटियां ज्ञान, कौशल व आत्मविश्वास में पूर्ण हों। शासन में उन्हें हर स्तर पर शामिल किया जाए।
पीएम मोदी ने 70 सालों से उपेक्षित जम्मू-कश्मीर के विकास पर विशेष जोर दिया है। अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद केंद्र की योजनाएं सीधे वहां पहुंच रही है और लोगों के जीवन में खुशहाली आ रही है। उस पर एक नजर-
पीएम मोदी के विजन से आजादी के बाद पहली बार कश्मीर के दुर्गम गांव पहुंची बिजली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 2014 में देश की सत्ता संभाली तभी उन्होंने ठान लिया था कि देश को अगर तरक्की के रास्ते पर चलना है तो हर गांव में बिजली पहुंचाना होगा। इसके बाद उन्होंने इस काम को पूरा करने का बीड़ा उठाया और इसके लिए एक हजार दिन का लक्ष्य रखा। यह दुखद बात थी कि आजादी के 70 साल बाद तक 18 हजार से अधिक गांव अंधेरे में डूबे थे। पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2015 को लाल किले की प्राचीर से एक हजार दिन के भीतर इन गांवों में बिजली पहुंचाने का ऐलान किया था। इस लक्ष्य को मई 2018 में समयसीमा पूरी होने से पहले ही हासिल कर लिया गया। इस मिशन के पूरा होने के बाद हर घर को बिजली देने का काम ज्यादा तेजी से आगे बढाया जा रहा है। इसी क्रम में जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के डोरू ब्लॉक के तेथन गांव में केंद्रीय योजना के तहत बिजली कनेक्शन पहुंची। पीएम डेवलपमेंट पैकेज स्कीम के तहत करीब 200 लोगों की आबादी वाले इस सुदूर गांव में बिजली पहुंचने के बाद यहां के लोग खुशी से झूम उठे और सरकार का शुक्रिया अदा किया।
अनंतनाग के तेथन गांव के लोग 75 साल बाद पहुंची बिजली देख खुशी से झूम उठे
अनंतनाग की दुर्गम पहाड़ियों पर स्थित तेथन के लोग उस समय खुशी से झूम उठे जब लगभग 75 सालों बाद पहली बार गांव में पहला बल्ब जला। 75 सालों से इस गांव के लोग अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए पारंपरिक लकड़ी पर निर्भर थे और दीये और मोमबत्ती का इस्तेमाल करते थे। यहां एक निवासी फजुलुद्दीन खान ने कहा, “हमने आज पहली बार बिजली देखी है। हमारे बच्चे अब रोशनी में पढ़ेंगे। वे खुश रहेंगे। बिजली के अभाव में हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। एक अन्य निवासी जफर खान ने कहा, “मैं 60 साल का हो गया हूं। आज मैंने पहली बार बिजली देखी। हम बिजली विभाग के आभारी हैं। पिछली पीढ़ियां बिजली नहीं देख पाई, लेकिन हम भाग्यशाली हैं कि हमें बिजली मिल गई।” लगभग 200 लोगों की आबादी वाले इस गांव में 75 साल के बाद पहली बार बल्ब जला है। अब यहां के निवासियों ने असंभव को संभव करने के लिए प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया साथ ही बुनियादी जरूरतों को पूरा करने की दिशा में काम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का आभार व्यक्त किया।
जम्मू की पल्ली पंचायत बनी देशभर के लिए मिसाल, सोलर प्लांट लगने के बाद बदली गांव की तस्वीर
जम्मू के सांबा जिले की एक छोटी सी पल्ली पंचायत, जिसका नाम शायद ही कोई जानता था, आज पूरे देश के लिए मिसाल बन गई है। इस पंचायत के लोग ना सिर्फ अपनी बल्कि दूसरे पंचायतों की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ग्रामीण आत्मनिर्भर गांव के निर्माण के साथ ही विकास की एक नई कहानी लिख रहे हैं। यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उस पहल की वजह से संभव हुआ है, जिसके तहत इस गांव में 18 दिनों के रिकॉर्ड समय में 500 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाया गया था। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश की पहली कार्बन फ्री पंचायत घोषित किया था। इससे पल्ली पंचायत का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।
