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केजरीवाल के इशारे पर दिल्ली विधानसभा में की गई रामचरितमानस के बहिष्कार की अपील, भगवान श्रीराम विरोधियों से AAP का गठजोड़

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सत्ता के इतने भूखे हो चुके हैं कि अपने सामने भगवान श्रीराम और हिन्दुओं के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस का अपमान होते देख रहे हैं। उनके इशारे पर पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के विधायक राजेंद्र पाल गौतम दिल्ली विधानसभा में रामचरितमानस के बहिष्कार की अपील कर रहे थे। जिस समय राजेंद्र पाल गौतम रामचरितमानस के खिलाफ बोल रहे थे, उस समय सदन में आम आदमी पार्टी के हिन्दू विधायकों ने उनका विरोध नहीं किया। उनकी मौन सहमति बताती है कि आम आदमी पार्टी हिन्दू विरोधी वोट के लिए हिन्दू मतदाताओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। यहां तक कि आम आदमी पार्टी हिन्दू विरोधी पार्टियों से गठजोड़ कर भगवान श्रीराम के खिलाफ देशभर में मुहिम चला रही है।

दिल्ली विधानसभा में पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस और हिन्दू आस्था पर हमला

हिन्दू देवी- देवताओं के खिलाफ पूरे देश में मुहिम चला रहे आम आदमी पार्टी के विधायक राजेंद्र पाल गौतम बुधवार (29 मार्च, 2023) को दिल्ली विधानसभा में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा के दौरान अपने एजेंडे के तहत रामचरितमानस को निशाना बनाया। पवित्र ग्रंथ के एक दोहे का जिक्र करते हुए उन्होंने हिन्दुओं के खिलाफ जहर उगला। उन्होंने सदन में जो बयान दिया, उससे लगा कि वो ‘ताड़ना’ शब्द की आड़ में हिन्दू धर्म के खिलाफ लोगों को भड़का रहे हैं। शूद्र और नारी के संदर्भ मे ‘ताड़ना’ शब्द की गलत व्याख्या कर उन्होंने रामचरितमानस के बहिष्कार की अपील की। अपने क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थ के लिए आम आदमी पार्टी के नेता और केजरीवाल हिन्दू साधु-संतों और विद्वानों के पक्ष को अनसुना कर लगातार हिन्दू धर्म और उसकी आस्था पर हमला कर रहे हैं।

क्या केजरीवाल हिंदुत्व, सनातन और पवित्र ग्रंथों को नहीं मानते ?

दिल्ली विधानसभा में आप के विधायक राजेंद्र पाल गौतम की इस अपमानजनक टिप्पणी के बाद बीजेपी और आम लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राजेन्द्र पाल गौतम बीते छह महीने से लगातार हिन्दू विरोधी अभियान चला रहे हैं। और ऐसा लगता है कि वह आम आदमी पार्टी के हिन्दू विरोधी पोस्टर बॉय हैं। प्रवक्ता ने आम आदमी पार्टी से रामचरितमानस के बहिष्कार की अपील पर अपना रूख स्पष्ट करने की मांग की। बीजेपी ने सवाल किया कि क्या केजरीवाल राजेंद्र पाल गौतम के विचारों से सहमत है ? अगर सहमत नहीं है तो कब उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर रहे हैं ? वहीं बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने केजरीवाल को चुनौती देते हुए ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, “हिन्दू विरोधी केजरीवाल के नेता ने फिर उगला जहर ! केजरीवाल हिम्मत है तो स्वीकार करो कि तुम हिंदुत्व, सनातन और पवित्र ग्रंथों को नहीं मानते?”

हिन्दू विरोधियों से केजरीवाल और AAP का गठजोड़

दिल्ली के सीएम केजरीवाल दूसरे राज्यों में अपनी पार्टी के विस्तार के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दू विरोधी ताकतों से गठजोड़ कर रहे हैं। उन्हें भरोसा है कि पार्टी के विस्तार में अन्ना हजारे की तरह हिन्दू विरोधी ताकतों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। दूसरी पार्टियों से गठजोड़ के लिए केजरीवाल ने विधायक राजेंद्र पाल गौतम को बड़ी जिम्मेदारी दी है। केजरीवाल की योजना के तहत ही राजेंद्र पाल गौतम हिन्दू विरोधी अभियान चलाने वाले दूसरी पार्टी के नेताओं से मिल रहे हैं। हिन्दू धर्म के खिलाफ देशभर में आयोजित हो रहे कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं और मंच साझा कर रहे हैं। हाल ही में रजेंद्र पाल गौतम उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस की प्रतियां जलवाने वाले सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ नजर आए थे। दिल्ली विधानसभा में राजेंद्र पाल गौतम ने जो कुछ बयान दिया, वो इसी गठजोड़ का नतीजा है।

