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अब नेपाल और चीन से नहीं, जल्द ही उत्तराखंड होते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाएंगे भारतीय, पीएम मोदी का सपना होगा पूरा

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देश में मोदी सरकार के कार्यकाल में धार्मिक स्थलों का जितना और जिस तेज गति से जीर्णोद्धार हुआ है, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। केदारनाथ से लेकर काशी तक और राम मंदिर से लेकर चार धाम परियोजना तक हमारे सदियों पुराने धार्मिक स्थलों को भव्यता और दिव्यता प्रदान करना पीएम मोदी का सपना है। इसी कड़ी में कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए भी मोदी सरकार ने एक और उपलब्धि हासिल की है। इस यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को जल्द ही नेपाल और चीन होकर नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि उत्तराखंड से ही कैलाश मानसरोवर तक रास्ता सुलभ हो जाएगा। कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा हिन्दुओं के साथ-साथ जैन और बौद्ध धर्म के लोगों के लिए भी धार्मिक महत्व रखती है।

लिपूलेख-धाराचूला मार्ग से तीन के बजाए एक सप्ताह में पूरी कर सकेंगे यात्रा
कैलाश मानसरोवर जाने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी मुश्किल को आसान बनाने के लिए मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उत्तराखंड में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर लिपूलेख-धाराचूला मार्ग शुरू हुआ। 80 किलोमीटर लंबे इस रास्ते का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। यह इलाका बेहद दुर्गम है। इसके अलावा चीन की सीमा भी यहां से काफी करीब है। इस मार्ग के शुरू होने से श्रद्धालु अब तीन सप्ताह की यात्रा एक ही हफ्ते में पूरी कर सकेंगे। इसके साथ ही स्थानीय लोगों और तीर्थ यात्रियों का दशकों पुराना सपना भी साकार हो गया है।” यह रोड घाटियाबगड़ से शुरू होता है और लिपूलेख में खत्म होता है। यहीं से कैलाश मानसरोवर का आगाज होता है।

पिथौरागढ़ में बन रहा मार्ग सीधे कैलाश मानसरोवर लेकर जाएगा
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को संसद को बताया कि दिसंबर 2023 तक भारतीय नागरिक चीन या नेपाल से गुजरे बिना कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर सकेंगे। सड़क और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से एक मार्ग बनाया जा रहा है जो सीधे मानसरोवर तक ले जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से होकर जाने वाली सड़क न केवल समय में कटौती करेगी, बल्कि वर्तमान ट्रैक के विपरीत यात्रियों को एक आसान रास्ता भी मुहैया कराएगी।

पीएम मोदी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को सुगम बनाने के लिए किया था लोकार्पण
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टनकपुर-पिथौरागढ़ रोड पर च्युरानी से ऐंकोली तक 32 किलोमीटर, बिलखेत से चम्पावत तक 29 किलोमीटर और तिलोन से च्युरानी तक 28 किलोमीटर में सड़कों के चौड़ीकरण का कुछ समय पहले ही लोकार्पण किया था। 784 करोड़ की लागत वाले इस ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए भी ऑलवेदर उपलब्धता सुनिश्चित हुई। इस मार्ग के निर्माण से भी जनपद पिथौरागढ़ की चीन से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा में सैन्य आवागमन की सुलभता भी हुई। राज्य के दुर्गम व दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को इसका काफी लाभ मिलेगा। इसका सामरिक महत्व के साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा की दृष्टि से भी महत्व है।जम्मू-कश्मीर में भी सड़क संपर्क बढ़ाने के लिए चार सुरंगों पर काम
गडकरी ने संसद को यह भी बताया कि उनका मंत्रालय जम्मू-कश्मीर में सड़क संपर्क बढ़ा रहा है, जिससे श्रीनगर और दिल्ली या मुंबई के बीच यात्रा के समय में भारी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं की लागत 7,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि चार सुरंगों – लद्दाख से कारगिल, कारगिल से जेड-मोड़, जेड-मोड़ से श्रीनगर और श्रीनगर से जम्मू – का निर्माण किया जा रहा है। जेड-मोड़ तैयार हो रहा है और जोजिला टनल में पहले से ही काम चल रहा है। परियोजना को पूरा करने के लिए 2024 की समय सीमा दी गई है।

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