Home समाचार एयर इंडिया में प्रवासी भारतीय को 100 प्रतिशत निवेश की मंजूरी

एयर इंडिया में प्रवासी भारतीय को 100 प्रतिशत निवेश की मंजूरी

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एयर इंडिया विदेशी निवेश के नियमों को आसान करने का फैसला किया है। कैबिनेट की बैठक में एफडीआई नियमों में बदलाव करते हुए उन एनआरआई को स्‍वचालित मार्ग से 100 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति दी गई है जो भारत के नागरिक हैं। इस फैसले के बाद प्रवासी भारतीय एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। पहले एयर इंडिया में 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति थी। मौजूदा एफडीआई के अनुसार, एनआरआई के लिए एयरलाइन में स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है, लेकिन शर्त यह है कि स्‍वामित्‍व एवं प्रभावी नियंत्रण भारतीय नागरिकों के पास होगा।

अब एयर इंडिया के 100 प्रतिशत प्रस्तावित विनिवेश के संदर्भ में एयर इंडिया में सरकार की कोई शेष हिस्‍सेदारी नहीं होगी और वह पूरी तरह निजी स्वामित्व में होगी। एफडीआई नीति में इस संशोधन से एयर इंडिया में अन्य अनुसूचित एयरलाइन ऑपरेटरों के अनुरूप विदेशी निवेश की अनुमति मिल जाएगी यानी एयर इंडिया में उन एनआरआई को 100 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति होगी जो भारतीय नागरिक हैं। एफडीआई नीति में प्रस्तावित संशोधन एनआरआईएस को स्वचालित मार्ग से एयर इंडिया में 100 प्रतिशत तक विदेशी निवेश करने में समर्थ बनाएगा।

एफडीआई नीति में इस संशोधन का उद्देश्‍य देश में कारोबारी सुगमता उपलब्‍ध कराने के लिए एफडीआई नीति को उदार और सरल बनाना है। इसके जरिये सबसे बड़े एफडीआई का मार्ग प्रशस्‍त होगा जिससे निवेश, आय और रोजगार में वृद्धि को बल मिलेगा।

देश में बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्‍य से एफडीआई नीति की लगातार समीक्षा की जाती है। सरकार ने निवेशकों के अनुकूल एफडीआई नीति तैयार की है जिसके तहत अधिकतर क्षेत्रों/ गतिविधियों में स्वचालित मार्ग पर 100 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति दी गई है।

भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाने के लिए हाल के दिनों में विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई नीति के प्रावधानों को लगातार उदार बनाया गया है। इन क्षेत्रों में रक्षा, निर्माण एवं विकास, व्यापार, औषधि, बिजली विनिमय, बीमा, पेंशन, अन्य वित्तीय सेवाएं, परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियां, प्रसारण, एकल ब्रांड खुदरा व्‍यापार, कोयला खनन, डिजिटल मीडिया आदि शामिल हैं।

इन सुधारों ने हाल के दिनों में भारत में हुए एफडीआई निवेशक में उल्‍लेखनीय योगदान दिया है। वर्ष 2014-15 में भारत में एफडीआई प्रवाह 45.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और तब से इसमें लगातार वृद्धि हुई है। वर्ष 2015-16 में एफडीआई प्रवाह 55.56 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा जबकि वर्ष 2016-17 में 60.22 बिलियन अमेरिकी डॉलर और वर्ष 2017-18 में 60.97 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एफडीआई निवेश हुआ। पिछले वित्‍त वर्ष यानी 2018-19 में देश में एफडीआई प्रवाह 62.00 बिलियन अमेरिकी डॉलर (अनंतिम आंकड़ा) दर्ज किया गया जो अब तक का सर्वाधिक है। पिछले पिछले साढ़े उन्‍नीस वर्षों (अप्रैल 2000 से सितंबर 2019) के दौरान कुल एफडीआई प्रवाह 642 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा जबकि पिछले साढ़े पांच वर्षों (अप्रैल 2014 से सितंबर 2019) के दौरान देश में कुल 319 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एफडीआई प्रवाह हुआ जो पिछले साढ़े उन्‍नीस वर्षों में हुए कुल एफडीआई निवेश का लगभग 50 प्रतिशत है।

Leave a Reply Cancel reply