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तालिबान का महिमामंडन करने में मर्यादा भूले मुनव्वर राना, महर्षि वाल्मीकि से की तालिबान की तुलना,अफगानिस्तान के हालात को भारत से बेहतर बताया

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अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां अफरा-तफरी का माहौल है। इधर भारत में तालिबान समर्थकों की तादाद बढ़ती जा रही है। इसमें शायर मुनव्वर राना का एक और नाम जुड़ गया है। उन्होंने गुरुवार (18 अगस्त, 2021) को तालिबान का महिमामंडन करते हुए कहा कि तालिबानी बुरे लोग नहीं है। हालात की वजह से वह ऐसे हो गए हैं। उन्होंने अफगानिस्तान के हालात को भारत से बेहतर बताया। साथ ही मर्यादा भूलते हुए महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से कर डाली। 

तालिबानियों द्वारा पूर्व में महिलाओं और आम लोगों पर किए गए अत्याचार को भूलते हुए मुनव्वर राना ने तालिबानियों का बचाव किया और कहा कि साउदी अरब में भी महिलाओं के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है। इस मुद्दे पर पूरे एशिया की बात करनी चाहिए। तालिबानियों के साथ 20 साल तक जुल्म हुए हैं।  तालिबानी कोई पागल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर भरोसा किया जा सकता है। वह धोखा देने वाले लोग नहीं हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि मौजूदा अफगानिस्तान से भारत को कोई नुकासन नहीं है सिर्फ फायदा ही होगा।

‘न्यूज नेशन’ के दीपक चौरसिया से बात करते हुए मुनव्वर राना ने कहा कि “वाल्मीकि रामायण लिख देता है तो वो देवता हो जाता है, उससे पहले वो डाकू होता है। इंसान का कैरेक्टर बदलता रहता है। वाल्मीकि का जो इतिहास था, उसे तो हमें निकालना पड़ेगा न। हमें तो अफगानी अच्छे लगते हैं। वाल्मीकि को आप भगवान कह रहे हैं, लेकिन आपके मजहब में तो किसी को भी भगवान कह दिया जाता है। वो लेखक थे। उनका काम था रामायण लिखना, जो उन्होंने किया।”

मुनव्वर राना ने कहा कि अभी तालिबान ने आपको नहीं सताया है। जब 9/11 और कंधार हाइजैकिंग में तालिबान के शामिल होने की याद दिलाई गई तो उन्होंने तालिबान का फिर बचाव करते हुए कहा कि दुनिया ने कुछ साबित नहीं किया न, ये सब तो आरोप हैं और ये भी कहा जा सकता है कि सब मुनव्वर राना ने करवाया है। उन्होंने उदाहरण दिया कि सद्दाम हुसैन को आतंकी बताया गया और उसके मुल्क में परमाणु बम होने की बात कही गई, लेकिन वहां से कुछ नहीं निकला।

दैनिक भास्कर से बात करते हुए राना ने कहा कि अफगानिस्तान से ज्यादा हिंसा तो हिंदुस्तान में होती है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा उसका आंतरिक मामला है। राना ने तालिबान की तुलना आरएसएस, बीजेपी और बजरंग दल से की। उन्होंने कहा कि तालिबानी-अफगानी जो भी हैं, जैसे भी हैं, सब एक हैं। जैसे हमारे यहां बजरंग दल, बीजेपी और आरएसएस सब एक हैं। 1000 साल पुराना इतिहास उठाकर देख लीजिए, अफगानियों ने कभी हिंदुस्तान को धोखा नहीं दिया है।

तालिबान के आतंकी नेटवर्क पर मुनव्वर राना ने कहा कि आतंकी तो आप कह रहे हैं ना। आप खुलेआम यह कहते हैं कि हर मुसलमान आतंकी नहीं होता लेकिन हर आतंकी मुसलमान होता है। आपके यहां तो आतंकी की परिभाषा निकाली ही नहीं गई है कि कौन आतंकी है कौन आतंकी नहीं है। उन्होंने कहा कि तालिबान आतंकी संगठन हो सकता है लेकिन वह अपने मुल्क के लिए लड़ रहे हैं तो आप उन्हें आतंकी कैसे कह सकते हैं।

मुनव्वर राना ने कहा कि मोदी सरकार ने अफगानिस्तान में कई काम करवाया है। संसद भवन बना हुआ है। सड़कें बनवाईं। कोई भी आदमी इसको नकार नहीं सकता। चाहे तालिबानी आ जाए या कोई और अफगानिस्तान के लोग जानते हैं कि हिंदुस्तान ने उनका कुछ बिगाड़ा नहीं बल्कि बनाया है। अगर हिंदुस्तान ने अफगानिस्तान में विकास किया है तो वह उसे बर्बाद नहीं करेंगे।

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