Home समाचार PMJAY योजना से एक साल में 47 लाख लोग हुए ‘आयुष्मान’

PMJAY योजना से एक साल में 47 लाख लोग हुए ‘आयुष्मान’

SHARE

दुनिया की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत योजना यानि PMJAY का एक साल पूरा हो गया है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में PMJAY योजना गेम चेंजर साबित रहा है और विश्वभर में इसकी प्रशंसा हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल,आज ही के दिन इस योजना की शुरूआत की थी। पिछले एक साल में इस योजना से 47 लाख जरुरतमंद लोग गंभीर बीमारियों का मुफ्त इलाज करा चुके हैं।

 PMJAY स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम

-PMJAY योजना से अब तक 47 लाख से ज्यादा जरुरतमंद लोग गंभीर बीमारियों का मुफ्त इलाज करा चुके हैं।
-47 लाख लोगों के मुफ्त इलाज पर पिछले एक साल में 7,500 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई।
-देशभर में 2022 तक 1.5 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स खोले जाएंगे। 21 हजार से ज्यादा सेंटर्स ऑपरेशनल हो चुके हैं।
-योजना से सूचीबद्द 18,000 से अधिक अस्पतालों में 53 प्रतिशत निजी अस्पताल।
-पोर्टिबिलिटी सुविधा से लगभग 40,000 लाभार्थियों ने अपने प्रदेशों के बाहर उपचार करा चुके हैं।
-विश्व की सबसे बड़ी योजना पीएम-जय योजना के 55 करोड़ जरूरतमंद गरीब लोग पात्र हैं।
-पीएम-जय योजना फिलहाल 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू है।
-इस योजना के तहत गरीब जरुरतमंद परिवार को मिलता है सालाना पांच लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा
-इस योजना के तहत अब तक 10 करोड़ 20 लाख ई-कार्ड जारी

47 लाख से अधिक लोगों ने उठाया कैशलेस उपचार का लाभ

आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से लाभ पाने वाले लोगों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के प्रारंभ होने के बाद से अब तक 47 लाख से अधिक लोगों ने गंभीर बीमारियों के लिए कैशलेस उपचार का लाभ उठाया है। इसके साथ ही अब तक 10 करोड़ 19 लाख से अधिक लाभार्थियों को योजना के तहत ई-कार्ड जारी किये गये हैं। योजना के तहत 18,000 अस्पताल को जोड़ा गया है। इसमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा निजी अस्पताल हैं। 

आइए जानते हैं, आखिर क्या है आयुष्मान भारत योजना और कौन लोग ले सकते हैं इस योजना का लाभ।  

आयुष्मान योजना से ‘आयुष्मान भव’ के आशीर्वाद को जन-जन तक पहुंचा रही है मोदी सरकार

23 सितंबर को झारखंड की राजधानी रांची से प्रधानमंत्री के द्वारा प्रारंभ की गई यह योजना देश के करीब 50 करोड़ लोगों को लक्ष्य करके बनाई गई है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इस योजना की शुरुआत गरीबों और समाज के वंचित वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा और उपचार प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है। मोदी सरकार इस जन आरोग्य योजना को और सुगम और सरल बनाने की कोशिश में जुटी है, ताकि अधिक-से-अधिक गरीब परिवार इसका लाभ उठा सकें। इसके लिए एक वेबसाइट mera.pmjay.gov.in और टोल फ्री नंबर 14555 और टोल फ्री नंबर 1800-111-565 जारी किया जा चुका है। इसकी मदद से कोई भी जान सकता है कि उसका परिवार लाभार्थियों में शामिल है या नहीं।

10 करोड़ गरीब परिवारों को मिला है स्वास्थ्य-सुरक्षा कवर

आयुष्मान भारत योजना अफॉर्डेबल हेल्थकेयर के क्षेत्र में सबसे क्रांतिकारी कदम है। दुनिया में मोदी केयर के नाम से विख्यात इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों यानी 50 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये के सालाना चिकित्सा बीमा की सुविधा मिल रही है। अगर उनके परिवार में कोई बीमार पड़ा तो एक साल में 5 लाख रुपये का खर्च भारत सरकार और इंश्योरेंस कंपनी मिलकर देती है। इसके लिए मोदी सरकार ने देश भर में चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करने की भी योजना बनाई है, जिसके तहत 1.5 लाख वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं। 

कुल 1350 बीमारियों का इलाज

आयुष्मान भारत योजना के तहत 1350 बीमारियों का इलाज हो रहा है। यह योजना हार्ट अटैक और कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों में राहत दिलाने में बेहद काम आएगी। इलाज के दौरान दवा, मेडिकल जांच (एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई समेत कई जांच) पूरी तरह से नि:शुल्क होगी। पहले चरण में समाज के वंचित, पिछड़े, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। योजना के अंतर्गत सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना में चिह्नित परिवारों के अलावा स्वत: सम्मिलित श्रेणियों एवं शहरी क्षेत्र की 11 कामगार श्रेणियों के तहत आने वाले लोग, जैसे कचरा उठाने वाले और फेरी वालों को भी इस योजना का लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान के अंतर्गत पात्र परिवार के सभी सदस्य योजना के पात्र होंगे, यानी सदस्यों की संख्या, आयु सीमा जैसी कोई भी बाध्यता नहीं होगी।