पीएम मोदी ने 500 किलोवाट के सोलर प्लांट की दी थी सौगत
प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अप्रैल, 2022 को पंचायती राज दिवस के अवसर पर पल्ली पंचायत का दौरा किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने वहां 500 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया था। इसके साथ ही पल्ली की पंचायत कार्बन न्यूट्रल बनने वाली देश की पहली पंचायत हो गई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि पल्ली पंचायत के सभी घरों में सौर ऊर्जा प्राप्त करना ग्राम ऊर्जा स्वराज का एक आदर्श उदाहरण है और काम करने का बदला हुआ तरीका जम्मू-कश्मीर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। पंचायत को सौर ऊर्जा से चौबीसों घंटे बिजली देने के लिए 2.75 करोड़ रुपये की लागत से 1500 सोलर पैनल लगाए गए। इस सोलर प्लांट के निर्माण का जायजा लेने के लिए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय केंद्रीय टीम ने पल्ली पंचायत का दौरा किया था।
सोलर प्लांट से पंचायत के 340 घरों को मिल रही बिजली
पल्ली पंचायत में कई बदलाव किए गए हैं, जैसे- यहां सोलर चूल्हे का प्रयोग किया जा रहा है। सफर को आसान बनाने और प्रदूषण को घटाने के लिए इलेक्ट्रिक बस को बढ़ावा दिया गया है। यहां की सड़कों पर ऐसी बसें चल सकें, इसलिए पहले सड़क को बेहतर बनाया गया। पल्ली गांव में लगा सोलर प्लांट 6,408 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसकी मदद से गांव के 340 घरों में बिजली पहुंच रही है। इन सोलर पैनल के जरिए पल्ली गांव के लोगों की रोजाना 2 हजार यूनिट बिजली की मांग को पूरा किया जा रहा है। इस तरह यहां ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है।
लोगों के जीवन में आया बदलाव, विकास को मिली गति
सोलर प्लांट लगने के बाद जहां पल्ली पंचायत के लोगों के जीवन में काफी बदलाव आया है, वहीं विकास को गति मिली है। इस पंचायत के सरपंच रणधीर शर्मा के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले इस गांव में बिजली ना के बराबर थी। इस गांव में कुछ घंटे ही बिजली आती थी लेकिन जो बिजली आती थी उसमें वोल्टेज की इतनी दिक्कत रहती थी कि इस गांव के लोग कोई काम नहीं कर पाते थे। प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से सोलर प्लांट की सौगात मिलने के बाद यहां के लोग शहर से ज्यादा बिजली पा रहे हैं और आज बिजली की समस्या खत्म हो गई है।
पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर को दी 20 हजार करोड़ की सौगात
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर 24 अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर पहुंचे। सांबा में पीएम मोदी ने मंच पर पहुंचकर हाथ जोड़कर और सिर झुकाकर लोगों का अभिवादन किया। यहां पीएम ने 20,000 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया। पीएम ने कहा कि इन प्रयासों से बहुत बड़ी संख्या में जम्मू-कश्मीर के नौजवानों को रोजगार मिलेगा। मोदी सरकार में लोकतंत्र जम्मू-कश्मीर की जड़ों तक पहुंचा है। इस दौरान उन्होंने सांबा ग्राम सभा की जमकर तारीफ भी की। उन्होंने कहा- मैं लाल किले से सबका प्रयास बोलता हूं। पल्ली के नागरिकों ने यह करके दिखाया है, ये देश के लिए मिसाल है। आजादी का अमृत काल यानी आने वाले 25 साल में जम्मू-कश्मीर विकास की नई गाथा लिखेगा। पीएम मोदी ने कहा- यहां के पंच और सरपंच बता रहे थे कि यहां कार्यक्रम तय हुआ तो सरकार के लोग और कॉन्ट्रैक्टर्स आते थे, यहां कोई ढाबा नहीं है। यहां लंगर नहीं चलता है। ये लोग आ रहे हैं तो उनके खाने का क्या करें। सबने मुझे बताया कि हर घर से कोई 20 रोटी लाता और कोई 30 रोटी। 10 दिन से गांव वालों ने सभी को खाना खिलाया है। मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- न ये जगह मेरे लिए नई है और न मैं आपके लिए नया हूं। मेरे लिए खुशी की बात है कि आज यहां कनेक्टिविटी और बिजली से जुड़े 20 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का लोकार्पण हुआ है।