हिन्दुओं का सफाया करने वाले के साथ केजरीवाल

आम आदमी पार्टी की मंशा सिर्फ हिन्दू देवी-देवताओं के प्रति लोगों में नफरत फैलाना नहीं है, बल्कि हिन्दू विरोधी ताकतों के साथ मिलकर हिन्दुओं को अल्पसंख्यक बनाना भी शामिल है। केजरीवाल जहां दलित हिन्दुओं का धर्मांतरण कराने वाले संगठनों को बढ़ावा दे रहे हैं, वहीं दंगे में हिन्दुओं की हत्या करने वाले दंगाई का बचाव भी कर रहे हैं। दिल्ली दंगा में आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन की भूमिका सामने आ चुकी है। उसके घर से जिस तरह दंगे को संचालित किया गया और वहां से जो हिंसा की सामग्री मिली, वो ताहिर के गुनाहों की कहानी खुद बयां कर रहे थे। इसके बावजूद दिल्ली के सीएम केजरीवाल पार्षद ताहिर हुसैन को बेकसूर बता रहे थे। दरअसल केजरीवाल की मंशा हिन्दू विरोधी ताकतों के साथ मिलकर उनके इलाके से हिन्दुओं का सफाया करना और भगाना है। ताकि हिन्दुओं के घर और संपत्ति पर कब्जा किया जा सके।

आइए देखते हैं किस तरह हिन्दू विरोधी और चुनावी भक्त केजरीवाल और उनके समर्थकों ने कब-कब भगवान राम और हिन्दू देवी-देवाताओं का अपमान किया…

आम आदमी पार्टी हिन्दू विरोधी लोगों का जमावड़ा है और अरविंद केजरीवाल उनके संरक्षक हैं। केजरीवाल के समर्थक, विधायक और मंत्री हिन्दू देवी-देवताओं के खिलाफ लोगों को भड़काते हैं। लोगों को देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने की शपथ दिलाते हैं। यहां तक कि भगवान राम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं और राम कथा सुनाने पर जान से मारने की धमकी भी देते हैं। मध्य प्रदेश के इंदौर से एक केजरीवाल समर्थक को गिरफ्तार किया गया, जिसने राम कथा कहने पर मशहूर कवि और आम आदमी पार्टी के नेता रहे कुमार विश्वास को जान से मारने की धमकी दी थी।

भगवान राम को गाली और कुमार विश्वास को धमकी

गाजियाबद पुलिस के मुताबिक भगवान राम को गाली और कुमार विश्वास को धमकी देने के आरोप में लोकेश नाम के एक केजरीवाल समर्थक को इंदौर के सुदामा नगर से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस की पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह अरविंद केजरीवाल से प्रभावित है। इसलिए, कुमार विश्वास द्वारा राम कथा कहने और केजरीवाल के खिलाफ बयान देने से नाराज है। कुमार विश्वास के मैनेजर ने बताया कि आरोपी लोकेश ने विश्वास को केजरीवाल पर टिप्पणी नहीं करने की चेतावनी दी थी। उसने शहीद उधम सिंह की कसम खाते हुए विश्वास को जान से मारने की धमकी दी थी।

केजरीवाल और AAP की हिन्दू विरोधी विचारधार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनाव आते ही मंदिरों का दौरा शुरू कर देते हैं। हिन्दुओं को झांसा देने के लिए जनसभा में कृष्ण और अर्जुन की कहानियां सुनाते हैं। लेकिन असल में आम आदमी पार्टी की विचारधार पूरी तरह हिन्दू धर्म विरोधी है। क्योंकि इस पार्टी के जन्मदाता अरविंद केजरीवाल ईसाई संत मदर टरेसा के शिष्य है और उनके ही बताये रास्ते पर चल रहे हैं। इसलिए आम आदमी पार्टी में वही लोग शामिल है, जो हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं को नहीं मानते और इस धर्म को खत्म करना चाहते हैं। इसके लिए वे तरह-तरह के अभियान चला रहे हैं। इसका प्रमाण दिल्ली में ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम के दौरान देखने को मिला, जब केजरीवाल सरकार के मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने लोगों को ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम और कृष्ण को ईश्वर ना मानने और इनकी कभी पूजा नहीं करने की शपथ दिलाई थी।  

हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने की शपथ

दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग हिंदू देवी-देवताओं को ईश्वर ना मानने और उनकी पूजा ना करने की शपथ लेते दिख रहे हैं। इस कार्यक्रम में केजरीवाल सरकार के मंंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम भी शामिल हुए थे। 05 अक्टूबर, 2022 को विजयादशमी के अवसर पर दिल्ली के करोलबाग स्थित अंबेडकर भवन में आयोजित ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम में 10 हजार लोगों ने बौद्ध दीक्षा ली। इसके साथ ही उन्हें हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने शपथ दिलाई गई…

शपथ

मैं…
राम और कृष्ण को ईश्वर नहीं मानूंगा,
ना ही कभी उनकी पूजा करूंगा,
गौरी गणपति आदि हिन्दू धर्म के किसी भी देवी देवाताओं को नहीं मानूंगा,
और ना ही उनकी पूजा करूंगा।

हिन्दुओं के धर्मांतरण के लिए “मिशन जय भीम” 

केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए ट्विटर पर लिखा था, ”चलो बुद्ध की ओर मिशन जय भीम बुलाता है। आज “मिशन जय भीम” के तत्वाधान में अशोका विजयदशमी पर डॉ. अंबेडकर भवन रानी झांसी रोड पर 10,000 से ज्यादा बुद्धिजीवियों ने तथागत गौतम बुद्ध के धम्म में घर वापसी कर जाति विहीन व छुआछूत मुक्त भारत बनाने की शपथ ली। नमो बुद्धाय, जय भीम!”

सत्यनारायण और भागवत कथा फालतू, हिजड़ों की तरह बजाते हैं ताली- गुजरात प्रदेश अध्यक्ष इटालिया

गुजरात में विधानसभा चुनाव के दौरान राम मंदिर और हिंदू धर्म के खिलाफ बयान देने वाले अरविंद केजरीवाल फिर से हिंदू बन गए थे। गोपाल इटालिया के साथ माथे पर त्रिपुंड लगा और गले में रुद्राक्ष की माला पहन गुजरात में मंदिर-मंदिर घूमते देखे गए। इसी बीच सोशल मीडिया पर आप नेता गोपाल इटालिया का एक वीडियो वायरल हुई, उसमें सुना जा सकता है, “लोग सत्यनारायण कथा और भागवत कथा जैसी अवैज्ञानिक और फालतू की चीजों पर पैसा और समय बर्बाद कर देते हैं। इसके बाद भी लोगों को यह नहीं पता चलता कि उन्हें ऐसा करके क्या हासिल हुआ। वे दूसरों का समय भी बर्बाद कर देते हैं। अगर हम 5 पैसे भी ऐसी फालतू चीजों पर खर्च कर देते हैं तो हमें मनुष्य की तरह जीने का अधिकार भी नहीं है।” उन्होंने कहा, “मुझे ऐसे लोगों पर शर्म आती है। जो मैं कहता हूं वह आपको अगर अच्छा न लगे तो मुझे ब्लॉक कर दीजिए। लेकिन हमें उनकी जरूरत नहीं है जो संस्कृति और प्रथाओं के नाम पर हिजड़ों की तरह ताली बजाते हैं। कुछ साधु स्टेज से फालतू बातें करेंगे और हम हिंजड़ों की तरह ताली बजाएंगे।”

केजरीवाल ने दिवाली-छठ पर दिल्ली में बैन किए थे पटाखे

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले सास भी दिल्ली में दिवाली-छठ पर पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया था। दिल्ली में एक जनवरी, 2023 तक सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक का आदेश जारी किया गया था। यह प्रतिबंध पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी लागू की गई थी। पर्यावरण का बहाना बनाकर केजरीवाल के करीबी मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट किया कि ‘दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, तांकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके। इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री / डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2023 तक लागू रहेगा। प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने को लेकर दिल्ली पुलिस, DPCC और राजस्व विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी।’