आइए देखते हैं प्रधानमंत्री मोदी की आयुष्मान भारत योजना किस तरह गरीब-वंचितों के लिए वरदान साबित हो रही है-

11 साल से दिल की बीमारी से पीड़ित रोमा के लिए वरदान बनी योजना

उत्तर प्रदेश में दुबग्गा की 11 साल से दिल की बीमारी से पीड़ित 23 वर्षीय रोमा की सर्जरी आयुष्मान भारत योजना के तहत हुई। पीड़ित की मां रामरती के मुताबिक यह योजना उनके परिवार के लिए वरदान साबित हुई, क्योंकि पैसों के अभाव के चलते रोमा की सर्जरी 11 साल से टल रही थी। रामरती का कहना है कि अब पैसों के अभाव में किसी गरीब के बच्चों का इलाज नहीं रुकेगा। ये सिर्फ एक योजना नहीं गरीबों के लिए वरदान है। सर्जरी के बाद रोमा के दिल का छेद भर गया है और अब वह गांव में सबको आयुष्मान योजना के बारे में जागरूक कर रही है।

गरीब मरीज का मुफ्त हुआ दूरबीन से आंत का आपरेशन

हाल ही में उत्तर प्रदेश के ललितपुर में आयुष्मान भारत योजना के तहत पहली बार गरीब मरीज का दूरबीन से आंत का आपरेशन किया गया। आंत का ऑपरेशन दिल्ली और अन्य अस्पतालों में अधिक मंहगा पड़ता है। इसका खर्च महानगरों में करीब ढाई लाख रुपये आता है, लेकिन आयुष्मान भारत योजना का लाभार्थी होने के कारण मरीज का निशुल्क ऑपरेशन हो गया। अमर उजाला की खबर के अनुसार ललितपुर जिले के पाली तहसील के जमनी का इस योजना के अंतर्गत आंत का सफल ऑपरेशन किया गया। 45 साल के जमनी काफी दिनों से आंत उतरने के कारण पेट के दर्द से परेशान थे। पैसों के अभाव में वे ऑपरेशन नहीं करा पा रहे थे। ऐसे में आयुष्मान भारत योजना उनके लिए वरदान साबित हुई। योजना के तहत उनका उपचार किया गया और पहली बार दूरबीन पद्धति से सफल ऑपरेशन जिला अस्पताल में ही किया गया। ऑपरेशन के दो दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

गरीबों और मजदूरों की हमदर्द साबित हो रही है योजना

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की पचास वर्षीय भूरी के पति ई-रिक्शा चालक हैं। उसका पूरा परिवार मेहनत-मजदूरी कर अपना पालन-पोषण करता है। दो वक्त की रोटी ही मुश्किल से मयस्सर थी, भूरी को पेट में रसौली हुई तो परिवार इलाज में होने वाले खर्च को लेकर बेहद परेशान हो गया। ऐसे में, मोदी सरकार की योजना ‘आयुष्मान भारत’ काम आई। इस योजना के तहत भूरी का ऑपरेशन हुआ और घर भी बिना किसी परेशानी के चलता रहा। आयुष्मान योजना ने ऐसे कई लोगों की मदद की है, जिनके पास इलाज के पैसे नहीं थे। इनमें ही एक और नाम है फौजिया। इनकी उम्र करीब 35 साल है। एक रात अचानक पेट में दर्द उठा तो इलाज के परिजन परेशान हो गए। ऐसे में, परिजनों की राह आयुष्मान भारत के गोल्डन कार्ड ने आसान कर दी। इस कार्ड के जरिए मामूली खर्चे पर न सिर्फ इनका इलाज हो गया बल्कि दवाएं भी मुफ्त में मिल गईं। ऐसे लाखों मरीजों की जिंदगी में खुशहाली लाने का काम किया है, मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना ने। 

स्वास्थ्य को लेकर मोदी सरकार का 4 Pillar पर फोकस 

जनसामान्य का स्वास्थ्य देश के उन मुद्दों में से है जिनकी व्यापकता सबसे अधिक है। इसके बावजूद दशकों तक इस धारणा को खत्म करने के प्रयास नहीं के बराबर हुए कि हेल्थ सेक्टर के लिए सब कुछ स्वास्थ्य मंत्रालय ही करेगा। मोदी सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी वास्तविक जरूरतों को समझते हुए हेल्थ सेक्टर से जुड़े अभियानों में स्वच्छता मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, रसायन और उर्वरक मंत्रालय, उपभोक्ता मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भी शामिल किया। इन सब मंत्रालयों को मिलाकर चार Pillars पर फोकस किया जा रहा है जिनसे लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

  1. Preventive Health – इसके तहत स्वच्छता, योग और टीकाकरण को बढ़ावा देने वाले अभियान शामिल हैं जिनसे बीमारियों को दूर रखा जा सके।
  2. Affordable Healthcare – इसके अंतर्गत जनसामान्य के लिए सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
  3. Supply side interventions – इसमें उन कदमों पर जोर है जिनसे किसी दुर्गम क्षेत्र में भी ना तो डॉक्टरों और ना ही अस्पतालों की कमी हो।
  4. Mission mode intervention – इसमें माता और शिशु की समुचित देखभाल पर बल दिया जा रहा है।

इन चार Pillars के आधार पर ही मोदी सरकार ने हेल्थकेयर से जुड़ी अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाया है।

 

 

Leave a Reply Cancel reply