वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज, 1 फरवरी को संसद में देश का बजट पेश किया। इस बजट में वित्त मंत्री ने गरीब- वंचित तबकों से लेकर आदिवासी समुदाय तक, किसानों से लेकर कामगारों तक, युवाओं से लेकर उद्यमियों तक सभी का ध्यान रखा है। बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सप्तऋषि यानी सप्तर्षि का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस बजट की 7 प्राथमिकताएं हैं, जो सप्तर्षि की तरह अमृतकाल के दौरान हमारा मार्गदर्शन करेंगी।
इसमें सबसे पहले समावेशी विकास, दूसरा वंचितों को वरीयता, तीसरा बुनियादी ढांचे और निवेश, चौथा क्षमता विस्तार, पांचवां हरित विकास, छठा युवा शक्ति और सातवां वित्तीय क्षेत्र शामिल है। सीतारमण ने कहा कि अमृत काल में यह पहला बजट है। दुनिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक चमकते सितारे के रूप में पहचाना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 7 संकल्पों के आधार पर बजट तैयार किया है। यह सप्तऋर्षि की तरह काम करेगा। इसमें सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
#Budget2023 adopts 7 Priorities will act as Saptarshis guiding through #AmritKaal
1 Inclusive development
2 Reaching last mile
3 Infrastructure & investment
4 unleashing potential
5 Green growth
6 Youth Power
7 Financial Sector: Finance Minister @nsitharaman#AmritKaalBudget pic.twitter.com/yt7bSyY5AO— PIB India (@PIB_India) February 1, 2023
वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। इसके लिए सरकारी फंडिंग और वित्तीय क्षेत्र से मदद ली जाएगी। इस ‘जनभागीदारी’ के लिए ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इस बार का बजट समृद्ध और समावेशी भारत की परिकल्पना को साकार करता है।
निर्मला सीतारमण ने समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, इंफ्रास्ट्रक्चर और इंवेस्टमेंट, क्षमता विस्तार करना, ग्रीन ग्रोथ को बढ़ाना, यूथ पावर और फाइनेंशियल सेक्टर को इस बजट का सप्तर्षि बताया। क्या आप सप्तर्षियों को जानते हैं? सनातन धर्म के अनुसार सप्तर्षियों के नाम इस तरह से हैं- कश्यप ऋषि, अत्रि ऋषि, भारद्वाज ऋषि, विश्वामित्र ऋषि, गौतम ऋषि, जमदग्नि ऋषि और वशिष्ठ ऋषि।