केजरीवाल सरकार ने पर्यावरण-प्रदूषण के नाम पर 2021 में भी दिवाली-छठ में पटाखों को प्रतिबंधित कर दिया था। जबकि तमाम जांच और रिपोर्ट से ये साफ हो गया था कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए पटाखे स्रोत नहीं हैं। दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य स्रोत पराली जलाना और कल-कारखानों के साथ गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण है। इसको लेकर लोगों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से सवाल किए कि ईद-बकरीद पर पशुओं की हत्या पर बैन क्यों नहीं लगाया जाता है? लोग सोशल मीडिया पर मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर केजरीवाल सरकार पर तंज कस रहे थे।

बकरीद और ईद पर छूट, छठ पूजा पर पाबंदी

इससे पहले अक्टूबर 2021 में अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में यमुना घाट पर छठा पूजा करने पर पाबंदी लगा दी थी। दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने 30 सितंबर को दिल्ली में कोरोना से जुड़ी नई गाइडलाइंस जारी की। गाइडलाइंस के मुताबिक दिल्ली में मंदिरों, तालाबों, नदियों या जलाशयों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा नहीं मन सकेगी। लेकिन केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार के बिना गाइडलाइन के बकरीद और ईद मनाने की पूरी छूट दी थी। एक समुदाय को त्योहार मनाने की अनुमति और दूसरे समुदाय के त्योहार पर पाबंदी ऐसी चीज है जो केजरीवाल के तुष्टिकरण और सौतेले व्यवहार को प्रदर्शित करती है।

24 घंटे में भगवान राम और अयोध्या को भूल गई आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी को पता था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवंबर 2018 में दीपावली से एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था। लेकिन यूपी चुनाव से पहले अयोध्या को फैजाबाद बताना आम आदमी पार्टी की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था। एक तरफ पार्टी के नेता भगवान राम का दर्शन कर हिन्दुओं को झांसा देने की कोशिश कर रहे थे, वहीं फैजाबाद का जिक्र कर मुस्लिम वोट बैंक को भी साधने का प्रयास कर रहे थे। दरअसल अयोध्या को फैजाबाद बताकर आम आदमी पार्टी ने फिर साबित कर दिया था कि उनकी सोच में कोई बदलाव नहीं आया है। वे सिर्फ चुनाव को देखते हुए सियासी गिरगिट बने हुए।

देश की तरक्की मंदिर बनाने से नहीं होती-केजरीवाल

14 सितंबर, 2021 को अयोध्या पहुंचे दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पूरे देश में अरविंद केजरीवाल ही ऐसे एकमात्र मुख्यमंत्री हैं जो अयोध्या के राजा मयार्दा पुरूषोत्तम श्रीराम की प्रेरणा लेकर सरकार चला रहे हैं। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने नवंबर 2018 में राममंदिर विवाद पर कहा था कि अगर जवाहरलाल नेहरू ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बजाय मंदिर बनाया होता, तो भारत आगे नहीं बढ़ता। केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को मंदिर और स्टेच्यू में उलझा दिया है। अगर ये मंदिर या मस्जिद बनाते रहे तो आपको अपने बेटे को मंदिर में पुजारी बनाना पड़ेगा। अब सवाल उठता है कि क्या केजरीवाल के इस बात पर अमल हुआ तो आज भगवान राम का मंदिर बन पाता ? 

‘हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ – संजय सिंह

आम आमदी पार्टी के नेता भगवान श्रीराम के प्रति कितनी श्रद्धा रखते हैं, उसका अंदाजा उनके पूर्व के बयान से लगाया जा सकता है। ‘हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ कहने वाले संजय सिंह भगवा गमछा ओढ़ कर और राम मंदिर की जगह स्कूल-कॉलेज बनाने की बात करने वाले मनीष सिसोदिया रामनामी गमछा पहन कर अयोध्या में प्रविष्ट हुए।