केंद्र सरकार की योजनाएं अब यहां तेजी से लागू हो रही हैं: पीएम
आजादी के बाद कई साल तक कश्मीर विकास से अछूता रहा, लेकिन मोदी सरकार ने आकर बाबा साहब के सपनों को भी पूरा किया है। केंद्र की योजनाएं तेजी से लागू हो रही हैं। पहले दिल्ली से फाइल चलती थी और कश्मीर पहुंचने में 3-4 हफ्ते लग जाते थे। अब इतने समय में कश्मीर में योजनाएं लागू हो जाती हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके दादा-दादी को जिस मुसीबत में जीना पड़ा, वो आपको और आपके बच्चों को नहीं होगीं, मेरी बात पर विश्वास करिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं अब यहां तेजी से लागू हो रही हैं। जिसका सीधा फायदा जम्मू कश्मीर के गांवों को हो रहा है। बिजली कनेक्शन हो, पानी कनेक्शन हो, स्वच्छ भारत अभियान के तहत टॉयलेट्स हो, इसका बड़ा लाभ जम्मू कश्मीर को मिला है।
बनिहाल-काजीगुंड रोड टनल का उद्घाटन
पीएम ने 3,100 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनी बनिहाल-काजीगुंड रोड टनल का उद्घाटन किया। पीएमओ के अनुसार, 8.45 किलोमीटर लंबी सुरंग बनिहाल और काजीगुंड के बीच सड़क की दूरी को 16 किमी कम कर देगी और यात्रा के समय को लगभग डेढ़ घंटे कम करेगी।
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस वे के तीन रोड पैकेज की आधारशिला
पीएम मोदी ने 7,500 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनने वाले दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस के तीन रोड पैकेज की आधारशिला रखी। ये 4/6 लेन एक्सेस नियंत्रित दिल्ली-कटरा-अमृतसर एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए है। इसके तहत NH-44 पर बाल्सुआ से गुरहा बैलदारन, हीरानगर; गुरहा बैलदारन, हीरानगर से जाख, विजयपुर और जख, विजयपुर से कुंजवानी, जम्मू, जम्मू से जम्मू एयरपोर्ट तक होगा।
रातले और क्वार हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की आधारशिला
प्रधानमंत्री ने रतले और क्वार हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर लगभग 5,300 करोड़ रुपए की लागत से 850 मेगावाट की रतले और 4,500 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से 540 मेगावाट की क्वार हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाएगा। जम्मू और कश्मीर में जन औषधि केंद्रों के नेटवर्क का और विस्तार करने और सस्ती कीमतों पर अच्छी गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए, 100 केंद्रों को फंक्शनल बनाया गया है।
बनिहाल कांजीगुंड टनल से जम्मू और श्रीनगर की दूरी 2 घंटे कम हुई
पीएम मोदी ने कहा कि जैसे हमारे डोगरों के बारे में लोक संगीत में कहते हैं, ‘मिठ्ठी ए डोगरे दी बोली, ते खंड मिठ्ठे लोग डोगरे’। ऐसी ही मिठास, ऐसी ही संवेदनशील सोच, देश के लिए एकता की ताकत बनता है और दूसरी भी कम होती हैं। पीएम मोदी ने कहा कि अब बनिहाल कांजीगुंड टनल से जम्मू और श्रीनगर की दूरी 2 घन्टे कम हो गई है। ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला को लिंक करने वाला आकर्षक आर्क ब्रिज भी जल्द देश को मिलने वाला है। दिल्ली -अमृतसर-कटरा हाइवे भी दिल्ली से मां वैष्णो देवी के दरबार की दूरी को बहुत कम करने वाला है।