प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गरीबों का मसीहा कहा जाता है, क्योंकि उनके द्वारा शुरू की गई योजनाएं आज गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है। उनकी महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने 2 करोड़ गरीब लोगों का इलाज करने की उपलब्धि हासिल की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि इस योजना से गरीब लोगों को अब तक 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सबसे गरीब लोगों तक इस योजना की पहुंच बढ़ाने और लाभार्थियों को योजना के बारे में जागरूक बनाने के लिए आरोग्य धारा 2.0 का वर्चुअल माध्यम से शुभारम्भ किया। इसके तहत जहां ‘आयुष्मान मित्र’ के माध्यम से योजना के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलायी जाएगी, वहीं ‘आयुष्मान अधिकार पत्र’ के माध्यम से लाभार्थियों के अधिकारों और सुविधाओं के बारे में बताया जाएगा।
जो लोग गरीबी की वजह से अपना इलाज सही ढंग से नहीं करा पाते थे, उनके लिए यह योजना काफी मददगार साबित हो रही है। इस योजना ने इलाज पर होने वाले खर्च में कमी लाने के साथ लोगों को नया जीवन देने का काम किया है। जब पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत भी कोरोना महामारी की मार झेल रहा है तो ऐसे में इस योजना की उपयोगिता अब हर कोई महसूस कर रहा है। गौरतलब है कि इस योजना के तहत प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है। इसमें सर्जरी, डे केयर, दवा और जांच सभी शामिल हैं। 23 सितंबर, 2018 को प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना की शुरुआत झारखंड की राजधानी रांची से की थी। उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इस योजना के जरिए हम एक ऐसा भारत बनाना चाहते हैं, जहां हर नागरिक स्वस्थ हो और स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाला खर्च नागरिकों पर बोझ न बने।
महिलाओं को मिला स्वास्थ्य वरदान ‘आयुष्मान’
- महिलाएं आयुष्मान कार्ड बनाने में सबसे आगे है।
- आयुष्मान कार्ड धारकों में करीब 50 प्रतिशत महिलाएं हैं।
- अस्पताल में भर्ती होने वालों में 47 प्रतिशत महिलाएं हैं।
- महिलाओं के लिए 141 चिकित्सा प्रक्रियाएं शामिल हैं।
- योजना के क्रियान्वयन में महिलाओं की अहम भूमिका हैं।
आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए ‘मोदी कवच’
- PM-JAY दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है।
- 16.50 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं।
- योजना के लाभार्थियों की संख्या 55 करोड़ से अधिक है।
- योजना के पैनल में 23,000 सरकारी और निजी अस्पताल है।
- 2022 तक 1.5 लाख स्वास्थ्य व वेलनेस केन्द्र खोलने का लक्ष्य।
- योजना के तहत 1350 से अधिक बीमारियों का इलाज हो रहा है।
- स्वास्थ्य व बीमा के क्षेत्र में 10 लाख नौकरियों का सृजन होगा।