राम मंदिर ट्रस्ट पर झूठा आरोप लगाकर निर्माण कार्य रोकने की साजिश

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन में घोटाले का आरोप लगाकर निर्माण कार्य में बाधा डालने की कोशिश की। ‘आप’ नेता रत्नेश मिश्र ने राज्यसभा सांसद संजय सिंह को झूठा करार देते हुए राम विरोधी होने तक के आरोप लगाए। आम आदमी पार्टी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश प्रवक्ता रत्नेश मिश्र ने ट्रस्ट पर लगे आरोपों से मायूस होकर अयोध्या में प्रेस वार्ता कर संजय सिंह को झूठा और राम विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि जमीन खरीदने के मामले में संजय सिंह राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बदनाम कर रहे हैं।

राम मंदिर भूमि पूजन के संबंध में संजय सिंह का आपत्तिजनक ट्वीट 

अगस्त 2020 में संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के संबंध में आपत्तिजनक ट्वीट कर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। इसके साथ ही संजय सिंह ने दलित समाज को अपमानित करके उनकी भी भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया और साफ झूठ बोला। संजय सिंह ने कहा था कि राम मंदिर भूमि पूजन से दलितों को दूर रखा गया है। आखिर ऐसा क्यों है कि भूमि पूजन में किसी दलित को नहीं बुलाया गया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज मुझे एक दलित नेता ने फोन किया। बोले भाई साहब राष्ट्रपति दलित, उन्हें नहीं बुलाया गया, उप मुख्यमंत्री मौर्य, उन्हें नहीं बुलाया गया। ऐसा क्यों? भाजपा दलितों को मंदिरों से बाहर क्यों रखना चाहती है?’

केजरीवाल कैबिनेट के मंत्री ने राम और कृष्ण के अस्तित्व पर उठाया सवाल

नवंबर 2019 में केजरीवाल कैबिनेट के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने भगवान राम और भगवान कृष्ण के अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिया था। उन्होंने ट्वीट में उन्होंने लिखा था, “अगर यह बात प्रमाणित है कि भगवान राम और कृष्ण पूर्वज हैं तो इन्हें इतिहास में क्यों नहीं पढ़ाया जाता। पूर्वजों का इतिहास होता है जबकि इनका कोई प्रमाणिक इतिहास नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर पेरियार का दृष्टिकोण प्रमाणिकता और तार्किकता के आधार पर था।”

मनीष सिसोदिया का राम मंदिर की जगह यूनिवर्सिटी बनाने का सुझाव

दिसंबर 2018 में मनीष सिसोदिया ने एक निजी न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया था। सवाल अयोध्या में राम मंदिर को लेकर था। मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘राम मंदिर और मस्जिद दोनों वालों से पूछ लो और अगर दोनों की सहमति हो तो वहां एक अच्छी यूनिवर्सिटी बना दो। हिंदुओं के बच्चे भी पढ़ें, मुसलमानों के बच्चे भी पढ़ें, क्रिश्चियन के भी पढ़ें, भारतीयों के भी पढ़ें, विदेशियों के भी पढ़ें…सबके बच्चे पढ़ें। वहीं से राम के सिद्धांतों को निकालो। राम मंदिर बनाने से राम राज्य नहीं आएगा, पढ़ाने से राम राज्य आएगा।’

मनीष सिसोदिया की ‘मंदिर-दर्शन’ की जगह ‘सरकारी स्कूलों के दर्शन’ की सलाह

2017 में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि काश नेताओं में चुनाव से पहले सरकारी स्कूलों के दर्शन करने की परंपरा होती। सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए कहा था, ‘अगर चुनावों से ठीक पहले ‘मंदिर-दर्शन’ की जगह ‘सरकारी स्कूलों के दर्शन’ की राजनीतिक परम्परा होती तो देश के हर बच्चे को आज बेहतरीन शिक्षा मिल रही होती।’

केजरीवाल ने सुनाई राम मंदिर विरोधी नानी की कहानी

मार्च 2014 में कानपुर की एक रैली में दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा था, “जब बाबरी मस्जिद का ध्वंस हुआ तब मैंने अपनी नानी से पूछा कि नानी आप तो अब बहुत खुश होंगी? अब तो आपके भगवान राम का मंदिर बनेगा। नानी ने जवाब दिया – ना बेटा, मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़ कर ऐसे मंदिर में नहीं बस सकता।” एक अन्य बयान में उन्होंने ‘मंदिर वहीं बनाएँगे, पर तारीख़ नहीं बताएँगे’ वाले नैरेटिव को आगे बढ़ाया था।

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