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आम बजट 2023-24 में मध्यम वर्ग को मोदी सरकार की बड़ी सौगात, अब सात लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं, टैक्स स्लैब में बदलाव

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2023-24 में मध्यम वर्ग को बड़ी सौगात दी है। 1 फरवरी, 2023 को संसद में देश का केंद्रीय बजट पेश करते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव और टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी। मोदी सरकार के इस फैसले से मध्यम वर्ग में खुशी की लहर दौड़ गई है, क्योंकि उसकी लंबे समय से की जा रही मांग पूरी हुई है। अब सात लाख रुपये तक की आय पर सरकार कोई टैक्स नहीं लेगी। अब तक पांच लाख रुपये से अधिक आय पर टैक्स देना पड़ता था। हालांकि, यह लाभ केवल नई टैक्स रिजीम को चुनने वालों को मिलेगा।

मोदी सरकार में पहली बार टैक्स स्लैब में बदलाव

मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के 8.5 साल बाद पहली बार टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया है। 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया था। हालांकि, 2020 में सरकार ने एक नई टैक्स प्रणाली पेश की थी। अब टैक्स स्लेब की संख्या को छह से घटाकर पांच कर दिया गया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 52 हजार रुपये कर दिया गया है। बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 2.5 लाख रुपये से बढ़कर 3 लाख रुपये हो गई है। पुरानी टैक्स व्यवस्था की बजाय अब नई टैक्स व्यवस्था को डिफॉल्ट बनाने की घोषणा की गई है।

रीबेट की सीमा 5 लाख रुपये से बढ़कर हुई 7 लाख रुपये

वित्त मंत्री ने आयकर की दरों में अहम बदलाव किया है। अब नई कर व्यवस्था के तहत तीन लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। हालांकि नए स्लैब रेट 7 लाख रुपये से अधिक की आय पर लागू होंगे, क्योंकि सरकार ने रीबेट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया है। इसके तहत 3 लाख से 6 लाख रुपये तक 5 प्रतिशत, 6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये तक 10 प्रतिशत, 9 लाख रुपये से 12 लाख रुपये तक 15 प्रतिशत, 12 लाख रुपये से पंद्रह लाख रुपये तक 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से ऊपर 30 प्रतिशत शामिल है। 

                              बजट 2023-24 : नई कर व्यवस्था
                             आय                           टैक्स रेट
0-3 लाख कोई टैक्स नहीं
3 से 6 लाख 5%
6 से 9 लाख 10%
9 से 12 लाख 15%
12 से 15 लाख 20%
  15 लाख से अधिक 30%

 

स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन बढ़कर हुआ 52,500 हजार रुपये

वित्तमंत्री सीतारमण ने इस बार बजट में नए टैक्‍स रेजीम को आकर्षक बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। इसके लिए नए टैक्‍स रेजीम में स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन को बढ़ाकर 52,500 हजार रुपये कर दिया है। यानी नौकरीपेशा व्‍यक्ति अगर नया टैक्‍स रेजीम चुनता है तो भी उसे स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन का लाभ दिया जाएगा। 15.5 लाख रुपये या उससे अधिक आय वाले प्रत्येक वेतनभोगी व्यक्ति को 52,500 रुपये तक का लाभ मिलेगा। वर्तमान में ओल्ड रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये हैं और प्रोफेशनल टैक्स के लिए अधिकतम डिडक्शन 2500 रुपये हैं। न्यू टैक्स रिजीम ही अब डिफॉल्ट टैक्स रिजीम होगा और किसी को ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत रिटर्न फाइल करना है तो उसे बदलना होगा। इसके अलावा गैर-सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट पर टैक्स फ्री लीव इनकैशमेंट की सीमा भी बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है। 

नई कर व्यवस्था से आयकर दाताओं को होगा फायदा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स स्लैब का खुद फायदा भी गिनाया। उन्होंने कहा कि पहले नौ लाख रुपये तक की आय वालों को 60 हजार रुपये टैक्स देना पड़ता था। अब इस आय वर्ग में आने वाले लोगों को 25 प्रतिशत तक का फायदा होगा। ऐसे लोगों को अब 45 हजार रुपये ही टैक्स देना होगा। इसी तरह 15 लाख रुपये तक की आय पर पहले 1 लाख 87 हजार 500 रुपये का टैक्स लगता था। अब 20 प्रतिशत के फायदे के साथ ऐसे लोगों को 1 लाख 50 हजार रुपये ही टैक्स के रूप में देने होंगे। पांच करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आय पर सरचार्ज की रेट 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दी गई है।

 

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